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Kishtwar cloudburst: चौथे दिन भी मलबे में दबे अपनों की तलाश में गांववाले! सीएम उमर को सुनाई खरी-खोटी बोले- हमें कुछ नहीं चाहिए, बस शव लौटा दो

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Kishtwar cloudburst: चौथे दिन भी मलबे में दबे अपनों की तलाश में गांववाले! सीएम उमर को सुनाई खरी-खोटी बोले- हमें कुछ नहीं चाहिए, बस शव लौटा दो

Kishtwar cloudburst: किश्तवाड़ ज़िले के छतोटि गाँव में बादल फटने की घटना को चार दिन बीत चुके हैं, लेकिन हालात अब भी बेहद भयावह बने हुए हैं। अब तक मलबे से 50 से अधिक शव निकाले जा चुके हैं, जबकि 70 से 80 लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। गाँव के लोग अपने परिजनों की तलाश में चौक-चौराहों पर बैठे हैं। हर किसी की जुबान पर एक ही सवाल है – “हमारे लोग कहाँ हैं?” वहीं, राहत और बचाव कार्य की धीमी रफ्तार को लेकर लोगों का गुस्सा अब खुलकर बाहर आ रहा है।

राहत कार्य की धीमी गति पर भड़के लोग, सीएम पर निकला गुस्सा

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला जब शनिवार सुबह प्रभावित छतोटि गाँव पहुँचे तो उन्हें स्थानीय लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा। लोगों ने कहा कि हमें किसी मुआवज़े या मदद की ज़रूरत नहीं, बस हमारे परिजनों के शव हमें लौटा दो। ग्रामीणों का आरोप है कि बचाव दल बेहद धीमी गति से काम कर रहे हैं और अब तक लापता लोगों की खोज में कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है।

Kishtwar cloudburst: चौथे दिन भी मलबे में दबे अपनों की तलाश में गांववाले! सीएम उमर को सुनाई खरी-खोटी बोले- हमें कुछ नहीं चाहिए, बस शव लौटा दो

सीएम ने सुनी लोगों की शिकायतें, जताई सहानुभूति

उमर अब्दुल्ला ने गाँव का दौरा कर प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और उन्हें भरोसा दिलाया कि बचाव कार्य को तेज़ किया जाएगा। उन्होंने लोगों को पास के टेंट में बैठकर अपनी शिकायतें रखने को कहा, लेकिन कई ग्रामीणों ने इसमें हिचक दिखाई। इसके बावजूद सीएम ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वह लोगों के गुस्से को पूरी तरह समझते हैं, क्योंकि पिछले चार दिनों से उनके परिवारजन लापता हैं और कोई ठोस जवाब नहीं मिल रहा।

“शव मिलें, बस यही चाहते हैं लोग” – उमर अब्दुल्ला

मुख्यमंत्री ने कहा कि फिलहाल सरकार का पूरा ध्यान मलबे में दबे लोगों को निकालने पर है। उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, पुलिस और सीआईएसएफ की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्य में लगी हैं। उमर अब्दुल्ला ने माना कि इस समय यह महज़ एक राहत कार्य नहीं बल्कि शवों की तलाश का अभियान बन गया है। उन्होंने साफ कहा कि जहाँ भी बचाव संभव नहीं होगा, वहाँ कम से कम शव निकालकर परिवारों को सौंपने की कोशिश होगी ताकि अंतिम संस्कार हो सके।

बादल फटने से तबाही, 500 से अधिक लोगों की जान बचाई गई

14 अगस्त को दोपहर 12:25 बजे हुए इस बादल फटने ने पूरे इलाके को तबाह कर दिया। भारी बारिश के बाद आए मलबे में लोग दब गए, जबकि कई तेज़ धारा में बह गए। अब तक 500 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, लेकिन सैकड़ों परिवार अब भी अपनों के इंतज़ार में टकटकी लगाए बैठे हैं। हर पल उनके लिए उम्मीद और निराशा के बीच का संघर्ष साबित हो रहा है।

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Delhi Terror Blast: NIA ने गिरफ्तार किया आरोपी जासिर बिलाल वानी, ड्रोन और रॉकेट से हमला रचने की साजिश

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Delhi Terror Blast: NIA ने गिरफ्तार किया आरोपी जासिर बिलाल वानी, ड्रोन और रॉकेट से हमला रचने की साजिश

Delhi Terror Blast: दिल्ली में हाल ही में हुए लाल किला ब्लास्ट के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक और आरोपी जासिर बिलाल वानी उर्फ दानिश को गिरफ्तार किया है। एनआईए के मुताबिक, जासिर आतंकी उमर-उन-नबी का अहम साथी था और दोनों मिलकर दिल्ली में बड़े धमाके की योजना बना रहे थे। जांच में यह खुलासा हुआ है कि ये आतंकी हमास की तर्ज पर ड्रोन और रॉकेट बनाकर हमले की तैयारी कर रहे थे। सूत्रों के अनुसार, जासिर तकनीकी रूप से आतंकियों को सहायता प्रदान करता था और धमाकों की साजिश में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा था।

जासिर का तकनीकी सहयोग और ड्रोन अटैक की योजना

जासिर जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग के काजीगुंड इलाके का रहने वाला है। एनआईए ने उसे श्रीनगर से गिरफ्तार किया। जांच में पता चला कि वह आतंकी गतिविधियों में तकनीकी मदद करता था और ड्रोन को मॉडिफाई कर हथियारों के रूप में इस्तेमाल करने की तैयारी कर रहा था। इसके अलावा, जासिर ने लाल किला कार बम ब्लास्ट से पहले भी तकनीकी सहायता प्रदान की थी। एनआईए का मानना है कि जासिर आतंकी मॉड्यूल का सक्रिय सदस्य था और धमाके की पूरी साजिश में उसकी भूमिका अहम थी।

Delhi Terror Blast: NIA ने गिरफ्तार किया आरोपी जासिर बिलाल वानी, ड्रोन और रॉकेट से हमला रचने की साजिश

हमास जैसी रणनीति के तहत ड्रोन अटैक की तैयारी

जांच में यह सामने आया कि आतंकी ऐसे ड्रोन तैयार कर रहे थे, जिन्हें हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा सके। ड्रोन में कैमरा और बैटरी के साथ छोटे बम लगाए जाने की योजना थी। इस रणनीति के तहत ड्रोन को किसी भीड़भाड़ वाली जगह या सुरक्षा ठिकाने पर उड़ाकर निशाना बनाया जा सकता था। दुनिया भर में सीरिया, गाजा और अफगानिस्तान में हमास और अन्य आतंकी संगठनों द्वारा ऐसे ड्रोन अटैक किए जाते रहे हैं। एनआईए इस मामले में लगातार नई जानकारियाँ जुटा रही है और अलग-अलग राज्यों में छापेमारी कर रही है ताकि हर ऐसे व्यक्ति को पकड़ सके जिसने धमाके में किसी भी तरह की भूमिका निभाई हो।

उमर के अन्य साथी आमिर राशिद अली की गिरफ्तारी

इस मामले में उमर ने 10 नवंबर को लाल किले के पास विस्फोटकों से भरी कार चलाई थी, जिसमें धमाका हुआ और 15 लोगों की मौत हो गई। एनआईए ने पहले ही उमर के करीबियों में से एक आमिर राशिद अली को गिरफ्तार किया था। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने आमिर राशिद अली को 10 दिन की एनआईए हिरासत में भेजा। एनआईए का मानना है कि जासिर और आमिर जैसी गिरफ्तारीयों से इस आतंकी साजिश की जड़ तक पहुँचने में मदद मिलेगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने में आसानी होगी।

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जयशंकर की मास्को यात्रा, पुतिन के भारत दौरे की तैयारियों पर होगी खास चर्चा

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जयशंकर की मास्को यात्रा, पुतिन के भारत दौरे की तैयारियों पर होगी खास चर्चा

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर सोमवार को मास्को पहुंचेंगे। आधिकारिक तौर पर वे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में शामिल होने जा रहे हैं, लेकिन इस यात्रा को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे से जोड़ा जा रहा है। पुतिन 5 दिसंबर को भारत आएंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करेंगे। यह पहला मौका होगा जब पुतिन दिसंबर 2021 के बाद भारत का दौरा करेंगे, जिसे रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद द्विपक्षीय संबंधों के पुनरुद्धार की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

पुतिन-मोदी शिखर सम्मेलन में आर्थिक और रक्षा सहयोग पर होगा जोर

जयशंकर मास्को में पुतिन के दौरे की तैयारियों पर चर्चा करेंगे। इस शिखर सम्मेलन में ऊर्जा, रक्षा और व्यापार के कई महत्वपूर्ण समझौतों पर चर्चा होगी। खासतौर पर रूस द्वारा भारत को Su-57 लड़ाकू विमान की सप्लाई और 70 प्रतिशत तक टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के साथ पांच अतिरिक्त S-400 मिसाइल सिस्टम की खरीद पर बातचीत होगी। रूस दोनों प्रस्तावों के लिए सकारात्मक है। इसके अलावा, S-500 मिसाइल सिस्टम का संयुक्त उत्पादन, परमाणु ऊर्जा सहयोग, आर्कटिक क्षेत्र में निवेश, कृषि व्यापार और व्लादिवोस्तोक-चेन्नई पूर्वी समुद्री कॉरिडोर जैसे कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट भी चर्चा के मुख्य विषय होंगे।

दो नए भारतीय वाणिज्य दूतावासों का उद्घाटन

जयशंकर की मास्को यात्रा का एक और महत्वपूर्ण पहलू दो नए भारतीय वाणिज्य दूतावासों का उद्घाटन भी है। यह कदम यह दर्शाता है कि भारत रूस के साथ अपने संबंधों को मजबूत और दीर्घकालिक बनाने की दिशा में अग्रसर है। यह भी संकेत है कि भारत किसी भी बाहरी दबाव में नहीं है और अपनी विदेश नीति में संतुलित और स्वायत्त निर्णय ले रहा है।

भारत-रूस के बीच तेजी से बढ़ता द्विपक्षीय व्यापार

भारत, रूस का दूसरा सबसे बड़ा तेल खरीदार है। वित्त वर्ष 2024-25 में दोनों देशों के बीच व्यापार $68.7 बिलियन तक पहुंचने का अनुमान है, जो 2021-22 में $13 बिलियन था। भारत ने 2025 के पहले छह महीनों में रूस से रोजाना 1.6 मिलियन बैरल कच्चा तेल आयात किया है। हालांकि व्यापार का 90 प्रतिशत हिस्सा ऊर्जा पर केंद्रित है, लेकिन दोनों देशों ने व्यापार को तेल से परे विस्तारित करने की रणनीति बनाई है।

व्यापार असंतुलन और नए अवसर

भारत और रूस के बीच $59 बिलियन का व्यापार घाटा है, जो मुख्य रूप से ईंधन आधारित आयात के कारण है। दोनों देश अब व्यापार विविधीकरण पर जोर दे रहे हैं ताकि 2030 तक $100 बिलियन के व्यापार लक्ष्य को हासिल किया जा सके। भारत की फार्मास्यूटिकल उद्योग को रूस में व्यापक संभावनाएं दिख रही हैं। इसके साथ ही भारतीय उपभोक्ता वस्तुओं और इलेक्ट्रॉनिक्स की मांग भी बढ़ने की संभावना है। इस रणनीतिक साझेदारी से दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग और मजबूत होगा और क्षेत्रीय स्थिरता को भी बल मिलेगा।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गुजरात दौरा- बुलेट ट्रेन परियोजना की प्रगति समीक्षा और ₹9700 करोड़ के विकास कार्यों का उद्घाटन

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गुजरात दौरा- बुलेट ट्रेन परियोजना की प्रगति समीक्षा और ₹9700 करोड़ के विकास कार्यों का उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार, 15 नवंबर को गुजरात का दौरा करेंगे। इस दौरान वे मुम्बई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना की प्रगति की समीक्षा करेंगे। इसके अलावा वे बृज मुंडा की 150वीं जयंती के कार्यक्रम में भी शामिल होंगे। नर्मदा जिले के डेडियापाडा का भी दौरा करेंगे, जहां वे करीब ₹9,700 करोड़ की विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे। ये परियोजनाएं आदिवासी कल्याण, स्वास्थ्य, शिक्षा, बुनियादी ढांचा और सांस्कृतिक विरासत से जुड़ी होंगी।

बुलेट ट्रेन परियोजना की अहमियत और विस्तार

प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के अनुसार, मोदी जी सूरत में निर्माणाधीन बुलेट ट्रेन स्टेशन का निरीक्षण करेंगे और मुम्बई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर (MAHSR) की प्रगति देखेंगे। यह परियोजना देश की सबसे महत्वाकांक्षी बुनियादी ढांचा योजनाओं में से एक है और देश की उच्च गति रेल कनेक्टिविटी को नई दिशा देगी। इस रेल मार्ग की कुल लंबाई लगभग 508 किलोमीटर है, जिसमें से 352 किलोमीटर गुजरात व दादरा और नगर हवेली में है और 156 किलोमीटर महाराष्ट्र में। यह कॉरिडोर अहमदाबाद, वडोदरा, भरूच, सूरत, ठाणे और मुम्बई जैसे प्रमुख शहरों को जोड़ता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गुजरात दौरा- बुलेट ट्रेन परियोजना की प्रगति समीक्षा और ₹9700 करोड़ के विकास कार्यों का उद्घाटन

बुलेट ट्रेन मार्ग के 85% हिस्से पर बनेगी पुलों की संरचना

पीएमओ के अनुसार, इस बुलेट ट्रेन मार्ग का लगभग 85 प्रतिशत भाग पुलों पर बनाया जा रहा है। इससे भूमि उपयोग कम होगा और सुरक्षा में सुधार होगा। अब तक 326 किलोमीटर पुलों का निर्माण हो चुका है, और 25 में से 17 नदी पुल पूरे हो चुके हैं। जब यह ट्रेन शुरू होगी तो मुम्बई-अहमदाबाद के बीच यात्रा का समय लगभग दो घंटे घट जाएगा, जिससे यात्रा अधिक आसान और आरामदायक हो जाएगी। यह परियोजना व्यापार, पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगी और क्षेत्रीय विकास को गति देगी।

सूरत स्टेशन का अनूठा डिजाइन और सुविधाएं

सूरत-बिलिमोरा सेक्शन, जो लगभग 47 किलोमीटर लंबा है, निर्माण के अंतिम चरण में है। इस क्षेत्र में सिविल कार्य और ट्रैक बिछाने का काम पूरा हो चुका है। सूरत स्टेशन का डिजाइन इस शहर की विश्व प्रसिद्ध हीरे की उद्योग से प्रेरित है। यह न केवल भव्य है, बल्कि कार्यकुशल भी है। स्टेशन में विशाल प्रतीक्षालय, शौचालय, रिटेल शॉप्स और सूरत मेट्रो, शहर की बसों और भारतीय रेलवे के साथ सहज कनेक्टिविटी की सुविधा उपलब्ध होगी।

नर्मदा में देवमोगरा मंदिर और डेडियापाडा में विकास कार्य

दोपहर में प्रधानमंत्री नर्मदा जिले में देवमोगरा मंदिर में पूजा अर्चना करेंगे। इसके बाद वे डेडियापाडा जाएंगे जहां बृज मुंडा जयंती समारोह का आयोजन होगा। इस कार्यक्रम के दौरान वे आदिवासी समुदायों के उत्थान और ग्रामीण इलाकों में बुनियादी ढांचा सुधार के लिए कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। ये कदम आदिवासियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने और क्षेत्रीय विकास को मजबूती देने में अहम भूमिका निभाएंगे।

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