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UP Panchayat Elections: उत्तर प्रदेश में पारदर्शिता के साथ होंगे पंचायत चुनाव, ओबीसी आरक्षण पर सटीक रणनीति तैयार

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UP Panchayat Elections: उत्तर प्रदेश में पारदर्शिता के साथ होंगे पंचायत चुनाव, ओबीसी आरक्षण पर सटीक रणनीति तैयार

UP Panchayat Elections: उत्तर प्रदेश सरकार इस बार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ कराने के लिए कमर कस चुकी है। पंचायती राज विभाग ने राज्य स्थानीय ग्रामीण निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन का प्रस्ताव तैयार कर लिया है और इसे सरकार को भेजा गया है। इस आयोग का गठन कैबिनेट की मंजूरी के बाद होगा, जो आरक्षण प्रक्रिया को विवाद मुक्त बनाने में अहम भूमिका निभाएगा।

 आबादी के अनुसार तय होंगे आरक्षण के अनुपात

2011 की जनगणना के अनुसार, प्रदेश में अनुसूचित जनजाति (ST) की जनसंख्या 0.5677 प्रतिशत और अनुसूचित जाति (SC) की जनसंख्या 20.6982 प्रतिशत है। इन्हीं आंकड़ों के आधार पर पंचायत चुनाव में इन वर्गों के लिए सीटें आरक्षित की जाएंगी। वहीं, पिछड़े वर्ग (OBC) के लिए भी 27 प्रतिशत आरक्षण की सीमा को राज्य स्तर पर सुनिश्चित किया जाएगा, भले ही किसी ब्लॉक में उनकी संख्या इससे अधिक क्यों न हो।

UP Panchayat Elections: उत्तर प्रदेश में पारदर्शिता के साथ होंगे पंचायत चुनाव, ओबीसी आरक्षण पर सटीक रणनीति तैयार

पिछली गलती से सबक, अब आयोग ही तय करेगा आंकड़े

नगर निकाय चुनाव के दौरान ओबीसी आरक्षण को लेकर जो विवाद हुआ था, उससे सबक लेते हुए सरकार इस बार पंचायत चुनाव में कोई चूक नहीं करना चाहती। पिछली बार की तरह गलत आंकड़ों पर आधारित आरक्षण को लेकर उठे विरोध के चलते सरकार ने अब आयोग के जरिए सटीक आंकड़े जुटाने की रणनीति अपनाई है, जिससे किसी भी वर्ग को अन्याय महसूस न हो।

 आयोग की जिम्मेदारी होगी सटीक रिपोर्ट तैयार करना

राज्य स्थानीय ग्रामीण निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग प्रदेश के अलग-अलग जिलों का दौरा करेगा और वहां की ओबीसी आबादी का विस्तृत ब्यौरा जुटाएगा। इस आंकलन के बाद आयोग अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा और उसी के आधार पर पंचायत चुनाव में आरक्षण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यह कदम न केवल निष्पक्षता सुनिश्चित करेगा, बल्कि ग्रामीण लोकतंत्र को मजबूती देगा।

 अब पंचायत चुनाव को मिलेगा गति और दिशा

पंचायती राज विभाग ने संबंधित अधिकारियों को चुनावी तैयारियों को अंतिम रूप देने के निर्देश दे दिए हैं। आयोग की रिपोर्ट आने के बाद ही चुनाव की तारीखों की घोषणा की जाएगी। इससे स्पष्ट है कि प्रदेश सरकार चाहती है कि कोई भी चुनावी प्रक्रिया बिना विवाद के पूरी हो और सभी वर्गों को उनकी जनसंख्या के अनुसार उचित प्रतिनिधित्व मिले।

 

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Supreme Court: गेमिंग के नाम पर जुआ? सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को किया तलब, सट्टा ऐप्स पर फैसला जल्द

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Supreme Court: गेमिंग के नाम पर जुआ? सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को किया तलब, सट्टा ऐप्स पर फैसला जल्द

Supreme Court में एक याचिका दायर की गई है जिसमें ऑनलाइन सट्टेबाजी और गेमिंग ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है। यह याचिका डॉ. केए पॉल ने दायर की है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले खिलाड़ी भी इन ऐप्स का प्रचार करते हैं और यह टीवी पर भी बड़े पैमाने पर दिखाया जा रहा है। डॉ. केए पॉल का कहना है कि इस तरह के प्रचार और सट्टेबाजी को तुरंत रोका जाना चाहिए। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को नोटिस जारी किया है और उनसे जवाब मांगा है।

सुप्रीम कोर्ट का कड़ा रुख और राज्यों को नोटिस

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश सूर्यकांत ने याचिकाकर्ता से कहा कि “जिस संतोष को आपने इस काम से प्राप्त किया होगा, वह गर्व का विषय होगा। आज हम सभी राज्यों को नोटिस जारी कर रहे हैं और उन्हें जवाब देने का समय देंगे।” इस फैसले से साफ है कि कोर्ट इस मामले को गंभीरता से ले रहा है और जल्द ही इस पर कठोर कार्रवाई की उम्मीद है। इस दिशा में सभी राज्यों की प्रतिक्रियाओं के बाद ही आगे की कार्यवाही होगी।

Supreme Court: गेमिंग के नाम पर जुआ? सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को किया तलब, सट्टा ऐप्स पर फैसला जल्द

भारत में ऑनलाइन गेमिंग ऐप्स की भारी संख्या

भारत में सैकड़ों ऑनलाइन गेमिंग ऐप्स सक्रिय हैं, जिनमें रियल मनी गेमिंग ऐप्स जैसे MPL, Winzo, Zupee और Dream11 प्रमुख हैं। इसके अलावा कई कैजुअल गेमिंग ऐप्स और ई-स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म भी हैं। अनुमान है कि भारत में 40 करोड़ से अधिक गेमर्स हैं, जिससे यह विश्व का दूसरा सबसे बड़ा गेमिंग मार्केट बन गया है। इन ऐप्स पर फैंटेसी स्पोर्ट्स, लूडो, रम्मी जैसे खेल खेले जाते हैं। खिलाड़ी इन खेलों में पैसे लगाकर जीतने पर भारी इनाम पाते हैं, लेकिन हारने पर उन्हें नुकसान भी उठाना पड़ता है।

फैंटेसी स्पोर्ट्स बाजार की बड़ी भूमिका

ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री में फैंटेसी स्पोर्ट्स का बाजार सबसे बड़ा है, जिसमें ड्रीम11 और MPL जैसे यूनिकॉर्न शामिल हैं। ई-स्पोर्ट्स दर्शकों की संख्या 8 करोड़ से अधिक हो चुकी है। वर्ष 2022 से 2024 के बीच सरकार ने 1,298 से अधिक ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी साइट्स को ब्लॉक किया है, ताकि अवैध गतिविधियों पर काबू पाया जा सके। इसके बावजूद इस क्षेत्र में कई चुनौतियां बनी हुई हैं, जिनके कारण इस पर कड़ी निगरानी और नियंत्रण की जरूरत बनी हुई है।

यह मामला दर्शाता है कि ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी की बढ़ती लोकप्रियता के साथ-साथ इसके नकारात्मक प्रभावों को लेकर भी चिंता बढ़ रही है। सुप्रीम कोर्ट का इस पर ध्यान देना और राज्यों से जवाब मांगना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आने वाले समय में इस पर क्या फैसला होता है, यह पूरी तरह से सामाजिक और कानूनी दोनों ही स्तरों पर महत्वपूर्ण होगा।

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Weather Update: देशभर में तेज़ बारिश का कहर! बरसात ने खोली स्मार्ट सिटी की पोल, सड़कें बनीं तालाब

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Weather Update: देशभर में तेज़ बारिश का कहर! बरसात ने खोली स्मार्ट सिटी की पोल, सड़कें बनीं तालाब

Weather Update: मानसून पूरे देश में ज़ोर पकड़ चुका है। दिल्ली-एनसीआर से लेकर मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, हिमाचल प्रदेश और असम तक बारिश ने लोगों को गर्मी और उमस से राहत दी है। हालांकि, इस राहत के साथ आफत भी आई है। कई इलाकों में जलभराव, बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं। मौसम विभाग (IMD) ने आने वाले दिनों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है और कई राज्यों में येलो अलर्ट लागू किया गया है। दिल्ली में बुधवार रात से शुरू हुई मूसलधार बारिश ने राजधानी को पानी-पानी कर दिया।

फिरोजाबाद में ‘स्मार्ट सिटी’ की खुली पोल

उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में कुछ घंटों की बारिश ने स्मार्ट सिटी योजना की सच्चाई उजागर कर दी। हाईवे सर्विस रोड से लेकर सुहागनगर तक सड़कें तालाब बन गईं। लोगों को कमर तक पानी में चलकर घर या ऑफिस जाना पड़ा। स्थानीय लोगों का कहना है कि हर साल बारिश में नालों की सफाई नहीं होने से यही स्थिति होती है। पानी में फंसी गाड़ियां और बेहाल जनता प्रशासन की लापरवाही की गवाही दे रही है।

Weather Update: देशभर में तेज़ बारिश का कहर! बरसात ने खोली स्मार्ट सिटी की पोल, सड़कें बनीं तालाब

मध्य प्रदेश में बाढ़ जैसे हालात

मध्य प्रदेश के कई जिलों में हालात चिंताजनक हैं। आलीराजपुर जिले के सायदा गांव में एक व्यक्ति उफनती नदी पार करते समय डूबते-डूबते बचा। नीमच जिले में एक टूटी पुलिया पर बाइक सवार परिवार हादसे का शिकार होते-होते बचा। श्योपुर में चंबल और सीप नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। कई कॉलोनियों में 5-6 फीट पानी भर गया है। SDRF की टीमों ने करीब 175 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला।

राजस्थान और पहाड़ी राज्यों में बढ़ा खतरा

राजस्थान के बूंदी जिले में मेज नदी के उफान पर आने से किनारे बसे गांवों में पानी भर गया। कई सड़कों पर 3-4 फीट पानी जमा हो गया है। वहीं, उत्तराखंड, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों में लगातार हो रही बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं। पहाड़ी सड़कों पर मलबा गिरने से रास्ते बंद हो गए हैं, जिससे आवाजाही ठप हो गई है।

नदी-नालों के उफान से डरा पूर्वोत्तर

पूर्वोत्तर भारत के असम और मेघालय में भारी बारिश का सिलसिला जारी है। नदियों के उफान पर आने से कई गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। मौसम विभाग ने इन राज्यों के लिए भी भारी बारिश की चेतावनी दी है। वहीं, बिहार, पश्चिम बंगाल, गुजरात और उत्तर प्रदेश में भी येलो अलर्ट जारी किया गया है।

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NASA-ISRO Mission NISAR: दिन हो या रात हर मौसम मेंज़मीन पर रहेगी निसार की नजर! जानिए कैसे करेगा ये उपग्रह पृथ्वी की निगरानी

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NASA-ISRO Mission NISAR: दिन हो या रात हर मौसम मेंज़मीन पर रहेगी निसार की नजर! जानिए कैसे करेगा ये उपग्रह पृथ्वी की निगरानी

NASA-ISRO Mission NISAR: 30 जुलाई 2025 को एक ऐतिहासिक पल आने वाला है जब भारत के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार (NISAR) उपग्रह को लॉन्च किया जाएगा। यह मिशन भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रयास का परिणाम है और इसका प्रक्षेपण GSLV-F16 रॉकेट के ज़रिए किया जाएगा। यह मिशन न केवल तकनीकी रूप से उन्नत है बल्कि यह दोनों देशों की अंतरिक्ष साझेदारी को भी मजबूत बनाता है।

क्या है निसार उपग्रह की खासियत?

निसार उपग्रह का कुल वजन 2,392 किलोग्राम है और यह दोहरी आवृत्ति वाली रडार तकनीक पर आधारित है। इसमें एल-बैंड और एस-बैंड रडार सिस्टम लगे हैं जो पृथ्वी की सतह की गहराई से जानकारी प्रदान करेंगे। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह दिन और रात किसी भी मौसम में हाई-रिज़ॉल्यूशन तस्वीरें भेज सकता है। इससे भू-प्राकृतिक आपदाओं और जलवायु परिवर्तनों पर करीब-करीब वास्तविक समय में नज़र रखी जा सकेगी।

 वैज्ञानिकों की नजरों में क्रांति

वैज्ञानिकों के अनुसार, निसार मिशन न केवल भारत और अमेरिका के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए वरदान साबित हो सकता है। यह उपग्रह भूकंप, सुनामी, बाढ़, भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं के संकेत पहले से ही उपलब्ध कराएगा जिससे राहत और बचाव कार्य समय पर शुरू किया जा सकेगा। इसके अलावा यह कृषि, वन संरक्षण और जल स्रोतों की निगरानी में भी अहम भूमिका निभाएगा।

अंतरराष्ट्रीय सहयोग का अद्भुत उदाहरण

निसार उपग्रह नासा और इसरो के दस साल पुराने वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग का प्रमाण है। नासा ने इस मिशन के लिए एल-बैंड रडार प्रदान किया है जो पेड़ों और वनस्पतियों के नीचे तक की जानकारी दे सकता है। वहीं इसरो ने एस-बैंड रडार विकसित किया है जो ज़मीन की ऊपरी सतह में होने वाले परिवर्तनों को पकड़ने में सक्षम है। इन दोनों तकनीकों के मेल से यह मिशन अनोखा बन गया है।

भविष्य की निगरानी प्रणाली

निसार मिशन से प्राप्त डेटा दुनियाभर के पर्यावरणविदों, वैज्ञानिकों और नीति-निर्माताओं के लिए अमूल्य होगा। इससे ग्लोबल वॉर्मिंग, बर्फबारी की दर, समुद्री स्तर और जंगलों में हो रहे परिवर्तनों को ट्रैक किया जा सकेगा। यह उपग्रह भविष्य की निगरानी प्रणाली का हिस्सा बनकर जलवायु संकट से निपटने में बड़ी भूमिका निभाएगा। भारत के लिए यह मिशन गर्व की बात है कि वह इस वैश्विक अभियान का नेतृत्व कर रहा है।

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