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समय सीमित है, लक्ष्य बड़े हैं – पीएम मोदी के इस बयान के पीछे क्या है बड़ी योजना?

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समय सीमित है, लक्ष्य बड़े हैं – पीएम मोदी के इस बयान के पीछे क्या है बड़ी योजना?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर देश के भविष्य का खाका दुनिया के सामने रखा, लेकिन इस बार मंच था YUGM कॉन्क्लेव, और विषय था – विकसित भारत का रोडमैप। नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने 25 वर्षों के भीतर भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की योजना पर विस्तार से बात की। लेकिन सबसे ज्यादा ध्यान खींचा उनके उस बयान ने जिसमें उन्होंने कहा, “हमारे पास समय सीमित है और लक्ष्य बड़े हैं।”

अब सवाल ये उठता है—क्या ये चेतावनी है? क्या ये भविष्य की तैयारी है? या फिर कोई बड़ा मिशन?

बात सिर्फ वर्तमान की नहीं, भविष्य की है

प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया कि उनका यह बयान किसी तात्कालिक परिस्थिति के लिए नहीं, बल्कि विकसित भारत के दीर्घकालिक लक्ष्य को लेकर है। उन्होंने कहा कि देश ने अगले 25 वर्षों का लक्ष्य तय किया है जिसमें भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है। इस दिशा में सरकार तेजी से काम कर रही है, और समय की मांग है कि आइडिया से लेकर प्रोटोटाइप और बाजार तक का सफर कम से कम समय में पूरा हो।

अनुसंधान से आत्मनिर्भरता तक

पीएम मोदी ने कहा कि जब हम लैब और बाजार की दूरी कम करते हैं, तो रिसर्च का सीधा फायदा आम लोगों को मिलता है। इससे इनोवेशन को नई ऊर्जा मिलती है और भारत तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनता है। यही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि अब रिसर्च का समय लंबा नहीं हो सकता – परिणाम चाहिए, वो भी तेज़।

नई पीढ़ी, नई शिक्षा नीति

प्रधानमंत्री ने युवाओं को देश का भविष्य बताते हुए कहा कि जब तक हम अपनी युवा पीढ़ी को तैयार नहीं करेंगे, तब तक कोई भी विकास अधूरा है। इसके लिए नई शिक्षा नीति (NEP) लागू की गई है और कक्षा 1 से 10 तक की किताबें भी इसी के अनुरूप तैयार कर ली गई हैं। यह शिक्षा नीति छात्रों में क्रिएटिविटी, सोचने की क्षमता और रिसर्च के प्रति रुचि को बढ़ावा देती है।

युग्म से बना विकास का संगम

पीएम मोदी ने कहा कि YUGM मंच पर सरकार, एकेडेमिया, रिसर्च और इंडस्ट्री – सभी एक साथ हैं, और यही असली युग्म है। उन्होंने कहा, “जो दूसरों की सेवा में जीवन समर्पित करता है, वही सच्चे अर्थों में जीता है।” यह भावना ही विकसित भारत का आधार बनेगी।

प्रधानमंत्री मोदी का यह भाषण महज एक औपचारिक संबोधन नहीं था, बल्कि एक स्पष्ट संकेत था कि अब समय तेजी से काम करने का है, और लक्ष्य सिर्फ बड़े नहीं बल्कि ऐतिहासिक हैं। सवाल यह है कि क्या हम सब इस मिशन में भागीदार बनने को तैयार हैं?

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B Sudarshan Reddy आज सुबह 11:30 बजे करेंगे उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन, विपक्ष के बड़े नेता होंगे मौजूद

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B Sudarshan Reddy आज सुबह 11:30 बजे करेंगे उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन, विपक्ष के बड़े नेता होंगे मौजूद

विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार B Sudarshan Reddy आज गुरुवार सुबह 11:30 बजे अपना नामांकन दाखिल करेंगे। इस मौके पर कांग्रेस की सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव समेत कई बड़े नेता मौजूद रहेंगे। विपक्ष के 80 सांसदों ने उनके नामांकन पत्र पर बतौर प्रस्तावक और अनुमोदक हस्ताक्षर किए हैं। खास बात यह है कि सोनिया गांधी का नाम भी इनमें शामिल है।

विपक्ष ने किया सम्मान समारोह

नामांकन से पहले सुदर्शन रेड्डी ने विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात की। इस दौरान संविधान सदन के केंद्रीय कक्ष में इंडिया अलायंस की ओर से उनके लिए सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, शरद पवार और संजय राउत जैसे तमाम दिग्गज नेता मौजूद थे। खड़गे और शरद पवार ने सबसे पहले सुदर्शन रेड्डी का शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया। विपक्ष ने साफ किया कि यह चुनाव उनके लिए सिर्फ पद की लड़ाई नहीं बल्कि लोकतंत्र की असली आवाज़ बुलंद करने का मौका है।

B Sudarshan Reddy आज सुबह 11:30 बजे करेंगे उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन, विपक्ष के बड़े नेता होंगे मौजूद

सीपी राधाकृष्णन ने दाखिल किया नामांकन

इधर, एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने बुधवार को ही अपना नामांकन दाखिल कर दिया। उनके नामांकन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी मौजूद रहे। राधाकृष्णन ने चार सेट में नामांकन दाखिल किया, जिनमें हर सेट पर 20 प्रस्तावक और 20 अनुमोदकों के हस्ताक्षर हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने पहले सेट पर बतौर मुख्य प्रस्तावक हस्ताक्षर किया।

संख्याबल एनडीए के पक्ष में

अब अगर आंकड़ों की बात करें तो इस बार उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए कुल 782 सांसद मतदान करेंगे। इनमें 542 लोकसभा सांसद और 240 राज्यसभा सांसद शामिल हैं। जीत के लिए 391 मतों की ज़रूरत है। आंकड़ों के हिसाब से एनडीए के पास 422 सांसदों का समर्थन है, जबकि विपक्ष के पास 312 सांसदों का समर्थन है। यानी संख्याबल साफ तौर पर एनडीए के पक्ष में है और सीपी राधाकृष्णन की जीत लगभग तय मानी जा रही है।

अब नजर जीत के अंतर पर

ऐसे में चुनावी परिणाम को लेकर संशय भले ही न हो, लेकिन राजनीतिक हलकों में अब सबकी नजर इस बात पर है कि जीत का अंतर कितना रहेगा। विपक्ष अपने उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को एक मजबूत आवाज़ के तौर पर पेश कर रहा है ताकि संसद में एकजुट विपक्ष की तस्वीर दिखाई दे सके। वहीं, एनडीए अपनी ताकत और अनुशासित वोट बैंक के सहारे न सिर्फ जीत, बल्कि बड़े अंतर की जीत का दावा कर रहा है। अब 6 अगस्त को होने वाले चुनाव के नतीजे साफ करेंगे कि विपक्ष कितनी मजबूती से मुकाबला कर पाया।

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दिल्ली की सीएम Rekha Gupta पर थप्पड़ हमला, आरोपी गिरफ्तार, कांग्रेस बोली – जब सीएम सुरक्षित नहीं, तो आम जनता कैसे?

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दिल्ली की सीएम Rekha Gupta पर थप्पड़ हमला, आरोपी गिरफ्तार, कांग्रेस बोली – जब सीएम सुरक्षित नहीं, तो आम जनता कैसे?

दिल्ली की मुख्यमंत्री Rekha Gupta पर जनसुनवाई के दौरान हमला हो गया। यह घटना सीएम आवास पर हुई जब लोग अपनी समस्याएँ लेकर मिलने आए थे। अचानक एक व्यक्ति ने सामने आकर उन पर थप्पड़ जड़ दिया। मौके पर मौजूद पुलिस ने तुरंत आरोपी को गिरफ्तार कर सिविल लाइंस थाने ले गई। इस वारदात ने दिल्ली की राजनीति और कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

कांग्रेस ने साधा निशाना

दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने इस घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि जब खुद राजधानी की मुख्यमंत्री सुरक्षित नहीं हैं तो आम जनता की सुरक्षा पर सवाल उठना लाजिमी है। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने भी हमला भाजपा पर बोला और कहा कि राजनीति में हिंसा की कोई जगह नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा “हिंसा की जननी” है और यह जांच होनी चाहिए कि कहीं यह हमला राजनीतिक साजिश तो नहीं।

शिवसेना (उद्धव गुट) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि पहले भी अरविंद केजरीवाल पर हमले हुए और तब भाजपा ने उसे जश्न की तरह मनाया था। उन्होंने सवाल उठाया कि जब मुख्यमंत्री ही सुरक्षित नहीं हैं तो दिल्ली की जनता कैसे सुरक्षित होगी। वहीं आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने कहा कि लोकतंत्र में असहमति और विरोध की जगह है लेकिन हिंसा की कोई जगह नहीं। उन्होंने दिल्ली पुलिस से कड़ी कार्रवाई की मांग की।

चश्मदीद का बयान और घटनास्थल का माहौल

जनसुनवाई में मौजूद अंजलि नाम की महिला ने बताया कि आरोपी व्यक्ति सीएम से कुछ कह ही रहा था कि अचानक उसने थप्पड़ मार दिया। उन्होंने कहा कि यह बेहद गलत है क्योंकि हर किसी को जनसुनवाई का अधिकार है, लेकिन हिंसा बर्दाश्त नहीं की जा सकती। इस घटना के बाद वहां मौजूद लोगों में गुस्सा और अफरातफरी फैल गई।

 भाजपा नेताओं की सफाई और आरोप-प्रत्यारोप

भाजपा सांसद कमलजीत सेहरावत ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और भरोसा जताया कि रेखा गुप्ता जनता की सेवा जारी रखेंगी। वहीं दिल्ली के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने इसे विपक्ष की साजिश बताया और कहा कि मुख्यमंत्री दिल्ली के मुद्दों पर गंभीर हैं, इसलिए उनके खिलाफ षड्यंत्र रचा जा रहा है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है और आरोपी से पूछताछ जारी है।

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Lok Sabha में अंतरिक्ष चर्चा के बीच विपक्ष ने रोका भाषण, डॉ. जितेंद्र सिंह ने दिया मजेदार जवाब

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Lok Sabha में अंतरिक्ष चर्चा के बीच विपक्ष ने रोका भाषण, डॉ. जितेंद्र सिंह ने दिया मजेदार जवाब

Lok Sabha में भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री और अंतरिक्ष कार्यक्रम के महत्व पर विशेष चर्चा हुई। इस चर्चा की शुरुआत केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने की। उन्होंने भारत के 2047 तक “विकसित भारत” बनने के लक्ष्य में अंतरिक्ष कार्यक्रम की भूमिका पर जोर दिया।

विपक्ष का विरोध और मंत्री की प्रतिक्रिया

डॉ. जितेंद्र सिंह के भाषण के दौरान विपक्ष के सदस्य लगातार बाधा डालते रहे। उन्होंने नारे लगाए और बिहार में विशेष गहन जांच अभियान के समर्थन में प्लेकार्ड दिखाए। डॉ. सिंह ने इस पर हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, “मैं अभी अंतरिक्ष में खड़ा हूँ, आप मुझे नहीं पकड़ सकते।” उन्होंने पहले ही अपनी सीट को ऊँचा करके अपने चित्र को टीवी स्क्रीन पर दिखने से रोकने की कोशिश की।

विपक्ष से अपील

विपक्ष के विरोध के बीच डॉ. सिंह ने कहा कि पार्टी मतभेदों से ऊपर उठकर इस महत्वपूर्ण चर्चा में हिस्सा लें। उन्होंने सिर झुकाकर अपील की, “भले ही आप सरकार से नाराज हैं, फिर भी इस चर्चा में भाग लें ताकि राष्ट्र को सही संदेश मिले।” उनका उद्देश्य था कि देशवासियों तक अंतरिक्ष कार्यक्रम की उपलब्धियों का महत्व पहुंचे।

शेर के जरिए भाव व्यक्त किया

डॉ. सिंह ने प्रसिद्ध शायर अहमद फ़राज़ का शेर सुनाया, “किस किस को सुनाएंगे जुदाई का सबब हम, तू मुझसे खफा है तो सुभांशु के लिए आ।” उन्होंने इसे संसद में इस प्रकार समेटा, “किस किस को सुनाएंगे इस शोर-ओ-गुल का सबब हम; तू मुझसे खफा है तो सुभांशु के लिए आ।” इस शेर के माध्यम से उन्होंने विपक्ष को संदेश दिया कि व्यक्तिगत मतभेदों से परे राष्ट्रीय उपलब्धियों को मान्यता देना जरूरी है।

भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की उपलब्धियां

विपक्ष की बाधाओं के बावजूद डॉ. सिंह ने कहा कि भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम आत्मनिर्भरता और राष्ट्रीय विकास में एक महत्वपूर्ण स्तंभ बन गया है। चंद्रयान-3 और अंतरिक्ष यात्री मिशनों जैसी उपलब्धियों ने देश को वैश्विक अंतरिक्ष शक्ति के रूप में स्थापित किया है। उन्होंने सांसदों से अपील की कि वे इस चर्चा में सक्रिय भाग लें ताकि युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिले।

 

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