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Gold Price 2025: सोने की कीमत ने बनाया नया रिकॉर्ड, MCX पर 89,796 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंचा भाव

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Gold Price 2025: सोने की कीमत ने बनाया नया रिकॉर्ड, MCX पर 89,796 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंचा भाव

Gold Price 2025: गुरुवार, 20 मार्च 2025 को सोने की कीमतों ने नया रिकॉर्ड बनाते हुए इतिहास रच दिया। MCX (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) पर सोने का भाव शुरुआती कारोबार में ₹89,796 प्रति 10 ग्राम के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों को स्थिर रखने के फैसले के बाद सोने की कीमत में यह तेजी देखी गई।

सोने की कीमत में अब तक की सबसे बड़ी उछाल

गुरुवार सुबह 11:37 बजे के आसपास MCX पर अप्रैल कॉन्ट्रैक्ट गोल्ड 0.25% की तेजी के साथ ₹88,823 प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था। इस साल अब तक सोने में 16% की बढ़त देखी गई है, जो शेयर बाजार जैसी जोखिम भरी संपत्तियों की तुलना में काफी अधिक है।

Comex Gold ने भी $3,065.20 प्रति औंस का सर्वकालिक उच्चतम स्तर छुआ, जो इस साल अब तक 15% की वृद्धि है। वैश्विक बाजारों में बढ़ती अनिश्चितता और ब्याज दरों में स्थिरता के चलते सोने की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है।

Gold Price 2025: सोने की कीमत ने बनाया नया रिकॉर्ड, MCX पर 89,796 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंचा भाव

भारत में प्रमुख शहरों में सोने का भाव

गुरुवार को भारत के प्रमुख शहरों में 24 कैरेट, 22 कैरेट और 18 कैरेट सोने का भाव इस प्रकार रहा:

  • दिल्ली:

    • 24 कैरेट: ₹9,081 प्रति ग्राम
    • 22 कैरेट: ₹8,325 प्रति ग्राम
    • 18 कैरेट (999 गोल्ड): ₹6,811 प्रति ग्राम
  • नोएडा:

    • 24 कैरेट: ₹9,081 प्रति ग्राम
    • 22 कैरेट: ₹8,325 प्रति ग्राम
    • 18 कैरेट: ₹6,811 प्रति ग्राम
  • मुंबई:

    • 24 कैरेट: ₹9,066 प्रति ग्राम
    • 22 कैरेट: ₹8,310 प्रति ग्राम
    • 18 कैरेट (999 गोल्ड): ₹6,799 प्रति ग्राम
  • कोलकाता:

    • 24 कैरेट: ₹9,066 प्रति ग्राम
    • 22 कैरेट: ₹8,310 प्रति ग्राम
    • 18 कैरेट: ₹6,799 प्रति ग्राम
  • चेन्नई:

    • 24 कैरेट: ₹9,066 प्रति ग्राम
    • 22 कैरेट: ₹8,310 प्रति ग्राम
    • 18 कैरेट: ₹6,855 प्रति ग्राम

अमेरिकी फेडरल रिजर्व का फैसला और सोने पर प्रभाव

अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने इस सप्ताह अपनी ब्याज दरों को 4.25% से 4.50% के स्तर पर स्थिर रखा। ब्याज दरों में स्थिरता से निवेशकों का रुझान सुरक्षित संपत्तियों की ओर बढ़ा, जिससे सोने की मांग में वृद्धि हुई।

विशेषज्ञों का मानना है कि फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कोई बदलाव न करने से डॉलर कमजोर होगा, जिससे सोने की कीमतों में और उछाल देखने को मिल सकता है।

सोने में निवेश क्यों बढ़ रहा है?

  1. अस्थिर बाजार: शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव और वैश्विक अनिश्चितता के कारण निवेशक सुरक्षित संपत्तियों में निवेश कर रहे हैं, जिससे सोने की मांग बढ़ रही है।
  2. मुद्रास्फीति से सुरक्षा: महंगाई दर में वृद्धि के चलते लोग अपने निवेश को सुरक्षित रखने के लिए सोने की ओर रुख कर रहे हैं।
  3. डॉलर में कमजोरी: डॉलर में गिरावट से सोने की कीमत बढ़ जाती है, क्योंकि सोना डॉलर में ट्रेड होता है।
  4. आभूषणों की मांग: भारत में शादी-ब्याह के सीजन के कारण सोने की मांग में तेजी बनी हुई है, जिससे कीमतें नई ऊंचाइयों पर पहुंच रही हैं।

भविष्य में सोने की कीमत का अनुमान

विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में सोने की कीमत में और तेजी देखने को मिल सकती है। सोना ₹95,000 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है। वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता और ब्याज दरों में स्थिरता के कारण सोने का आकर्षण बना रहेगा।

निवेशकों के लिए सलाह

  • लंबी अवधि का निवेश: विशेषज्ञों का मानना है कि सोने में दीर्घकालिक निवेश करना लाभदायक हो सकता है, क्योंकि आने वाले महीनों में कीमतों में और वृद्धि की संभावना है।
  • मूल्य पर नज़र रखें: सोने की कीमतों में तेजी को देखते हुए निवेशकों को खरीदारी से पहले कीमतों का विश्लेषण करना चाहिए।
  • डिजिटल गोल्ड में निवेश: अब लोग फिजिकल गोल्ड की जगह डिजिटल गोल्ड में भी निवेश कर रहे हैं, क्योंकि यह सुरक्षित और आसानी से खरीदा-बेचा जा सकता है।

Gold Price 2025 में लगातार हो रही वृद्धि निवेशकों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है। MCX Gold ने गुरुवार को ₹89,796 प्रति 10 ग्राम का रिकॉर्ड स्तर छू लिया, जो दर्शाता है कि निवेशकों का रुझान अब सुरक्षित संपत्तियों की ओर बढ़ रहा है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों को स्थिर रखने से सोने की कीमतों में और उछाल की संभावना है। निवेशकों को इस मौके का लाभ उठाकर सोने में निवेश करने पर विचार करना चाहिए।

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Personal Loan चुकाने के बाद NOC लेना है जरूरी, वरना पड़ सकता है भविष्य में झंझट

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Personal Loan चुकाने के बाद NOC लेना है जरूरी, वरना पड़ सकता है भविष्य में झंझट

Personal Loan  की हर महीने की किस्त चुकाने के बाद आखिरी EMI कटते ही लोगों को बड़ी राहत मिलती है। लगता है कि अब लोन पूरी तरह से खत्म हो गया। लेकिन सावधान! अगर आपने सोचा कि अब आप पूरी तरह लोन से मुक्त हो गए हैं, तो यह सोच जल्दबाजी होगी। वास्तव में आखिरी EMI चुकाने के बाद भी एक महत्वपूर्ण काम बचा होता है, जिसे नजरअंदाज करने पर भविष्य में परेशानी हो सकती है।

नो ड्यूज सर्टिफिकेट (NOC) क्या है

नो ड्यूज सर्टिफिकेट यानी NOC एक आधिकारिक पत्र होता है, जो बैंक या वित्तीय संस्था की तरफ से दिया जाता है। इसमें स्पष्ट लिखा होता है कि आपने पूरा लोन चुका दिया है और अब कोई राशि बकाया नहीं है। यह प्रमाण देता है कि आपने न केवल मूल राशि बल्कि उस पर लगने वाले ब्याज और अन्य शुल्क भी चुका दिए हैं। जैसे ही यह सर्टिफिकेट मिल जाता है, बैंक आपके लोन को बंद मान लेता है।

Personal Loan चुकाने के बाद NOC लेना है जरूरी, वरना पड़ सकता है भविष्य में झंझट

NOC क्यों है महत्वपूर्ण

कई लोग सोचते हैं कि आखिरी EMI चुकाने के बाद उनका काम खत्म हो गया। लेकिन अगर आपने NOC नहीं लिया, तो भविष्य में आपको कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। मान लीजिए आपने लोन चुका दिया, लेकिन बैंक के रिकॉर्ड में कोई तकनीकी गलती रह गई और बाद में बैंक कह दे कि कुछ राशि अभी भी बाकी है। ऐसे में NOC ही एकमात्र प्रमाण होगा कि आपने सब कुछ चुका दिया है।

 क्रेडिट स्कोर पर भी असर

NOC लेने से आपका क्रेडिट स्कोर भी मजबूत होता है। जब क्रेडिट ब्यूरो को पता चलता है कि आपने समय पर पूरा लोन चुका दिया, तो आपकी वित्तीय विश्वसनीयता बढ़ जाती है। इससे भविष्य में नया लोन या क्रेडिट कार्ड लेना आसान हो जाता है। अक्सर बैंक खुद ही आखिरी EMI के बाद यह सर्टिफिकेट भेज देते हैं, लेकिन अगर 2-3 हफ्तों में NOC न मिले, तो खुद बैंक जाएं या ऑनलाइन नेटबैंकिंग के माध्यम से मांगें।

 तुरंत करें NOC की मांग

NOC लेना सिर्फ एक औपचारिकता नहीं बल्कि भविष्य की सुरक्षा है। यह प्रमाण है कि आपने लोन पूरी तरह चुका दिया और किसी प्रकार की बकाया राशि नहीं है। इसलिए, आखिरी EMI कटने के बाद तुरंत NOC लेने की प्रक्रिया शुरू करें। यह कदम न केवल कानूनी रूप से जरूरी है बल्कि आपकी वित्तीय सुरक्षा और क्रेडिट स्कोर को भी बेहतर बनाता है।

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Paytm के शेयरों में बढ़त, मोतीलाल ओसवाल ने बढ़ाई हिस्सेदारी, 52 हफ्तों का नया उच्चतम

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Paytm के शेयरों में बढ़त, मोतीलाल ओसवाल ने बढ़ाई हिस्सेदारी, 52 हफ्तों का नया उच्चतम

Paytm: मंगलवार और सोमवार को अच्छे लाभ के साथ बंद हुए घरेलू शेयर बाजार ने बुधवार को फ्लैट शुरुआत की। बीएसई सेंसेक्स बुधवार को 81,671.47 अंकों पर खुला, जिसमें 27.08 अंक (0.03%) की हल्की बढ़त रही। वहीं, एनएसई निफ्टी 50 ने 24,965.80 अंकों पर कारोबार शुरू किया, जो 14.85 अंक (0.06%) की गिरावट दर्शाता है। इस बीच, बुधवार सुबह 10.06 बजे पेटीएम की मूल कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस के शेयर बीएसई पर 1,233.10 रुपये पर ट्रेड कर रहे थे, जिसमें 5.80 रुपये (0.47%) की बढ़त दर्ज हुई।

मोतीलाल ओसवाल ने बढ़ाई हिस्सेदारी

हाल ही में अग्रणी म्यूचुअल फंड कंपनी मोतीलाल ओसवाल ने पेटीएम में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है। कंपनी ने 11 अगस्त को ओपन मार्केट से 26,31,244 शेयर खरीदे, जिससे फंड की हिस्सेदारी 0.41 प्रतिशत बढ़कर कुल 5.15 प्रतिशत हो गई। इस खरीद के जरिए मोतीलाल ओसवाल ने पेटीएम में अपनी पकड़ मजबूत की। हालांकि, फंड कंपनी ने इस लेन-देन के मूल्य या खरीदे गए शेयर की कीमत के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है।

Paytm के शेयरों में बढ़त, मोतीलाल ओसवाल ने बढ़ाई हिस्सेदारी, 52 हफ्तों का नया उच्चतम

52 हफ्तों का नया उच्चतम स्तर

वन 97 कम्युनिकेशंस के शेयरों ने मंगलवार को बीएसई पर 1,227.30 रुपये पर बंद होकर 4.58 प्रतिशत की जोरदार बढ़त दिखाई। इस दौरान शेयरों ने इंट्राडे उच्चतम स्तर 1,238.55 रुपये को छुआ, जो कि पेटीएम के लिए 52 हफ्तों का नया उच्चतम स्तर बन गया। इसके विपरीत, कंपनी के शेयरों का 52 हफ्तों का न्यूनतम स्तर 505.25 रुपये रहा है। इस बढ़त ने निवेशकों के बीच उत्साह और दिलचस्पी बढ़ा दी है।

कई स्कीमों के जरिए शेयर खरीदे गए

मोतीलाल ओसवाल ने ये शेयर 20 से अधिक स्कीमों के माध्यम से खरीदे, जिसमें मिडकैप फंड, फ्लेक्सी कैप फंड, ईएलएसएस टैक्स सेवर फंड और विभिन्न ईटीएफ स्कीम शामिल हैं। इस रणनीति से फंड कंपनी ने न केवल अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई बल्कि निवेशकों को भी मजबूत संकेत दिया कि पेटीएम में उनका भरोसा बरकरार है।

पेटीएम की बाजार पूंजी और भविष्य की संभावना

बीएसई डेटा के अनुसार, पेटीएम की मौजूदा मार्केट कैप 78,727.65 करोड़ रुपये है। हाल की हिस्सेदारी बढ़ाने और शेयरों के नए 52 हफ्तों के उच्चतम स्तर ने संकेत दिया है कि निवेशकों की निगाहें अब कंपनी के भविष्य पर टिकी हुई हैं। अगर बाजार की धारणा बनी रहती है, तो आने वाले दिनों में पेटीएम के शेयरों में और तेजी देखने को मिल सकती है।

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LIC का बड़ा ऐलान! बंद हुई पॉलिसियों को फिर से शुरू करने का अनोखा मौका, माइक्रो इंश्योरेंस पर 100% छूट के साथ लाभ उठाएं

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LIC का बड़ा ऐलान! बंद हुई पॉलिसियों को फिर से शुरू करने का अनोखा मौका, माइक्रो इंश्योरेंस पर 100% छूट के साथ लाभ उठाएं

देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी, लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (LIC) ने सोमवार को बड़ा ऐलान किया। LIC ने यह घोषणा की कि उसने बंद हो चुकी व्यक्तिगत बीमा पॉलिसी को फिर से शुरू करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया है। यह अभियान 18 अगस्त 2025 से शुरू होकर 17 सितंबर 2025 तक चलेगा। इस अभियान में पॉलिसी शुरू करने पर लेट फीस में आकर्षक छूट दी जाएगी।

माइक्रो इंश्योरेंस पॉलिसी पर 100% छूट

LIC ने बयान में बताया कि सभी नॉन-लिंक्ड यानी टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी स्कीमों में 30% तक की छूट दी जा रही है, जो अधिकतम 5000 रुपये तक हो सकती है। वहीं, माइक्रो इंश्योरेंस पॉलिसी (कम आय वाले परिवार या व्यक्ति के लिए) पर लेट फीस में 100% छूट दी जा रही है। इस विशेष अभियान के तहत पॉलिसी को पहली अप्राप्त प्रीमियम की तारीख से 5 वर्षों के भीतर शुरू किया जा सकता है, यदि पॉलिसी की शर्तें पूरी हों।

मेडिकल और स्वास्थ्य की शर्तों में कोई छूट नहीं

कंपनी ने यह भी कहा कि मेडिकल या स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं में कोई छूट नहीं दी जाएगी। केवल उन पॉलिसियों को इस अभियान के तहत शुरू किया जा सकता है, जिनकी अवधि समाप्त नहीं हुई है और प्रीमियम भुगतान के दौरान समाप्त हो गई थीं। LIC ने कहा कि यह अभियान उन पॉलिसीधारकों के लाभ के लिए शुरू किया गया है, जो किसी प्रतिकूल परिस्थिति के कारण समय पर प्रीमियम नहीं चुका सके।

लेट फीस में छूट के फायदे

इस अभियान के जरिए पॉलिसीधारक अपनी पुरानी पॉलिसी को फिर से शुरू करके बीमा कवर को बहाल कर सकते हैं। LIC ने सभी से अपील की है कि पुरानी पॉलिसी को फिर से शुरू करना हमेशा लाभकारी होता है। लेट फीस में छूट पाने के साथ ही पॉलिसीधारक अपने परिवार और खुद को वित्तीय सुरक्षा दे सकते हैं।

आखिरी मौका और सावधानियां

इस विशेष अभियान की अवधि केवल एक महीने की है, इसलिए पॉलिसीधारकों को जल्द से जल्द इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए। LIC ने कहा कि पॉलिसी शुरू करने के लिए सभी नियमों और शर्तों का पालन करना अनिवार्य है। इसके अलावा, पॉलिसीधारकों को सलाह दी गई है कि वे सही जानकारी और दस्तावेजों के साथ आवेदन करें, ताकि पॉलिसी के रिवाइवल में कोई अड़चन न आए।

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