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Infosys founder Narayana Murthy on work-life balance and five-day workweek

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Infosys founder Narayana Murthy on work-life balance and five-day workweek
इंफोसिस के सह-संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति। फ़ाइल

इंफोसिस के सह-संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति। फ़ाइल | फोटो साभार: के. मुरली कुमार

इन्फोसिस के संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति ने अपने बारे में कोई शिकायत न करते हुए एक और विवाद खड़ा कर दिया है ’70-घंटे का कार्यसप्ताह’ टिप्पणीजिसकी व्यापक आलोचना हुई।

सीएनबीसी ग्लोबल लीडरशिप समिट के दौरान श्री मूर्ति ने कहा, “मैं कार्य-जीवन संतुलन में विश्वास नहीं करता।”

श्री मूर्ति ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी शायद सप्ताह में 100 घंटे काम करते हैं। जब उनके कैबिनेट मंत्री बहुत मेहनत कर रहे हैं, जब उनके नौकरशाह बहुत मेहनत कर रहे हैं, तो इन सभी अद्भुत चीजों के लिए हमारी सराहना दिखाने का एकमात्र तरीका हमारा काम है।

‘5-दिवसीय कार्य सप्ताह में बदलाव से निराश’

उन्होंने भारत के “1986 में छह-दिवसीय से पांच-दिवसीय कार्यसप्ताह” में परिवर्तन पर भी निराशा व्यक्त की।

“हमें इस देश में कड़ी मेहनत करने की ज़रूरत है। कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं है. भले ही आप सबसे बुद्धिमान व्यक्ति हों, आपको कड़ी मेहनत करनी होगी। इसलिए मैं अपने विचारों से पीछे नहीं हट रहा हूं। मैं इसे अपनी कब्र पर ले जाऊंगा,” श्री मूर्ति ने टिप्पणी की।

नारायण मूर्ति ने अपने करियर से सबक साझा करते हुए कहा कि उन्होंने अपने पूरे करियर में अपने पेशेवर कार्यों पर प्रति दिन 14 घंटे, प्रति सप्ताह साढ़े छह दिन तक लंबे समय तक काम किया। “मुझे इस पर बहुत गर्व है,” उन्होंने कहा।

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PNB Fraud Case: मेहुल चोकसी की ₹46 करोड़ की संपत्ति जब्त, जानिए कहाँ-कहाँ फैली है उसकी दौलत!

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PNB Fraud Case: मेहुल चोकसी की ₹46 करोड़ की संपत्ति जब्त, जानिए कहाँ-कहाँ फैली है उसकी दौलत!

PNB Fraud Case: पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले से जुड़े भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी की संपत्तियों की नीलामी का रास्ता अब साफ हो गया है। मुंबई की PMLA विशेष अदालत ने गीता ज्वेल्स (Gitanjali Gems Limited) की कई संपत्तियों की नीलामी की अनुमति दे दी है। अदालत ने लगभग ₹46 करोड़ मूल्य की संपत्तियों और चाँदी की ईंटों की नीलामी को मंजूरी दी है। गीता ज्वेल्स लिमिटेड, जो ₹23,000 करोड़ के पीएनबी घोटाले के केंद्र में है, अब अपनी 13 असुरक्षित संपत्तियों का मूल्यांकन और नीलामी कर सकेगी। यह संपत्तियाँ मुंबई, जयपुर और अन्य स्थानों पर स्थित हैं।

नीलामी के लिए सूचीबद्ध संपत्तियों में मुंबई के बोरीवली में चार रिहायशी फ्लैट, बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) स्थित भारत डायमंड बोर्स में एक ऑफिस कॉम्प्लेक्स, और गोरेगांव ईस्ट के विरवाणी इंडस्ट्रियल एस्टेट में चार औद्योगिक इकाइयाँ शामिल हैं। इसके अलावा, जयपुर स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (SEZ) में रखी चाँदी की ईंटें, अर्द्ध-कीमती पत्थर और ज्वेलरी बनाने की मशीनें भी नीलामी में शामिल की जाएंगी। अदालत ने स्पष्ट किया कि यह नीलामी केवल उन संपत्तियों की होगी जो “असुरक्षित” (unsecured) हैं और जिन पर किसी सुरक्षित ऋणदाता का दावा नहीं है। इस प्रक्रिया से प्राप्त धनराशि फिलहाल अदालत की देखरेख में रखी जाएगी।

PNB Fraud Case: मेहुल चोकसी की ₹46 करोड़ की संपत्ति जब्त, जानिए कहाँ-कहाँ फैली है उसकी दौलत!

कोर्ट ने दी नीलामी और मूल्यांकन की अनुमति

PMLA अदालत ने गीता जेम्स लिमिटेड के लिक्विडेटर शांतनु रे को संपत्तियों का मूल्यांकन और नीलामी करने की अनुमति दी है। यह अनुमति नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) द्वारा फरवरी 2025 में नियुक्त लिक्विडेटर को दी गई है। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि नीलामी से प्राप्त रकम को खर्च घटाने के बाद ICICI बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट के रूप में जमा किया जाएगा और यह राशि अदालत के नाम से रखी जाएगी। यह धनराशि तब तक न्यायिक संरक्षण (judicial custody) में रहेगी जब तक मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाता। अदालत ने यह भी कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा की गई संपत्तियों की अटैचमेंट (जप्ती) बरकरार रहेगी और उनकी अंतिम स्वामित्व का निर्णय ट्रायल के बाद ही होगा।

ईडी और अदालत का रुख

अदालत को दी गई जानकारी में ईडी ने इस नीलामी पर कोई आपत्ति नहीं जताई है। उसने कहा कि संपत्तियों के मूल्यांकन और बिक्री से सरकारी या न्यायिक प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ेगा। अदालत ने स्पष्ट किया कि इस आदेश का उद्देश्य केवल गीता जेम्स समूह की निष्क्रिय संपत्तियों का मुद्रीकरण (monetization) करना है, ताकि कंपनी के बंद पड़े संसाधनों का उपयोग हो सके और धन सुरक्षित रहे। अदालत ने कहा, “नीलामी से प्राप्त धनराशि को व्यय घटाने के बाद अदालत के नाम से एफडी के रूप में जमा किया जाए, जो PMLA की धारा 8(7) और 8(8) के तहत न्यायिक संरक्षण में रहेगी।” यह आदेश न केवल जांच प्रक्रिया को सुचारू रखेगा बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि मेहुल चोकसी जैसे भगोड़े आर्थिक अपराधियों की संपत्तियाँ देश के हित में उपयोग की जा सकें।

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Kerala के Kottayam में महिला पर काला जादू का आरोप, घंटों तक हुई शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना

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Kerala के Kottayam में महिला पर काला जादू का आरोप, घंटों तक हुई शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना

Kerala के कोट्टायम जिले से शनिवार को एक चौंकाने वाला मामला सामने आया। पुलिस ने बताया कि एक युवती को कथित रूप से काले जादू के नाम पर बीड़ी और शराब पीने के लिए मजबूर किया गया और कई घंटे तक शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न झेलना पड़ा। पीड़िता के साथ यह डरावना घटनाक्रम तब शुरू हुआ जब उसके साथी और उनके परिवार ने घर में एक तांत्रिक को बुलाया और महिला पर “बुरी आत्माओं” के प्रभाव को खत्म करने का बहाना बनाया।

घटना का पूरा विवरण

पुलिस के अनुसार, महिला के साथी अखिल दास (26) और उनके पिता दास (54) ने पिछले सप्ताह तांत्रिक शिवदास (54) को अपने घर बुलाया। उनका कथित उद्देश्य था कि महिला के शरीर से बुरी आत्माओं को निकालने का अनुष्ठान किया जाए। इस दौरान महिला को कई घंटों तक यातनाएं दी गईं। जैसे ही महिला की मानसिक स्थिति बिगड़ने लगी, उसके पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज किया और जांच शुरू कर दी।

यातना का भयावह अनुभव

पीड़िता ने मीडिया को बताया कि काले जादू की प्रक्रिया सुबह 11 बजे शुरू हुई और रात तक जारी रही। इस दौरान उसे शराब पीने, बीड़ी पीने और पवित्र राख पीने के लिए मजबूर किया गया। इसके अलावा उसे शारीरिक यातनाएं भी दी गईं, जिसमें उसे जलाया भी गया। पीड़िता ने कहा कि अत्याचार इतने लंबे समय तक जारी रहे कि वह बेहोश हो गई। घटना में मुख्य आरोपी तांत्रिक शिवदास था, जिसने घटना के बाद अपने मोबाइल को बंद कर दिया और गुमशुदा हो गया।

पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारी

पुलिस ने बताया कि शिवदास को मुथूर क्षेत्र, तिरुवल्ला से गिरफ्तार किया गया। महिला के साथी और उसके पिता को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया। हालांकि आरोपी की मां, जो इस घटना में संलिप्त थी और तांत्रिक को बुलाने का काम कर रही थी, अभी फरार है। गिरफ्तार आरोपियों को बाद में न्यायालय में पेश किया गया और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस ने कहा कि मामले की गहन जांच जारी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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Tej Pratap Yadav बोले—“जो बनेगा बहुमत, मैं करूंगा समर्थन,” NDA या विपक्ष? सबकी नजरें

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Tej Pratap Yadav बोले—“जो बनेगा बहुमत, मैं करूंगा समर्थन,” NDA या विपक्ष? सबकी नजरें

पूर्व RJD नेता Tej Pratap Yadav को पार्टी से निष्कासित किए जाने के बाद उन्होंने 2025 बिहार विधानसभा चुनाव में महुआ विधानसभा सीट से अपने दल जनशक्ति जनता दल (JD) के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा। पहले चरण का मतदान 6 नवंबर 2025 को संपन्न हुआ। मतगणना 14 नवंबर को होगी और तभी पूरी तस्वीर स्पष्ट होगी। इससे पहले ही तेज प्रताप यादव ने स्पष्ट कर दिया था कि वे जो भी पार्टी बहुमत में होगी, उसका समर्थन करेंगे। इसी बीच, उन्हें बीजेपी सांसद रवि किशन के साथ देखा गया, जिससे यह कयास लगाए जाने लगे कि क्या तेज प्रताप NDA में शामिल हो सकते हैं।

रवि किशन के साथ Patna एयरपोर्ट पर मुलाकात

7 नवंबर 2025 को Tej Pratap Yadav और रवि किशन को पटना एयरपोर्ट पर एक साथ देखा गया। मीडिया से बातचीत के दौरान तेज प्रताप यादव ने कहा, “मैं पहली बार रवि किशन जी से मिला हूँ… वह भगवान के भक्त हैं और हम भी भक्त हैं।” जब उनसे पूछा गया कि क्या वे NDA से जुड़ेंगे, तो उन्होंने स्पष्ट किया, “मैंने शुरू से कहा है कि मैं उस पार्टी के साथ खड़ा हूँ जो बेरोजगारी को खत्म करे और रोजगार उपलब्ध कराए।” उनके इस बयान से राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा तेज हो गई कि उनके फैसले का असर बिहार के आगामी राजनीतिक समीकरणों पर पड़ेगा।

बिहार में विकास के लिए तेज प्रताप का जोर

जनशक्ति जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेज प्रताप यादव ने 7 नवंबर को IANS से बातचीत में कहा कि 14 नवंबर के परिणामों के बाद बिहार में विकास की दिशा में बदलाव देखने को मिलेगा। उन्होंने जोर देकर कहा, “हम सुनिश्चित करेंगे कि बिहार में विकास कार्य बिना किसी समझौते के पूरा हो। यदि कहीं भी किसी तरह का समझौता नजर आया, तो हम उसे किसी कीमत पर स्वीकार नहीं करेंगे।” तेज प्रताप ने यह भी स्पष्ट किया कि चुनाव परिणामों के बाद वे उस पार्टी का समर्थन करेंगे जो राज्य के विकास कार्यों को गंभीरता से लेगी।

NDA में शामिल होने को लेकर सावधानी

जब तेज प्रताप यादव से पूछा गया कि क्या वे NDA में शामिल होंगे, तो उन्होंने कहा, “मैं स्पष्ट करना चाहता हूँ कि हम उस पार्टी का समर्थन करेंगे जो बिहार में विकास की बात करती है और बहुमत में है। चुनाव परिणामों के बाद हम देखेंगे कि कौन सी पार्टी राज्य के विकास को गंभीरता से ले रही है। उस पार्टी के साथ हम निश्चित रूप से जाएंगे, जिसमें हमें गंभीरता दिखाई दे।” तेज प्रताप यादव के इस बयान से स्पष्ट हो गया कि उनका फोकस राजनीतिक गठबंधन से ज्यादा बिहार के विकास पर है, और चुनाव परिणाम आने के बाद ही उनका अगला कदम तय होगा।

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