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Jane Street पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी! टैक्स जांच में नहीं दे रही सहयोग, सरकार ने जताई सख्ती

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Jane Street पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी! टैक्स जांच में नहीं दे रही सहयोग, सरकार ने जताई सख्ती

अमेरिकी ट्रेडिंग कंपनी जेन स्ट्रीट (Jane Street) पर भारतीय शेयर बाजार से अवैध कमाई के आरोपों के बाद अब इनकम टैक्स विभाग की जांच में सहयोग न करने के आरोप लगे हैं। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार को सामने आई जानकारी में कहा गया है कि कंपनी भारत में चल रहे ऑपरेशन्स और टैक्स से जुड़े मामलों की जांच में ठीक से सहयोग नहीं कर रही है। यह मामला उस समय और गंभीर हो गया जब पहले से ही सेबी (SEBI) की ओर से कंपनी पर अस्थायी ट्रेडिंग प्रतिबंध लगाया गया है।

जरूरी दस्तावेज नहीं दे रही कंपनी, सर्वर भारत से बाहर

इनकम टैक्स विभाग ने जेन स्ट्रीट से जांच के दौरान कई जरूरी दस्तावेज और डेटा की मांग की थी, लेकिन रिपोर्ट के अनुसार कंपनी ने अब तक इन्हें उपलब्ध नहीं कराया है। अधिकारियों का कहना है कि कंपनी का मुख्य सर्वर भारत के बाहर स्थित है, जिसके कारण जांच एजेंसियां उस तक पहुंच नहीं बना पा रही हैं। इसके अलावा, कंपनी की अकाउंट बुक भी विदेश में रखी गई है, जबकि भारतीय कानून के अनुसार भारत में काम करने वाली विदेशी कंपनियों को अपने रिकॉर्ड भारत में ही रखना अनिवार्य होता है। सूत्रों के अनुसार, कंपनी के कर्मचारी भी पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं, जिससे जांच में काफी अड़चनें आ रही हैं।

Jane Street पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी! टैक्स जांच में नहीं दे रही सहयोग, सरकार ने जताई सख्ती

सेबी के आदेश के बाद शुरू हुई गहन जांच

इस मामले की गंभीरता तब और बढ़ी जब बाजार नियामक सेबी ने 4 जुलाई को जेन स्ट्रीट पर अस्थायी ट्रेडिंग बैन लगा दिया था। सेबी ने आरोप लगाया था कि कंपनी ने डेरिवेटिव्स का गलत इस्तेमाल कर भारतीय शेयर बाजार में हेरफेर की। इसके बाद इनकम टैक्स विभाग ने भी कंपनी की भारत में मौजूद ऑफिसों और उसकी स्थानीय साझेदार कंपनी नुवामा वेल्थ (Nuwama Wealth) के साथ मिलकर जांच शुरू की है। अधिकारी अब इन दोनों के फाइनेंशियल रिकॉर्ड और ऑपरेशनल डेटा का विश्लेषण कर रहे हैं ताकि इस गड़बड़ी की पूरी तस्वीर सामने लाई जा सके।

$4.23 बिलियन की कमाई, जांच में बाधा बन रहा सहयोग का अभाव

सेबी की शुरुआती जांच में यह सामने आया था कि जेन स्ट्रीट ने जनवरी 2023 से मई 2025 के बीच भारत में ट्रेडिंग से $4.23 बिलियन (लगभग ₹35,000 करोड़) की कमाई की थी। यह कमाई मुख्य रूप से डेरिवेटिव ट्रेडिंग के जरिए हुई, जिसे संदेहास्पद बताया गया है। हालांकि, इनकम टैक्स विभाग की जांच अभी शुरुआती चरण में है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि कंपनी के सहयोग की कमी के कारण उन्हें कई अहम जानकारियां नहीं मिल पा रही हैं। यह मामला अब भारत सरकार और वित्तीय एजेंसियों के लिए राष्ट्रीय वित्तीय सुरक्षा और विदेशी निवेश नियंत्रण से जुड़ा बड़ा विषय बन चुका है। आने वाले दिनों में इस पर और कड़ी कार्रवाई हो सकती है।

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India Free Trade Agreements: भारत और दुनिया के कई देशों के बीच FTA बातचीत में, व्यापार बाधाओं को कम करने का बड़ा कदम

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India Free Trade Agreements: भारत और दुनिया के कई देशों के बीच FTA बातचीत में, व्यापार बाधाओं को कम करने का बड़ा कदम

India Free Trade Agreements: केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को बताया कि भारत इस समय कई देशों के साथ सक्रिय रूप से फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर वार्ता कर रहा है। इनमें अमेरिका, यूरोपीय संघ (EU), न्यूजीलैंड, ओमान, पेरू और चिली प्रमुख हैं। इसके अलावा कई अन्य देशों ने भी भारत के साथ औपचारिक वार्ता शुरू करने की इच्छा जताई है। सीआईआई पार्टनरशिप समिट 2025 को संबोधित करते हुए मंत्री गोयल ने कहा कि वैश्विक स्तर पर व्यापार बाधाओं को कम करना वस्तुओं, सेवाओं और पूंजी के मुक्त प्रवाह को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। भारत पहले ही UAE, ऑस्ट्रेलिया और चार राष्ट्रों के यूरोपीय EFTA समूह के साथ FTA लागू कर चुका है।

आंध्र प्रदेश में बनेगा ‘भारत मंडपम’ जैसा सम्मेलन केंद्र

मंत्री गोयल ने यह भी घोषणा की कि भारत ट्रेड प्रमोशन ऑर्गनाइजेशन (ITPO) आंध्र प्रदेश सरकार के साथ मिलकर आंध्र मंडपम को नई दिल्ली के भारत मंडपम जैसा विश्वस्तरीय सम्मेलन केंद्र विकसित करने के लिए तैयार है। इस अवसर पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि राज्य सरकार इस मेगा प्रोजेक्ट के लिए आवश्यक भूमि उपलब्ध कराएगी। यह केंद्र राज्य में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन, व्यापार मेलों और निवेश मंचों को बढ़ावा देगा और आंध्र प्रदेश को वैश्विक व्यापार और निवेश के लिए आकर्षक बनाएगा।

बिजनेस करने में आसानी के लिए महत्वपूर्ण सुधार

गोयल ने कहा कि केंद्रीय सरकार ने अब तक 42,000 से अधिक अनावश्यक अनुपालनों को समाप्त किया है और 1,500 पुराने और अप्रासंगिक कानूनों को पूरी तरह से हटाया है, जिससे व्यापार करने में आसानी हुई है। मंत्री ने कहा कि इन कदमों से भारत वैश्विक व्यापार भागीदारियों और निवेश के लिए और अधिक आकर्षक बन गया है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय व्यापार संबंधों को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए, जैसे दो-तरफा निवेश को बढ़ावा देना, व्यापार बाधाओं को कम करना, पारदर्शी और खुला व्यापार माहौल बनाना, वस्तुओं और सेवाओं के मुक्त प्रवाह को सुनिश्चित करना, तकनीकी सहयोग को प्रोत्साहित करना और दीर्घकालिक साझेदारी के लिए स्थिर और पूर्वानुमानित नीति ढांचा तैयार करना।

खुले और सहयोगी वैश्विक व्यापार का महत्व

गोयल ने कहा कि जब दुनिया भर में संरक्षणवादी नीतियां बढ़ रही हैं, ऐसे में आपसी सहयोग और खुला व्यापार ढांचा और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। उन्होंने कहा कि व्यापार बाधाओं को कम करना और मुक्त व्यापार को बढ़ावा देना न केवल भारतीय उद्योग और निवेशकों के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों और आर्थिक विकास के लिए भी आवश्यक है। उनके अनुसार, भारत का लक्ष्य है कि वैश्विक व्यापार के लिए एक स्थिर, सहयोगी और आकर्षक वातावरण तैयार किया जाए, जिससे निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ें।

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Jaypee Money Laundering Case: जेपी केस में बड़ा खुलासा! ED ने मनोज गौड़ को किया गिरफ्तार, PMLA के तहत चल रही कार्रवाई!

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Jaypee Money Laundering Case: जेपी केस में बड़ा खुलासा! ED ने मनोज गौड़ को किया गिरफ्तार, PMLA के तहत चल रही कार्रवाई!

Jaypee Money Laundering Case: 13 नवंबर 2025 को दिल्ली में एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने जयपी समूह के पूर्व चेयरमैन और CEO मनोज गौर को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी Prevention of Money Laundering Act (PMLA) के तहत की गई। मनोज गौर जयपी एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष और CEO रह चुके हैं, साथ ही जयपी इन्फ्राटेक लिमिटेड (JIL) के पूर्व CMD भी हैं। ED की इस कार्रवाई के पीछे आर्थिक अपराधों की जांच है, जिसमें हजारों होमबायर्स ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्होंने जयपी के विभिन्न प्रोजेक्ट्स जैसे जयपी विशटाउन और जयपी ग्रीन्स में फ्लैट खरीदे, लेकिन परियोजनाएं पूरी नहीं की गईं।

शिकायत और धोखाधड़ी के आरोप

शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि कंपनी और उसके प्रमोटर्स ने उन्हें धोखा दिया और उनके फंड का दुरुपयोग किया। EOW (Delhi और Uttar Pradesh पुलिस) की FIRs के आधार पर ED ने जांच शुरू की। शिकायतकर्ताओं का कहना था कि उन्होंने फ्लैट खरीदने के लिए बड़ी रकम भुगतान की थी, लेकिन परियोजनाओं में धन का इस्तेमाल निर्माण कार्य के लिए नहीं हुआ। इसके बजाय, यह पैसा कंपनी के अन्य समूह कंपनियों और ट्रस्ट्स में स्थानांतरित कर दिया गया। शिकायतों के आधार पर ED ने यह भी पाया कि यह एक संगठित और आपराधिक साजिश के तहत किया गया था।

Jaypee Money Laundering Case: जेपी केस में बड़ा खुलासा! ED ने मनोज गौड़ को किया गिरफ्तार, PMLA के तहत चल रही कार्रवाई!

ED जांच में सामने आया वित्तीय गड़बड़ी का जाल

ED की जांच में यह पता चला कि जयपी एसोसिएट्स लिमिटेड और जयपी इन्फ्राटेक लिमिटेड ने होमबायर्स से लगभग ₹14,599 करोड़ की राशि जुटाई (NCLT में दर्ज क्लेम के आधार पर)। इन करोड़ों रुपयों का एक बड़ा हिस्सा निर्माण कार्य के लिए इस्तेमाल नहीं किया गया, बल्कि अन्य समूह कंपनियों और ट्रस्ट्स में ट्रांसफर कर दिया गया। फंड जिन संस्थाओं को ट्रांसफर किया गया, उनमें शामिल हैं:

  • जयपी सेवा संस्थान (JSS)
  • जयपी हेल्थकेयर लिमिटेड (JHL)
  • जयपी स्पोर्ट्स इंटरनेशनल लिमिटेड (JSIL)

ED के अनुसार, मनोज गौर ने इन फंड ट्रांसफर योजनाओं में केंद्रीय भूमिका निभाई। जयपी सेवा संस्थान के मैनेजिंग ट्रस्टी होने के नाते, मनोज गौर ने भी इस ट्रस्ट के माध्यम से फंड का वितरण किया।

ED की छापेमारी और आगे की कार्रवाई

23 मई 2025 को ED ने दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और मुंबई में 15 स्थानों पर छापेमारी की। इस छापेमारी में बड़ी मात्रा में वित्तीय दस्तावेज, डिजिटल रिकॉर्ड और फंड डाइवर्जन से जुड़े सबूत बरामद किए गए। ED ने बताया कि कंपनियों और ट्रस्ट्स का जाल तैयार किया गया था ताकि होमबायर्स के पैसों को अन्य संस्थाओं में ट्रांसफर किया जा सके। ED ने यह भी स्पष्ट किया कि जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में और बड़े खुलासे और गिरफ्तारी की संभावना है। यह गिरफ्तारी रियल एस्टेट क्षेत्र में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है और यह हजारों होमबायर्स को न्याय दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।

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OpenAI ने भारत में खोला पहला ऑफिस! दिल्ली में 50-सीटर स्पेस, AI की दुनिया में नया अध्याय शुरू

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OpenAI ने भारत में खोला पहला ऑफिस! दिल्ली में 50-सीटर स्पेस, AI की दुनिया में नया अध्याय शुरू

OpenAI: आज के समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पूरी दुनिया में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। AI की मदद से लोग अपने काम को पहले से कहीं अधिक तेज़ी और कुशलता के साथ कर पा रहे हैं। AI स्वयं हर दिन विकसित हो रहा है और नई क्षमताओं को हासिल कर रहा है। इसी प्रगति के बीच, विश्व प्रसिद्ध AI कंपनी OpenAI ने भारत में अपना पहला कार्यालय खोला है। कंपनी ने दिल्ली में 50 सीटों वाला ऑफिस स्पेस लीज़ पर लिया है।

कंपनी की योजनाएं और उद्देश्य

Economic Times की एक रिपोर्ट के अनुसार, OpenAI ने यह लीज़ एग्रीमेंट प्रीमियम वर्कस्पेस प्रोवाइडर CorporateEdge के साथ साइन किया है। OpenAI, जो ChatGPT की पेरेंट कंपनी है, ने इस साल अगस्त में भारत में कार्यालय खोलने की योजना की घोषणा की थी। OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन ने कहा था कि कंपनी भारत में AI के विकास को और आगे बढ़ाने के लिए ऑफिस खोल रही है। उनका यह भी कहना है कि OpenAI भारत में निवेश को लेकर बेहद उत्साहित है और कंपनी भारतीय सरकार, व्यवसायों और डेवलपर्स के साथ मिलकर AI तकनीक विकसित करने पर काम करेगी।

OpenAI ने भारत में खोला पहला ऑफिस! दिल्ली में 50-सीटर स्पेस, AI की दुनिया में नया अध्याय शुरू

OpenAI का कार्यालय और सुविधाएं

OpenAI का भारत में पहला ऑफिस दिल्ली के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, नारौजी नगर में स्थित है। इस कार्यालय में 42,000 वर्ग फुट का प्रीमियम ऑफिस स्पेस है, जिसमें पांच हाई-टेक मीटिंग रूम, लगभग 500 वर्कस्टेशन और अन्य आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। इस कार्यालय के जरिए OpenAI भारत में अपने शोध और विकास कार्यों को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्थानीय प्रतिभाओं के साथ सहयोग करने की योजना बना रही है।

भारत का महत्व और बाज़ार

OpenAI के लिए भारतीय बाज़ार बेहद महत्वपूर्ण है। उपयोगकर्ताओं की संख्या के मामले में भारत, अमेरिका के बाद दूसरा सबसे बड़ा मार्केट है। इसके अलावा, भारतीय छात्र विश्व स्तर पर ChatGPT के सबसे बड़े उपयोगकर्ता समूह में शामिल हैं। इसलिए, भारत में कार्यालय खोलकर OpenAI न केवल भारतीय यूज़र्स की जरूरतों को बेहतर ढंग से समझ सकेगा, बल्कि AI के विकास में देश की प्रतिभाओं को भी शामिल कर सकेगा। इस कदम से भारत में AI तकनीक के विकास और रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि होने की उम्मीद है।

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