Tech
Startup adds beds and Wi-Fi to buses to turn them into ‘moving hotels’
Nulla pariatur. Excepteur sint occaecat cupidatat non proident, sunt in culpa qui officia deserunt mollit anim id est laborum.
Et harum quidem rerum facilis est et expedita distinctio. Nam libero tempore, cum soluta nobis est eligendi optio cumque nihil impedit quo minus id quod maxime placeat facere possimus, omnis voluptas assumenda est, omnis dolor repellendus.
Nulla pariatur. Excepteur sint occaecat cupidatat non proident, sunt in culpa qui officia deserunt mollit anim id est laborum.
Sed ut perspiciatis unde omnis iste natus error sit voluptatem accusantium doloremque laudantium, totam rem aperiam, eaque ipsa quae ab illo inventore veritatis et quasi architecto beatae vitae dicta sunt explicabo.
Neque porro quisquam est, qui dolorem ipsum quia dolor sit amet, consectetur, adipisci velit, sed quia non numquam eius modi tempora incidunt ut labore et dolore magnam aliquam quaerat voluptatem. Ut enim ad minima veniam, quis nostrum exercitationem ullam corporis suscipit laboriosam, nisi ut aliquid ex ea commodi consequatur.
At vero eos et accusamus et iusto odio dignissimos ducimus qui blanditiis praesentium voluptatum deleniti atque corrupti quos dolores et quas molestias excepturi sint occaecati cupiditate non provident, similique sunt in culpa qui officia deserunt mollitia animi, id est laborum et dolorum fuga.
“Duis aute irure dolor in reprehenderit in voluptate velit esse cillum dolore eu fugiat”
Quis autem vel eum iure reprehenderit qui in ea voluptate velit esse quam nihil molestiae consequatur, vel illum qui dolorem eum fugiat quo voluptas nulla pariatur.
Temporibus autem quibusdam et aut officiis debitis aut rerum necessitatibus saepe eveniet ut et voluptates repudiandae sint et molestiae non recusandae. Itaque earum rerum hic tenetur a sapiente delectus, ut aut reiciendis voluptatibus maiores alias consequatur aut perferendis doloribus asperiores repellat.
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipisicing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua. Ut enim ad minim veniam, quis nostrud exercitation ullamco laboris nisi ut aliquip ex ea commodo consequat.
Nemo enim ipsam voluptatem quia voluptas sit aspernatur aut odit aut fugit, sed quia consequuntur magni dolores eos qui ratione voluptatem sequi nesciunt.
Tech
WhatsApp का नया फीचर करेगा स्टोरेज मैनेजमेंट आसान: अब चुनिंदा मैसेज और मीडिया हटाना होगा सरल
WhatsApp अपने यूजर्स के लिए स्टोरेज मैनेजमेंट को और आसान बनाने पर काम कर रहा है। हाल ही में WABetaInfo की रिपोर्ट के अनुसार, WhatsApp अपने नवीनतम Android 2.25.34.5 बीटा अपडेट में एक नया चैट क्लियरिंग फीचर पेश कर रहा है। इस नए फीचर के जरिए उपयोगकर्ता अब किसी चैट के सभी संदेशों को हटाने की बजाय, चुनिंदा संदेश और मीडिया कैटेगरी को आसानी से डिलीट कर सकेंगे। इसका मतलब यह है कि आप केवल फोटो, वीडियो, टेक्स्ट मैसेज या डॉक्यूमेंट जैसी फाइल्स को हटाने का विकल्प चुन सकते हैं, बिना पूरे चैट को डिलीट किए। यह फीचर विशेष रूप से ग्रुप चैट्स में उपयोगी साबित होगा, जहां बड़ी वीडियो और ऑडियो फाइल्स जल्दी से स्टोरेज में जगह घेर लेती हैं।
रियल-टाइम स्टोरेज डिस्प्ले और प्रिव्यू फीचर
रिपोर्ट के अनुसार, Android 2.25.34.5 बीटा वर्जन में एक नया बॉटम शीट इंटरफेस पेश किया गया है, जो डिलीट करने से पहले उपयोगकर्ता को यह दिखाता है कि क्या हटाया जाएगा। इस फीचर के जरिए उपयोगकर्ता यह तय कर सकते हैं कि कौन-सी चीजें डिलीट करनी हैं और कौन-सी बचानी हैं। साथ ही, इसमें रियल-टाइम स्टोरेज डिस्प्ले भी है, जो यह बताता है कि हटाने के बाद कितनी जगह खाली होगी। यह खासतौर पर उन यूजर्स के लिए फायदेमंद है जिनकी चैट में बड़े साइज की मीडिया फाइल्स जमा हो गई हैं। अब स्टोरेज की समस्या को हल करना और भी आसान होगा क्योंकि यूजर को पूरे चैट को डिलीट करने के बजाय केवल गैर-जरूरी कंटेंट हटाने का विकल्प मिलेगा।

स्टार किए गए मैसेज और मीडिया को सुरक्षित रखना आसान
WhatsApp ने इस अपडेट में starred messages या महत्वपूर्ण फाइल्स को संभालना भी आसान बना दिया है। अब अगर कोई यूजर पूरे चैट को क्लियर करना चाहता है लेकिन उसमें starred messages या media रखना चाहता है, तो उसे पहले प्रॉम्प्ट दिखेगा जिसमें पूछा जाएगा कि क्या इन्हें रखना है या हटाना है। उदाहरण के लिए, यदि आपने किसी चैट में कोई महत्वपूर्ण फोटो, फाइल या नोट स्टार किया हुआ है, तो उसे हटाने से पहले ऐप पूछेगा कि इसे रखना है या नहीं। यह फीचर उपयोगकर्ताओं को अधिक नियंत्रण देता है और गलती से जरूरी चीजें हटाने से बचाता है।
नई सुविधा कब उपलब्ध होगी
WhatsApp का यह नया चैट क्लियरिंग फीचर फिलहाल केवल सीमित संख्या में Android बीटा टेस्टर्स के लिए उपलब्ध है। कंपनी इसे धीरे-धीरे सभी यूजर्स तक पहुंचाएगी। नया फीचर चैट इंफो स्क्रीन के नीचे Clear Chat ऑप्शन के रूप में दिखाई देगा, जैसा कि iOS पर पहले से उपलब्ध है। आने वाले हफ्तों में यह फीचर सभी एंड्रॉइड यूजर्स के लिए रोल आउट किया जाएगा। इस अपडेट के बाद, उपयोगकर्ताओं को स्टोरेज मैनेज करना और भी आसान हो जाएगा, और उन्हें बार-बार अनावश्यक फाइल्स हटाने की परेशानी नहीं होगी।
Tech
Instagram अकाउंट मृत्यु के बाद भी रहता है! जानिए क्या होता है आपके अकाउंट के साथ, बहुत लोग नहीं जानते
आज के समय में सोशल मीडिया हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। हर खुशी, याद और पल को हम Instagram पर कैद करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर किसी दिन आप नहीं रहे तो आपका Instagram अकाउंट क्या होगा? क्या वह हमेशा वैसे ही रहेगा या उसे हटा दिया जाएगा? सच तो यह है कि वास्तविकता इससे कहीं अधिक दिलचस्प है। आइए जानते हैं पांच महत्वपूर्ण बातें, जो शायद आपने कभी नहीं सोची हों।
अकाउंट हटता नहीं, बल्कि मेमोरियलाइज होता है
अगर कोई यूज़र निधन हो जाता है, तो Instagram तुरंत उसका अकाउंट नहीं हटाता। परिवार या मित्र कंपनी को सूचित कर सकते हैं और अकाउंट को मेमोरियलाइज्ड अकाउंट में बदलवा सकते हैं। इसका मतलब है कि अकाउंट रहेगा, लेकिन कोई भी उसमें लॉग इन नहीं कर सकेगा। प्रोफाइल फोटो और पोस्ट्स जस के तस बने रहेंगे ताकि लोग उस व्यक्ति को याद कर सकें। यह एक डिजिटल स्मारक का रूप ले लेता है, जहां परिवार और मित्र उनकी यादों को संभाल सकते हैं।
सत्यापन और पहचान आवश्यक
किसी के अकाउंट को मेमोरियलाइज करने के लिए Instagram परिवार या करीबी लोगों से आधिकारिक जानकारी मांगता है। इसमें मृत्यु प्रमाणपत्र, नोटिस या अखबार की रिपोर्ट जैसी चीज़ें शामिल होती हैं। यह कदम यह सुनिश्चित करता है कि कोई झूठा दावा करके किसी के अकाउंट को गलत तरीके से मेमोरियलाइज न कर सके। यदि परिवार चाहे तो अकाउंट को पूरी तरह हटाने की प्रक्रिया भी की जा सकती है। इसके लिए Instagram के Request to Remove Account फॉर्म के जरिए पहचान और कानूनी दस्तावेज़ जमा करने पड़ते हैं।

कोई भी लॉगिन नहीं कर सकता
एक बार अकाउंट मेमोरियलाइज हो जाने के बाद, किसी को भी उसमें लॉग इन करने या पासवर्ड बदलने की अनुमति नहीं होती। यह सुरक्षा उपाय इसलिए किया गया है ताकि कोई भी मृतक के नाम पर पोस्ट या मैसेज न कर सके। इस तरह, व्यक्ति के डिजिटल जीवन और उनकी पहचान की सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
डिजिटल यादों की दुनिया
मेमोरियलाइज्ड अकाउंट के माध्यम से लोग उस व्यक्ति की पुरानी यादों, पोस्ट और फ़ोटो से जुड़ सकते हैं। यह एक डिजिटल टाइम कैप्सूल बन जाता है, जहां परिवार और दोस्त उसे याद कर सकते हैं। भले ही व्यक्ति इस दुनिया में न रहे, लेकिन उसका Instagram अकाउंट उसकी यादों को हमेशा जीवित रखता है। आज सोशल मीडिया केवल संपर्क का साधन नहीं रहा, बल्कि यह हमारे अतीत की यादों का डिजिटल संग्रह बन गया है।
Tech
Alert Android Users! भारत में 4 करोड़ से ज्यादा खतरनाक ऐप्स डाउनलोड, Google Play पर भी हो सकते हैं धोखे
Alert Android Users: भारत एक बार फिर साइबर अपराधियों का निशाना बन गया है। क्लाउड सुरक्षा कंपनी Zscaler की नवीनतम रिपोर्ट ThreatLabz 2025 Mobile, IoT, and OT Threat Report के अनुसार, भारत में अब तक 4 करोड़ से अधिक खतरनाक एंड्रॉइड ऐप डाउनलोड किए जा चुके हैं। ये ऐप्स गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध थे और सामान्य टूल्स के रूप में खुद को दिखाकर यूजर्स को धोखा दे रहे थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत अब मोबाइल हमलों के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा लक्ष्य बन गया है। जून 2024 से मई 2025 के बीच मोबाइल साइबर हमलों में तेज़ी देखी गई है।
मोबाइल मैलवेयर हमलों में 67% की वृद्धि
रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि पिछले वर्ष की तुलना में एंड्रॉइड मैलवेयर लेनदेन में 67% की वृद्धि हुई है। स्पाइवेयर और बैंकिंग ट्रोजन सबसे बड़ी चिंता बने हुए हैं। हैकर्स अब कार्ड धोखाधड़ी की बजाय मोबाइल पेमेंट चोरी और डिवाइस ट्रैकिंग पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। Zscaler ने 239 खतरनाक ऐप्स की पहचान की, जो फाइल मैनेजर, वर्क टूल या परफॉर्मेंस बूस्टर के रूप में यूजर्स के फोन में घुसपैठ कर रहे थे। इन ऐप्स को लाखों लोगों ने डाउनलोड किया था, जिसके बाद Google ने इन्हें प्ले स्टोर से हटा दिया।

ऊर्जा और परिवहन क्षेत्र सबसे अधिक जोखिम में
सिर्फ सामान्य यूजर्स ही नहीं, बल्कि महत्वपूर्ण उद्योग भी साइबर हमलों से प्रभावित हो रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, ऊर्जा क्षेत्र में साइबर हमलों में 387% की वृद्धि देखी गई है। वहीं, मैन्युफैक्चरिंग और परिवहन क्षेत्रों में IoT मैलवेयर के 40% से अधिक मामले सामने आए हैं। डिजिटल भुगतान और यूपीआई प्रणाली की बढ़ती लोकप्रियता ने भारत को साइबर अपराधियों के लिए उच्च मूल्य वाला लक्ष्य बना दिया है। इस वजह से न केवल व्यक्तिगत यूजर्स बल्कि बड़े उद्योग और बुनियादी ढांचा भी खतरे में हैं।
साइबर खतरों से सुरक्षा कैसे करें
हालांकि Google ने कई खतरनाक ऐप्स को हटा दिया है, फिर भी लाखों डिवाइस जोखिम में हैं। सुरक्षा विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि किसी भी अनजान या संदिग्ध ऐप को तुरंत डिलीट कर दें। केवल गूगल प्ले स्टोर से ही ऐप डाउनलोड करें। अपने फोन को हमेशा अपडेट रखें और Play Protect को हमेशा चालू रखें। इसके अलावा, भरोसेमंद मोबाइल सिक्योरिटी ऐप का उपयोग करना भी आवश्यक है। यूजर्स को सतर्क रहना होगा और किसी भी संदिग्ध लिंक या ऐप पर क्लिक करने से बचना होगा, ताकि वे साइबर अपराधियों के जाल में फँसने से बच सकें।
-
Fashion8 years ago
These ’90s fashion trends are making a comeback in 2017
-
Fashion8 years ago
According to Dior Couture, this taboo fashion accessory is back
-
मनोरंजन8 years ago
The old and New Edition cast comes together to perform
-
Sports8 years ago
Phillies’ Aaron Altherr makes mind-boggling barehanded play
-
Sports8 years ago
Steph Curry finally got the contract he deserves from the Warriors
-
मनोरंजन8 years ago
Disney’s live-action Aladdin finally finds its stars
-
Business8 years ago
Uber and Lyft are finally available in all of New York State
-
Fashion8 years ago
Your comprehensive guide to this fall’s biggest trends