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Maharashtra-Karnataka Row: पीड़िता के परिवार ने वीडियो जारी कर बस कंडक्टर के खिलाफ केस वापस लिया

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Maharashtra-Karnataka Row: पीड़िता के परिवार ने वीडियो जारी कर बस कंडक्टर के खिलाफ केस वापस लिया

Maharashtra-Karnataka Row: बस कंडक्टर हमले के मामले में एक नया मोड़ सामने आया है। जानकारी के अनुसार, जिस नाबालिग लड़की की शिकायत पर बस कंडक्टर के खिलाफ पॉक्सो (POCSO) एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था, अब उसके परिवार ने केस वापस लेने का फैसला किया है।

परिवार ने वीडियो जारी कर केस वापस लेने का निर्णय लिया

दरअसल, पीड़िता के परिवार ने कथित तौर पर एक वीडियो साझा किया है और मामले को वापस लेने का फैसला किया है। साथ ही, उन्होंने अनुरोध किया है कि इस मामले को और अधिक तूल न दिया जाए क्योंकि यह अब कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच भाषा विवाद का रूप ले चुका है।

मामले में अब तक चार गिरफ्तारियां

इस मामले में अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इन लोगों पर राज्य परिवहन निगम (MSRTC) बस के कंडक्टर पर हमला करने का आरोप है। बताया जा रहा है कि उन्होंने कंडक्टर पर इसलिए हमला किया क्योंकि उसने मराठी में जवाब नहीं दिया था। इसके बाद, लड़की ने कंडक्टर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उसने आरोप लगाया कि कंडक्टर ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया। इस शिकायत के आधार पर कंडक्टर के खिलाफ पॉक्सो (POCSO) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।

घटना के बाद बढ़ा तनाव

यह घटना शुक्रवार को महाराष्ट्र सीमा से सटे बेलगावी जिले के मुख्यालय के बाहरी इलाके में हुई थी, जिसने दोनों राज्यों के बीच तनाव बढ़ा दिया है। इस हमले के बाद, महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री प्रताप सर्णाईक ने शनिवार को कर्नाटक में राज्य परिवहन बसों के संचालन को निलंबित करने का आदेश दिया।

पीड़िता के परिवार ने जारी किया वीडियो

बढ़ते विवाद के बीच, पीड़िता की मां ने कथित तौर पर एक वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में एक महिला को यह कहते हुए देखा जा सकता है कि जब उनका बेटा और बेटी अस्पताल से इलाज कराकर बेलगावी से बालकुंद्री लौट रहे थे, तब बस टिकट को लेकर विवाद हुआ। लेकिन इस घटना को मराठी और कन्नड़ भाषा के विवाद के रूप में गलत तरीके से प्रचारित किया जा रहा है।

Maharashtra-Karnataka Row: पीड़िता के परिवार ने वीडियो जारी कर बस कंडक्टर के खिलाफ केस वापस लिया

परिवार का बयान: “हम कन्नड़ से भी प्रेम करते हैं”

महिला ने कहा कि हम कन्नड़ से भी प्रेम करते हैं, इसमें कोई भेदभाव नहीं है। इस मुद्दे को लेकर झूठा प्रचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि परिवार इस बात से परेशान है कि इस घटना ने दोनों राज्यों के बीच तनाव पैदा कर दिया है।

भाषा को लेकर दोनों राज्यों में बढ़ा तनाव

इस वीडियो में महिला ने कहा कि हमें दुख है कि इस मामले ने महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच दरार पैदा कर दी है। हमारे मन में न तो कन्नड़ के लिए कोई भेदभाव है और न ही मराठी के लिए। हम भी कन्नड़ हैं, भले ही हमारी भाषा मराठी हो सकती है। परिवार ने यह भी कहा कि उन्होंने स्वेच्छा से केस वापस लेने का फैसला किया है और सभी से अनुरोध किया कि इस मामले को आगे न बढ़ाया जाए।

परिवार ने केस वापस लेने का निर्णय लिया

महिला ने वीडियो में कहा कि हमारी बेटी के साथ अन्याय हुआ है, लेकिन परिस्थितियों को देखते हुए हम केस वापस ले रहे हैं। हम सभी से अनुरोध करते हैं कि इस मामले को अब खत्म कर दिया जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि केस वापस लेने के लिए उन पर किसी भी प्रकार का दबाव नहीं है, बल्कि वे स्वेच्छा से यह कदम उठा रहे हैं।

अधिकारियों की प्रतिक्रिया

दूसरी ओर, बस कंडक्टर के खिलाफ पॉक्सो (POCSO) अधिनियम के तहत मामला वापस लेने के सवाल पर बेलगावी के पुलिस आयुक्त इडा मार्टिन मारबानियांग ने एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा कि उन्हें मीडिया के माध्यम से वीडियो बयान मिला है, जिसमें पीड़िता के परिवार ने कहा कि वे केस वापस लेना चाहते हैं। हालांकि, उन्होंने अभी तक पुलिस से इस बारे में संपर्क नहीं किया है।

उन्होंने आगे कहा कि सबसे पहले पीड़िता के परिवार को आधिकारिक रूप से पुलिस स्टेशन में अपना बयान दर्ज कराना होगा। मामला बंद करने की कुछ प्रक्रियाएँ पूरी करनी होती हैं, और यह प्रक्रिया तभी पूरी होगी जब उनका बयान आधिकारिक रूप से दर्ज किया जाएगा।

इस पूरे मामले ने महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच भाषा विवाद को बढ़ा दिया था, लेकिन पीड़िता के परिवार के इस नए बयान से मामला कुछ हद तक शांत हो सकता है। हालांकि, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पुलिस और प्रशासन इस मामले में आगे क्या कदम उठाते हैं और क्या वास्तव में केस वापस लिया जाता है या नहीं।

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Angel Chakma case में CM धामी ने कहा, दोषियों को राज्य सरकार देगी सख्त सजा

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Angel Chakma case में CM धामी ने कहा, दोषियों को राज्य सरकार देगी सख्त सजा

Angel Chakma case: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को त्रिपुरा की छात्रा एंजल चक्मा के पिता तरुण चक्मा से फोन पर बात की। इस दौरान उन्होंने छात्रा की हत्या पर गहरी संवेदना व्यक्त की और परिवार को सांत्वना दी। मुख्यमंत्री धामी ने तरुण चक्मा को जानकारी दी कि इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि एक अन्य आरोपी नेपाल भागने की संभावना है। उसकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास जारी हैं और उसकी सूचना देने पर इनाम की घोषणा भी की गई है।

दोषियों को मिलेगी सख्त सजा

सीएम धामी ने कहा कि वह इस घटना से व्यक्तिगत रूप से दुखी हैं और परिवार के दर्द को समझते हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि उत्तराखंड सरकार दोषियों को कठोर सजा दिलाने के लिए हर संभव कदम उठाएगी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस प्रकार की घटनाओं में कानून के अनुसार त्वरित और कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।

Angel Chakma case में CM धामी ने कहा, दोषियों को राज्य सरकार देगी सख्त सजा

घटना से हुआ देशव्यापी शोक

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में इस प्रकार का माहौल पहले कभी देखने को नहीं मिला। देश-विदेश से छात्र यहां पढ़ाई के लिए आते हैं, इसलिए यह घटना हम सभी के लिए दुखद है। उन्होंने बताया कि सरकार ऐसी घटनाओं को गंभीरता से लेती है और भविष्य में छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त उपाय किए जाएंगे। सीएम धामी ने कहा कि पूरे राज्य में शांति बनाए रखना और न्याय सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता है।

केंद्र और त्रिपुरा सरकार के साथ की गई चर्चा

सीएम धामी ने बताया कि घटना के बाद उन्होंने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी बातचीत की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पूरी तरह पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है। इसके अलावा, उन्होंने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री से भी परिवार को सहायता प्रदान करने के लिए चर्चा करने का निर्णय लिया। उत्तराखंड सरकार परिवार को हर संभव मदद उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि उन्हें न्याय और आवश्यक सहयोग मिल सके।

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PM Modi ने बच्चों, युवाओं और स्वदेशी उत्पादों के प्रति देशवासियों की भागीदारी पर दिया जोर

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PM Modi ने बच्चों, युवाओं और स्वदेशी उत्पादों के प्रति देशवासियों की भागीदारी पर दिया जोर

PM Modi ने ‘मन की बात’ के 129वें संस्करण में देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि 2025 का वर्ष हर भारतीय के लिए गर्व का प्रतीक बनकर उभरा। उन्होंने कहा, “इस वर्ष ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने हर भारतीय के लिए गर्व का प्रतीक बनकर सामने आया। पूरी दुनिया ने देखा कि आज का भारत अपनी सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं करता। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान मातृभूमि के प्रति स्नेह और भक्ति की तस्वीरें दुनिया के हर कोने से सामने आईं। यही भावना तब भी दिखी जब ‘वंदे मातरम’ को 150 साल पूरे हुए।” पीएम मोदी ने कहा कि 2025 ने हमें कई ऐसे क्षण दिए, जिनसे हर भारतीय गौरवान्वित महसूस कर रहा है। राष्ट्रीय सुरक्षा, खेल, विज्ञान प्रयोगशालाओं और वैश्विक मंचों से लेकर अंतरिक्ष क्षेत्र तक, भारत ने हर जगह अपनी मजबूत छाप छोड़ी। शिभांशु शुक्ला पहले भारतीय बने जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक यात्रा की।

विश्वस्तरीय आयोजनों और सांस्कृतिक गौरव का वर्ष

PM Modi ने कहा कि 2025 में श्रद्धा, संस्कृति और भारत की अनोखी धरोहर को पूरी दुनिया ने देखा। उन्होंने वर्ष की शुरुआत में प्रयागराज महाकुंभ के आयोजन का जिक्र किया, जिसने पूरे विश्व को आश्चर्यचकित कर दिया। वर्ष के अंत में अयोध्या में राम मंदिर में ध्वजारोहण समारोह ने हर भारतीय के हृदय में गर्व भर दिया। पीएम मोदी ने यह भी बताया कि देशवासियों ने स्वदेशी उत्पादों के प्रति उत्साह दिखाया और केवल भारतीय हाथों की मेहनत से बने उत्पाद ही खरीदे। उन्होंने कहा कि 2025 ने भारत को आत्मविश्वास और नई ऊर्जा प्रदान की है। इसके अलावा, पर्यावरण संरक्षण और वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण पहल की गईं, जैसे कि देश में चीते की संख्या अब 30 से अधिक हो गई है।

शिक्षा और सांस्कृतिक पहल में नवाचार

PM Modi ने विदेशों में रहने वाले कन्नड़ परिवारों के अनुभव को साझा करते हुए बताया कि बच्चों का तकनीकी क्षेत्र में विकास हो रहा है, लेकिन क्या वे अपनी भाषा से दूर तो नहीं जा रहे? इसी विचार से ‘कन्नड़ पाठशाला’ की शुरुआत हुई। इस पहल में बच्चों को कन्नड़ पढ़ने, सीखने, लिखने और बोलने की शिक्षा दी जाती है। IISc में स्थित गीतांजलि कक्ष न केवल एक कक्षा है, बल्कि पूरे कैंपस का सांस्कृतिक केंद्र बन गया है। यहां हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत, लोक परंपराएं और शास्त्रीय विधाओं का अभ्यास किया जाता है। छात्र और प्रोफेसर एक साथ बैठकर अभ्यास करते हैं, और परिवार भी इसमें शामिल होते हैं।

युवा प्रतिभाओं और सामाजिक योगदान के उदाहरण

प्रधानमंत्री ने मणिपुर के एक युवा मोइरांगथेम सेठ का उदाहरण दिया, जिन्होंने स्मार्ट इंडिया हैकथॉन 2025 में 270 से अधिक समस्याओं के समाधान में अपनी प्रतिभा दिखाई। मोइरांगथेम ने बिजली की समस्या वाले एक दूरस्थ क्षेत्र में स्थानीय समाधान खोजा और इसे सौर ऊर्जा से हल किया। पीएम मोदी ने बताया कि जनवरी 2026 में ओड़िशा की पार्वती गिरी की जन्मशताब्दी मनाई जाएगी। 16 वर्ष की आयु में उन्होंने ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ में भाग लिया। स्वतंत्रता संग्राम के बाद, उन्होंने अपना जीवन सामाजिक सेवा और जनजातीय कल्याण के लिए समर्पित किया और कई अनाथालय स्थापित किए। उनकी प्रेरक जीवनगाथा हर पीढ़ी को मार्गदर्शन देती रहेगी।

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Illegal liquor case: पुणे पुलिस ने ड्रग्स और नशे के खिलाफ तेज़ कार्रवाई, अवैध नेटवर्क का पता लगाने में जुटी

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Illegal liquor case: पुणे पुलिस ने ड्रग्स और नशे के खिलाफ तेज़ कार्रवाई, अवैध नेटवर्क का पता लगाने में जुटी

Illegal liquor case: पुलिस ने अवैध शराब के कारोबार से जुड़े एक गंभीर मामले में तीन लोगों के खिलाफ नामजद शिकायत दर्ज की है। भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत दर्ज की गई इस FIR में आरोपियों की पहचान अमर कौर, दिलदार सिंह और देवश्री जुन्नी सिंह के रूप में की गई है। यह मामला तब सामने आया जब स्थानीय प्रशासन को अवैध शराब के वितरण और बिक्री के बारे में सूचना मिली। पुलिस का कहना है कि ये तीनों आरोपी इस अवैध कारोबार के मुख्य कड़ी के रूप में शामिल हैं।

आरोपियों की जांच और नेटवर्क का खुलासा

पुलिस ने बताया कि यह सिर्फ एक मामूली अवैध बिक्री का मामला नहीं है। शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि अमर कौर, दिलदार सिंह और देवश्री जुन्नी सिंह का एक बड़ा नेटवर्क काम कर रहा था, जिसमें अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं। अब पुलिस इस पूरे नेटवर्क का पता लगाने की कोशिश कर रही है, ताकि न केवल आरोपियों को पकड़ा जा सके, बल्कि अवैध शराब की सप्लाई चेन को पूरी तरह से समाप्त किया जा सके। जांच के दौरान पुलिस ने कई दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य भी जब्त किए हैं, जो इस काले धंधे को उजागर करने में मदद करेंगे।

‘ऑपरेशन क्लीन’ का असर

पुलिस ने बताया कि इस कार्रवाई का हिस्सा ‘ऑपरेशन क्लीन’ है, जो ड्रग्स और नशे के खिलाफ शुरू किया गया है। इस ऑपरेशन का मकसद केवल अवैध शराब ही नहीं बल्कि पूरे नशे और मादक पदार्थों के कारोबार को रोकना है। इससे पहले पुणे पुलिस ने इसी अभियान के तहत 3.45 करोड़ रुपये मूल्य के ड्रग्स बरामद किए थे। ऑपरेशन क्लीन के तहत पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है और अपराधियों की गिरफ्तारी में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।

कानून व्यवस्था मजबूत करने की पहल

पुलिस का कहना है कि इस तरह की कार्रवाई राज्य में कानून और व्यवस्था बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अवैध शराब और ड्रग्स की बिक्री न केवल समाज में अपराध को बढ़ाती है, बल्कि युवाओं और कमजोर वर्ग के लोगों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए भी खतरा बनती है। पुलिस अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि वे ऐसे अवैध कारोबार की सूचना तुरंत दें, ताकि इसे जल्द से जल्द खत्म किया जा सके। ऑपरेशन क्लीन और FIR दर्ज करने जैसी कार्रवाईयों से यह संदेश भी जाता है कि कानून को हाथ में लेने वाले किसी को भी माफ नहीं किया जाएगा।

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