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itel Unicorn Max smartwatch भारत में लॉन्च, 1.43-इंच AMOLED डिस्प्ले और Bluetooth कॉलिंग के साथ मिलेगी 1000 निट्स ब्राइटनेस

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itel Unicorn Max smartwatch भारत में लॉन्च, 1.43-इंच AMOLED डिस्प्ले और Bluetooth कॉलिंग के साथ मिलेगी 1000 निट्स ब्राइटनेस

itel Unicorn Max smartwatch:  स्मार्टफोन निर्माता कंपनी itel ने भारत में अपनी नई स्मार्टवॉच Unicorn Max को लॉन्च कर दिया है। इस स्मार्टवॉच में 1.43-इंच की सर्कुलर AMOLED डिस्प्ले दी गई है, जिसकी ब्राइटनेस 1,000 निट्स तक है। यह डिवाइस Bluetooth कॉलिंग सपोर्ट के साथ आती है और इसमें हार्ट रेट, ब्लड ऑक्सीजन लेवल (SpO2) और स्लीप मॉनिटरिंग जैसे कई हेल्थ फीचर्स दिए गए हैं।

Unicorn Max की खास बातें:

  • डिस्प्ले: 1.43-इंच AMOLED स्क्रीन, 60Hz रिफ्रेश रेट
  • चमक: 1,000 निट्स ब्राइटनेस
  • प्रोसेसर: डुअल-कोर चिपसेट
  • कनेक्टिविटी: Bluetooth कॉलिंग सपोर्ट
  • हेल्थ फीचर्स: हार्ट रेट मॉनिटर, ब्लड ऑक्सीजन ट्रैकर, स्लीप ट्रैकिंग
  • बैटरी बैकअप: लंबी बैटरी लाइफ का दावा

itel Unicorn Max की कीमत और उपलब्धता

itel Unicorn Max स्मार्टवॉच की कीमत 1,999 रुपये रखी गई है। यह स्मार्टवॉच 22 मार्च से भारत में बिक्री के लिए उपलब्ध होगी। ग्राहक इसे अमेज़न (Amazon) से एक्सक्लूसिव रूप से खरीद सकेंगे। यह स्मार्टवॉच तीन रंगों में आती है:

  • Aluminum Silver
  • Copper Gold
  • Meteorite

डिस्प्ले और डिजाइन में है दमदार फीचर्स

itel Unicorn Max में 1.43-इंच की सर्कुलर AMOLED डिस्प्ले दी गई है, जिसका रेजोल्यूशन 466 x 466 पिक्सल है। इस डिस्प्ले का रिफ्रेश रेट 60Hz है, जो स्क्रॉलिंग को स्मूथ बनाता है। स्मार्टवॉच में 1,000 निट्स ब्राइटनेस मिलती है, जिससे तेज धूप में भी स्क्रीन पर कंटेंट को आसानी से देखा जा सकता है।

itel Unicorn Max smartwatch भारत में लॉन्च, 1.43-इंच AMOLED डिस्प्ले और Bluetooth कॉलिंग के साथ मिलेगी 1000 निट्स ब्राइटनेस

डिवाइस का फ्रेम स्टेनलेस स्टील मेटल से बना है, जिससे यह प्रीमियम लुक देता है। इसके साथ ही इसमें सैफायर क्रिस्टल ग्लास पैनल का इस्तेमाल किया गया है, जो स्क्रैच रेजिस्टेंस देता है। इसमें तीन फिजिकल बटन दिए गए हैं, जिनमें से एक डायनामिक क्राउन है, जिससे वॉच को नेविगेट किया जा सकता है।

Bluetooth कॉलिंग और स्पोर्ट्स मोड का सपोर्ट

itel Unicorn Max में Bluetooth कॉलिंग का सपोर्ट दिया गया है, जिससे यूजर्स वॉच से सीधे कॉल कर सकते हैं या रिसीव कर सकते हैं। इसमें इन-बिल्ट माइक और स्पीकर दिया गया है, जिससे साफ आवाज मिलती है।

यह स्मार्टवॉच 200 से ज्यादा वॉच फेसेस को सपोर्ट करती है, जिससे यूजर्स अपनी पसंद के हिसाब से थीम सेट कर सकते हैं। इसके अलावा, इसमें 100+ प्रीसेट स्पोर्ट्स मोड मिलते हैं, जैसे कि रनिंग, वॉकिंग, साइक्लिंग, स्विमिंग और योगा आदि।

हेल्थ ट्रैकिंग फीचर्स

यह वॉच एक कंप्रीहेंसिव हेल्थ सुइट के साथ आती है, जिसमें कई महत्वपूर्ण हेल्थ ट्रैकिंग फीचर्स दिए गए हैं:
✅ हार्ट रेट मॉनिटर: पूरे दिन हार्ट रेट को ट्रैक करता है और असामान्य गतिविधि पर अलर्ट भेजता है।
✅ ब्लड ऑक्सीजन लेवल (SpO2): शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा की निगरानी करता है।
✅ स्लीप ट्रैकिंग: सोने के पैटर्न और गुणवत्ता को ट्रैक करता है।
✅ स्ट्रेस और ब्रिदिंग एक्सरसाइज गाइड: स्ट्रेस को कम करने के लिए ब्रिदिंग एक्सरसाइज का गाइड देता है।
✅ सेडेंटरी रिमाइंडर: लंबे समय तक बैठे रहने पर अलर्ट करता है।

iPulse ऐप से होगा स्मार्ट कंट्रोल

itel Unicorn Max स्मार्टवॉच को iPulse ऐप के जरिए कंट्रोल किया जा सकता है। यह ऐप Android और iOS दोनों डिवाइस को सपोर्ट करता है। iPulse ऐप के माध्यम से यूजर्स वॉच फेस बदल सकते हैं, फिटनेस डेटा को ट्रैक कर सकते हैं और नोटिफिकेशन सेट कर सकते हैं।

कैमरा कंट्रोल और Quick Message फीचर

इस वॉच में एक खास फीचर दिया गया है, जिससे आप अपने स्मार्टफोन का कैमरा रिमोटली कंट्रोल कर सकते हैं। वॉच के माध्यम से कैमरे का शटर बटन दबाकर तस्वीर क्लिक कर सकते हैं।

साथ ही इसमें Quick Message रिप्लाई फीचर है, जिससे आप कॉल या मैसेज का तुरंत जवाब दे सकते हैं।

itel जल्द ही लॉन्च करेगा सस्ता 5G फोन

itel सिर्फ स्मार्टवॉच तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि जल्द ही एक सस्ता 5G स्मार्टफोन भी लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस फोन में 120Hz रिफ्रेश रेट और कई AI बेस्ड फीचर्स मिल सकते हैं। यह फोन बजट सेगमेंट में पेश किया जाएगा, जिससे ग्राहकों को किफायती दाम पर 5G टेक्नोलॉजी का लाभ मिलेगा।

itel Unicorn Max स्मार्टवॉच अपने प्रीमियम डिजाइन, AMOLED डिस्प्ले, Bluetooth कॉलिंग और हेल्थ ट्रैकिंग फीचर्स के साथ एक शानदार विकल्प बनकर उभरी है। ₹1,999 की कीमत में यह वॉच काफी दमदार फीचर्स ऑफर करती है। अगर आप एक बजट फ्रेंडली स्मार्टवॉच की तलाश में हैं, तो यह आपके लिए एक बेहतर विकल्प हो सकती है।

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AC (Air Conditioner): क्या आप जानते हैं कि एसी का टन क्या होता है और इसका कूलिंग से क्या संबंध है?

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AC (Air Conditioner): क्या आप जानते हैं कि एसी का टन क्या होता है और इसका कूलिंग से क्या संबंध है?

AC (Air Conditioner): गर्मी का मौसम आ चुका है और इससे राहत पाने के लिए एसी और कूलर चलने लगे हैं। मार्च और अप्रैल के महीनों में कूलर और पंखे काम करते थे लेकिन जैसे-जैसे मई और जून का महीना आता है एसी ही सही विकल्प बनता है। मई अभी कुछ दिन दूर है लेकिन अप्रैल में ही पारा 40 डिग्री तक पहुंचने लगा है। इसलिए एसी अब हर घर और ऑफिस में चलने लगे हैं।

एसी में ‘टन’ का क्या मतलब है?

जब भी एसी की बात होती है तो यह सवाल जरूर आता है कि आपके घर में कितने टन का एसी है या आप किस टन का एसी खरीद रहे हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि एसी का वजन बहुत हल्का होता है तो टन का क्या मतलब है? यह जानकर आपको हैरानी हो सकती है कि टन का संबंध एसी के वजन से नहीं बल्कि उसकी कूलिंग क्षमता से है।

टन का मतलब कूलिंग क्षमता है

जब आप नया एसी खरीदने जाते हैं तो टन का एक अहम रोल होता है। दरअसल टन से मतलब कूलिंग क्षमता से है। जैसे-जैसे एसी का टन बढ़ेगा वैसे-वैसे एसी की कूलिंग क्षमता भी बढ़ेगी। इसलिए एसी खरीदते समय टन की सही जानकारी होना जरूरी है ताकि आप अपने कमरे के आकार के हिसाब से सही एसी चुन सकें।

AC (Air Conditioner): क्या आप जानते हैं कि एसी का टन क्या होता है और इसका कूलिंग से क्या संबंध है?

टन से कूलिंग क्षमता का फर्क

एसी में 1 टन का मतलब है कि वह एसी 1 टन बर्फ के बराबर ठंडक देता है। अगर आप छोटे कमरे के लिए एसी ले रहे हैं तो 1 टन या उससे कम की कूलिंग क्षमता वाला एसी ले सकते हैं। लेकिन अगर आपको बड़े हॉल या बड़े बेडरूम के लिए एसी चाहिए तो 1.5 टन या 2 टन का एसी लेना बेहतर रहेगा। टन जितना ज्यादा होगा कूलिंग क्षमता उतनी ही बेहतर होगी।

टन का असर एसी की कूलिंग पर

अब आपको यह जानना चाहिए कि 1 टन एसी एक घंटे में 12,000 ब्रिटिश थर्मल यूनिट (BTU) हीट हटाता है। इसी तरह 1.5 टन एसी 18,000 BTU हीट हटाता है और 2 टन एसी 24,000 BTU हीट हटाता है। इस हिसाब से आपको यह समझ में आ गया होगा कि टन जितना ज्यादा होगा कूलिंग उतनी ही बेहतर होगी।

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TRAI: अब नहीं सहनी पड़ेगी खराब नेटवर्क की परेशानी सीधे TRAI से करें शिकायत

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TRAI: अब नहीं सहनी पड़ेगी खराब नेटवर्क की परेशानी सीधे TRAI से करें शिकायत

TRAI ने देश के करोड़ों मोबाइल यूजर्स को एक बड़ी राहत दी है। अब अगर आपको एयरटेल जियो वोडाफोन आइडिया या बीएसएनएल जैसी किसी भी कंपनी की सेवा से शिकायत है तो आप सीधे TRAI से शिकायत कर सकते हैं। इसके लिए TRAI ने एक सेंट्रल ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया है।

TCCMS पोर्टल का लॉन्च

TRAI ने इस पोर्टल को TCCMS यानी टेलीकॉम कंज्यूमर कंप्लेंट मॉनिटरिंग सिस्टम नाम दिया है। इस पोर्टल की मदद से अब ग्राहकों को शिकायत करने के लिए सर्विस प्रोवाइडर का नंबर गूगल करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यूजर्स मोबाइल ही नहीं ब्रॉडबैंड सेवा देने वाली कंपनियों की भी शिकायत इसी पोर्टल से कर सकते हैं।

शिकायत करने की आसान प्रक्रिया

शिकायत करने के लिए आपको TRAI की वेबसाइट https://tccms.trai.gov.in/Queries.aspx?cid=1 पर जाना होगा। वहां अपनी टेलीकॉम या इंटरनेट सेवा प्रदाता कंपनी को चुनना होगा। फिर अपना राज्य और ज़िला सेलेक्ट करें जहां आप सेवा का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके बाद उस इलाके के लिए उपलब्ध हेल्पलाइन नंबर दिखेगा जिस पर आप अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

अब एक जगह मिलेगा सभी कंपनियों का हेल्पलाइन नंबर

अक्सर यूजर्स को सही हेल्पलाइन नंबर नहीं मिल पाता था जिससे उनकी शिकायत अधूरी रह जाती थी। अब इस नए पोर्टल से सभी कंपनियों का हेल्पलाइन नंबर एक ही जगह पर मिल जाएगा। इससे शिकायत दर्ज कराना बहुत आसान हो जाएगा और ग्राहक को कंपनी के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।

सेवा की गुणवत्ता पर लगातार नजर

TRAI और टेलीकॉम विभाग पिछले साल से सेवा की गुणवत्ता को लेकर सख्त रुख अपना रहे हैं। स्पैम कॉल और फर्जी मार्केटिंग से बचाव के लिए पिछले साल DLT सिस्टम लागू किया गया है। जो कंपनियां इस सिस्टम का पालन नहीं करतीं उन पर भारी जुर्माना और लाइसेंस रद्द करने तक की कार्रवाई हो सकती है।

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IISc: 2D मटेरियल से बनी चिप्स! IISc की नई तकनीक, जो भारत को सेमीकंडक्टर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगी

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IISc: 2D मटेरियल से बनी चिप्स! IISc की नई तकनीक, जो भारत को सेमीकंडक्टर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगी

IISc : भारतीय विज्ञान संस्थान यानी IISc के 30 वैज्ञानिकों ने कमाल कर दिया है। उन्होंने एक ऐसी चिप पर काम किया है जो अब तक की सबसे छोटी सिलिकॉन चिप से भी 10 गुना छोटी होगी। इस चिप की तकनीक को एंगस्ट्रॉम स्केल कहा जा रहा है। वैज्ञानिकों ने इसकी एक डिटेल रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। इस रिपोर्ट में एक नया सेमीकंडक्टर मटेरियल इस्तेमाल करने का प्रस्ताव भी दिया गया है। यह मटेरियल 2D मटेरियल कहलाएगा जो तकनीक की दुनिया में क्रांति ला सकता है।

सिलिकॉन चिप को देगा टक्कर

फिलहाल अमेरिका जापान साउथ कोरिया और ताइवान जैसे देश सिलिकॉन चिप तकनीक में आगे हैं। उनके द्वारा बनाई गई चिप्स दुनिया के लगभग सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस में इस्तेमाल होती हैं। लेकिन अब भारत इस दौड़ में तेजी से कदम रख रहा है। IISc की टीम ने सबसे पहले अप्रैल 2022 में अपनी रिपोर्ट सरकार को दी थी और फिर अक्टूबर 2024 में इसे संशोधित कर दोबारा प्रस्तुत किया गया। इस रिपोर्ट को अब IT मंत्रालय यानी MeitY के पास भेजा गया है।

IISc: 2D मटेरियल से बनी चिप्स! IISc की नई तकनीक, जो भारत को सेमीकंडक्टर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगी

क्या है 2D मटेरियल की खासियत

इस चिप में इस्तेमाल होने वाले 2D मटेरियल जैसे ग्रेफीन और ट्रांजिशन मेटल डाइक्ल्कोजेनाइड्स तकनीक को एंगस्ट्रॉम स्केल तक ले जा सकते हैं। मौजूदा समय में चिप बनाने की जो तकनीक है वह नैनोमीटर स्केल पर है लेकिन यह नई तकनीक उससे भी कई गुना पतली होगी। यह चिप्स न सिर्फ साइज में छोटी होंगी बल्कि ज्यादा तेज और शक्तिशाली भी हो सकती हैं। इस तकनीक की मदद से भारत इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर क्षेत्र में बड़ी छलांग लगा सकता है।

सरकार कर रही है गंभीर विचार

MeitY के सूत्रों के मुताबिक इस प्रोजेक्ट पर विचार हो रहा है और IT मंत्रालय का रवैया इस प्रस्ताव के प्रति काफी सकारात्मक है। हाल ही में इस विषय पर मंत्रालय के सचिव और प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर के साथ बैठकें भी हो चुकी हैं। सरकार अब इस तकनीक को इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में उपयोग करने की दिशा में सोच रही है। अगर यह तकनीक मंजूर होती है तो भारत खुद के सेमीकंडक्टर चिप्स बना सकेगा।

सेमीकंडक्टर में आत्मनिर्भरता की ओर

फिलहाल भारत सेमीकंडक्टर के लिए विदेशी कंपनियों पर निर्भर है। लेकिन यह तकनीक भारत को इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना सकती है। यह तकनीक न सिर्फ आर्थिक दृष्टि से बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से भी अहम मानी जा रही है। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स भारत में सबसे बड़ा सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट चला रहा है जिसकी लागत 91 हजार करोड़ रुपये है। इसके लिए टाटा ने ताइवान की TSMC कंपनी से साझेदारी की है। लेकिन IISc की यह तकनीक भारत को तकनीकी स्वतंत्रता की ओर ले जा सकती है।

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