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Mutual Funds: क्या भारत बनेगा अगला मैन्युफैक्चरिंग हब? ये फंड बताएगा सच्चाई

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Mutual Funds: क्या भारत बनेगा अगला मैन्युफैक्चरिंग हब? ये फंड बताएगा सच्चाई

Mutual Funds: भारत की अर्थव्यवस्था इस समय दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन गई है। इसका असर ये हुआ है कि दुनियाभर की बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियां भारत में निवेश और मैन्युफैक्चरिंग कर रही हैं। इन कंपनियों को भारत में बड़ा बाज़ार मिल रहा है और साथ ही कम लागत पर निर्माण करने का फायदा भी मिल रहा है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण Apple है जो अब भारत में फोन बना रहा है।

अब आम निवेशक भी उठा सकते हैं फायदा

अब सवाल ये उठता है कि क्या आम लोग भी इस ग्रोथ का फायदा उठा सकते हैं? इसका जवाब है हां। Nippon India Mutual Fund ने हाल ही में एक नया फंड लॉन्च किया है जिसका नाम है Nippon India MNC Fund। इस फंड में निवेश कर के आम निवेशक भी उन बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियों में पैसा लगा सकते हैं जो भारत की ग्रोथ स्टोरी का हिस्सा हैं। इसका New Fund Offer (NFO) 16 जुलाई तक खुला है।

Mutual Funds: क्या भारत बनेगा अगला मैन्युफैक्चरिंग हब? ये फंड बताएगा सच्चाई

 किन कंपनियों में होगा निवेश

इस फंड के जरिए उन कंपनियों में निवेश किया जाएगा जो भारत में रजिस्टर्ड हैं लेकिन काम दुनिया के कई देशों में कर रही हैं। उदाहरण के तौर पर Hindustan Unilever, Colgate-Palmolive, Nestle, Siemens, Bosch और Abbott India जैसी कंपनियां शामिल हैं। इनका नेटवर्क ग्लोबल है और ये कंपनियां भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का भी भरपूर फायदा उठा रही हैं।

डबल फायदा देगा ये फंड

इस फंड की खास बात ये है कि इसमें निवेश करने से निवेशकों को डबल फायदा मिलेगा। एक तो ये कि फंड उन ग्लोबल ब्रांड्स में निवेश करता है जो भारत में मजबूती से काम कर रहे हैं। दूसरा ये कि ये फंड उन भारतीय कंपनियों में भी निवेश करता है जो इंटरनेशनल मार्केट में अपनी पकड़ बना रही हैं। यानी भारत की ग्रोथ और दुनिया के अनुभव दोनों का फायदा।

किसे करना चाहिए निवेश

अगर आप ऐसे निवेशक हैं जो लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न चाहते हैं और देश की अर्थव्यवस्था की ग्रोथ से जुड़ना चाहते हैं तो ये फंड आपके लिए सही हो सकता है। इसमें IT, फार्मा, ऑटो, कंज्यूमर, मेटल, सीमेंट जैसे सेक्टरों की कंपनियां शामिल होंगी। विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले समय में ये कंपनियां भारत के बढ़ते डिजिटलाइजेशन, बढ़ती आमदनी और सरकार की PLI जैसी योजनाओं का फायदा उठाएंगी।

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Neelkanth Mahadev: अब मिनटों में पहुंचे नीलकंठ महादेव, रोपवे से खुलेगा तीर्थ यात्रा का नया रास्ता

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Neelkanth Mahadev: अब मिनटों में पहुंचे नीलकंठ महादेव, रोपवे से खुलेगा तीर्थ यात्रा का नया रास्ता

Neelkanth Mahadev: उत्तराखंड सरकार धार्मिक यात्रियों और पर्यटकों की सुविधा के लिए लगातार कदम उठा रही है। इसी दिशा में अब ऋषिकेश से नीलकंठ महादेव मंदिर तक एक आधुनिक रोपवे बनने जा रहा है। इस प्रोजेक्ट से यात्रा बेहद आसान और रोमांचक हो जाएगी। अभी तक लोगों को मंदिर तक पहुंचने के लिए संकरे पहाड़ी रास्तों और भारी ट्रैफिक से जूझना पड़ता है। लेकिन रोपवे बनने के बाद यह दूरी केवल कुछ मिनटों में तय हो सकेगी।

शुरू हो चुकी हैं तैयारियाँ

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऋषिकेश से नीलकंठ रोपवे के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी करने का काम जोरों पर चल रहा है। उम्मीद है कि जल्द ही सभी मंजूरी मिल जाने के बाद निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। यह रोपवे न सिर्फ श्रद्धालुओं के लिए राहतभरा होगा, बल्कि आसपास के पर्यटन कारोबार को भी बढ़ावा देगा। खासकर बुजुर्ग और अस्वस्थ यात्रियों के लिए यह सुविधा वरदान साबित हो सकती है।

Neelkanth Mahadev: अब मिनटों में पहुंचे नीलकंठ महादेव, रोपवे से खुलेगा तीर्थ यात्रा का नया रास्ता

पर्वतमाला योजना में दर्जनों रोपवे शामिल

पिछले चार सालों में उत्तराखंड सरकार ने पर्वतीय इलाकों में रोपवे ढांचे को मजबूत करने के लिए कई प्रोजेक्ट शुरू किए हैं। पर्वतमाला योजना के तहत 39 रोपवे प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। इनमें नैनीताल, अल्मोड़ा, जागेश्वर, पिथौरागढ़ और चंपावत जैसे स्थानों में भी रोपवे निर्माण की योजना है। केदारनाथ, हेमकुंड साहिब, औली, पंचकोटी, वरुणावत हिल और कार्तिक स्वामी मंदिर जैसे तीर्थ स्थलों को भी रोपवे से जोड़ने की तैयारी हो रही है।

देहरादून से मसूरी रोपवे भी जल्दी शुरू होगा

देहरादून से मसूरी के बीच भी एक महत्वपूर्ण रोपवे प्रोजेक्ट पर जल्द ही काम शुरू होने वाला है। यह प्रोजेक्ट राज्य के ट्रैफिक दबाव को कम करेगा और पर्यटन को नई रफ्तार देगा। उत्तराखंड सरकार सड़क, रेल, रोपवे और हवाई संपर्क को एक साथ विकसित करने की दिशा में लगातार प्रयासरत है जिससे पहाड़ों के दूरदराज क्षेत्रों में भी लोग आसानी से पहुंच सकें।

नीलकंठ मंदिर का धार्मिक महत्व

ऋषिकेश में स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर शिव भक्तों के लिए अत्यंत पवित्र स्थान है। यह मंदिर समुद्र तल से 1330 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और इसका प्राकृतिक सौंदर्य भी लोगों को आकर्षित करता है। हर साल लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं। अब रोपवे सुविधा से यह धार्मिक अनुभव और भी सुगम और सुंदर बन जाएगा।

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Personal Loan: बिना गारंटी ₹20 लाख तक का लोन, सिर्फ 9% ब्याज पर! बैंक ऑफ महाराष्ट्र की जबरदस्त पेशकश

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Personal Loan: बिना गारंटी ₹20 लाख तक का लोन, सिर्फ 9% ब्याज पर! बैंक ऑफ महाराष्ट्र की जबरदस्त पेशकश

Personal Loan: जिंदगी में कई बार ऐसे मौके आते हैं जब अचानक पैसों की ज़रूरत पड़ती है। ऐसे में पर्सनल लोन एक बेहतर विकल्प हो सकता है क्योंकि इसमें किसी भी गिरवी या गारंटी की जरूरत नहीं होती। बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने अपने ग्राहकों को बड़ी राहत देते हुए मात्र 9% सालाना ब्याज दर पर पर्सनल लोन देने की घोषणा की है। ये लोन बहुत ही कम दस्तावेजों में मिल जाता है और इसका इस्तेमाल आप किसी भी वैध खर्च के लिए कर सकते हैं।

कौन ले सकता है यह लोन

बैंक की वेबसाइट के अनुसार, अगर आपकी सालाना आय कम से कम ₹3 लाख है तो आप इस लोन के लिए पात्र हैं। बैंक ग्राहक को उसकी मासिक आय के 20 गुना तक लोन देता है, अधिकतम ₹20 लाख तक। इसके लिए कोई गारंटर नहीं चाहिए। आवेदन प्रक्रिया सरल है और प्रोसेसिंग फीस सिर्फ 1% + GST है।

Personal Loan: बिना गारंटी ₹20 लाख तक का लोन, सिर्फ 9% ब्याज पर! बैंक ऑफ महाराष्ट्र की जबरदस्त पेशकश

कोई छुपे हुए चार्ज नहीं

महाबैंक पर्सनल लोन स्कीम के तहत यह दावा किया गया है कि इस लोन पर कोई हिडन चार्ज नहीं है। साथ ही, प्रीपेमेंट पर भी कोई शुल्क नहीं देना होगा। आप अपने लोन को ऑनलाइन ट्रैक भी कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें, यह 9% ब्याज दर सिर्फ उन्हीं ग्राहकों को मिलेगी जिनका क्रेडिट स्कोर 800 या उससे ऊपर है।

EMI कैसे बनेगी समझिए

अगर आप बैंक ऑफ महाराष्ट्र से ₹9 लाख का लोन 9% ब्याज दर पर 5 साल के लिए लेते हैं, तो आपकी मासिक EMI ₹18,683 बनेगी। यानी 5 साल में आप ₹2,20,951 का ब्याज देंगे और कुल ₹11,20,951 बैंक को लौटाएंगे। ध्यान देने वाली बात ये है कि जितना छोटा लोन का कार्यकाल होगा, उतना ही कम ब्याज देना होगा। हां, EMI थोड़ी ज्यादा जरूर हो सकती है।

ये फायदे भी हैं खास

 

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Narayana Murthy: इन्फोसिस का बड़ा फैसला! अब नहीं करना पड़ेगा 70 घंटे काम, कर्मचारियों को मिली राहत

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Narayana Murthy: इन्फोसिस का बड़ा फैसला! अब नहीं करना पड़ेगा 70 घंटे काम, कर्मचारियों को मिली राहत

Narayana Murthy: देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इन्फोसिस ने अपने कर्मचारियों के लिए एक नई और राहत देने वाली नीति लागू की है। कंपनी ने स्पष्ट कहा है कि वर्क फ्रॉम होम के दौरान लंबे समय तक काम करने से बचें, क्योंकि इससे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। अब कंपनी 9 घंटे 15 मिनट से ज्यादा काम करने पर चेतावनी भेजेगी और काम के घंटे पर नजर रखेगी।

हर कर्मचारी को भेजी गई पर्सनल ईमेल

इन्फोसिस ने अपने सभी कर्मचारियों को एक व्यक्तिगत ईमेल भेजकर नियमित काम के घंटे का पालन करने को कहा है। अगर कोई कर्मचारी लगातार एक महीने तक औसतन तय समय से ज्यादा काम करता है, तो उसे एक अलग ईमेल भेजकर वर्क-लाइफ बैलेंस बनाए रखने की सलाह दी जाती है। यह कदम उन खबरों के बाद लिया गया है जिनमें बताया गया था कि ज्यादा काम करने से युवा कर्मचारियों में हार्ट अटैक जैसी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं।

मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर ज़ोर

इन्फोसिस मानता है कि कर्मचारियों की मानसिक और शारीरिक सेहत सीधे तौर पर उनकी कार्यक्षमता पर असर डालती है। इसलिए कंपनी ने अब ये साफ कर दिया है कि कर्मचारियों को लंबे घंटे काम करने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा। इसके बजाय, उन्हें समय पर काम पूरा करके पर्याप्त आराम लेने की सलाह दी जा रही है। इससे न केवल स्वास्थ्य बेहतर रहेगा बल्कि प्रदर्शन भी सुधरेगा।

नारायण मूर्ति की सोच से उलटी राह

कंपनी के इस फैसले को उसके संस्थापक नारायण मूर्ति के बयान से एकदम विपरीत माना जा रहा है। कुछ महीने पहले उन्होंने एक पॉडकास्ट में कहा था कि भारतीय युवाओं को देश की तरक्की के लिए हफ्ते में 70 घंटे काम करना चाहिए। इस बयान पर काफी विवाद हुआ था। बाद में उन्होंने सफाई दी कि उनका मकसद सिर्फ मेहनत पर जोर देना था। लेकिन अब उनकी ही कंपनी ने उनके सुझाव से उलट एक मानवीय और स्वास्थ्य-संवेदनशील नीति लागू की है।

ऑफिस आने की पुरानी नीति और अब का बदलाव

बेंगलुरु मुख्यालय वाली इन्फोसिस में अभी लगभग 3.23 लाख कर्मचारी काम करते हैं। पहले कंपनी ने एक नियम बनाया था कि हर महीने कम से कम 10 दिन ऑफिस से काम करना जरूरी होगा। लेकिन अब वर्क फ्रॉम होम को ध्यान में रखते हुए कंपनी ने काम के घंटों को सीमित करने की नीति लागू की है। इसका मकसद कर्मचारियों को तनावमुक्त वातावरण देना और उनकी कार्य क्षमता में सुधार करना है।

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