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Celebrating banana festival in Mysuru to showcase its diversity 

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Celebrating banana festival in Mysuru to showcase its diversity 
मैसूरु में एक प्रदर्शनी में एक आगंतुक को जैविक केले के बारे में बताते हुए किसानों के बच्चे अभिलाष और तनुजा की एक फाइल फोटो।

मैसूरु में एक प्रदर्शनी में एक आगंतुक को जैविक केले के बारे में बताते हुए किसानों के बच्चे अभिलाष और तनुजा की एक फाइल फोटो। | फोटो साभार: श्रीराम एम.ए

देशी केले की समृद्ध विविधता का जश्न मनाने और उनके संरक्षण की अनिवार्यता को रेखांकित करने के लिए मैसूर में तीन दिवसीय केला उत्सव आयोजित किया जाएगा।

अक्षय कल्प ऑर्गेनिक्स के सहयोग से सहज समृद्धि द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम 22 नवंबर से आयोजित किया जाएगा।नंजराजा बहादुर पोल्ट्री में 24 तक।

इस कार्यक्रम में विभिन्न प्रकार के केले, मूल्यवर्धित उत्पाद, केले के फाइबर-शिल्प और केले-आधारित व्यंजनों का प्रदर्शन किया जाएगा।

सहज समृद्धि के कृष्णप्रसाद ने कहा कि कर्नाटक अपनी केले की विविधता के लिए प्रसिद्ध है और यह कमलापुरा लाल केले, इलाक्की बाले, नंजनगुड रसाबाले, कल्लू बाले, नाटी बाले, बूडू बाले, हम्पी सुगंधी, सक्कारे बाले, हुलीबाले और चुक्के बाले जैसी अनूठी किस्मों का घर है। .

उन्होंने कहा, ”दुर्भाग्य से, रोबस्टा और कैवेंडिश जैसी व्यावसायिक किस्मों के आगमन से देशी किस्मों का ह्रास हुआ है।”

श्री कृष्णप्रसाद ने कहा, “इस कार्यक्रम का आयोजन जनता के बीच किस्मों के बारे में अधिक जागरूकता पैदा करने और उनके संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है।”

केले की दुनिया सर्वव्यापी है। आयोजकों के अनुसार, केले न केवल स्थानीय आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, बल्कि कर्नाटक की अर्थव्यवस्था में भी योगदान देते हैं, क्योंकि कई किसान अपनी आजीविका के लिए उन पर निर्भर हैं।

वे स्वाद, रंग, आकार में भिन्न होते हैं। सहज समृद्धि के अनुसार, केले के जन्मस्थान के रूप में, भारत सैकड़ों किस्मों का दावा करता है, जिसमें बताया गया है कि पूर्वोत्तर राज्यों के जंगलों में, जंगली केले परिदृश्य पर हावी हैं।

श्री कृष्णप्रसाद ने कहा, इस क्षेत्र में ‘भीम काल’ प्रभावशाली ऊंचाई तक बढ़ता है, जिसके तने खंभे जैसे दिखते हैं, जबकि केरल की ‘सहस्र बाले’ किस्म लंबी होती है और 8 फुट लंबे गुच्छे देती है, जबकि कुछ किस्मों में छोटे आकार के केले पैदा होते हैं।

महोत्सव में भाग लेने वालों में केरल के केला किसान विनोद नायर भी होंगे, जिन्हें 550 किस्मों का संरक्षण करना है। उनसे महोत्सव के दौरान उनमें से कम से कम 75 का प्रदर्शन करने की उम्मीद है।

सिरसी के प्रसाद हेगड़े, जिन्होंने 80 किस्मों को संरक्षित किया है, दुर्लभ पौधे लाएंगे, जिसमें दुनिया की सबसे ऊंची केले की किस्म 8 फुट ऊंची ‘सहस्र बाले’ भी शामिल है।

एक अन्य केला किसान तमिलनाडु के इरोड के सेंथिल कुमार हैं जिन्होंने 100 से अधिक देसी केले की किस्मों को संरक्षित किया है और प्रदर्शन के लिए 40 देसी केले लाएंगे।

22 नवंबर को सुबह 11 बजे, बकाउ बाजरा अड्डा और अभय प्राकृतिक खाद्य प्रसंस्करण इकाई केले के मूल्य संवर्धन पर एक प्रशिक्षण सत्र आयोजित करेगी, जिसमें हुनसूर और चामराजनगर के किसान और उद्यमी अपने अनुभव साझा करेंगे और इनपुट प्रदान करेंगे।

23 नवंबर को, जैविक केले की खेती के विशेषज्ञ और राज्योत्सव पुरस्कार विजेता शिवनपुरा रमेश अपनी अंतर्दृष्टि साझा करेंगे

24 नवंबर को, जेएसएस कृषि विज्ञान केंद्र, सुत्तूर, सुबह 10:30 बजे बच्चों की कला प्रतियोगिता और केला पकाने की प्रतियोगिता की मेजबानी करेगा। इच्छुक प्रतिभागी 94821 15495 पर कॉल करके पंजीकरण करा सकते हैं।

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Shashi Tharoor: शशि थरूर ने की मोदी की प्रशंसा, कांग्रेस में उठे सवाल!

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Shashi Tharoor: शशि थरूर ने की मोदी की प्रशंसा, कांग्रेस में उठे सवाल!

Shashi Tharoor:  15 फरवरी को वरिष्ठ कांग्रेस नेता और लोकसभा सांसद शशि थरूर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी दौरे और केरल की लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) सरकार की तारीफ करने पर उठी आलोचनाओं का जवाब दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह हमेशा सरकार के अच्छे कार्यों की सराहना करते हैं, चाहे वह उनकी पार्टी की सरकार हो या किसी अन्य पार्टी की। साथ ही, गलत निर्णयों की आलोचना करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।

थरूर ने कहा, “मैं पिछले 16 साल से राजनीति में हूं। जब कोई सरकार अच्छा काम करती है, तो उसकी सराहना करनी चाहिए और जब कोई गलती होती है, तो आलोचना भी जरूरी है। अगर मैं हमेशा सिर्फ तारीफ करूंगा, तो लोग मुझे गंभीरता से नहीं लेंगे और अगर मैं हमेशा आलोचना करूंगा, तो मेरी विश्वसनीयता भी खत्म हो जाएगी। लोकतंत्र में संतुलन बनाए रखना बहुत जरूरी है।”

पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे पर उठाए सवाल

शशि थरूर ने प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिकी दौरे पर भी कुछ सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इस दौरे में भारतीयों के पक्ष में कई सकारात्मक निर्णय लिए गए, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे अभी भी अनसुलझे हैं। थरूर ने कहा, “क्या मोदी सरकार ने भारतीयों के अवैध अप्रवासियों को वापस भेजने का मुद्दा उठाया था? क्या पीएम मोदी ने यह मुद्दा बंद कमरे में चर्चा की थी? यह बड़ा सवाल है।”

उन्होंने आगे कहा, “भारत और अमेरिका के बीच व्यापार और शुल्क पर बातचीत शुरू करने का निर्णय लिया गया है, जो एक अच्छा कदम है।”

पार्टी हितों से ऊपर उठकर सोचने की बात कही

थरूर ने यह भी कहा कि उन्हें खुशी है कि भारत को कुछ अच्छे परिणाम मिले हैं और उन्होंने इसे एक भारतीय के तौर पर सराहा। उनका कहना था, “हमें हमेशा पार्टी हितों के दृष्टिकोण से नहीं सोचना चाहिए। जब कुछ अच्छा होता है, तो उसकी सराहना करना महत्वपूर्ण है।”

केरल सरकार की स्टार्टअप नीति पर भी की तारीफ

पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे की तारीफ के साथ-साथ शशि थरूर ने केरल सरकार की स्टार्टअप नीति की भी सराहना की। उन्होंने एक अखबार में एक लेख लिखकर केरल सरकार की नीतियों को प्रोत्साहन देने के लिए उनकी तारीफ की। हालांकि, यह बात केरल कांग्रेस नेताओं को पसंद नहीं आई।

Shashi Tharoor: शशि थरूर ने की मोदी की प्रशंसा, कांग्रेस में उठे सवाल!

केरल कांग्रेस ने शशि थरूर की बयानबाजी पर सवाल उठाए

केरल प्रदेश कांग्रेस समिति (KPCC) के नेताओं ने शशि थरूर के बयान पर आपत्ति जताई और आल इंडिया कांग्रेस कमिटी (AICC) के उच्च पदाधिकारियों को एक पत्र भेजा, जिसमें थरूर की स्थिति पर सवाल उठाए गए। वरिष्ठ कांग्रेस नेता VD Satishan ने थरूर द्वारा दिए गए आंकड़ों की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि शशि थरूर के आंकड़े सही नहीं हो सकते, क्योंकि उनकी जानकारी गलत हो सकती है।

कांग्रेस में गहरी असहमति का माहौल

शशि थरूर के इस बयान ने कांग्रेस में गहरी असहमति को जन्म दिया है। उनकी पार्टी के अंदर के कई नेता उनकी नीतियों और विचारों से असहमत हैं। केरल कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि थरूर को पार्टी के हितों को ध्यान में रखते हुए बयानबाजी करनी चाहिए, न कि व्यक्तिगत विचारों के आधार पर। इस विवाद ने पार्टी के भीतर आंतरिक मतभेदों को उजागर कर दिया है, जो आगामी चुनावों में एक चुनौती बन सकते हैं।

शशि थरूर का पक्ष: लोकतंत्र में संतुलन की आवश्यकता

थरूर ने इस विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि उनका उद्देश्य हमेशा लोकतंत्र में संतुलन बनाए रखना है। उनका मानना है कि किसी भी सरकार की सराहना करना जरूरी है, बशर्ते वह अच्छा काम कर रही हो, और जब कोई सरकार गलत निर्णय लेती है, तो उसे आलोचना का भी सामना करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि वह केवल अपने पार्टी के हितों को ध्यान में रखते हुए काम करेंगे, तो उनकी विश्वसनीयता समाप्त हो जाएगी।

केरल सरकार के प्रयासों को लेकर राजनीति

केरल की स्टार्टअप नीति पर शशि थरूर के विचार भी पार्टी के अंदर विवाद का कारण बने। कांग्रेस के कुछ नेताओं का कहना है कि थरूर को केरल सरकार की नीतियों की तारीफ करने के बजाय अपनी पार्टी की स्थिति को प्राथमिकता देनी चाहिए थी। वहीं, थरूर ने इस मुद्दे पर अपने बयान को स्पष्ट किया और कहा कि यह कोई राजनीति का विषय नहीं है, बल्कि यह एक भारतीय नागरिक के तौर पर उनके विचार हैं। उन्होंने कहा कि जब केरल सरकार स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए अच्छा काम कर रही है, तो उसे सराहा जाना चाहिए।

आखिरकार, राजनीति में संतुलन और स्पष्टता की आवश्यकता

शशि थरूर का यह बयान कांग्रेस में पार्टी हितों और व्यक्तिगत विचारों के बीच संतुलन बनाए रखने के महत्व को रेखांकित करता है। उनका कहना है कि राजनीति में संतुलन बनाए रखना जरूरी है और कभी भी केवल आलोचना या केवल सराहना करने से विश्वसनीयता नहीं बनती। इसके साथ ही, पार्टी के अंदर के नेताओं के बीच यह विवाद यह दर्शाता है कि राजनीति में निर्णय लेने से पहले विभिन्न दृष्टिकोणों का मूल्यांकन करना कितना महत्वपूर्ण है।

यह घटनाक्रम कांग्रेस पार्टी के अंदर होने वाले राजनीतिक बदलावों और आंतरिक मतभेदों को भी उजागर करता है। हालांकि, शशि थरूर के विचारों से पार्टी के भीतर एक बहस शुरू हो गई है, लेकिन यह भी स्पष्ट है कि उन्हें अपने विचारों में संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता है, ताकि पार्टी के हितों को नुकसान न हो।

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Crypto fraud case में CBI की बड़ी कार्रवाई, दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा में 11 ठिकानों पर छापेमारी

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Crypto fraud case में CBI की बड़ी कार्रवाई, दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा में 11 ठिकानों पर छापेमारी

Crypto fraud case के एक बड़े मामले में सीबीआई (CBI) ने दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा में 11 स्थानों पर छापेमारी कर बड़ी मात्रा में नकदी, विदेशी मुद्रा और सोना बरामद किया है। अधिकारियों के अनुसार, यह छापेमारी कथित साइबर अपराधियों के खिलाफ की गई, जो खुद को सरकारी अधिकारी बताकर लोगों से ठगी कर रहे थे।

इस दौरान सीबीआई ने 1.08 करोड़ रुपये नकद, 1000 अमेरिकी डॉलर और 252 ग्राम सोना जब्त किया। इसके अलावा, जांच एजेंसी को कई महत्वपूर्ण डिजिटल सबूत भी मिले हैं, जिनसे यह खुलासा हुआ है कि आरोपी VoIP आधारित कॉलिंग, डार्कनेट और क्रिप्टो वॉलेट्स का इस्तेमाल कर रहे थे।

साइबर ठगों पर शिकंजा, दो साल पुराने मामले में कार्रवाई

सीबीआई ने बताया कि यह मामला दो साल पुराना है, जिसमें अब जाकर बड़ी कार्रवाई की गई है। जांच एजेंसी ने दिल्ली में 9 और हरियाणा के हिसार में 2 स्थानों पर छापेमारी की। सीबीआई के प्रवक्ता ने कहा कि आरोपी गैरकानूनी गतिविधियों और क्रिप्टो फ्रॉड में लिप्त थे और वे खुद को सरकारी अधिकारी बताकर लोगों को ठगते थे।

सीबीआई की जांच के अनुसार, आरोपी तकनीकी सहायता के नाम पर लोगों से ठगी करते थे और उन्हें क्रिप्टोकरेंसी के रूप में पैसे ट्रांसफर करने के लिए प्रेरित करते थे। इसके बाद, यह पैसा कई क्रिप्टो वॉलेट्स के माध्यम से नकदी में बदला जाता था और फिर अलग-अलग खातों में भेजा जाता था।

Crypto fraud case में CBI की बड़ी कार्रवाई, दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा में 11 ठिकानों पर छापेमारी

कैसे देते थे ठगी को अंजाम?

सीबीआई द्वारा जब्त किए गए छह लैपटॉप, आठ मोबाइल फोन और एक आईपैड की जांच से यह पता चला है कि ठग एक सुनियोजित नेटवर्क के जरिए अपनी ठगी को अंजाम दे रहे थे।

ठगी का तरीका:

  1. फर्जी टेक्निकल सपोर्ट कॉल: आरोपी फर्जी तकनीकी सहायता देने के बहाने लोगों से संपर्क करते थे।
  2. सरकारी अधिकारी बनकर लोगों को डराना: ठग खुद को सरकारी अधिकारी बताते थे और लोगों को सरकारी कार्रवाई का डर दिखाकर उनसे पैसे वसूलते थे।
  3. क्रिप्टोकरेंसी के जरिए ट्रांजेक्शन: लोगों को यह कहकर क्रिप्टोकरेंसी में पैसे ट्रांसफर करने के लिए प्रेरित किया जाता था कि यह एक सुरक्षित और गुप्त लेनदेन होगा।
  4. फर्जी क्रिप्टो वॉलेट का इस्तेमाल: पैसे को कई क्रिप्टो वॉलेट्स में ट्रांसफर किया जाता था ताकि असली ट्रांजेक्शन का पता न लगाया जा सके।
  5. डार्कनेट और VoIP कॉलिंग का सहारा: आरोपी डार्कनेट और VoIP कॉलिंग तकनीक का उपयोग करते थे ताकि उनकी असली पहचान छुपी रहे।

सीबीआई की छापेमारी में क्या-क्या बरामद हुआ?

सीबीआई द्वारा की गई छापेमारी में महत्वपूर्ण डिजिटल और भौतिक सबूत जब्त किए गए हैं। इनमें शामिल हैं:

  • 1.08 करोड़ रुपये नकद
  • 1000 अमेरिकी डॉलर की विदेशी मुद्रा
  • 252 ग्राम सोना
  • 6 लैपटॉप, 8 मोबाइल फोन और 1 आईपैड
  • VoIP आधारित कॉलिंग के लिए इस्तेमाल किए गए कंप्यूटर प्रोग्राम्स
  • डार्कनेट से जुड़े डिजिटल दस्तावेज

तीन आरोपियों के खिलाफ पहले ही दायर हो चुकी है चार्जशीट

सीबीआई ने इस मामले में पहले ही तीन आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी थी। अब इस छापेमारी के बाद, जांच एजेंसी को अन्य आरोपियों के खिलाफ भी नए सबूत मिले हैं। अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में और भी कई बड़े नाम सामने आ सकते हैं।

सीबीआई की जांच यह भी संकेत देती है कि इस पूरे नेटवर्क में देश-विदेश के कई अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं। जांच एजेंसी अब इस मामले में और गहराई से जांच कर रही है ताकि सभी दोषियों को पकड़ा जा सके।

क्रिप्टो फ्रॉड से बचने के लिए सावधानियां

क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े ठगी के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। ऐसे में, साइबर अपराधियों से बचने के लिए आम लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां इस प्रकार हैं:

  1. सरकारी अधिकारी बनकर कॉल करने वालों से सावधान रहें।
  2. कोई भी व्यक्तिगत जानकारी या बैंकिंग डिटेल अज्ञात लोगों के साथ साझा न करें।
  3. फर्जी तकनीकी सहायता या निवेश योजनाओं से बचें।
  4. क्रिप्टोकरेंसी में कोई भी लेनदेन करने से पहले सही स्रोत की जांच करें।
  5. अविश्वसनीय लिंक, ईमेल और अनजान कॉल्स से बचें।

सीबीआई द्वारा दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा में की गई छापेमारी से क्रिप्टो फ्रॉड से जुड़े बड़े रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। इस दौरान 1.08 करोड़ रुपये नकद, अमेरिकी डॉलर और सोना जब्त किया गया। आरोपियों ने सरकारी अधिकारी बनकर लोगों से ठगी की और क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से पैसे का हेरफेर किया

जांच एजेंसी अब अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है और जल्द ही इस मामले में नए खुलासे हो सकते हैं। यह छापेमारी साइबर अपराध और डिजिटल ठगी के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है, जिससे आने वाले समय में इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने में मदद मिलेगी।

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पुलवामा शहीदों को PM Modi और अमित शाह की श्रद्धांजलि, कहा- आतंकियों का सफाया करेंगे

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पुलवामा शहीदों को PM Modi और अमित शाह की श्रद्धांजलि, कहा- आतंकियों का सफाया करेंगे

PM Modi: आज से 6 साल पहले, यानी 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में एक बड़ा आतंकी हमला हुआ था, जिसमें हमारे 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे। यह हमला पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने किया था। इस हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया और आतंकवाद के खिलाफ एक ठोस कदम उठाने की आवश्यकता को और भी महत्वपूर्ण बना दिया। पुलवामा हमले की छठी बरसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और आतंकवाद के खिलाफ अपनी कड़ी नीति को दोहराया।

PM Modi का श्रद्धांजलि संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलवामा हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, “मैं पुलवामा हमले में शहीद हुए हमारे वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। आने वाली पीढ़ी कभी भी इन शहीदों के बलिदान और उनके साहस को नहीं भूलेगी।” पीएम मोदी ने कहा कि इन शहीदों ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी, और उनका बलिदान हमेशा याद रहेगा।

पीएम मोदी ने यह भी कहा कि आतंकवाद के खिलाफ हमारी सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और हम किसी भी प्रकार की आतंकवादी गतिविधियों को पूरी तरह से नष्ट करने के लिए दृढ़संकल्पित हैं। मोदी सरकार आतंकवाद के खिलाफ अपनी “शून्य सहिष्णुता” नीति के तहत काम कर रही है, जिससे किसी भी आतंकवादी संगठन को बचने का कोई मौका नहीं मिलेगा।

अमित शाह का बयान

गृह मंत्री अमित शाह ने भी पुलवामा हमले में शहीद हुए 40 सीआरपीएफ जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की और इस हमले को एक कायरतापूर्ण आतंकवादी हमला बताया। उन्होंने अपने एक पोस्ट में लिखा, “इस दिन 2019 में पुलवामा में हुए कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले में शहीद हुए हमारे वीर जवानों को मैं अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। आतंकवाद मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन है, और पूरी दुनिया इससे लड़ने में एकजुट है।”

अमित शाह ने आगे कहा कि चाहे वह सर्जिकल स्ट्राइक हो या वायु सेना द्वारा की गई एयर स्ट्राइक, मोदी सरकार पूरी तरह से आतंकवादियों को नष्ट करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए “शून्य सहिष्णुता” की नीति के तहत कार्रवाई की जा रही है।

पुलवामा हमले के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य

पुलवामा हमला 14 फरवरी 2019 को हुआ था, जब पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने एक सीआरपीएफ बस को निशाना बनाया। इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। हमलावर ने एक बम से लदी हुई कार को सीआरपीएफ बस से टकरा दिया, जिससे जबरदस्त धमाका हुआ और कई जवान शहीद हो गए।

हमले के कुछ दिन बाद, भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के बालकोट में आतंकवादी कैंपों पर एयर स्ट्राइक की थी, जिसमें कई आतंकी मारे गए थे। भारतीय वायु सेना की इस कार्रवाई को सर्जिकल स्ट्राइक के बाद दूसरी बड़ी और प्रभावी कार्रवाई माना गया।

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव

पुलवामा हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था। भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा संदेश भेजा और उसकी धरती पर आतंकी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करने की अपनी नीति को और सख्त किया। भारतीय सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को घेरने की कोशिश की, और उसकी आतंकवादी गतिविधियों को उजागर किया।

इस हमले ने यह साफ कर दिया कि भारत अपने जवानों की सुरक्षा को लेकर बिल्कुल भी समझौता नहीं करेगा और आतंकवादियों के खिलाफ किसी भी कड़ी कार्रवाई से नहीं हिचकेगा।

मोदी सरकार की आतंकवाद के खिलाफ नीति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की सरकार ने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ कड़ी नीति अपनाई है। मोदी सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक जैसी कार्रवाइयों के जरिए यह साबित किया कि वह आतंकवादियों के खिलाफ कोई भी कड़ी कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा यह कहा है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाएगा और किसी भी आतंकवादी संगठन को भारत की धरती पर पनपने नहीं दिया जाएगा। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि हमारी सेना पूरी तरह से आतंकवादियों से निपटने के लिए तैयार है।

पुलवामा हमले के शहीदों को न भूलने का संकल्प

पुलवामा हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह ने यह संकल्प लिया कि उनके बलिदान को कभी नहीं भुलाया जाएगा। इन वीर जवानों ने देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान की आहुति दी, और उनका बलिदान हमेशा देशवासियों के दिलों में जिंदा रहेगा।

यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी और हम किसी भी कीमत पर आतंकवाद को अपनी जमीन पर पनपने नहीं देंगे।

पुलवामा आतंकी हमला भारतीय सुरक्षा बलों और पूरे देश के लिए एक कड़ा संदेश था कि आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के शब्द यह दिखाते हैं कि भारत आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत और कड़ी नीति के साथ खड़ा है। पुलवामा के शहीदों का बलिदान हमारे दिलों में हमेशा रहेगा और हम उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

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