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Deposit Insurance Coverage: नए कदम से बैंक डूबने पर भी ग्राहकों के पैसे की सुरक्षा, जानिए सरकार की योजना

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Deposit Insurance Coverage: नए कदम से बैंक डूबने पर भी ग्राहकों के पैसे की सुरक्षा, जानिए सरकार की योजना

Deposit Insurance Coverage: मुंबई के न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक में हुए एक बड़े धोखाधड़ी के मामले के बाद भारत सरकार ने ग्राहकों के डिपॉजिट को बचाने के लिए कुछ नए कदम उठाने का फैसला किया है। इन कदमों में सबसे बड़ा कदम डिपॉजिट इंश्योरेंस कवर को बढ़ाना है। हालांकि, इस इंश्योरेंस कवर को कितनी राशि तक बढ़ाया जाएगा, इसकी जानकारी अभी तक नहीं दी गई है। यह कदम खासकर मध्यवर्गीय परिवारों की जमा राशियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए उठाया जा रहा है।

डिपॉजिट इंश्योरेंस क्या है?

डिपॉजिट इंश्योरेंस एक प्रकार का सुरक्षा कवच है, जो बैंक के डूबने या फेल होने पर ग्राहकों की जमा राशि को सुरक्षित करता है। यह इंश्योरेंस रिजर्व बैंक के सहायक संगठन, डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) द्वारा प्रदान किया जाता है। यदि कोई बैंक डूब जाता है या वित्तीय संकट का सामना करता है, तो DICGC ग्राहकों को पांच लाख रुपये तक की राशि इंश्योरेंस के रूप में देती है। यह राशि ग्राहकों को एक निश्चित समय सीमा के भीतर मिल जाती है।

हाल ही में मुंबई के न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक में धोखाधड़ी के मामले के सामने आने के बाद सरकार ने इस डिपॉजिट इंश्योरेंस कवर को बढ़ाने पर विचार करना शुरू किया है।

न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक का मामला

मुंबई के न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक में हाल ही में बड़ा घोटाला हुआ था, जिसके बाद भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस बैंक पर डिपॉजिट और विड्रॉल पर प्रतिबंध लगा दिया। इससे बैंक में जमा ग्राहकों को कठिनाई का सामना करना पड़ा। इन हालात में सरकार ने डिपॉजिट इंश्योरेंस कवर को बढ़ाने की योजना बनाई है ताकि आम आदमी का पैसा सुरक्षित रहे और उन्हें चिंता न हो।

RBI और DICGC ने फिलहाल ग्राहकों को पांच लाख रुपये तक की इंश्योरेंस राशि देना शुरू किया है। हालांकि, सरकार का उद्देश्य इसे और बढ़ाना है, जिससे ग्राहकों को अधिक सुरक्षा मिल सके।

वित्त मंत्रालय की योजना

भारत सरकार ने इस योजना की जानकारी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। वित्त मंत्रालय के सचिव, एम. नागराजू ने सोमवार को कहा कि सरकार इस समय पांच लाख रुपये से अधिक की डिपॉजिट इंश्योरेंस कवर की सीमा बढ़ाने पर विचार कर रही है। उनका कहना था कि इस पर कार्य चल रहा है और जैसे ही सरकार इसे मंजूरी देगी, एक अधिसूचना जारी की जाएगी।

नागराजू ने कहा, “इस मुद्दे पर सक्रिय रूप से विचार किया जा रहा है, और जैसे ही सरकार इसे मंजूरी देती है, हम इसके बारे में अधिसूचना जारी करेंगे।” उन्होंने यह भी बताया कि यह कदम ग्राहकों के डिपॉजिट को सुरक्षित रखने के लिए उठाया जा रहा है, खासकर ऐसे समय में जब बैंकों में धोखाधड़ी के मामले सामने आ रहे हैं।

Deposit Insurance Coverage: नए कदम से बैंक डूबने पर भी ग्राहकों के पैसे की सुरक्षा, जानिए सरकार की योजना

डिपॉजिट इंश्योरेंस का महत्व

डिपॉजिट इंश्योरेंस का मुख्य उद्देश्य ग्राहकों के धन की सुरक्षा करना है, खासकर जब बैंक या वित्तीय संस्थान किसी कारणवश फेल हो जाते हैं। यह इंश्योरेंस बैंक के ग्राहकों को विश्वास दिलाता है कि उनके पैसे सुरक्षित हैं और किसी संकट के समय उन्हें राहत मिलेगी।

इसके अलावा, यह इंश्योरेंस बैंकिंग प्रणाली में विश्वास बनाए रखने में भी मदद करता है। अगर ग्राहकों को यह विश्वास हो कि उनके पैसे सुरक्षित हैं, तो वे बैंकों में अपनी जमा राशि रखने में अधिक आत्मविश्वास महसूस करते हैं।

डिपॉजिट इंश्योरेंस की प्रक्रिया

जब कोई बैंक डूबता है या विफल हो जाता है, तो डिपॉजिट इंश्योरेंस का दावा किया जाता है। इसके तहत, बैंक के ग्राहकों को उनके जमा राशि के बदले इंश्योरेंस के रूप में राशि दी जाती है।

DICGC बैंक से एक प्रीमियम जमा करता है जो ग्राहकों को इंश्योरेंस कवर प्रदान करने के लिए होता है। इस प्रीमियम का भुगतान बैंकों द्वारा किया जाता है, और जब बैंक के पास से ग्राहक का पैसा फंस जाता है, तो DICGC पांच लाख रुपये तक की राशि ग्राहक को लौटाता है।

कब मिलेगा डिपॉजिट इंश्योरेंस पैसा?

डिपॉजिट इंश्योरेंस का दावा तब शुरू होता है जब कोई बैंक या वित्तीय संस्थान पूरी तरह से डूब जाता है। इसके बाद DICGC ग्राहक को इंश्योरेंस के तहत पैसा प्रदान करता है। यह प्रक्रिया आमतौर पर कुछ समय ले सकती है, लेकिन इस दौरान सरकार और RBI ग्राहकों को यथासंभव मदद देने का प्रयास करते हैं।

अब तक, DICGC इस प्रकार के दावों का निपटारा करता आया है और ग्राहकों को पांच लाख रुपये तक की राशि दे चुका है। हालांकि, भविष्य में इस सीमा को बढ़ाने का सरकार का निर्णय ग्राहकों के लिए एक राहत का काम करेगा।

आगे की योजना

सरकार का उद्देश्य है कि अधिक से अधिक ग्राहक डिपॉजिट इंश्योरेंस का लाभ उठा सकें। इस कवर को बढ़ाने से न केवल ग्राहकों को सुरक्षा मिलेगी, बल्कि बैंकों के डूबने या वित्तीय संकट के मामलों में भी उनका पैसा सुरक्षित रहेगा।

इसके अलावा, सरकार और RBI यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं कि बैंकों में किसी प्रकार की धोखाधड़ी या विफलता की स्थिति से पहले ही ग्राहकों को चेतावनी मिल जाए, जिससे वे अपनी जमा राशि को सुरक्षित स्थानों पर ट्रांसफर कर सकें।

भारत सरकार की डिपॉजिट इंश्योरेंस कवर को बढ़ाने की योजना आम आदमी के लिए एक राहत साबित होगी। इससे ग्राहकों को बैंकों में जमा राशि रखने का भरोसा मिलेगा और वे बिना किसी डर के अपने पैसे का निवेश कर सकेंगे। सरकार के इस कदम से न केवल बैंकों में विश्वास बढ़ेगा, बल्कि ग्राहकों को भी अधिक सुरक्षा मिलेगी। अगर यह योजना सफल होती है, तो इससे भारत के बैंकिंग सिस्टम में एक नया अध्याय जुड़ सकता है।

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Elon Musk Net Worth: एलन मस्क की नेटवर्थ ने बनाया नया इतिहास, कोर्ट के फैसले से दौलत 750 अरब डॉलर के करीब

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Elon Musk Net Worth: एलन मस्क की नेटवर्थ ने बनाया नया इतिहास, कोर्ट के फैसले से दौलत 750 अरब डॉलर के करीब

Elon Musk Net Worth: दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में हमेशा शीर्ष पर रहने वाले एलन मस्क की संपत्ति एक बार फिर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। xAI और SpaceX के सीईओ एलन मस्क की नेटवर्थ में हाल के दिनों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। अमेरिका की एक अदालत के अहम फैसले के बाद उनकी कुल संपत्ति लगभग 750 अरब डॉलर के करीब पहुंच गई है। इस बढ़ोतरी की सबसे बड़ी वजह टेस्ला के उस ऐतिहासिक वेतन पैकेज की बहाली है, जिसे पहले रद्द कर दिया गया था। इस फैसले के बाद न सिर्फ मस्क की दौलत बढ़ी है, बल्कि वैश्विक बिजनेस जगत में भी हलचल तेज हो गई है।

कोर्ट के फैसले ने पलट दी तस्वीर

अमेरिका के डेलावेयर सुप्रीम कोर्ट ने एलन मस्क के 2018 के टेस्ला वेतन पैकेज को दोबारा मंजूरी दे दी है। इससे पहले साल 2024 में निचली अदालत ने इस पैकेज को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि यह शेयरधारकों के हित में नहीं है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अगर इस पैकेज को पूरी तरह रद्द कर दिया जाता है, तो पिछले छह वर्षों में मस्क को उनके असाधारण काम के लिए कोई भुगतान ही नहीं माना जाएगा। कोर्ट ने यह भी माना कि टेस्ला को जिस ऊंचाई तक पहुंचाने में मस्क की भूमिका रही है, उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इसी तर्क के आधार पर पुराने फैसले को पलटते हुए पैकेज को फिर से वैध करार दिया गया।

139 अरब डॉलर का ऐतिहासिक स्टॉक ऑप्शन पैकेज

एलन मस्क का यह वेतन समझौता अपने आप में ऐतिहासिक है। 2018 में तय हुआ यह पैकेज मौजूदा टेस्ला शेयर कीमत के हिसाब से करीब 139 अरब डॉलर का है। इस डील के तहत मस्क को कुछ बेहद कठिन कारोबारी लक्ष्यों को पूरा करने पर भारी छूट पर लगभग 30.4 करोड़ शेयर खरीदने का विकल्प दिया गया था। अगर मस्क इन सभी स्टॉक ऑप्शंस का इस्तेमाल करते हैं, तो टेस्ला में उनकी हिस्सेदारी मौजूदा 12.4 प्रतिशत से बढ़कर 18.1 प्रतिशत तक पहुंच सकती है। टेस्ला के बोर्ड ने पहले ही चेतावनी दी थी कि अगर मस्क के वेतन पैकेज में रुकावट आती है, तो वे कंपनी छोड़ने जैसा बड़ा फैसला भी ले सकते हैं। यही वजह है कि यह मामला सिर्फ मस्क की कमाई तक सीमित नहीं, बल्कि टेस्ला के भविष्य से भी जुड़ा हुआ है।

SpaceX, Tesla और xAI से और बढ़ेगी दौलत?

एलन मस्क हाल ही में 600 अरब डॉलर से ज्यादा नेटवर्थ हासिल करने वाले दुनिया के पहले व्यक्ति बन चुके हैं। उनकी संपत्ति में इस उछाल की एक बड़ी वजह SpaceX को लेकर चल रही चर्चाएं हैं। खबरों के मुताबिक SpaceX जल्द ही एक टेंडर ऑफर ला सकती है, जिससे कंपनी का वैल्यूएशन करीब 800 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। इससे मस्क की संपत्ति में लगभग 168 अरब डॉलर की तेजी आई। आने वाले समय में SpaceX का IPO भी प्रस्तावित है, जिसमें कंपनी का मूल्यांकन 1.5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है। इसके अलावा टेस्ला में मस्क की लगभग 12 प्रतिशत हिस्सेदारी की मौजूदा कीमत करीब 197 अरब डॉलर है। वहीं उनकी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी xAI Holdings भी नए निवेशकों से बातचीत कर रही है, जहां कंपनी का संभावित वैल्यूएशन 230 अरब डॉलर बताया जा रहा है। xAI में मस्क की 53 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जिसकी कीमत करीब 60 अरब डॉलर आंकी जा रही है। इन सभी वजहों से माना जा रहा है कि आने वाले समय में एलन मस्क की दौलत और भी नए रिकॉर्ड बना सकती है।

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Personal Loan Tips: इमरजेंसी में पर्सनल लोन लेना आसान, लेकिन सिर्फ ब्याज दर देखकर न करें चयन

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Personal Loan Tips: इमरजेंसी में पर्सनल लोन लेना आसान, लेकिन सिर्फ ब्याज दर देखकर न करें चयन

Personal Loan Tips: आपातकालीन समय में अक्सर लोग पर्सनल लोन को सबसे आसान तरीका मानकर पैसा लेते हैं। आजकल बैंक, फिनटेक प्लेटफॉर्म्स और अन्य डिजिटल माध्यमों से पर्सनल लोन लेना काफी आसान हो गया है। लेकिन ज्यादातर लोग केवल ब्याज दर के आधार पर लोन का चुनाव कर लेते हैं, जो एक बड़ी गलती साबित हो सकती है। हर लेंडर अपनी कमाई के अलग तरीके अपनाता है और अक्सर ग्राहक को प्रोसेसिंग फीस या अन्य शुल्क के रूप में भारी राशि चुकानी पड़ती है। इसलिए लोन लेने से पहले इन बिंदुओं पर ध्यान देना बेहद जरूरी है।

1. लोन के वास्तविक लाभ की जानकारी लें

कई बार लोन लेते समय प्रोसेसिंग फीस, बीमा शुल्क और सदस्यता शुल्क जैसी कटौतियों के कारण खाते में मिलने वाली राशि कम हो जाती है। उदाहरण के लिए, दो लेंडर्स के EMI और ब्याज दर लगभग समान दिख सकते हैं, लेकिन एक लेंडर कई शुल्क सीधे कटौती कर सकता है। इसका मतलब है कि आपको वांछित राशि नहीं मिल रही है। इसलिए लोन लेने से पहले सभी कटौतियों और शुल्कों की पूरी जानकारी लेना जरूरी है।

2. प्रीपेमेंट नियमों की जानकारी लें

कई लोग बोनस या किसी बड़ी राशि मिलने पर पूरा लोन चुकता कर देना चाहते हैं। लेकिन अधिकतर लेंडर्स प्रीपेमेंट पर शुल्क लेते हैं और कई मामलों में लॉक-इन पीरियड भी होता है। इसलिए लोन लेने से पहले यह जानना जरूरी है कि अगर आप जल्दी लोन चुकाना चाहें तो कितना शुल्क लगेगा। इससे भविष्य में किसी वित्तीय परेशानी से बचा जा सकता है।

3. पेनल्टी चार्ज और शर्तें समझें

भले ही आप समय पर EMI का भुगतान करते हों, बैंक की गलती या समय के कारण कभी-कभी भुगतान चूक सकता है। ऐसे में कई लेंडर्स भारी पेनल्टी चार्ज लगा देते हैं, जिससे वित्तीय नुकसान हो सकता है। इसलिए पर्सनल लोन लेने से पहले स्पष्ट रूप से पूछें कि किसी गलती या देर से भुगतान पर कितनी पेनल्टी लगेगी। तभी किसी लेंडर से लोन लेने की योजना बनाएं, जिसकी जानकारी पूरी तरह से स्पष्ट और सही हो।

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Car Loan Interest Rates India: कार खरीदने का सपना? जानें आज के समय में भारत के बैंकों की कार लोन ब्याज दरें

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Car Loan Interest Rates India: कार खरीदने का सपना? जानें आज के समय में भारत के बैंकों की कार लोन ब्याज दरें

Car Loan Interest Rates India: आज के समय में कार सिर्फ एक सुविधा नहीं, बल्कि कई लोगों के लिए आवश्यकता बन चुकी है। अपनी खुद की कार खरीदने का सपना हर कोई देखता है, लेकिन बढ़ती कीमतों और लाखों रुपये की लागत के कारण यह हर किसी के लिए आसान नहीं होता। यही वजह है कि ज्यादातर लोग कार खरीदने के लिए बैंक से लोन लेते हैं। अगर आप भी कार खरीदने का प्लान बना रहे हैं, तो लोन लेने से पहले अलग-अलग बैंकों की ब्याज दरों की तुलना करना बेहद जरूरी है। सही बैंक का चुनाव करने से आपकी ईएमआई और कुल खर्च दोनों में बचत हो सकती है।

एसबीआई कार लोन ब्याज दर

देश की सबसे बड़ी सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) अपने ग्राहकों को 8.70 प्रतिशत की ब्याज दर पर कार लोन देती है। बैंक की ब्याज दरें आपके क्रेडिट स्कोर और लोन की राशि के आधार पर बदल सकती हैं। यदि आपका सिबिल स्कोर अच्छा है, तो बैंक आपको और भी किफायती दरों पर कार लोन ऑफर कर सकती है।

अन्य प्रमुख बैंकों की कार लोन दरें

  • बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB): 8.15 प्रतिशत की शुरुआती ब्याज दर पर कार लोन ऑफर करता है।

  • आईसीआईसीआई बैंक (ICICI): 8.5 प्रतिशत की शुरुआती ब्याज दर पर कार लोन उपलब्ध है। ब्याज दर आपके लोन की रकम और सिबिल स्कोर के आधार पर बदल सकती है।

  • एचडीएफसी बैंक (HDFC): 8.55 प्रतिशत की शुरुआती ब्याज दर पर कार लोन ऑफर करता है। ग्राहकों की पात्रता और क्रेडिट स्कोर के आधार पर ब्याज दर में बदलाव हो सकता है।

  • केनरा बैंक (Canara Bank): 7.70 प्रतिशत की शुरुआती ब्याज दर पर कार लोन उपलब्ध है। लोन राशि और क्रेडिट स्कोर के आधार पर ब्याज दर में बदलाव किया जा सकता है।

कार लोन लेने से पहले ध्यान देने योग्य बातें

कार लोन लेने से पहले ब्याज दर, ईएमआई, लोन की अवधि और प्री-पेमेंट विकल्प जैसी सभी बातों का ध्यान रखना जरूरी है। सरकारी और प्राइवेट दोनों ही बैंक कार लोन ऑफर करते हैं, लेकिन सही बैंक और सही ब्याज दर चुनना आपके कुल खर्च को कम कर सकता है। इसलिए लोन लेने से पहले कई बैंकों की तुलना करें और अपने क्रेडिट स्कोर को मजबूत रखें ताकि आप सबसे किफायती और सुविधाजनक कार लोन प्राप्त कर सकें।

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