Connect with us

देश

PM Modi से मुलाकात के बाद Tesla की बड़ी चाल, भारत में शुरू हुई भर्ती

Published

on

PM Modi से मुलाकात के बाद Tesla की बड़ी चाल, भारत में शुरू हुई भर्ती

Tesla: दुनिया की सबसे प्रसिद्ध इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी टेस्ला, जिसे एलन मस्क के नेतृत्व में जाना जाता है, अब भारत में अपने व्यवसाय की शुरुआत करने जा रही है। दिसंबर 2024 में खबर आई थी कि कंपनी दिल्ली में अपना शोरूम खोलने के लिए स्थान तलाश रही है। लेकिन अब, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद, एलन मस्क की कंपनी ने भारत में भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है।

टेस्ला ने लिंक्डइन पर भर्ती का विज्ञापन जारी किया है। कंपनी 13 पदों के लिए उम्मीदवारों की तलाश कर रही है, जिनमें ग्राहक से सीधे संपर्क में रहने वाले पद और बैक एंड के पद शामिल हैं। ये नियुक्तियां दिल्ली और मुंबई दोनों शहरों में की जाएंगी।

13 पदों पर भर्ती

टेस्ला ने जिन पदों के लिए भर्ती की है, उनमें शामिल हैं:

  • कस्टमर एंगेजमेंट मैनेजर (केवल मुंबई के लिए)
  • डिलीवरी ऑपरेशन स्पेशलिस्ट (केवल मुंबई के लिए)
  • कंसल्टेंट और सर्विस टेक्निशियन (दिल्ली और मुंबई दोनों में)

कंपनी के अनुसार, दिल्ली और मुंबई में 5-5 उम्मीदवारों की आवश्यकता है। इन पदों पर काम करने वाले कर्मचारियों का कार्य ग्राहक सेवा, सामान्य संचालन और सर्विस प्रदान करना होगा। यह टेस्ला के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि कंपनी भारत में अपनी उपस्थिति बढ़ाने की योजना बना रही है।

भारत में फैक्ट्री के लिए जगह की तलाश

टेस्ला अपनी कारख़ाना भी भारत में स्थापित करने की योजना बना रही है। इसके लिए कंपनी भूमि की तलाश में है। माना जा रहा है कि टेस्ला भारत के उन राज्यों में फैक्ट्री स्थापित करना चाहती है, जो पहले से ही ऑटोमोटिव हब के रूप में स्थापित हैं। खासकर महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु जैसे राज्य टेस्ला के लिए प्राथमिकता में हैं।

बताया जा रहा है कि टेस्ला भारत में इस कारख़ाने के लिए लगभग 3 बिलियन डॉलर का निवेश करेगी। इसके अलावा, यह भी उम्मीद जताई जा रही है कि टेस्ला भारत में अपनी सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक कार बनाएगी, जिसकी कीमत लगभग 20 लाख रुपये हो सकती है। कुछ समय पहले खबर आई थी कि कंपनी ने पुणे में भी एक नया कार्यालय खोला है।

PM Modi से मुलाकात के बाद Tesla की बड़ी चाल, भारत में शुरू हुई भर्ती

दिल्ली और मुंबई में शोरूम की तलाश

एलन मस्क की कंपनी दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में अपना शोरूम स्थापित करने के लिए जगह की तलाश कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, टेस्ला डीएलएफ (DLF) के साथ बात कर रही है, ताकि वह दिल्ली में अपना कंज़्यूमर एक्सपीरियंस सेंटर बना सके। इसके लिए कंपनी को लगभग 3,000 से 5,000 वर्ग फुट की जगह चाहिए।

इसके अलावा, टेस्ला को डिलीवरी और सर्विस ऑपरेशंस के लिए इससे तीन गुना बड़ी जगह की भी आवश्यकता होगी। यह कदम भारतीय बाजार में अपनी उपस्थिति बढ़ाने और ग्राहकों के साथ बेहतर संबंध बनाने के लिए उठाया जा रहा है।

भारत सरकार ने घटाए आयात शुल्क

भारत में टेस्ला के व्यवसाय की शुरुआत की खबरें पिछले कुछ सालों से आ रही थीं। हालांकि, अब एलन मस्क ने इसे लेकर सक्रिय कदम उठाए हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अमेरिका में मुलाकात करने के बाद टेस्ला ने भारतीय बाजार में कदम रखने का फैसला किया।

पहले, टेस्ला को भारत में कारोबार करने में उच्च आयात शुल्क की समस्या थी, जो कि बहुत अधिक था। लेकिन अब भारतीय सरकार ने कारों पर बुनियादी कस्टम ड्यूटी को 110% से घटाकर 70% कर दिया है। यह कदम टेस्ला जैसी विदेशी कंपनियों को भारत में अपने उत्पाद बेचने के लिए आकर्षित करेगा। खासकर उन कंपनियों को, जो महंगी कारें भारत में बेचना चाहती हैं।

भारत में टेस्ला का भविष्य

भारत में टेस्ला के आगमन को लेकर उम्मीदें बहुत बढ़ गई हैं। खासकर उन भारतीयों के लिए जो इलेक्ट्रिक वाहनों की दिशा में बदलाव चाहते हैं। भारतीय बाजार में टेस्ला के आने से इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री में इजाफा हो सकता है। इसके अलावा, भारतीय ग्राहकों को टेस्ला जैसे ब्रांड के उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद प्राप्त होंगे, जो उनके वाहन चयन को और भी बेहतर बना सकते हैं।

वहीं, टेस्ला द्वारा इलेक्ट्रिक कारों के लिए सस्ती कीमतों की घोषणा से भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक वाहनों की लोकप्रियता में और वृद्धि हो सकती है। यदि टेस्ला की सबसे सस्ती कार 20 लाख रुपये में उपलब्ध होती है, तो यह भारतीय ग्राहकों के लिए एक आकर्षक विकल्प हो सकता है।

भारत में टेस्ला का आगमन भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। कंपनी के द्वारा अब भर्ती की प्रक्रिया शुरू करना और फैक्ट्री के लिए जगह की तलाश करना दर्शाता है कि टेस्ला अपने भारतीय कारोबार को लेकर पूरी तरह से गंभीर है। भारतीय सरकार द्वारा आयात शुल्क में की गई कमी टेस्ला के लिए अनुकूल साबित हुई है, और इससे कंपनी के भारतीय बाजार में मजबूत प्रवेश की संभावना है।

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

देश

Delhi-Bihar Police की कार्रवाई में चौकाने वाला एनकाउंटर, चार गैंगस्टर ढेर, चुनाव से पहले बड़ी योजना नाकाम

Published

on

Delhi-Bihar Police की कार्रवाई में चौकाने वाला एनकाउंटर, चार गैंगस्टर ढेर, चुनाव से पहले बड़ी योजना नाकाम

Delhi-Bihar Police: दिल्ली के रोहिणी क्षेत्र में पुलिस ने एक बड़ी मुठभेड़ के दौरान बिहार के चार सबसे वांछित गैंगस्टरों को ढेर कर दिया। इस मुठभेड़ में गैंग लीडर रंजन पाठक के साथ-साथ अमन ठाकुर, बिमलेश महतो और मनीष पाठक भी मारे गए। इन चारों में से रंजन पाठक, बिमलेश महतो और मनीष पाठक सीतामढ़ी, बिहार के निवासी थे, जबकि अमन ठाकुर करावल नगर, दिल्ली का निवासी था। खबर है कि ये चारों बिहार चुनावों से पहले कोई बड़ी साजिश रचने की योजना बना रहे थे, लेकिन दिल्ली और बिहार पुलिस की संयुक्त कार्रवाई ने उन्हें इससे पहले ही रोक दिया।

रंजन पाठक और सिग्मा गैंग का क्रिमिनल रिकॉर्ड

मुठभेड़ में मारे गए रंजन पाठक ने हाल ही में सीतामढ़ी जिले में कई हत्याओं की श्रृंखला को अंजाम दिया था। वह सिग्मा एंड कंपनी नामक अपराध संगठन का प्रमुख था, जिसका असर बिहार-नेपाल सीमा तक फैला हुआ था। गैंग के सदस्य असाधारण अपराधों में लिप्त थे, जैसे कि वसूली, कॉन्ट्रैक्ट किलिंग और हथियारों की सप्लाई। रंजन पाठक ने सोशल मीडिया के माध्यम से भी अपने प्रभाव को बढ़ाने का प्रयास किया। रिपोर्ट्स के अनुसार, गैंग की फंडिंग नेपाल के माध्यम से की जाती थी और इसके जड़ें सीमा जिलों में गहरी थीं।

Delhi-Bihar Police की कार्रवाई में चौकाने वाला एनकाउंटर, चार गैंगस्टर ढेर, चुनाव से पहले बड़ी योजना नाकाम

मीडिया को भेजा ‘क्रिमिनल बायोडाटा’

रंजन पाठक ने अपने अपराधों की जिम्मेदारी लेने के लिए मीडिया को एक पंपलेट भेजा, जिसमें उसने अपने गैंग का नाम सिग्मा एंड कंपनी बताया। इसमें उसने जिला पुलिस के कामकाज पर गंभीर सवाल उठाए और भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों पर आरोप लगाए कि राजनीतिक दबाव, निर्दयी जातिवाद और असामाजिक तत्वों के कारण उसे फंसाया गया। Sitamarhi में एक हाई-प्रोफाइल हत्या के बाद रंजन ने अपने “क्रिमिनल बायोडाटा” के माध्यम से डर और पहचान दोनों पैदा करने का प्रयास किया। इसके अलावा, उसने पड़ोसी जिले शिवहर में गद्दू झा की हत्या भी अंजाम दी और इस दौरान सीतामढ़ी पुलिस और स्पेशल टास्क फोर्स (STF) के साथ मुठभेड़ की, जिसमें गैंग के चारों सदस्य घायल हुए, लेकिन रंजन पाठक बच निकला।

पुलिस के लिए चुनौती और चुनाव सुरक्षा की कार्रवाई

रंजन पाठक ने लगातार हत्याओं और अपराधों को अंजाम देकर पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी थी। पुलिस के अनुसार, गैंग पिछले कई महीनों से निगरानी में था और दिल्ली में उनका ठिकाना भी पहचान लिया गया था। यह संयुक्त ऑपरेशन विशेष रूप से बिहार चुनावों से पहले किसी बड़े अपराध को रोकने के लिए योजना बद्ध किया गया था। इस मुठभेड़ में चारों अपराधियों की मौत को अब तक की सबसे बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है। इस कार्रवाई से न केवल बिहार चुनावों की सुरक्षा सुनिश्चित हुई, बल्कि अपराधियों के नेटवर्क को भी तोड़ा गया।

Continue Reading

देश

राजनाथ सिंह ने जवानों को किया सम्मानित और नक्सलवाद पर किया बड़ा खुलासा, जानिए क्या कहा देश की सुरक्षा पर

Published

on

राजनाथ सिंह ने जवानों को किया सम्मानित और नक्सलवाद पर किया बड़ा खुलासा, जानिए क्या कहा देश की सुरक्षा पर

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को दिल्ली में नेशनल पुलिस मेमोरियल पर पुलिस स्मारक दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उन्होंने देश की सेवा में शहीद हुए पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि सेना देश की रक्षा करती है, वहीं पुलिस समाज की सुरक्षा करती है। उन्होंने पुलिस और सेना की अहमियत को एक ही सिक्योरिटी के दो स्तंभ बताते हुए कहा कि दोनों का लक्ष्य देश की सुरक्षा है।

सेना और पुलिस के अलग लेकिन समान लक्ष्य

राजनाथ सिंह ने कहा कि चाहे दुश्मन सीमा के पार हो या हमारे बीच छिपा हो, जो भी भारत की सुरक्षा के लिए खड़ा होता है, वही हमारे देश का असली हीरो है। सेना और पुलिस अलग प्लेटफॉर्म पर काम करती हैं, लेकिन मिशन एक ही है। उन्होंने यह भी कहा कि लोगों का चैन से सोना पुलिस पर भरोसे का नतीजा है। यह भरोसा हमारे देश की स्थिरता की नींव है।

नक्सलवाद पर निर्णायक कार्रवाई

रक्षा मंत्री ने नक्सलवाद पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि लंबे समय तक नक्सलवाद हमारे आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौती रहा। छत्तीसगढ़, झारखंड, ओड़िशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र के कई जिलों में नक्सली आतंक फैला हुआ था। स्कूल बंद थे, सड़कें गायब थीं और लोग भय में जी रहे थे। लेकिन सरकार ने नक्सलवाद को बढ़ने से रोकने के लिए पुलिस, सीआरपीएफ, बीएसएफ और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर संगठित काम किया।

नक्सली प्रभावित इलाकों का विकास

राजनाथ सिंह ने बताया कि इस साल कई प्रमुख नक्सली नेता मारे गए और नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या अब बहुत कम रह गई है। उन्होंने दावा किया कि मार्च तक सभी समस्याओं को पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा। जो इलाके पहले नक्सली आतंक से कांपते थे, आज वहां सड़कें, अस्पताल, स्कूल और कॉलेज बन गए हैं। अब बच्चे मोबाइल और कंप्यूटर का इस्तेमाल कर रहे हैं और बड़े सपने देख रहे हैं। रेड कॉरिडोर अब विकास कॉरिडोर बन गया है।

पुलिस के आधुनिककरण की पहल

रक्षा मंत्री ने कहा कि 2018 में नेशनल पुलिस मेमोरियल स्थापित किया गया। इसके अलावा पुलिस को अत्याधुनिक हथियार और आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। राज्यों को भी पुलिस बल के आधुनिकीकरण के लिए संसाधन दिए जा रहे हैं। आज हमारी पुलिस में सर्विलांस सिस्टम, ड्रोन, फॉरेंसिक लैब और डिजिटल पुलिसिंग जैसी आधुनिक तकनीकें उपलब्ध हैं। उन्होंने पुलिस की मेहनत और समर्पण की सराहना की।

Continue Reading

देश

बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन फटी, JMM ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया, सीट बंटवारे पर विवाद

Published

on

बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन फटी, JMM ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया, सीट बंटवारे पर विवाद

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में विवाद की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने महागठबंधन से अलग होकर छह सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। पार्टी नेता Manoj Pandey ने कहा कि जब उनके मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया और सीटें नहीं दी गईं, तो उनके पास कोई विकल्प नहीं बचा। इसलिए JMM पूरी ताकत के साथ चुनाव में उतरेगी।

माहौल और नतीजों का असर

Manoj Pandey ने कहा कि महागठबंधन में उन्हें कम आंका गया। उनका मानना है कि अगर JMM और गठबंधन एक साथ रहते तो भारत गठबंधन और अधिक प्रभावी प्रदर्शन कर सकता था। उन्होंने बिहार के सीमा क्षेत्रों में अपनी पार्टी की पैठ और नेता की लोकप्रियता का हवाला दिया। अब महागठबंधन को इस अलगाव का परिणाम भुगतना पड़ेगा।

सीटों के बंटवारे पर मतभेद

गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर असहमति कई दिनों से जारी थी। JMM ने हमेशा कहा कि अगर उन्हें सम्मान नहीं मिला तो वह अकेले चुनाव लड़ेंगे। इसी वजह से अंतिम समय तक सीटों का बंटवारा तय नहीं हो सका। इस बार कांग्रेस और RJD ने कई सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जिससे गठबंधन में और विवाद बढ़ा है।

गठबंधन में मनमुटाव जारी

महागठबंधन में विभिन्न सहयोगियों की असहमति स्पष्ट दिख रही है। कांग्रेस पार्टी को अपने राज्य अध्यक्ष के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। RJD और कांग्रेस के उम्मीदवार एक ही क्षेत्र में खड़े होने से मुकाबला और रोचक होने वाला है। गठबंधन में सहयोग और समन्वय की कमी के कारण चुनावी रणनीति प्रभावित हो सकती है।

NDA की चुनावी तैयारी

वहीं, एनडीए ने भी बिहार में प्रचार तेज कर दिया है। प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह समेत केंद्रीय मंत्री लगातार रैलियों के जरिए कार्यकर्ताओं में जोश भर रहे हैं। एनडीए की यह तैयारी यह सुनिश्चित करने के लिए है कि महागठबंधन की खींचतान का फायदा उठाकर वे अधिक सीटें जीत सकें। आने वाला चुनाव बेहद रोमांचक और परिणामों के लिहाज से अहम माना जा रहा है।

Continue Reading

Trending