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Overregulation of technology could stifle innovation: USIBC

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Overregulation of technology could stifle innovation: USIBC

बुधवार (20 नवंबर) को यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स के यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल (यूएसआईबीसी) ने चेतावनी दी कि प्रौद्योगिकी का अत्यधिक विनियमन नवाचार को बाधित कर सकता है।

यहां बेंगलुरु टेक समिट 2024 के 27वें संस्करण में बोलते हुए, यूएसआईबीसी सदस्यों ने कहा कि प्रौद्योगिकी की प्रकृति को देखते हुए, अतिनियमन के बीच की महीन रेखा को समझना आवश्यक है जो विश्वास सुनिश्चित करते हुए नवाचार को बाधित कर सकता है और शासन, पारदर्शिता, व्याख्यात्मकता और के लिए पर्याप्त रेलिंग प्रदान कर सकता है। दुस्र्पयोग करना।

परिषद के सदस्यों ने आगे कहा कि इस वर्ष बीटीएस थीम, “अनबाउंड”, एआई की परिवर्तनकारी भूमिका को रेखांकित करती है और यह कैसे सभी क्षेत्रों में सेवाओं और अनुप्रयोगों को सक्षम करेगी, जहां यूएसआईबीसी ने प्रौद्योगिकी, रसद, विनिर्माण, अंतरिक्ष, कृषि और पर प्रभावों का प्रदर्शन किया। शिक्षा, दूसरों के बीच में।

चेन्नई में अमेरिकी महावाणिज्य दूत क्रिस्टोफर होजेस ने डिजिटल अर्थव्यवस्था में नवीनतम रुझानों और अवसरों पर बात की, जिसमें उद्योगों में एआई की परिवर्तनकारी भूमिका और प्रौद्योगिकी के नेतृत्व वाले विकास को बढ़ावा देने के लिए नीतियों के प्रभाव पर ध्यान केंद्रित किया गया।

”यह निवेश, नवाचार और रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए हमारे (भारत और अमेरिका के) तकनीकी क्षेत्रों को संरेखित करने का एक रोमांचक समय है। यूएसआईबीसी इंडिया के प्रबंध निदेशक राहुल शर्मा ने कहा, ”यहां, हम महत्वपूर्ण संवाद के सूत्रधार हैं जो नवाचार और नीति संरेखण को संचालित करते हैं।”

बेंगलुरु टेक समिट में आयोजित एक इंडो-यूएस टेक कॉन्क्लेव ने लॉजिस्टिक्स नीति, कृषि में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण (ईएसडीएम) में प्रगति पर आगे की चर्चा के लिए आधार तैयार किया। यूएसआईबीसी ने अमेरिका और भारत के बीच प्रौद्योगिकी संबंधों को गहरा करने की अपनी प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की।

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Income Tax Return: ITR-1 फॉर्म की पूरी जानकारी जानिए कौन कर सकता है इसका इस्तेमाल

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Income Tax Return: ITR-1 फॉर्म की पूरी जानकारी जानिए कौन कर सकता है इसका इस्तेमाल

Income Tax Return यानी ITR फाइल करने का समय आ गया है। जैसे ही एक्सेल यूटिलिटी जारी होगी करदाता अपने रिटर्न दाखिल करना शुरू कर देंगे। टैक्स विभाग ने पहले ही विभिन्न ITR फॉर्म नोटिफाई कर दिए हैं जिनमें ITR-1 से लेकर ITR-7 तक शामिल हैं। साथ ही टैक्स विभाग लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चला रहा है।

ITR-1 फॉर्म क्या है और कौन फाइल कर सकता है

ITR-1 जिसे सहज फॉर्म भी कहा जाता है वह एक ऐसा फॉर्म है जिसे वे निवासी व्यक्ति फाइल कर सकते हैं जिनकी कुल आय वित्तीय वर्ष में 50 लाख रुपये से अधिक नहीं होती। इसमें वेतन आय मकान संपत्ति से आय पारिवारिक पेंशन और कृषि आय 5000 रुपये तक की आय शामिल हो सकती है। इसके अलावा बचत खाते पर ब्याज और अन्य साधारण स्रोतों से आय भी इसमें शामिल होती है।

Income Tax Return: ITR-1 फॉर्म की पूरी जानकारी जानिए कौन कर सकता है इसका इस्तेमाल

ITR-1 में परिवार की आय भी शामिल हो सकती है

इस फॉर्म को वह व्यक्ति भी फाइल कर सकता है जिनके पति या पत्नी या नाबालिग बच्चे की आय उनके साथ जोड़ी गई हो बशर्ते आय स्रोत और आय की सीमा उपरोक्त नियमों के अनुसार हो। यह नियम पोरचुगीज सिविल कोड के अंतर्गत नहीं आते। इसलिए इस फॉर्म से ज्यादातर सामान्य वर्ग के करदाताओं की जरूरतें पूरी होती हैं।

ITR-4 फॉर्म के बारे में जानकारी

ITR-4 जिसे सहज के नाम से भी जाना जाता है वह उन निवासियों के लिए है जिनकी आय 50 लाख रुपये तक है और जिनका व्यवसाय या पेशा अनुमानित आधार पर होता है। यह फॉर्म उन लोगों के लिए भी है जिनकी आय वेतन मकान कृषि और अन्य स्रोतों से होती है। लेकिन यह फॉर्म उन लोगों के लिए नहीं है जो गैर-निवासी हों या जिनकी आय 50 लाख से अधिक हो।

ITR-4 फॉर्म के लिए कुछ विशेष नियम

ITR-4 फॉर्म उन लोगों के लिए उपयुक्त नहीं है जो कंपनी के निदेशक हैं या जिनकी कृषि आय 5000 रुपये से अधिक है या जिनके पास एक से ज्यादा मकान संपत्तियां हैं। साथ ही जो RNOR या NRI हैं वे भी इस फॉर्म का उपयोग नहीं कर सकते। ऐसे करदाताओं के लिए अन्य फॉर्म उपलब्ध हैं जिन्हें उन्हें फाइल करना होगा।

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State Bank Of India: एफडी पर दोबारा गिरी ब्याज दरें एसबीआई की ताजा चाल से निवेशक हुए परेशान

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State Bank Of India: एफडी पर दोबारा गिरी ब्याज दरें एसबीआई की ताजा चाल से निवेशक हुए परेशान

State Bank Of India ने एक बार फिर अपने ग्राहकों को झटका दिया है। इस बार बैंक ने फिक्स्ड डिपॉजिट यानी एफडी पर ब्याज दरें घटा दी हैं। यह बदलाव 16 मई 2025 से लागू हो गया है और इससे आम नागरिकों के साथ सीनियर सिटिज़न भी प्रभावित हुए हैं।

एक महीने में दूसरी बार हुई कटौती

ब्याज दरों में यह कटौती पिछले महीने 15 अप्रैल 2025 को हुई कटौती के बाद सिर्फ एक महीने में फिर से की गई है। इस बार एसबीआई ने सभी अवधि वाली एफडी पर 20 बेसिस पॉइंट्स यानी 0.20 प्रतिशत की कटौती की है। इससे लोगों की बचत पर सीधा असर पड़ा है।

State Bank Of India: एफडी पर दोबारा गिरी ब्याज दरें एसबीआई की ताजा चाल से निवेशक हुए परेशान

नई ब्याज दरें क्या होंगी

अब एसबीआई एफडी पर 3.30 प्रतिशत से लेकर 6.70 प्रतिशत सालाना ब्याज देगा। यह दरें उन लोगों के लिए हैं जो 3 करोड़ रुपये से कम की एफडी करते हैं। पहले यही दरें 3.50 प्रतिशत से 6.90 प्रतिशत तक थीं। यानी हर अवधि पर ब्याज में थोड़ी कटौती की गई है।

अमृत वृष्टि स्कीम पर भी असर

एसबीआई की खास एफडी स्कीम ‘अमृत वृष्टि’ पर भी 20 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की गई है। पहले इस स्कीम की अवधि 444 दिनों पर 7.05 प्रतिशत ब्याज मिल रहा था लेकिन अब इसे घटाकर 6.85 प्रतिशत कर दिया गया है।

सीनियर और सुपर सीनियर सिटिज़न पर असर

सीनियर सिटिज़न को भी अब कम ब्याज मिलेगा। एसबीआई की ‘We Care’ स्कीम के तहत अब 4 प्रतिशत से 7.50 प्रतिशत तक ब्याज दिया जाएगा। अमृत वृष्टि स्कीम पर सीनियर सिटिज़न को अब 7.35 प्रतिशत और सुपर सीनियर सिटिज़न को 7.45 प्रतिशत ब्याज मिलेगा।

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Stock Market: सेंसेक्स का झटका! शुरुआत में बढ़त फिर गिरावट का दौर, निवेशकों में चिंता बढ़ी

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Stock Market: सेंसेक्स का झटका! शुरुआत में बढ़त फिर गिरावट का दौर, निवेशकों में चिंता बढ़ी

Stock Market: गुरुवार को भारतीय स्टॉक मार्केट की शुरुआत धीमी रही। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 81,354 के स्तर पर 24 अंक की मामूली बढ़त के साथ खुला। लेकिन जैसे ही ट्रेडिंग शुरू हुई बाजार में गिरावट देखने को मिली। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 80,947 के स्तर पर 0.45 प्रतिशत या 383 अंकों की गिरावट के साथ ट्रेड कर रहा था।

सेंसेक्स के शेयरों का हाल

शुरुआती ट्रेडिंग में 30 में से केवल 6 शेयर हरे निशान पर थे जबकि 24 शेयर लाल निशान में थे। टाटा मोटर्स, अडानी पोर्ट्स, टाटा स्टील, टेक महिंद्रा, अल्ट्राटेक सीमेंट और भारती एयरटेल के शेयर बढ़त में थे। वहीं पावर ग्रिड, एनटीपीसी, कोटक बैंक, इंफोसिस, जोमैटो, सन फार्मा, इंडसइंड बैंक सहित कई बड़े शेयर गिरावट में थे।

Stock Market: सेंसेक्स का झटका! शुरुआत में बढ़त फिर गिरावट का दौर, निवेशकों में चिंता बढ़ी

निफ्टी का भी गिरावट भरा प्रदर्शन

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी गिरावट में रहा। शुरुआती कारोबार में निफ्टी 24,564 के स्तर पर 0.42 प्रतिशत या 102 अंक नीचे था। इससे पता चलता है कि आज बाजार में दबाव है और निवेशक सतर्क हैं।

आईटी सेक्टर में सबसे ज्यादा गिरावट

सेक्टरल इंडेक्स की बात करें तो निफ्टी आईटी ने सबसे ज्यादा 0.98 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की। इसके अलावा निफ्टी एफएमसीजी, फाइनेंशियल सर्विसेज, फार्मा, पीएसयू बैंक, प्राइवेट बैंक समेत कई सेक्टर भी नीचे आए। वहीं कुछ सेक्टर जैसे मिडस्मॉल हेल्थकेयर, मेटल, मीडिया और ऑटो में मामूली बढ़त देखी गई।

बाजार के उतार-चढ़ाव पर नजर

आज का बाजार थोड़ा अस्थिर नजर आ रहा है। कई बड़े शेयर गिरावट में हैं जबकि कुछ चुनिंदा सेक्टर में ही तेजी बनी है। निवेशकों को बाजार की स्थिति को समझकर सतर्क रहना होगा। आगे आने वाले दिनों में बाजार की दिशा पर नजर रखना जरूरी होगा।

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