व्यापार
Gold Price: सोने की कीमतों में उछाल जारी, MCX पर 7वें हफ्ते भी तेजी, दिल्ली सर्राफा बाजार में रिकॉर्ड स्तर पर पहुँचा सोना

Gold Price– भारतीय बाजारों में सोने की कीमतों में लगातार तेजी बनी हुई है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिला, लेकिन सप्ताह के अंत में यह 7वें हफ्ते भी मजबूती के साथ बंद होने के संकेत दे रहा है। वहीं, दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोना रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुँच चुका है।
MCX पर सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव
आज MCX पर सोने की कीमतों में गिरावट के साथ शुरुआत हुई। बाजार खुलते ही सोने का भाव 85,715 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज किया गया। हालांकि, कारोबार शुरू होने के कुछ ही समय बाद सोना 85,690 रुपये प्रति 10 ग्राम के इंट्राडे निचले स्तर पर पहुँच गया। लेकिन इसके बाद इसमें तेजी देखने को मिली और सोने की कीमतें उछलकर 85,890 रुपये प्रति 10 ग्राम के उच्चतम स्तर पर पहुँच गईं।
इस उतार-चढ़ाव के बावजूद, MCX पर सोने की कीमतें लगातार 7वें हफ्ते भी मजबूती के साथ बंद होने जा रही हैं। यह सिलसिला 2020 में कोरोना महामारी के दौरान आई ऐतिहासिक तेजी के बाद सबसे लंबी तेजी वाली अवधि होगी। समाचार लिखे जाने तक, 4 अप्रैल डिलीवरी वाला सोना 85,800 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था, जो 0.26% की गिरावट दर्शाता है।
दिल्ली सर्राफा बाजार में रिकॉर्ड स्तर पर पहुँचा सोना
दिल्ली के सर्राफा बाजार में भी सोने की कीमतों में हल्की बढ़त देखी गई, जिससे यह फिर से नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गया। गुरुवार को 99.9% शुद्धता वाले सोने का भाव 50 रुपये बढ़कर 89,450 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए ऑल-टाइम हाई पर पहुँच गया। 99.5% शुद्धता वाला सोना भी 50 रुपये की बढ़त के साथ 89,050 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुँच गया। इससे पहले बुधवार को 99.9% शुद्धता वाले सोने की कीमत 89,400 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी।
सोने की कीमतों में उछाल की वजह क्या है?
HDFC सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (कमोडिटी) सौमिल गांधी ने बताया कि अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की संभावित व्यापार नीति ने सोने की कीमतों को बढ़ावा दिया है। ट्रंप ने बुधवार को कहा कि यदि वे सत्ता में आते हैं तो अगले महीने या उससे पहले लकड़ी, ऑटोमोबाइल, सेमीकंडक्टर और फार्मा उत्पादों पर टैरिफ लगाएंगे। इस घोषणा के बाद बाजार में अनिश्चितता बढ़ गई है और निवेशकों ने सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की ओर रुख किया है।
गांधी ने कहा, “यह खबर बाजार में डर का माहौल पैदा कर रही है कि ट्रंप की नीति से वैश्विक व्यापार युद्ध छिड़ सकता है, जिससे सोने की कीमतें और बढ़ सकती हैं।”
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोना चमका
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने की कीमतों में मजबूती बनी हुई है। COMEX पर सोना 0.4% की बढ़त के साथ 2,035 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर कारोबार कर रहा है। डॉलर इंडेक्स में कमजोरी और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में संभावित कटौती की अटकलों ने भी सोने की कीमतों को समर्थन दिया है।
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
विशेषज्ञों के अनुसार, मौजूदा वैश्विक अनिश्चितता और अमेरिकी नीति में बदलाव की आशंका को देखते हुए सोने की कीमतें अभी और ऊपर जा सकती हैं। इसलिए, निवेशकों को लंबी अवधि के निवेश के लिए सोने में निवेश करने का यह अच्छा अवसर हो सकता है। हालांकि, जिन लोगों ने पहले ही ऊँचे दाम पर निवेश कर रखा है, उन्हें सतर्कता बरतनी चाहिए और बाजार की चाल पर नजर रखनी चाहिए।
सोने की कीमतों में आगे क्या रहेगा रुझान?
विश्लेषकों के अनुसार, आने वाले हफ्तों में सोने की कीमतें वैश्विक घटनाओं पर निर्भर करेंगी। यदि ट्रंप की व्यापार नीति को लेकर और अधिक स्पष्टता नहीं मिलती है, तो सोने की कीमतें और ऊपर जा सकती हैं। साथ ही, यदि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती करता है, तो सोने की कीमतें और ऊँचाई पर जा सकती हैं।
सोने की कीमतों में लगातार 7वें हफ्ते तेजी देखने को मिली है, जिससे यह 2020 की कोरोना महामारी के बाद सबसे लंबी तेजी वाली अवधि बन गई है। दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोना अपने नए रिकॉर्ड स्तर 89,450 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुँच गया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने की कीमतें मजबूती बनाए हुए हैं। ट्रंप की व्यापार नीति और अमेरिकी अर्थव्यवस्था से जुड़ी खबरें सोने के रुझान को तय करेंगी। निवेशकों को इस समय सतर्कता बरतनी चाहिए और निवेश करने से पहले विशेषज्ञों की सलाह लेनी चाहिए।
व्यापार
Post Office MIS Scheme: पोस्ट ऑफिस MIS में निवेश करें और हर महीने पाएं ₹9,250 तक की फिक्स इनकम, जानें पूरी डिटेल्स

Post Office MIS Scheme: अगर आप सुरक्षित निवेश और निश्चित मासिक आय की तलाश में हैं, तो पोस्ट ऑफिस की मासिक आय योजना (MIS) आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकती है। इस योजना में आपको केवल एक बार निवेश करना होता है और इसके बदले में हर महीने निश्चित ब्याज की रकम आपके बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर हो जाती है। यह योजना निवेशकों को स्थिर आय का भरोसेमंद स्रोत प्रदान करती है।
साझा खाता खोलकर अधिक लाभ
यदि आप चाहें तो इस योजना में खाता संयुक्त रूप से अपनी पत्नी या किसी अन्य परिवार के सदस्य के साथ खोल सकते हैं। संयुक्त खाता खोलने की स्थिति में आप अधिकतम ₹9,250 प्रति माह का निश्चित ब्याज कमा सकते हैं। इस विकल्प से परिवार के सदस्यों की बचत और आय दोनों सुनिश्चित होती हैं और निवेशकों को नियमित मासिक आय का लाभ मिलता है।
ब्याज दर और निवेश सीमा
वर्तमान समय में पोस्ट ऑफिस MIS योजना पर वार्षिक ब्याज दर 7.4% है। इस योजना में न्यूनतम ₹1,000 से निवेश शुरू किया जा सकता है। एकल खाता में अधिकतम निवेश की सीमा ₹9 लाख है। वहीं, संयुक्त खाता में तीन लोगों तक ₹15 लाख तक निवेश किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, अगर आप अपनी पत्नी के साथ ₹10 लाख का निवेश करते हैं, तो केवल ब्याज से ही अच्छी मासिक आय अर्जित की जा सकती है।
निश्चित मासिक ब्याज और लाभ
मान लीजिए आपने MIS में ₹10 लाख जमा किए हैं, तो आपको हर महीने ₹6,167 का निश्चित ब्याज प्राप्त होगा। इस योजना की परिपक्वता अवधि 5 वर्ष है। योजना की अवधि पूरी होने पर आपका निवेश और उससे अर्जित ब्याज दोनों आपके खाते में लौटाया जाएगा। यह निवेश विकल्प उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो नियमित मासिक आय चाहते हैं और अपने धन को सुरक्षित रखना चाहते हैं।
निवेश के लिए आवश्यकताएं और समापन
पोस्ट ऑफिस MIS योजना में निवेश करने के लिए आपके पास पोस्ट ऑफिस बचत खाता होना आवश्यक है। इस योजना का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसमें न केवल आपके निवेश की सुरक्षा है बल्कि यह नियमित आय भी सुनिश्चित करता है। ऐसे निवेशक जो जोखिम से बचना चाहते हैं और स्थिर आय की चाह रखते हैं, उनके लिए यह योजना एक आदर्श विकल्प है।
व्यापार
RBI MPC सदस्य राम सिंह का बयान: इस समय रेपो रेट कट करना अर्थव्यवस्था के लिए जोखिमपूर्ण और अनावश्यक

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) के बाहरी सदस्य राम सिंह का मानना है कि इस समय अतिरिक्त ब्याज दर में कटौती करना जोखिम भरा हो सकता है। उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति में यह आवश्यक नहीं है। राम सिंह ने इंटरव्यू में बताया कि मौद्रिक और राजकोषीय उपायों का प्रभाव अभी भी जारी है और बैंक और वित्तीय संस्थान अभी धीरे-धीरे रेपो दर कटौती के लाभों को ग्राहकों तक पहुंचा रहे हैं।
नीति दर स्थिर रखने का निर्णय
राम सिंह ने 1 अक्टूबर को MPC की बैठक में नीति दर को स्थिर रखने के पक्ष में मतदान किया। हालांकि, उन्होंने नीति रुख को ‘सहायक’ से ‘तटस्थ’ में बदलने का समर्थन किया। उनका कहना है कि नाममात्र और वास्तविक GDP वृद्धि दोनों पर ध्यान देना जरूरी है क्योंकि ये अलग-अलग विश्लेषणात्मक उद्देश्यों के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने यह भी बताया कि कम मुद्रास्फीति व्यवसायों के लिए अच्छी नहीं है क्योंकि इसका असर निवेश और रोजगार निर्णयों पर पड़ता है।
मौद्रिक उपायों का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
राम सिंह ने कहा कि इस वर्ष 1% रेपो दर कटौती का प्रभाव अभी पूरी तरह से महसूस नहीं हुआ है। इसलिए, वर्तमान स्थिति में अतिरिक्त कटौती अर्थव्यवस्था के लिए अत्यधिक हो सकती है और जोखिम पैदा कर सकती है। उन्होंने बताया कि इस वित्तीय वर्ष की पहली दो तिमाहियों में मांग और क्रेडिट वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए कई मौद्रिक उपायों को लागू किया गया, जिसने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया।
GST और निवेश में वृद्धि
MPC के बाहरी सदस्य ने कहा कि बजट में आयकर छूट के बाद, GST दर राहत जैसी कई नीतियों का निवेश और मांग पर सकारात्मक प्रभाव दिखाई दे रहा है। उन्होंने जोर दिया कि अब मौजूदा उपायों को सिस्टम में काम करने देना चाहिए और इस समय नई नीति दर कटौती की कोई आवश्यकता नहीं है। राम सिंह का कहना है कि मौजूदा नीतियाँ प्रभावी साबित हो रही हैं और उन्हें पूरा असर दिखाने का समय दिया जाना चाहिए।
भविष्य की राह और वैश्विक स्थिति
राम सिंह ने यह भी उल्लेख किया कि उच्च अमेरिकी टैरिफ के मुद्दे पर अधिक स्पष्टता आने की उम्मीद है। यह वैश्विक व्यापार और आर्थिक वातावरण पर असर डाल सकता है। इस समय, भारतीय अर्थव्यवस्था को मौजूदा नीतिगत उपायों के माध्यम से स्थिरता और वृद्धि के लिए सही दिशा में रखा गया है। उन्होंने संकेत दिया कि RBI को अब तत्काल रेपो दर में कटौती करने की आवश्यकता नहीं है।
व्यापार
भारतीय IT कंपनियों का नया सफर, सॉफ्टवेयर और एआई प्रोडक्ट्स पर ध्यान, कानूनी जोखिम भी बढ़े अमेरिका में

भारतीय IT कंपनियों अब सिर्फ आउटसोर्सिंग सेवाओं तक सीमित नहीं रह गई हैं। ये अपनी खुद की सॉफ़्टवेयर उत्पाद, प्लेटफॉर्म और AI आधारित समाधान विकसित कर रही हैं। इस बदलाव से न केवल कंपनियों को वृद्धि का अवसर मिलता है बल्कि इसके साथ बौद्धिक संपदा (IP) से जुड़े जोखिम भी बढ़ जाते हैं। विशेष रूप से अमेरिका जैसे कठोर कानूनी ढांचे वाले बाजार में यह जोखिम अधिक हो जाता है।
Hexaware मामला: चेतावनी का संकेत
हाल ही में अमेरिकी कंपनियों Netsoft और Updraft ने भारत की Hexaware Technologies के खिलाफ 500 मिलियन डॉलर (लगभग 4,000 करोड़ रुपये) का मुकदमा दायर किया। आरोप था कि Hexaware ने उनकी सॉफ़्टवेयर और तकनीक का गलत उपयोग किया। यह एक अकेला मामला नहीं है। यह दिखाता है कि भारतीय कंपनियां नवाचार की दिशा में आगे बढ़ रही हैं, लेकिन कानूनी जोखिम भी तेजी से बढ़ रहे हैं।
अमेरिका: सबसे बड़ा और संवेदनशील बाजार
अमेरिका भारतीय IT कंपनियों का सबसे बड़ा ग्राहक है, लेकिन वहीं कानूनी जोखिम भी सबसे अधिक है। अमेरिकी कानूनी व्यवस्था बहुत कठोर है और यदि किसी कंपनी पर पेटेंट या सॉफ़्टवेयर के दुरुपयोग का आरोप लगाया जाता है, तो उसे करोड़ों डॉलर का हर्जाना भुगतना पड़ सकता है। इस कारण से अमेरिका में मुकदमे बहुत संवेदनशील और खतरनाक हो सकते हैं।
क्यों बढ़ रहे हैं मुकदमे?
विशेषज्ञ मानते हैं कि भारतीय IT कंपनियां अब सॉफ़्टवेयर लाइसेंसिंग, कोड की मालिकाना हक और AI तकनीक पर अधिकार जताने की कोशिश कर रही हैं। लेकिन कभी-कभी पुराने क्लाइंट्स, साझेदारियों या ओपन-सोर्स कोड का उपयोग अस्पष्ट होता है, जिससे विवाद उत्पन्न होते हैं। अमेरिका में कंपनियां तुरंत मुकदमे दायर कर देती हैं, जो परियोजनाओं पर असर डालते हैं और कंपनी की प्रतिष्ठा को भी खतरे में डाल सकते हैं।
भविष्य के लिए सुझाव
विशेषज्ञों के अनुसार, इन विवादों से बचने के लिए कंपनियों को अपने कार्यप्रणाली में ‘ड्यू डिलिजेंस’ शामिल करना चाहिए। इसके अलावा, कर्मचारियों और कॉन्ट्रैक्टर्स के साथ स्पष्ट अनुबंध बनाना और AI एवं सॉफ़्टवेयर उत्पादों का पूरा दस्तावेजीकरण करना आवश्यक है। तकनीकी उन्नति केवल नवाचार नहीं बल्कि कानूनी जिम्मेदारी और सुरक्षा भी है। Hexaware मामला एक महत्वपूर्ण सबक देता है कि दुनिया के लिए उत्पाद बनाने के दौरान हर कोड की लाइन कानूनी जोखिम पैदा कर सकती है।
-
Fashion8 years ago
These ’90s fashion trends are making a comeback in 2017
-
Fashion8 years ago
According to Dior Couture, this taboo fashion accessory is back
-
मनोरंजन8 years ago
The old and New Edition cast comes together to perform
-
Sports8 years ago
Phillies’ Aaron Altherr makes mind-boggling barehanded play
-
Sports8 years ago
Steph Curry finally got the contract he deserves from the Warriors
-
मनोरंजन8 years ago
Disney’s live-action Aladdin finally finds its stars
-
Business8 years ago
Uber and Lyft are finally available in all of New York State
-
Fashion8 years ago
Your comprehensive guide to this fall’s biggest trends