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Mukesh Ambani लाएंगे गेमिंग क्रांति! Blast E-Sports के साथ मिलकर बनाएंगे बड़ा IP

भारत के सबसे अमीर व्यक्ति Mukesh Ambani की कंपनी रिलायंस अब वीडियो गेमिंग की दुनिया में कदम रखने जा रही है। रिलायंस की सहायक कंपनी राइज़ वर्ल्डवाइड भारत में ई-स्पोर्ट्स बिजनेस के लिए ब्लास्ट ई-स्पोर्ट्स के साथ साझेदारी कर रही है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के अनुसार, इस साझेदारी के तहत भारत में ई-स्पोर्ट्स का विस्तार किया जाएगा और गेमिंग मार्केट में नए इनोवेटिव प्रोजेक्ट्स पर काम होगा। ब्लास्ट की ग्लोबल गेमिंग प्रतियोगिताओं और इवेंट्स को भारतीय दर्शकों, खिलाड़ियों और ब्रांड्स के लिए लाया जाएगा।
ब्लास्ट ई-स्पोर्ट्स की वैश्विक पहचान
ब्लास्ट ई-स्पोर्ट्स, डेनमार्क स्थित APS कंपनी की सहायक इकाई है और दुनिया की सबसे बड़ी गेमिंग प्रतियोगिता आयोजकों में से एक है। इस साझेदारी को लेकर ब्लास्ट के सीईओ रॉबी डोक ने कहा, “रिलायंस के साथ साझेदारी करना हमारे लिए एक बड़ा अवसर है। रिलायंस का भारत में जबरदस्त नेटवर्क और विशेषज्ञता हमें भारतीय ई-स्पोर्ट्स इंडस्ट्री को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में मदद करेगी।” इस गठबंधन का उद्देश्य भारत में टॉप लेवल गेमिंग इवेंट्स को आकर्षित करना और ई-स्पोर्ट्स इंडस्ट्री को मजबूत बनाना है।
Media Release – Reliance to Partner with BLAST for Esports Business in India
– Reliance and BLAST will partner to operate and create market leading IPs in India and bring leading global IPs of BLAST to India for fans, players and brands
– BLAST works with the world’s biggest…
— Reliance Industries Limited (@RIL_Updates) April 2, 2025
भारत में 60 करोड़ से ज्यादा गेमर्स
रिलायंस ने अपने बयान में बताया कि भारत दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता गेमिंग मार्केट बन गया है। देश में 600 मिलियन (60 करोड़) से ज्यादा गेमर्स हैं, जो दुनिया के कुल गेमर्स का 18% हैं। मौजूदा समय में भारत का गेमिंग मार्केट 3.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर का है और यह 2029 तक 9.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। भारत सरकार ने भी ई-स्पोर्ट्स को आधिकारिक रूप से मान्यता दी है और इसे “मल्टी-स्पोर्ट्स इवेंट” श्रेणी में शामिल किया गया है।
Jio निभाएगा अहम भूमिका
रिलायंस स्पोर्ट्स के प्रमुख देवांग भीमज्यानी ने कहा कि इस साझेदारी के जरिए रिलायंस अब खेलों के बाद ई-स्पोर्ट्स इंडस्ट्री में भी कदम रखेगा। राइज़ वर्ल्डवाइड गेमिंग इवेंट्स और टीमों के मार्केटिंग और प्रमोशन का जिम्मा संभालेगा, जबकि Jio अपने नेटवर्क और टेक्नोलॉजी एक्सपर्टीज के जरिए इसे और मजबूत बनाएगा। इस साझेदारी से भारत में गेमिंग इंडस्ट्री को नया विस्तार मिलेगा और यह भारतीय गेमर्स के लिए बड़े स्तर के टूर्नामेंट्स और मौके लेकर आएगा।
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SIP : सिर्फ 20 साल में 4 करोड़ का सपना कैसे हो सकता है सच? जानिए SIP की ताकत

SIP : अगर आपकी उम्र अभी 35 साल है और 55 की उम्र तक 4 करोड़ रुपये का फंड तैयार करना है तो ये सपना नामुमकिन नहीं है। इसके लिए सबसे जरूरी है आज ही से प्लानिंग करना। म्यूचुअल फंड में SIP यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के जरिए हर महीने एक तय रकम निवेश करके आप अपने लक्ष्य को आसानी से हासिल कर सकते हैं। SIP की सबसे खास बात यह है कि यह धीरे-धीरे आपको बड़ी रकम तक पहुंचा देती है।
SIP क्या है और कैसे करता है काम
SIP एक ऐसा तरीका है जिससे आप हर महीने म्यूचुअल फंड में एक निश्चित राशि निवेश करते हैं। यह निवेश शेयर बाजार से जुड़ा होता है इसलिए इसमें जोखिम भी होता है लेकिन साथ ही ज्यादा रिटर्न की संभावना भी होती है। बाजार गिरने पर ज्यादा यूनिट मिलती हैं और बाजार बढ़ने पर रिटर्न ज्यादा मिलता है। इसे ही रूपी कॉस्ट एवरेजिंग कहते हैं।
12 प्रतिशत रिटर्न मानकर कैसा दिखेगा गणित
मान लीजिए आपको 20 साल बाद 4 करोड़ रुपये चाहिए। इसके लिए अगर आप हर महीने ₹40,040 रुपये की SIP करते हैं और उस पर औसतन 12 प्रतिशत सालाना रिटर्न मिलता है तो आप करीब ₹4 करोड़ का फंड तैयार कर सकते हैं। इन 20 वर्षों में आपकी कुल जमा राशि ₹96 लाख के आसपास होगी जबकि ब्याज के रूप में ₹3 करोड़ से ज्यादा मिलेगा।
समय से निवेश की शुरुआत क्यों है जरूरी
Axis Mutual Fund की रिपोर्ट के अनुसार SIP की शुरुआत करियर की शुरुआत में ही कर देना एक समझदारी भरा कदम होता है। इससे कंपाउंडिंग का जादू लंबा असर दिखाता है और फंड जल्दी बढ़ता है। SIP से बाजार की चाल पर ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं पड़ती क्योंकि इसमें समय के साथ औसत लागत घटती है और फायदा बढ़ता है।
निवेश में सफलता का मंत्र – बाजार में समय बिताएं, समय को न देखें
ज्यादातर लोग सही समय की तलाश में निवेश नहीं करते। लेकिन जानकारों की मानें तो निवेश में सफलता का सबसे बड़ा राज यही है कि बाजार में जितना ज्यादा समय आप टिके रहेंगे उतना बड़ा रिटर्न मिलेगा। इसलिए अगर आप आज से ही SIP शुरू करते हैं तो 20 साल बाद एक बड़ा फंड खुद-ब-खुद तैयार हो जाएगा।
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UIDAI New Scheme: क्या आपका बच्चा भी है इन 7 करोड़ में शामिल? जानिए UIDAI की नई योजना

UIDAI New Scheme: देश में पांच साल की उम्र पूरी कर चुके सात करोड़ से अधिक बच्चों ने अब तक अपना आधार बायोमेट्रिक अपडेट नहीं कराया है। यह अपडेट आधार कार्ड की वैधता और विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ पाने के लिए बेहद जरूरी है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यानी UIDAI अब इस काम को स्कूलों के माध्यम से शुरू करने जा रहा है ताकि यह प्रक्रिया आसान और व्यापक रूप से लागू की जा सके।
45 से 60 दिनों में स्कूलों से शुरू होगा काम
UIDAI के CEO भुवनेश कुमार ने जानकारी दी कि अगले 45 से 60 दिनों में देशभर के स्कूलों में चरणबद्ध तरीके से यह प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इसके लिए तकनीक विकसित की जा रही है जिससे बच्चों के माता-पिता की सहमति के बाद स्कूल परिसर में ही बायोमेट्रिक अपडेट संभव हो सकेगा। फिलहाल इस तकनीक की टेस्टिंग चल रही है और अगले दो महीने में इसे पूरी तरह से लागू कर दिया जाएगा।
फ्री में होगा अपडेट लेकिन समय सीमा का रखें ध्यान
UIDAI के नियमों के अनुसार पांच से सात साल की उम्र के बीच बायोमेट्रिक अपडेट मुफ्त में किया जा सकता है। लेकिन अगर यह काम सात साल की उम्र के बाद किया जाता है तो इसके लिए ₹100 का शुल्क देना होगा। अगर समय रहते यह अपडेट नहीं किया गया तो संबंधित आधार नंबर को निष्क्रिय भी किया जा सकता है।
स्कूल एडमिशन और सरकारी योजनाओं के लिए जरूरी
बायोमेट्रिक अपडेट के बाद बच्चों का आधार कार्ड स्कूल एडमिशन, छात्रवृत्ति, सरकारी योजनाओं और परीक्षाओं की रजिस्ट्रेशन जैसी सेवाओं में बिना किसी रुकावट के इस्तेमाल किया जा सकेगा। यही नहीं UIDAI की योजना है कि 15 साल की उम्र में होने वाले दूसरे जरूरी बायोमेट्रिक अपडेट (MBU) को भी स्कूल और कॉलेज स्तर पर ही पूरा कराया जाए ताकि प्रक्रिया सरल हो।
ज़िले-ज़िले भेजे जाएंगे बायोमेट्रिक मशीन
इस प्रोजेक्ट के तहत UIDAI हर ज़िले में बायोमेट्रिक मशीनें भेजेगा जो रोटेशन के आधार पर विभिन्न स्कूलों में पहुंचाई जाएंगी। इसका उद्देश्य यह है कि अधिक से अधिक बच्चों को यह सुविधा मिले और उनका पहचान से जुड़ा हर काम सुचारु रूप से हो सके। इससे बच्चों को सरकारी योजनाओं का लाभ समय पर मिलेगा और उनकी पहचान की प्रक्रिया भी पारदर्शी रहेगी।
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Industrial Plot Scheme: 28 जुलाई तक मौका! ग्रेटर नोएडा में मिल रहा है सस्ता इंडस्ट्रियल प्लॉट

Industrial Plot Scheme: अगर आप ग्रेटर नोएडा में अपना उद्योग लगाने की सोच रहे हैं तो यह मौका आपके लिए किसी सुनहरे अवसर से कम नहीं है। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने अपनी इंडस्ट्रियल प्लॉट स्कीम की आखिरी तारीख को बढ़ा दिया है। पहले इसकी अंतिम तिथि 20 जून 2025 थी लेकिन अब इसे बढ़ाकर 28 जुलाई 2025 कर दिया गया है। यानी आपके पास अब भी 8 दिनों का समय है और आप इस योजना में भाग लेकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
आवेदन प्रक्रिया बेहद आसान
अथॉरिटी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इच्छुक आवेदक ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन साइनअप करके आवेदन कर सकते हैं। इसमें जरूरी दस्तावेज, प्रोसेसिंग फीस और EMD (Earnest Money Deposit) ऑनलाइन ही जमा करनी होगी। आवेदन प्रक्रिया के बाद प्लॉट की नीलामी की जाएगी। हालांकि नीलामी की तारीख अभी घोषित नहीं हुई है लेकिन आवेदन पूरे होते ही इसकी जानकारी भी जारी कर दी जाएगी।
हर आकार और ज़रूरत के लिए प्लॉट उपलब्ध
इस योजना में 450 वर्ग मीटर से लेकर 8000 वर्ग मीटर तक के प्लॉट उपलब्ध हैं। कुल 40 औद्योगिक प्लॉट इस स्कीम में शामिल किए गए हैं। ये सभी प्लॉट अलग-अलग सेक्टरों में स्थित हैं। जो लोग छोटे स्तर पर कारोबार शुरू करना चाहते हैं उनके लिए भी प्लॉट हैं और जो बड़े स्तर पर फैक्ट्री या यूनिट लगाना चाहते हैं उनके लिए भी पर्याप्त विकल्प मौजूद हैं।
कीमत भी आकर्षक और क्षेत्र के हिसाब से तय
इस योजना के तहत प्लॉट की रिजर्व प्राइस यानी न्यूनतम कीमत भी तय कर दी गई है। यह दर प्लॉट के क्षेत्रफल और स्थान के हिसाब से अलग-अलग है। न्यूनतम दर 28,600 रुपये प्रति वर्ग मीटर से शुरू होकर अधिकतम 33,910 रुपये प्रति वर्ग मीटर तक जाती है। पहली बार ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने नई औद्योगिक नीति के तहत इस प्रकार की योजना शुरू की है जिससे निवेशकों में खासा उत्साह देखा जा रहा है।
निवेश और रोजगार दोनों को मिलेगा बढ़ावा
इस योजना का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इससे इस क्षेत्र में हजारों करोड़ रुपये का निवेश आएगा और साथ ही करीब 15,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। ग्रेटर नोएडा के Ecotech-1 से लेकर Ecotech-11 तक के औद्योगिक सेक्टरों में ये प्लॉट हैं जो निवेश और विकास दोनों के लिहाज से बेहद उपयोगी हैं। यह योजना न सिर्फ उद्यमियों के लिए बल्कि क्षेत्र की अर्थव्यवस्था के लिए भी एक वरदान साबित हो सकती है।
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