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Is imposing tariffs on Chinese imports a good idea? | Explained

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Is imposing tariffs on Chinese imports a good idea? | Explained
प्रतिनिधि प्रयोजनों के लिए.

प्रतिनिधि प्रयोजनों के लिए. | फोटो साभार: iStockphoto

अब तक कहानी: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन के साथ अमेरिका के भारी व्यापार घाटे को ठीक करने के लिए चीनी आयात पर 60% तक टैरिफ लगाने का वादा किया है और साथ ही चीन को अपने घरेलू सब्सिडी को कम करने के लिए एक दंडात्मक उपाय के रूप में भी वादा किया है। उत्पादन, जो स्थानीय रूप से उत्पादित अमेरिकी सामानों की तुलना में चीनी सामानों को अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए सस्ता और आकर्षक बनाता है। उन्होंने यूरोपीय संघ से आयात पर 10 फीसदी आयात शुल्क लगाने की भी धमकी दी है.

क्या होगा असर?

अमेरिका द्वारा टैरिफ लगाने से अमेरिकी बाजारों में ऐसे उत्पादों की घरेलू कीमत बढ़ जाएगी। यदि टैरिफ बोर्ड भर में हैं और अमेरिका में बेची जाने वाली उपभोक्ता वस्तुओं के एक बड़े हिस्से को कवर करते हैं, तो इससे घरेलू मुद्रास्फीति में वृद्धि होगी। हालाँकि, अगर यह अमेरिका के समग्र व्यापार घाटे को कम करने में मदद करता है, तो इससे अमेरिकी डॉलर के मूल्य में सुधार हो सकता है और घरेलू मुद्रास्फीति में कमी आ सकती है। यदि टैरिफ खपत को चीनी वस्तुओं और अन्य आयातित वस्तुओं से दूर कर देता है, तो इससे घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और उपभोक्ता वस्तुओं की घरेलू आपूर्ति में वृद्धि होगी और मुद्रास्फीति को कम करने में मदद मिलेगी।

हालाँकि, यदि चीन और अन्य देश, जिन्हें अमेरिकी टैरिफ से खतरा है, अमेरिकी वस्तुओं पर अपने स्वयं के उचित टैरिफ के साथ प्रतिक्रिया करते हैं, तो वैश्विक व्यापार युद्धों का एक और दौर शुरू हो जाता है, अमेरिका और उसके प्रमुख देशों के बीच व्यापार संतुलन पर कार्रवाई का अपेक्षित नीतिगत प्रभाव पड़ेगा। व्यापारिक साझेदार वांछित सीमा तक सफल नहीं हो सकते।

इसके विपरीत, इसका वैश्विक कमोडिटी कीमतों पर कमजोर प्रभाव पड़ सकता है और अधिकांश देशों में मुद्रास्फीति खराब हो सकती है।

इसका भौतिक अनुवाद कैसे होगा?

निम्नलिखित काल्पनिक उदाहरण पर विचार करें: मान लें कि चीन में एक शर्ट की कीमत 724 चीनी युआन है और अमेरिकी बाजार में इसे $100 में बेचा जाता है, जो वर्तमान अमेरिकी डॉलर-चीनी युआन विनिमय दर $1:CN¥7.24 पर आधारित है। आइए हम यह भी मान लें कि वही शर्ट अमेरिकी निर्माताओं द्वारा घरेलू स्तर पर $105 या 760.2 चीनी युआन में आपूर्ति की जा सकती है। चूंकि उनकी कीमत बहुत अधिक है, चीनी उत्पादकों ने अमेरिकी बाजार पर कब्जा कर लिया और अमेरिका में एक शर्ट की घरेलू कीमत 100 डॉलर निर्धारित कर दी। इस कीमत पर, अमेरिकी उत्पादक अमेरिकी बाजारों में आपूर्ति में चीनी उत्पादकों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में असमर्थ हैं।

अब यदि अमेरिका अपनी अमेरिका फर्स्ट नीति के तहत आयातित चीनी शर्ट पर 10% आयात शुल्क लगाता है, तो उपरोक्त डॉलर-युआन विनिमय दर के आधार पर, अमेरिकी बाजार में एक शर्ट की कीमत बढ़कर 110 डॉलर या 796.4 चीनी युआन हो जाएगी। . प्रति शर्ट 796.4 युआन पर, चीनी आयात अब अमेरिकी खरीदारों के लिए आकर्षक नहीं है। अमेरिकी उत्पादक खुश हैं क्योंकि उन्हें 5 डॉलर का लाभ होता है क्योंकि एक शर्ट के उत्पादन की उनकी लागत 105 डॉलर है जबकि अमेरिकी बाजार में टैरिफ-समावेशी कीमत 110 डॉलर है। चीनी निर्यातकों को अपने निर्यात पर 10% आयात शुल्क वहन करना होगा, जो चीनी मुद्रा में प्रचलित डॉलर-युआन विनिमय दर पर 72.4 युआन के बराबर है। यदि चीनी सरकार अपने कपड़ा निर्यातकों को समर्थन देने का निर्णय लेती है, तो वह निम्नलिखित नीतिगत उपायों में से किसी एक को अपना सकती है: प्रति शर्ट 72.4 युआन की राज्य सब्सिडी प्रदान करना; युआन का 10% अवमूल्यन करें; या अपने सेंट्रल बैंक की ब्याज दर को कम करें और अर्थव्यवस्था में प्रोत्साहन खर्च बढ़ाएं, ताकि डॉलर-युआन विनिमय दर 10% घटकर $1 के बराबर 7.964 युआन तक पहुंच जाए।

इस विनिमय दर पर, चीनी परिधान निर्यातकों को प्रति शर्ट 796.4 चीनी युआन प्राप्त होंगे, वे 72.4 चीनी युआन के अमेरिकी आयात कर का भुगतान करेंगे और अपनी निर्यात आय के रूप में प्रति शर्ट 724 चीनी युआन अपने पास रखेंगे, जो कि 10% आयात से पहले उन्हें प्रति शर्ट मिलती थी। टैरिफ. चीनी अर्थव्यवस्था के लिए जोखिम मुद्रा के अवमूल्यन या अवमूल्यन के कारण उसकी घरेलू मुद्रास्फीति दर में वृद्धि के रूप में हो सकता है। लेकिन अगर ये नीतिगत हस्तक्षेप घरेलू उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा देने में मदद करते हैं, तो जीडीपी वृद्धि में वृद्धि से जोखिम की भरपाई हो सकती है।

भगवान दास लोयोला कॉलेज, चेन्नई में अर्थशास्त्र के पूर्व प्रमुख और एसोसिएट प्रोफेसर हैं।

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Share Market: सुबह गिरावट के बावजूद दोपहर तक शेयर बाजार ने सुधार दिखाकर हरियाली में कारोबार किया

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Share Market: सुबह गिरावट के बावजूद दोपहर तक शेयर बाजार ने सुधार दिखाकर हरियाली में कारोबार किया

Share Market: मंगलवार, 11 नवंबर को भारतीय शेयर बाजार में बड़ी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। दिन की शुरुआत दोनों प्रमुख सूचकांकों बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी 50 के साथ हरे निशान में हुई। शुरुआती दौर में बाजार में मजबूती दिखी लेकिन यह तेजी ज्यादा देर तक टिक नहीं सकी। सुबह के सत्र में बाजार लाल निशान में आ गया और कारोबार दबाव में रहा।

सुबह लगभग 10:45 बजे सेंसेक्स 83,136.74 के स्तर पर था जो 398.61 अंक या 0.48 प्रतिशत नीचे था। वहीं निफ्टी 50 भी 119.65 अंक यानी 0.47 प्रतिशत गिरकर 25,454.70 पर आ गया था। इस दौरान बाजार में गिरावट का प्रमुख कारण विदेशी निवेशकों की बिकवाली, बाजार में नकदी की कमी और वैश्विक कमजोर संकेत माने जा रहे थे।

दिन के अंत में बाजार में हुई सुधार की लहर

हालांकि, दिन के अंत तक बाजार में सुधार देखने को मिला। लगभग 3 बजे के आस-पास दोनों सूचकांक फिर से हरे निशान में कारोबार कर रहे थे। बीएसई सेंसेक्स 83,852.54 के स्तर पर पहुंच गया जो 317.19 अंक या 0.38 प्रतिशत की बढ़त दर्शाता है। वहीं एनएसई निफ्टी 50 भी 25,689.85 के स्तर पर था जो 115.50 अंक यानी 0.45 प्रतिशत की तेजी थी।

बीएसई की कुल 30 कंपनियों में से 25 कंपनियों के शेयर हरे निशान में थे जबकि 5 कंपनियों के शेयरों में गिरावट रही। सबसे ज्यादा लाभ कमाने वाली कंपनियों में महिंद्रा एंड महिंद्रा, अदानी पोर्ट्स, एटरनल और सन फार्मा शामिल थीं। वहीं बाजाज फिनसर्व और पावरग्रिड जैसे शेयर बाजार में नुकसान में रहे।

Share Market: सुबह गिरावट के बावजूद दोपहर तक शेयर बाजार ने सुधार दिखाकर हरियाली में कारोबार किया

बाजार में गिरावट के पीछे के कारण

विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार में गिरावट के पीछे सबसे बड़ा कारण विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) द्वारा लगातार बिकवाली थी। इसके अलावा बाजार में नकदी की कमी, बढ़ती अस्थिरता और कमजोर वैश्विक संकेत भी बाजार के दबाव में रहने के प्रमुख कारण थे। सोमवार को विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से कुल ₹4,114.85 करोड़ की निकासी की।

मंगलवार को भारत विक्स (India VIX) सूचकांक में भी लगभग 5 प्रतिशत की तेजी आई और यह 12.90 अंक तक पहुंच गया। भारत विक्स बाजार की अस्थिरता को दर्शाता है और इसकी बढ़ोतरी से पता चलता है कि निवेशकों के बीच अनिश्चितता बढ़ी है। साथ ही वैश्विक स्तर पर बनी राजनीतिक-आर्थिक अस्थिरता भी भारतीय बाजार को प्रभावित कर रही है।

भविष्य के लिए क्या संकेत दे रहा है बाजार

हालांकि मंगलवार को दिन के अंत में बाजार में सुधार देखने को मिला, लेकिन विदेशी निवेशकों की बिकवाली और वैश्विक अनिश्चितताएं अभी भी बाजार के लिए चुनौती बनी हुई हैं। निवेशकों को बाजार के उतार-चढ़ाव के लिए सतर्क रहने और अपनी निवेश रणनीति में समझदारी से फैसले लेने की जरूरत है।

विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि मौजूदा वैश्विक और घरेलू आर्थिक हालात को ध्यान में रखते हुए निवेश करना चाहिए। साथ ही बाजार में आने वाले अपडेट्स और आर्थिक संकेतकों पर नजर रखनी चाहिए ताकि बेहतर निवेश निर्णय लिए जा सकें।

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Fixed Deposit में बड़ा बदलाव! इन बैंकों में मिल रहा है सबसे ज्यादा रिटर्न, सीनियर सिटीज़न्स को अतिरिक्त फायदा

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Fixed Deposit में बड़ा बदलाव! इन बैंकों में मिल रहा है सबसे ज्यादा रिटर्न, सीनियर सिटीज़न्स को अतिरिक्त फायदा

Fixed Deposit: अगर आप अपना पैसा सुरक्षित जगह पर रखना चाहते हैं और तय ब्याज कमाना चाहते हैं, तो फिक्स्ड डिपॉजिट यानी एफडी आज भी भारतीय निवेशकों की पहली पसंद है। बैंक में तय अवधि के लिए पैसा जमा करने पर आपको निश्चित ब्याज दर मिलती है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि किस बैंक में एफडी पर सबसे अच्छा रिटर्न मिल रहा है। हाल ही में कई बैंकों ने अपनी ब्याज दरों में बदलाव किया है और एक साल की एफडी पर आकर्षक रिटर्न दे रहे हैं।

निजी बैंकों की ब्याज दरें

एचडीएफसी बैंक एक साल की एफडी पर सामान्य निवेशकों को 6.25 प्रतिशत और वरिष्ठ नागरिकों को 6.75 प्रतिशत ब्याज दे रहा है। वहीं आईसीआईसीआई बैंक की दरें भी बिल्कुल समान हैं। अगर आप दो साल या उससे ज्यादा की एफडी चुनते हैं तो ब्याज दरें क्रमशः 6.60 प्रतिशत और 7.10 प्रतिशत तक बढ़ जाती हैं। कोटक महिंद्रा बैंक भी एक साल की एफडी पर 6.25 प्रतिशत और 6.75 प्रतिशत की दर से ब्याज दे रहा है।

Fixed Deposit में बड़ा बदलाव! इन बैंकों में मिल रहा है सबसे ज्यादा रिटर्न, सीनियर सिटीज़न्स को अतिरिक्त फायदा

फेडरल बैंक और यूनियन बैंक का ऑफर

फेडरल बैंक में एक साल की एफडी पर सामान्य नागरिकों को 6.25 प्रतिशत और वरिष्ठ नागरिकों को 6.75 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है। लेकिन अगर आप 999 दिनों की एफडी लेते हैं, तो ब्याज दर 6.70 प्रतिशत तक पहुंच जाती है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया इस सूची में थोड़ा आगे है। यह बैंक एक साल की एफडी पर 6.40 प्रतिशत और 6.90 प्रतिशत ब्याज दे रहा है। तीन साल की एफडी पर ब्याज दर 6.60 और 7.10 प्रतिशत तक पहुंच जाती है।

सरकारी बैंकों के रिटर्न की स्थिति

देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई में एक साल की एफडी पर 6.25 प्रतिशत और वरिष्ठ नागरिकों को 6.75 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है। दो से तीन साल की एफडी में यह दर 6.45 और 6.95 प्रतिशत हो जाती है। कैनरा बैंक भी एक साल के लिए 6.25 प्रतिशत और 6.75 प्रतिशत ब्याज दे रहा है। इस बैंक की 444 दिन वाली एफडी स्कीम सबसे लोकप्रिय है जिसमें 6.50 और 7 प्रतिशत ब्याज मिलता है। पंजाब नेशनल बैंक में भी एक साल की एफडी पर ब्याज दर 6.25 और 6.75 प्रतिशत है जबकि 390 दिन की एफडी पर 7.10 प्रतिशत तक का रिटर्न मिलता है।

निवेश से पहले रखें ध्यान

एफडी में निवेश करने से पहले केवल ब्याज दर ही नहीं बल्कि निवेश की अवधि, टैक्स स्लैब और पैसे की जरूरतों को भी ध्यान में रखना जरूरी है। वरिष्ठ नागरिकों को लगभग हर बैंक में 0.50 प्रतिशत ज्यादा ब्याज मिलता है। कई बैंक ऑनलाइन एफडी खोलने पर अतिरिक्त 0.10 प्रतिशत की दर भी देते हैं। इसलिए निवेश से पहले अपने बैंक से जुड़ी सभी शर्तें और ऑफर को जरूर जांचें ताकि आपको सबसे अच्छा रिटर्न मिल सके।

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अब घर बैठे बदलेगा आधार कार्ड! UIDAI ला रहा है नया e-Aadhaar ऐप, खत्म होंगी सेंटर की लाइनें

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अब घर बैठे बदलेगा आधार कार्ड! UIDAI ला रहा है नया e-Aadhaar ऐप, खत्म होंगी सेंटर की लाइनें

भारत सरकार की एजेंसी UIDAI (Unique Identification Authority of India) जल्द ही एक नया मोबाइल ऐप लॉन्च करने जा रही है जिसका नाम e-Aadhaar ऐप होगा। यह ऐप Android और iOS दोनों प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराया जाएगा। इस ऐप की सबसे खास बात यह है कि अब यूज़र्स अपने आधार कार्ड की जन्मतिथि, मोबाइल नंबर और पता खुद से अपडेट कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें आधार सेवा केंद्र या सरकारी दफ्तर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

mAadhaar से एक कदम आगे

फिलहाल UIDAI का mAadhaar ऐप मौजूद है, जो यूज़र्स को उनके आधार की जानकारी सुरक्षित रखने की सुविधा देता है। लेकिन नया e-Aadhaar ऐप इससे कहीं ज्यादा एडवांस होगा। इसमें न सिर्फ जानकारी देखने बल्कि सीधे अपडेट करने की सुविधा भी मिलेगी। यानी अगर आपका पता, मोबाइल नंबर या जन्मतिथि बदलती है, तो आप इसे अपने फोन से ही सुधार सकेंगे।

अब घर बैठे बदलेगा आधार कार्ड! UIDAI ला रहा है नया e-Aadhaar ऐप, खत्म होंगी सेंटर की लाइनें

 AI और फेस रिकग्निशन से होगा अपडेट आसान

रिपोर्ट्स के अनुसार यह नया ऐप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर आधारित होगा। यह फेशियल रिकग्निशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करेगा, जिससे यूज़र्स की पहचान आसानी से की जा सकेगी। इससे आधार अपडेट प्रक्रिया पहले से कहीं तेज और सुरक्षित हो जाएगी। अब लोगों को बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन के लिए कतारों में नहीं लगना पड़ेगा। ऐप के जरिए कुछ ही मिनटों में अपडेट संभव होगा।

डॉक्यूमेंट्स से होगा ऑटोमैटिक वेरिफिकेशन

इस ऐप की एक और बड़ी खासियत यह है कि यह PAN कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस या राशन कार्ड से यूज़र की जन्मतिथि और अन्य जानकारी ऑटोमैटिकली फेच (fetch) कर लेगा। इससे दस्तावेज अपलोड करने की झंझट भी खत्म हो जाएगी। हालांकि UIDAI ने अभी तक आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक यह ऐप 2025 के अंत तक लॉन्च किया जा सकता है।

डिजिटल इंडिया की दिशा में बड़ा कदम

यह ऐप सरकार की डिजिटल इंडिया पहल को और मजबूत करेगा। e-Aadhaar ऐप के आने से देश के करोड़ों लोगों को सुविधा मिलेगी। अब ग्रामीण इलाकों के लोग भी बिना किसी एजेंसी या केंद्र के माध्यम से अपना आधार अपडेट कर पाएंगे। UIDAI का यह कदम भारत को पूरी तरह पेपरलेस और डिजिटल दिशा में आगे ले जाएगा।

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