देश
Abhishek Banerjee: अभिषेक बनर्जी का बड़ा बयान – ‘मैं ममता बनर्जी का वफादार सिपाही हूं’

Abhishek Banerjee: तृणमूल कांग्रेस (TMC) के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने गुरुवार, 27 फरवरी 2025, को पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी से किसी भी प्रकार के मतभेद की खबरों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा दोहराते हुए स्पष्ट किया कि वे पूरी तरह से तृणमूल कांग्रेस के वफादार सिपाही हैं और उनकी नेता ममता बनर्जी ही रहेंगी।
भाजपा में शामिल होने की अटकलों पर अभिषेक बनर्जी की सफाई
भाजपा (BJP) में शामिल होने की अटकलों को नकारते हुए अभिषेक बनर्जी ने कहा, “जो लोग कह रहे हैं कि मैं भाजपा में शामिल हो रहा हूं, वे झूठी अफवाहें फैला रहे हैं। अगर मेरा सिर काट भी दिया जाए, तब भी मैं यही कहूंगा – ममता बनर्जी जिंदाबाद! जो खबरें इन दिनों आ रही हैं, वे पूरी तरह से गलत हैं। मैं जानता हूं कि कुछ लोग अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अपने स्वार्थी हितों के कारण इस तरह की झूठी खबरें फैला रहे हैं।”
इस बयान के बाद यह साफ हो गया कि अभिषेक बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के बीच किसी भी प्रकार के मतभेद की खबरें पूरी तरह से निराधार हैं।
‘पार्टी के भीतर गद्दारों को बेनकाब करूंगा’ – अभिषेक बनर्जी
पार्टी के भीतर गुटबाजी और आपसी मतभेदों पर नाराजगी जताते हुए अभिषेक बनर्जी ने कहा, “अपनी आपसी लड़ाइयों को भूल जाइए और जनता की सेवा पर ध्यान दीजिए। साजिशों में उलझने का कोई फायदा नहीं है। जो लोग व्हाट्सएप ग्रुप की राजनीति कर रहे हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि ऐसे प्रयास निरर्थक साबित होंगे। जो लोग साजिश कर रहे हैं, वे खुद ही इसमें फंसेंगे।”
उन्होंने आगे कहा कि वे पार्टी के भीतर मौजूद गद्दारों को बेनकाब करना जारी रखेंगे, जैसा कि उन्होंने पिछले चुनावों में किया था। उनका यह बयान पार्टी के उन नेताओं के लिए एक चेतावनी माना जा रहा है जो आंतरिक राजनीति में लिप्त हैं और पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त हैं।
पार्टी से गद्दारी करने वालों के नाम लिए – मुकुल रॉय और शुभेंदु अधिकारी
अपने भाषण के दौरान अभिषेक बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस से गद्दारी करने वाले नेताओं का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “पहले भी मैंने उन लोगों की पहचान की थी जिन्होंने पार्टी से गद्दारी की, जैसे मुकुल रॉय और शुभेंदु अधिकारी। मैंने इन्हें उजागर करने की जिम्मेदारी ली थी। आने वाले दिनों में भी मैं ऐसे लोगों की पहचान करता रहूंगा।”
यह बयान इस ओर इशारा करता है कि TMC के भीतर अब भी कुछ ऐसे नेता हैं जो पार्टी के खिलाफ साजिशें रच रहे हैं। अभिषेक बनर्जी ने यह स्पष्ट कर दिया कि वह ऐसे नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेंगे।
पार्टी में अनुशासनहीनता पर कड़ा संदेश
TMC में अनुशासनहीनता के मामलों पर सख्त रुख अपनाते हुए अभिषेक बनर्जी ने कहा, “कई नेता पार्टी अनुशासन का पालन किए बिना मीडिया में बयान देते हैं, ताकि वे प्रासंगिक बने रहें। पार्टी के नियमों की अवहेलना न करें। जो लोग ऐसा कर रहे हैं, उन्हें पहले ही पहचान लिया गया है।”
उन्होंने पार्टी नेताओं को स्पष्ट संदेश दिया कि TMC में अनुशासन से समझौता नहीं किया जाएगा और अनुशासनहीन नेताओं पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
भाजपा में शामिल होने की खबरें क्यों उड़ीं?
अभिषेक बनर्जी को लेकर भाजपा में शामिल होने की अफवाहें कुछ समय से सुर्खियों में थीं। इसके पीछे कई कारण माने जा रहे थे:
- तृणमूल कांग्रेस के भीतर मतभेदों की खबरें – कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया जा रहा था कि ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के बीच कुछ मुद्दों को लेकर मतभेद हैं।
- भाजपा के कई नेताओं का TMC पर हमलावर रुख – भाजपा के कई नेताओं ने संकेत दिए थे कि TMC के कुछ बड़े नेता जल्द ही भाजपा में आ सकते हैं।
- पश्चिम बंगाल की राजनीतिक स्थिति – राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, और ऐसे में राजनीतिक हलचल तेज है।
हालांकि, अभिषेक बनर्जी के हालिया बयान के बाद यह पूरी तरह से साफ हो गया कि वह भाजपा में शामिल नहीं हो रहे हैं और TMC के प्रति पूरी तरह से वफादार हैं।
भविष्य की राजनीति और अभिषेक बनर्जी की भूमिका
अभिषेक बनर्जी का यह बयान न सिर्फ उनकी पार्टी के प्रति निष्ठा को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि वे TMC में एक मजबूत और निर्णायक भूमिका निभा रहे हैं।
- आने वाले विधानसभा चुनावों में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रहने वाली है।
- वे TMC में अनुशासन बनाए रखने के लिए कड़े फैसले ले सकते हैं।
- उन्होंने संकेत दिए हैं कि वे पार्टी के गद्दारों को बेनकाब करते रहेंगे।
- पार्टी के भीतर असंतोष और गुटबाजी को खत्म करने पर जोर दिया जाएगा।
अभिषेक बनर्जी ने अपने बयान से साफ कर दिया कि उनकी निष्ठा पूरी तरह से ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के साथ है। उन्होंने न केवल भाजपा में शामिल होने की अफवाहों को खारिज किया, बल्कि पार्टी में अनुशासन बनाए रखने और गद्दारों को बेनकाब करने की प्रतिबद्धता भी जताई।
आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि TMC के भीतर जारी उठापटक का क्या असर पड़ता है और पार्टी अनुशासन को बनाए रखने के लिए कौन-कौन से कदम उठाए जाते हैं। लेकिन एक बात तय है कि अभिषेक बनर्जी की भूमिका पश्चिम बंगाल की राजनीति में और मजबूत होती जा रही है।
देश
Eid-Ul-Zuha 2025: : मंत्री के एलान के बाद कोलकाता में खुशी की लहर! रेड रोड पर फिर गूंजेगी ईद की तकबीर

Eid-Ul-Zuha 2025: कोलकाता के रेड रोड यानी इंदिरा गांधी सारणी पर ईद-उल-अजहा की मस्स नमाज के लिए सेना ने अनुमति दे दी है। यह अनुमति पहले एक दिन पहले रद्द कर दी गई थी। तब से चर्चा चल रही थी कि मुस्लिम समुदाय अदालत का रुख कर सकता है। लेकिन सेना ने अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम में बदलाव करके नमाज की अनुमति दी।
नमाज की परंपरा और सांप्रदायिक सद्भाव
रेड रोड पर यह नमाज दशकों से होती आ रही है। इसे सांप्रदायिक सद्भाव का प्रतीक माना जाता है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी हर साल ईद-उल-अजहा की नमाज में मौजूद रहती हैं। पूरे पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक लोग इस जगह एक साथ नमाज पढ़ते हैं। यह स्थान मुस्लिम समुदाय के लिए बहुत खास है।
अन्य कार्यक्रमों की अनुमति से इंकार
कुछ महीने पहले हिंदू संगठनों ने भी रेड रोड पर कार्यक्रम करने की अनुमति मांगी थी। लेकिन सेना और अदालत ने दोनों ही बार अनुमति देने से इनकार कर दिया था। इससे साफ हो गया था कि रेड रोड पर सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए कड़ी निगरानी है और अनुमति सीमित है।
बातचीत से सुलझा मामला
सोमवार को बताया गया कि सेना अधिकारियों ने अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम में थोड़े बदलाव करने का फैसला किया है। ऐसा ईद-उल-अजहा की नमाज के लिए किया गया है। पश्चिम बंगाल के मंत्री जावेद अहमद खान ने बताया कि अनुमति संबंधी समस्याएं थीं क्योंकि सेना की अपनी व्यस्तताएं थीं। लेकिन आयोजकों और रक्षा अधिकारियों के बीच बातचीत से मामला सुलझ गया।
सेना ने बदल दिया प्रशिक्षण कार्यक्रम
सूत्रों के अनुसार सेना ने रेड रोड पर अपनी प्रशिक्षण व्यवस्था में मामूली बदलाव किए हैं ताकि दशकों पुरानी ईद की नमाज की परंपरा जारी रह सके। रेड रोड एक रक्षा क्षेत्र है जो मैदान इलाके से गुजरता है। यह फोर्ट विलियम और ईस्टर्न कमांड मुख्यालय के पास है। यहां एक साथ बड़ी संख्या में लोग नमाज अदा करते हैं जो एक अनोखा दृश्य होता है।
देश
Brij Bhushan Sharan Singh: राहुल गांधी पर गंभीर आरोप! क्या कांग्रेस की नीतियां देश को कमजोर कर रही हैं जानिए बृजभूषण की जुबानी

पूर्व सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष Brij Bhushan Sharan Singh ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर यानी पीओके पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पीओके अब ज्यादा दिनों तक एक नहीं रहेगा और जल्द ही उसके टुकड़े होने वाले हैं। यह बयान उनके सख्त रुख को दिखाता है जो उन्होंने हाल ही में तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के बयानों के जवाब में दिया।
कांग्रेस पर तीखा हमला
बृजभूषण शरण सिंह ने रेवंत रेड्डी के उस बयान पर पलटवार किया जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर राहुल गांधी देश के प्रधानमंत्री होते तो पीओके आज भारत का हिस्सा होता। बृजभूषण ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि पीओके किसने दिया और देश के टुकड़े किसके शासन में हुए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन में तुष्टिकरण की राजनीति शुरू हुई थी और कांग्रेस कभी पीओके वापस नहीं ले सकती।
#WATCH | Gonda, UP | "Rahul Gandhi can never be the Prime Minister of this country. Because his vision is not clear yet. He is a puppet. His ideology matches that of the 'Tukde Tukde Gang'. He makes statements to appease Pakistan. Even if Rahul Gandhi becomes the Prime Minister,… pic.twitter.com/fAw7ZqS8UY
— ANI (@ANI) June 1, 2025
राहुल गांधी पर बृजभूषण की टिप्पणी
जब बृजभूषण से राहुल गांधी के प्रधानमंत्री बनने के सवाल पर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि राहुल गांधी कभी इस देश के प्रधानमंत्री नहीं बन सकते। उन्होंने राहुल को एक कठपुतली बताया जिसकी सोच अभी तक साफ नहीं है। बृजभूषण ने कहा कि राहुल गांधी की विचारधारा टुकड़े टुकड़े गैंग से मेल खाती है और वे पाकिस्तान को खुश करने के लिए बयान देते हैं।
रेवंत रेड्डी के आरोप
29 मई को हैदराबाद में रेवंत रेड्डी ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह बताना चाहिए कि पाकिस्तान ने भारत के कितने राफेल विमान गिराए। उन्होंने आरोप लगाया कि 140 करोड़ भारतीयों की इच्छाओं के बावजूद मोदी सरकार पाकिस्तान से कश्मीर नहीं ले पाई। रेवंत रेड्डी ने इंदिरा गांधी का उदाहरण देते हुए कहा कि अमेरिका के दबाव के बावजूद उन्होंने पाकिस्तान को दो टुकड़ों में बांटकर दम लिया था।
विपक्ष की मांगें और सवाल
रेवंत रेड्डी के अलावा कांग्रेस और विपक्ष के कई नेताओं ने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार को ऑपरेशन सिंदूर पर सवालों के जवाब देने के लिए विशेष सत्र बुलाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की जांच की मांग भी की जैसे कारगिल युद्ध की जांच हुई थी।
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