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Sukesh Chandrashekhar: ठग सुकेश चंद्रशेखर ने एलन मस्क को दिया अरबों का ऑफर, डोनाल्ड ट्रंप को बताया बड़ा भाई

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Sukesh Chandrashekhar: ठग सुकेश चंद्रशेखर ने एलन मस्क को दिया अरबों का ऑफर, डोनाल्ड ट्रंप को बताया बड़ा भाई

Sukesh Chandrashekhar: तिहाड़ जेल में बंद कथित ठग सुकेश चंद्रशेखर एक बार फिर सुर्खियों में आने के लिए पत्र लिखकर चर्चा में हैं। आमतौर पर सुकेश बॉलीवुड अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडीज को पत्र लिखते रहे हैं, लेकिन इस बार उन्होंने पत्र दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क को लिखा है। इस पत्र में सुकेश ने मस्क की कंपनी ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) में 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 16,000 करोड़ रुपये) निवेश करने की पेशकश की है।

DOGE के लिए मस्क को दी बधाई

सुकेश ने अपने पत्र की शुरुआत DOGE (डोजकॉइन) को लेकर एलन मस्क को बधाई देकर की। उन्होंने लिखा, “मैं आपको डोजकॉइन को लेकर मिली सफलता के लिए बधाई देना चाहता हूँ और मुझे उम्मीद है कि यह क्रिप्टोकरेंसी आने वाले समय में और भी क्रांतिकारी बदलाव लाएगी।” उन्होंने आगे लिखा कि उन्हें यह पता चला है कि एलन मस्क अपनी कंपनी ‘X’ के लिए निवेश जुटाने की योजना बना रहे हैं और वह इस मौके को गंवाना नहीं चाहते।

सुकेश ने मस्क को बताया ‘सॉलिड’

सुकेश चंद्रशेखर ने पत्र में एलन मस्क की तारीफों के पुल बांधते हुए लिखा, “मस्क, मैं आपको बताना चाहता हूँ कि मैं आपकी कंपनी ‘X’ में निवेश करने के लिए पूरी तरह तैयार हूँ। मैं अभी 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 8,000 करोड़ रुपये) निवेश करूंगा और अगले साल फिर 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर निवेश करूंगा। इस तरह कुल निवेश 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर का होगा।”

उन्होंने आगे लिखा, “मस्क, मैं आपको बहुत सम्मान देता हूँ, आप टैंकमैन की तरह मजबूत और बुलेटप्रूफ हैं। आपने जो कुछ भी बनाया है, वह अद्भुत है और इसका हिस्सा बनना मेरे लिए बहुत बड़ी बात होगी।”

सुकेश की कंपनी पहले से ही टेस्ला में निवेश कर रही है

सुकेश ने पत्र में यह दावा किया कि उनकी कंपनी LS होल्डिंग्स पहले से ही टेस्ला (Tesla) के शेयरों में निवेश कर रही है और इस निवेश से उसे भारी मुनाफा हुआ है। इसके अलावा उन्होंने अपनी दूसरी कंपनी स्पीड गेमिंग कॉर्प (Speed Gaming Corp.) का भी जिक्र किया, जो ऑनलाइन गेमिंग और स्पोर्ट्स बेटिंग में दुनिया की टॉप 25 कंपनियों में शामिल है।

जैकलीन फर्नांडीज का भी जिक्र किया

पत्र में सुकेश ने बॉलीवुड अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडीज का भी नाम लिया। उन्होंने लिखा कि X (पूर्व में ट्विटर) उनकी “लेडी लव” का सबसे पसंदीदा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है और इसी कारण से यह निवेश उनके लिए व्यक्तिगत रूप से भी महत्वपूर्ण है।

इसके अलावा, सुकेश ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अपना “बड़ा भाई” बताया और एलन मस्क को ट्रंप का समर्थन करने के लिए धन्यवाद दिया।

आरोपों को बताया राजनीतिक साजिश

पत्र के अंत में सुकेश चंद्रशेखर ने खुद पर लगे आरोपों को “राजनीतिक साजिश” बताया। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ जो महाघोटाले का आरोप लगाया गया है, वह उनके वार्षिक शॉपिंग बजट से भी कम है।

उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके खिलाफ अभी तक कोई आरोप सिद्ध नहीं हुआ है और उन्हें बिना किसी ठोस सबूत के जेल में रखा गया है।

क्या है सुकेश चंद्रशेखर का मामला?

सुकेश चंद्रशेखर पर 200 करोड़ रुपये से अधिक के मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी के गंभीर आरोप हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें बॉलीवुड एक्ट्रेस जैकलीन फर्नांडीज और नोरा फतेही सहित कई हाई-प्रोफाइल लोगों को महंगे गिफ्ट देने और ठगने के आरोप में गिरफ्तार किया था।

सुकेश ने खुद को एक अरबपति व्यवसायी के रूप में पेश कर राजनीतिज्ञों, बिजनेसमैन और सेलेब्रिटीज को चकमा दिया और उनसे करोड़ों रुपये ठगे।

एलन मस्क को निवेश का ऑफर कितना गंभीर?

सुकेश चंद्रशेखर द्वारा एलन मस्क को 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश ऑफर देना कितना वास्तविक है, यह सवाल उठता है।

  1. वर्तमान में वह तिहाड़ जेल में बंद हैं, जहाँ से कोई भी कानूनी रूप से इतना बड़ा निवेश करने में सक्षम नहीं हो सकता।
  2. उनकी संपत्ति और बैंक खाते प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा फ्रीज किए जा चुके हैं, जिससे उनके पास इतना बड़ा निवेश करने का कोई ठोस आधार नहीं है।
  3. उनकी पहले की बिजनेस डीलिंग्स और घोटाले भरे रिकॉर्ड को देखते हुए, इस निवेश प्रस्ताव को गंभीरता से लेना मुश्किल है।

क्या एलन मस्क इस ऑफर को स्वीकार करेंगे?

एलन मस्क, जो दुनिया के सबसे इनोवेटिव बिजनेसमैन माने जाते हैं, वह संदिग्ध और घोटालेबाज व्यक्तियों से जुड़े निवेश प्रस्तावों को शायद ही स्वीकार करें।

X (ट्विटर) को निवेश की जरूरत जरूर है, लेकिन इस तरह के विवादास्पद व्यक्तित्व से जुड़ना एलन मस्क के लिए कानूनी और नैतिक दोनों रूप से जोखिम भरा हो सकता है।

सुकेश चंद्रशेखर का एलन मस्क को लिखा गया पत्र एक बार फिर उनकी पब्लिसिटी स्टंट का हिस्सा लगता है। यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने इस तरह की सनसनीखेज हरकत की है।

हालांकि, एलन मस्क, जैकलीन फर्नांडीज और डोनाल्ड ट्रंप का नाम जोड़कर उन्होंने अपने पत्र को मीडिया में चर्चित जरूर बना दिया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस पत्र पर एलन मस्क की कोई प्रतिक्रिया आती है या नहीं।

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Health Insurance: 1 सितंबर से बजाज आलियांज ग्राहकों के लिए बंद होगी कैशलेस इलाज की सुविधा

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Health Insurance: 1 सितंबर से बजाज आलियांज ग्राहकों के लिए बंद होगी कैशलेस इलाज की सुविधा

Health Insurance: अगर आपने अपनी फैमिली के लिए बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस कंपनी से हेल्थ इंश्योरेंस लिया है, तो यह खबर आपके लिए बेहद अहम है। उत्तर भारत के अस्पतालों और स्वास्थ्य संस्थानों के एसोसिएशन एएचपीआई (Association of Healthcare Providers-India) ने अपने सदस्य अस्पतालों को निर्देश दिया है कि वे 1 सितंबर 2025 से बजाज आलियांज पॉलिसीहोल्डर्स के लिए कैशलेस इलाज की सुविधा बंद कर दें

यह फैसला सीधे उन हजारों लोगों को प्रभावित करेगा, जो बजाज आलियांज की पॉलिसी लेकर कैशलेस इलाज की उम्मीद करते हैं। हालांकि कंपनी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वह हमेशा ग्राहकों को सर्वोत्तम अनुभव देने के लिए प्रतिबद्ध है और एएचपीआई के साथ मिलकर मामले का समाधान निकालने की कोशिश कर रही है।

एएचपीआई ने लगाए गंभीर आरोप

एएचपीआई, जो देशभर के करीब 15,200 अस्पतालों का प्रतिनिधित्व करता है, ने बजाज आलियांज पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। संस्था का कहना है कि बीमा कंपनी ने कई सालों पुराने कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर ही अस्पतालों को भुगतान दरें तय कर रखी हैं और बढ़ती चिकित्सा लागत को ध्यान में रखते हुए उन्हें संशोधित करने से इनकार कर रही है।

एएचपीआई के महानिदेशक गिरधर ग्यानी ने कहा कि हेल्थकेयर सेक्टर में हर साल लगभग 7-8% महंगाई बढ़ती है। दवाओं, मेडिकल उपकरणों, स्टाफ और इंफ्रास्ट्रक्चर की लागत लगातार बढ़ रही है। ऐसे में पुराने रेट्स पर काम करना अब संभव नहीं है।

इसके अलावा एएचपीआई ने बजाज आलियांज पर यह भी आरोप लगाया है कि:

  • कंपनी इलाज के खर्च में मनमाने ढंग से कटौती करती है।

  • अस्पतालों को पेमेंट करने में काफी देरी होती है।

  • मरीजों के लिए जरूरी इलाज की पूर्व-अनुमति (Pre-authorization) देने में लंबा समय लगता है।

इन वजहों से अस्पतालों को न सिर्फ वित्तीय नुकसान उठाना पड़ता है बल्कि मरीजों की देखभाल की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है।

बजाज आलियांज की सफाई

बजाज आलियांज की ओर से इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कंपनी के स्वास्थ्य बीमा प्रमुख भास्कर नेरुरकर ने कहा,
“हमें पूरा भरोसा है कि हम एएचपीआई और उसके सदस्य अस्पतालों के साथ मिलकर इस मामले का समाधान निकाल लेंगे। हमारा हमेशा से उद्देश्य ग्राहकों को सर्वोत्तम सुविधाएं उपलब्ध कराना रहा है और आगे भी रहेगा।”

Health Insurance: 1 सितंबर से बजाज आलियांज ग्राहकों के लिए बंद होगी कैशलेस इलाज की सुविधा

Health Insurance: 1 सितंबर से बजाज आलियांज ग्राहकों के लिए बंद होगी कैशलेस इलाज की सुविधा

कंपनी ने यह भी कहा कि वह ग्राहकों के हितों से कोई समझौता नहीं करेगी और कोशिश की जा रही है कि मरीजों को कैशलेस इलाज की सुविधा बिना बाधा मिले।

एएचपीआई का दूसरा कदम – केयर हेल्थ इंश्योरेंस को भी नोटिस

गौरतलब है कि एएचपीआई ने सिर्फ बजाज आलियांज ही नहीं बल्कि केयर हेल्थ इंश्योरेंस को भी इसी तरह का नोटिस भेजा है। 22 अगस्त को एएचपीआई ने केयर हेल्थ को पत्र लिखकर दरें संशोधित करने की मांग की थी और 31 अगस्त तक का समय दिया था। यदि जवाब नहीं मिला, तो 1 सितंबर से उसके पॉलिसीहोल्डर्स के लिए भी कैशलेस इलाज की सुविधा बंद की जा सकती है।

मरीजों और पॉलिसीहोल्डर्स पर असर

एएचपीआई के इस फैसले का सबसे ज्यादा असर उन मरीजों पर पड़ेगा, जो बजाज आलियांज की हेल्थ पॉलिसी पर निर्भर हैं। अब उन्हें इलाज के समय सीधे भुगतान करना पड़ सकता है और बाद में क्लेम प्रोसेस के जरिए रिइम्बर्समेंट लेना होगा। इससे:

  • इमरजेंसी मरीजों के लिए परेशानी बढ़ सकती है।

  • आम लोगों की जेब पर अचानक बोझ पड़ सकता है।

  • इलाज में देरी की स्थिति भी पैदा हो सकती है।

एएचपीआई और बजाज आलियांज के बीच यह विवाद हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर में मौजूद असंतुलन को उजागर करता है। एक ओर अस्पताल बढ़ती लागत का हवाला देकर दरें बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, तो दूसरी ओर बीमा कंपनियां अपने ग्राहकों के प्रीमियम को नियंत्रित रखना चाहती हैं।

अब देखना यह होगा कि 1 सितंबर से पहले दोनों पक्षों के बीच कोई समाधान निकल पाता है या नहीं। अगर समझौता नहीं हुआ, तो हजारों पॉलिसीहोल्डर्स को कैशलेस इलाज की सुविधा से हाथ धोना पड़ सकता है।

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SIP Calculation: SIP की मदद से छोटे निवेश से बड़े भविष्य का फंड तैयार करना अब हुआ आसान

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SIP Calculation: SIP की मदद से छोटे निवेश से बड़े भविष्य का फंड तैयार करना अब हुआ आसान

SIP Calculation: म्यूचुअल फंड में निवेश का सबसे आसान और लोकप्रिय तरीका SIP (Systematic Investment Plan) है। SIP के माध्यम से आप छोटे-छोटे किस्तों में निवेश कर सकते हैं। इससे न केवल निवेश की आदत बनती है बल्कि लंबी अवधि में बड़ा फंड भी तैयार किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, यदि आप हर महीने केवल 5000 रुपये का SIP शुरू करते हैं, तो सही रिटर्न के साथ समय के साथ आप लाखों रुपये का फंड तैयार कर सकते हैं।

SIP कैलकुलेशन: 20 लाख का फंड तैयार करना

अगर कोई निवेशक हर महीने 5000 रुपये का SIP करता है और 12 प्रतिशत की सालाना दर से रिटर्न मिलता है, तो यह फंड तैयार करने में लगभग 13 से 14 साल का समय लगेगा। 13 वर्षों में 12 प्रतिशत रिटर्न के अनुसार लगभग 18,80,000 रुपये जमा होंगे। वहीं, 14 वर्षों में वही निवेश 12 प्रतिशत रिटर्न पर 21,82,000 रुपये तक पहुंच जाएगा। यह दर्शाता है कि नियमित निवेश और समय का संयोजन लंबी अवधि में निवेशकों के लिए बड़ा लाभ प्रदान करता है।

SIP Calculation: SIP की मदद से छोटे निवेश से बड़े भविष्य का फंड तैयार करना अब हुआ आसान

निवेश से पहले जोखिम का मूल्यांकन

किसी भी म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले उसका जोखिम (Risk) समझना बेहद जरूरी है। जोखिम का आकलन करने के लिए कई पैरामीटर्स देखे जाते हैं। इनमें सबसे प्रमुख हैं बीटा (Beta), स्टैण्डर्ड डिविएशन (Standard Deviation), और शार्प रेशियो (Sharpe Ratio)।

  • बीटा (Beta): अगर किसी फंड का बीटा 1 से कम है, तो यह कम जोखिम वाला माना जाता है। वहीं 1 से अधिक बीटा वाले फंड को जोखिमपूर्ण माना जाता है।

  • स्टैण्डर्ड डिविएशन (Standard Deviation): जब दो फंड की तुलना की जाती है, तो इसका प्रयोग होता है। इसका प्रतिशत जितना कम होगा, फंड उतना ही कम जोखिम वाला माना जाएगा। उदाहरण के लिए, यदि एक फंड का स्टैण्डर्ड डिविएशन 5 प्रतिशत है और दूसरे का 10 प्रतिशत है, तो पहला फंड कम जोखिम वाला है।

  • शार्प रेशियो (Sharpe Ratio): यह फंड के रिटर्न और जोखिम का संतुलन दिखाता है। यदि शार्प रेशियो 1 से कम है, तो फंड का जोखिम कम माना जाएगा। 1.00 से 1.99 तक शार्प रेशियो सामान्य जोखिम को दर्शाता है, जबकि 2.00 से 2.99 तक इसे उच्च जोखिम वाला माना जाता है। 3 या उससे अधिक रेशियो वाले फंड को बहुत उच्च जोखिम वाला माना जाता है।

सही फंड का चुनाव और लाभ

SIP के माध्यम से निवेश करने पर निवेशक छोटे निवेश से बड़े फंड की ओर बढ़ सकते हैं। लेकिन सही फंड का चयन करना जरूरी है। जोखिम और रिटर्न का संतुलन देखकर ही निवेश करें। साथ ही समय और नियमित निवेश की आदत बनाने से लंबी अवधि में वित्तीय सुरक्षा और आर्थिक स्वतंत्रता सुनिश्चित होती है। SIP न केवल सुविधाजनक और सरल है, बल्कि यह निवेशकों को बाजार की अस्थिरता के बावजूद नियमित रूप से संपत्ति बनाने का अवसर भी देता है।

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Jane Street पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी! टैक्स जांच में नहीं दे रही सहयोग, सरकार ने जताई सख्ती

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Jane Street पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी! टैक्स जांच में नहीं दे रही सहयोग, सरकार ने जताई सख्ती

अमेरिकी ट्रेडिंग कंपनी जेन स्ट्रीट (Jane Street) पर भारतीय शेयर बाजार से अवैध कमाई के आरोपों के बाद अब इनकम टैक्स विभाग की जांच में सहयोग न करने के आरोप लगे हैं। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार को सामने आई जानकारी में कहा गया है कि कंपनी भारत में चल रहे ऑपरेशन्स और टैक्स से जुड़े मामलों की जांच में ठीक से सहयोग नहीं कर रही है। यह मामला उस समय और गंभीर हो गया जब पहले से ही सेबी (SEBI) की ओर से कंपनी पर अस्थायी ट्रेडिंग प्रतिबंध लगाया गया है।

जरूरी दस्तावेज नहीं दे रही कंपनी, सर्वर भारत से बाहर

इनकम टैक्स विभाग ने जेन स्ट्रीट से जांच के दौरान कई जरूरी दस्तावेज और डेटा की मांग की थी, लेकिन रिपोर्ट के अनुसार कंपनी ने अब तक इन्हें उपलब्ध नहीं कराया है। अधिकारियों का कहना है कि कंपनी का मुख्य सर्वर भारत के बाहर स्थित है, जिसके कारण जांच एजेंसियां उस तक पहुंच नहीं बना पा रही हैं। इसके अलावा, कंपनी की अकाउंट बुक भी विदेश में रखी गई है, जबकि भारतीय कानून के अनुसार भारत में काम करने वाली विदेशी कंपनियों को अपने रिकॉर्ड भारत में ही रखना अनिवार्य होता है। सूत्रों के अनुसार, कंपनी के कर्मचारी भी पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं, जिससे जांच में काफी अड़चनें आ रही हैं।

Jane Street पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी! टैक्स जांच में नहीं दे रही सहयोग, सरकार ने जताई सख्ती

सेबी के आदेश के बाद शुरू हुई गहन जांच

इस मामले की गंभीरता तब और बढ़ी जब बाजार नियामक सेबी ने 4 जुलाई को जेन स्ट्रीट पर अस्थायी ट्रेडिंग बैन लगा दिया था। सेबी ने आरोप लगाया था कि कंपनी ने डेरिवेटिव्स का गलत इस्तेमाल कर भारतीय शेयर बाजार में हेरफेर की। इसके बाद इनकम टैक्स विभाग ने भी कंपनी की भारत में मौजूद ऑफिसों और उसकी स्थानीय साझेदार कंपनी नुवामा वेल्थ (Nuwama Wealth) के साथ मिलकर जांच शुरू की है। अधिकारी अब इन दोनों के फाइनेंशियल रिकॉर्ड और ऑपरेशनल डेटा का विश्लेषण कर रहे हैं ताकि इस गड़बड़ी की पूरी तस्वीर सामने लाई जा सके।

$4.23 बिलियन की कमाई, जांच में बाधा बन रहा सहयोग का अभाव

सेबी की शुरुआती जांच में यह सामने आया था कि जेन स्ट्रीट ने जनवरी 2023 से मई 2025 के बीच भारत में ट्रेडिंग से $4.23 बिलियन (लगभग ₹35,000 करोड़) की कमाई की थी। यह कमाई मुख्य रूप से डेरिवेटिव ट्रेडिंग के जरिए हुई, जिसे संदेहास्पद बताया गया है। हालांकि, इनकम टैक्स विभाग की जांच अभी शुरुआती चरण में है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि कंपनी के सहयोग की कमी के कारण उन्हें कई अहम जानकारियां नहीं मिल पा रही हैं। यह मामला अब भारत सरकार और वित्तीय एजेंसियों के लिए राष्ट्रीय वित्तीय सुरक्षा और विदेशी निवेश नियंत्रण से जुड़ा बड़ा विषय बन चुका है। आने वाले दिनों में इस पर और कड़ी कार्रवाई हो सकती है।

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