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Telangana Tunnel Accident: तेलंगाना में सुरंग धंसने से 8 मजदूर फंसे, 10 दिन बाद भी बचाव दल खाली हाथ!

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Telangana Tunnel Accident: तेलंगाना में सुरंग धंसने से 8 मजदूर फंसे, 10 दिन बाद भी बचाव दल खाली हाथ!

Telangana Tunnel Accident: तेलंगाना में टनल (सुरंग) हादसे के दस दिन बीत जाने के बावजूद बचाव दल को अब तक कोई सफलता नहीं मिली है। राज्य सरकार अब बचाव कार्य में रोबोट के इस्तेमाल की संभावना तलाश रही है, ताकि राहत कर्मियों को किसी संभावित खतरे से बचाया जा सके।

टनल के भीतर गाद (सिल्ट) और पानी के रिसाव के कारण चुनौतियां बनी हुई हैं। तेलंगाना पुलिस के पुलिस अधीक्षक वैभव गायकवाड़ ने बताया कि बचाव कार्य में रोबोट को शामिल करने की संभावना पर विचार किया जा रहा है, क्योंकि राहत कर्मियों की सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है।

बचाव अभियान में अब भी कई चुनौतियां

हादसे के बाद से ही बचाव कार्य में भारी मुश्किलें आ रही हैं। टनल के अंदर भारी मात्रा में सिल्ट जमा हो चुकी है और पानी का रिसाव लगातार जारी है, जिससे राहत कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है। राहत कर्मी अत्यधिक जोखिम लेकर काम कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस सफलता नहीं मिल सकी है।

टनल की संरचना और वहां जमा सिल्ट के कारण खनन उपकरणों का प्रभावी उपयोग करना कठिन हो गया है। इसके अलावा, अंदर ऑक्सीजन की मात्रा भी सीमित होती जा रही है, जिससे अंदर फंसे लोगों की स्थिति को लेकर भी चिंता बढ़ रही है।

बचाव कार्य में रोबोट के इस्तेमाल पर विचार

पुलिस अधीक्षक वैभव गायकवाड़ ने कहा कि सरकार हर संभावित विकल्प पर विचार कर रही है, ताकि बचाव कार्य को सफल बनाया जा सके। उन्होंने कहा,

“हम सभी संभावनाओं पर विचार कर रहे हैं। हमारा ध्यान हमेशा से सर्वश्रेष्ठ उपकरणों, बेहतरीन मानव संसाधनों और विशेषज्ञों पर रहा है। हमने इन्हें बचाव अभियान में शामिल किया है। रविवार को हुई चर्चा में रोबोट के उपयोग का मुद्दा सामने आया। अब इस विकल्प पर भी गंभीरता से विचार किया जा रहा है। रोबोट ऐसे मामलों में उपयोगी साबित हो सकते हैं।”

रोबोट तकनीक कैसे मदद कर सकती है?

  • रोबोटिक कैमरा: सुरंग के अंदर की स्थिति को स्पष्ट रूप से देखने के लिए रोबोट में कैमरा लगाया जा सकता है।
  • ड्रोन तकनीक: छोटे आकार के रोबोट ड्रोन की मदद से संकरी जगहों पर निगरानी रखी जा सकती है।
  • ऑक्सीजन और भोजन की आपूर्ति: रोबोट के जरिए सुरंग में फंसे लोगों तक ऑक्सीजन और खाने-पीने की चीजें पहुंचाई जा सकती हैं।
  • खनन में सहायता: अत्यधिक जटिल परिस्थितियों में खुदाई और मलबे को हटाने में रोबोट उपयोगी हो सकते हैं।

अगर रोबोट तकनीक को बचाव कार्य में सफलतापूर्वक शामिल किया जाता है, तो इससे राहत दल के कर्मियों को भी संभावित खतरे से बचाया जा सकता है और फंसे हुए लोगों तक जल्द से जल्द पहुंचा जा सकता है।

Telangana Tunnel Accident: तेलंगाना में सुरंग धंसने से 8 मजदूर फंसे, 10 दिन बाद भी बचाव दल खाली हाथ!

हाई कोर्ट ने जनहित याचिका की खारिज

तेलंगाना हाई कोर्ट ने सोमवार को एक जनहित याचिका (PIL) को खारिज कर दिया, जिसमें प्रशासन को यह निर्देश देने की मांग की गई थी कि सुरंग में फंसे आठ लोगों को सुरक्षित और शीघ्र बचाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं।

याचिका नेशनल यूनियन फॉर माइग्रेंट वर्कर्स द्वारा दायर की गई थी। इस याचिका में मांग की गई थी कि बचाव अभियान को तेज करने के लिए सभी संभव उपाय किए जाएं।

हालांकि, हाई कोर्ट ने इस याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि राज्य सरकार और प्रशासन पहले से ही बचाव कार्य को लेकर हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।

राज्य सरकार और प्रशासन के प्रयास

राज्य सरकार और प्रशासन बचाव कार्य में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। अब तक कई विशेषज्ञों और आधुनिक तकनीकों को इस अभियान में शामिल किया जा चुका है।

  • विशेषज्ञ इंजीनियरों की टीम तैनात: सरकार ने भारत की शीर्ष इंजीनियरिंग एजेंसियों से विशेषज्ञों को बुलाया है, जो बचाव कार्य में रणनीति बना रहे हैं।
  • अत्याधुनिक उपकरणों का उपयोग: मलबा हटाने और टनल को सुरक्षित रूप से खोदने के लिए हैवी मशीनरी का उपयोग किया जा रहा है।
  • ऑक्सीजन आपूर्ति पर ध्यान: फंसे हुए लोगों तक ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए वैकल्पिक उपाय किए जा रहे हैं, ताकि उनकी जान को खतरा न हो।

लेकिन टनल की जटिल संरचना और लगातार पानी के रिसाव के कारण बचाव कार्य अपेक्षा से अधिक कठिन साबित हो रहा है।

रोबोट तकनीक पर भरोसा कितना कारगर?

विशेषज्ञों का मानना है कि रोबोट तकनीक आपदा राहत अभियानों में बेहद उपयोगी साबित हो सकती है। भारत में पहले भी भूकंप, बाढ़ और औद्योगिक दुर्घटनाओं के दौरान रोबोट तकनीक का सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया गया है।

हालांकि, सुरंग में पानी और गाद (सिल्ट) के कारण रोबोट को ऑपरेट करने में कुछ कठिनाइयां आ सकती हैं। लेकिन अगर सही रणनीति बनाई जाती है, तो रोबोट को सर्वेक्षण, ऑक्सीजन आपूर्ति और प्राथमिक चिकित्सा पहुंचाने जैसे कार्यों में इस्तेमाल किया जा सकता है।

बचाव अभियान को लेकर परिजनों की चिंता बढ़ी

टनल में फंसे लोगों के परिवार अब बेहद चिंतित हैं। बचाव कार्य में लगातार देरी के कारण परिजनों की चिंता बढ़ती जा रही है।

कई परिवारों ने राज्य सरकार से जल्द से जल्द बचाव कार्य पूरा करने की अपील की है। कुछ परिवारों ने यह भी आरोप लगाया कि बचाव अभियान धीमी गति से चल रहा है, जिससे अंदर फंसे लोगों की जान को खतरा हो सकता है। राज्य सरकार ने परिजनों को आश्वासन दिया है कि बचाव कार्य को शीघ्र पूरा करने के लिए हर संभव उपाय किए जा रहे हैं।

तेलंगाना टनल हादसे को दस दिन हो चुके हैं, लेकिन बचाव दल को अब तक कोई बड़ी सफलता नहीं मिली है। टनल में सिल्ट और पानी के रिसाव जैसी चुनौतियों के कारण राहत कार्य कठिन हो गया है। राज्य सरकार अब रोबोट तकनीक के इस्तेमाल पर विचार कर रही है, ताकि बचाव अभियान को तेज किया जा सके और राहत कर्मियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सके।

हालांकि, तेलंगाना हाई कोर्ट ने बचाव अभियान को लेकर दायर की गई जनहित याचिका को खारिज कर दिया है, लेकिन सरकार और प्रशासन की कोशिशें लगातार जारी हैं अब देखना यह होगा कि रोबोट तकनीक कितनी प्रभावी साबित होती है और कब तक टनल में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सकता है।

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EC के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं Mahua Moitra, कहा- वोटरों को जानबूझकर बाहर किया जा रहा है

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EC के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं Mahua Moitra, कहा- वोटरों को जानबूझकर बाहर किया जा रहा है

टीएमसी सांसद Mahua Moitra ने चुनाव आयोग के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है जिसमें बिहार में विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण की बात कही गई है। महुआ का कहना है कि यह आदेश मनमाना और असंवैधानिक है। उन्होंने मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट इस आदेश पर तुरंत रोक लगाए और देश के अन्य राज्यों में भी ऐसा कोई निर्देश न दिया जाए। महुआ का आरोप है कि इस प्रक्रिया के जरिए गरीबों, महिलाओं और प्रवासी मजदूरों को वोट देने के अधिकार से वंचित किया जा सकता है।

निजी जीवन को लेकर भी रहीं सुर्खियों में

हाल ही में महुआ मोइत्रा निजी जीवन को लेकर भी चर्चा में रहीं जब उन्होंने बर्लिन में पूर्व बीजेडी सांसद और वरिष्ठ वकील पिनाकी मिश्रा से विवाह किया। इसके अलावा वह उस समय भी खबरों में रहीं जब टीएमसी के ही वरिष्ठ नेता कल्याण बनर्जी ने उनके ऊपर निजी टिप्पणी की। बनर्जी ने कहा कि महुआ हनीमून से लौटने के बाद उन पर हमला कर रही हैं और उन्होंने “एक परिवार तोड़ने” का आरोप भी लगाया। यह बयान काफी विवादित रहा और पार्टी के भीतर भी हलचल मचा गया।

EC के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं Mahua Moitra, कहा- वोटरों को जानबूझकर बाहर किया जा रहा है

कौन हैं महुआ मोइत्रा?

महुआ मोइत्रा पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर लोकसभा सीट से टीएमसी की सांसद हैं। वह अपने बेबाक और तीखे बयानों के लिए जानी जाती हैं। संसद में उन्होंने कई बार केंद्र सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना की है और जनता से जुड़े मुद्दों को मजबूती से उठाया है। महुआ की राजनीति में सक्रियता और उनकी स्पष्टवादिता ने उन्हें राष्ट्रीय पहचान दिलाई है।

शिक्षा और करियर से राजनीति तक का सफर

महुआ मोइत्रा का जन्म 12 अक्टूबर 1974 को असम के कछार जिले के लाबाक में एक बंगाली हिंदू ब्राह्मण परिवार में हुआ। उन्होंने कोलकाता के गोखले मेमोरियल गर्ल्स स्कूल से शुरुआती शिक्षा प्राप्त की और इसके बाद अमेरिका के मैसाचुसेट्स स्थित माउंट होलीयोके कॉलेज से इकोनॉमिक्स और मैथ्स में स्नातक की डिग्री हासिल की। राजनीति में आने से पहले वह जेपी मॉर्गन चेस जैसे बड़े बैंक में इन्वेस्टमेंट बैंकर थीं और वाइस प्रेसिडेंट तक बनीं।

जनसेवा की चाह ने बदली जिंदगी की दिशा

साल 2009 में अपने कॉलेज रीयूनियन के दौरान महुआ मोइत्रा ने फैसला किया कि अब वह कॉर्पोरेट करियर छोड़कर भारत लौटकर जनसेवा करेंगी। उन्होंने राजनीति में कदम रखा और टीएमसी से जुड़कर लोगों की समस्याओं को उठाने लगीं। आज वह संसद की एक मुखर आवाज हैं और खासकर महिलाओं और अल्पसंख्यकों से जुड़े विषयों पर उनकी बातों को गंभीरता से सुना जाता है।

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टैरिफ डेडलाइन से पहले सियासी घमासान, Rahul Gandhi बोले- दिख रहा है दबाव में समझौता

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टैरिफ डेडलाइन से पहले सियासी घमासान, Rahul Gandhi बोले- दिख रहा है दबाव में समझौता

कांग्रेस सांसद Rahul Gandhi ने एक बार फिर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला है। इस बार उनका निशाना अमेरिका के साथ हो रही व्यापारिक डील पर है। उन्होंने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के हालिया बयान पर टिप्पणी करते हुए मोदी सरकार की नीति पर सवाल खड़े किए हैं। राहुल गांधी का कहना है कि केंद्र सरकार अमेरिका के दबाव में व्यापार समझौता करेगी और डेडलाइन के सामने झुक जाएगी।

क्या है पीयूष गोयल का बयान, जिस पर हुआ विवाद?

वास्तव में पीयूष गोयल ने कहा था कि अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को लेकर बातचीत जारी है लेकिन भारत किसी भी डेडलाइन के दबाव में नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि देशहित किसी भी समयसीमा से ऊपर है और जब तक भारत के हित पूरी तरह से सुरक्षित नहीं होंगे तब तक कोई समझौता नहीं किया जाएगा। कृषि और ऑटोमोबाइल जैसे मुद्दे अब तक सुलझे नहीं हैं, इसलिए कोई जल्दबाज़ी नहीं की जाएगी।

राहुल गांधी का पलटवार – ‘मोदी-ट्रंप झुकेंगे डेडलाइन के आगे’

राहुल गांधी ने पीयूष गोयल के बयान पर कटाक्ष करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि “गोयल चाहे जितना सीना ठोक लें, लेकिन याद रखना – मोदी और ट्रंप डेडलाइन के आगे झुकेंगे।” राहुल गांधी का दावा है कि सरकार दबाव में आकर अमेरिका से व्यापार समझौता करेगी, जिससे भारत के आर्थिक और घरेलू हितों को नुकसान पहुंच सकता है। उनका आरोप है कि यह सरकार अमेरिकी नीतियों के सामने मजबूर है।

टैरिफ डेडलाइन से पहले सियासी घमासान, Rahul Gandhi बोले- दिख रहा है दबाव में समझौता

टैरिफ डेडलाइन खत्म होने को है, बढ़ी हलचल

दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ समय पहले 100 से ज्यादा देशों पर जवाबी शुल्क (retaliatory tariffs) लगाए थे, जिसमें भारत पर 26% का शुल्क भी शामिल था। हालांकि बाद में अमेरिका ने इस पर 90 दिनों की अस्थायी रोक लगा दी थी। यह रोक अब 9 जुलाई को खत्म हो रही है, और इसी के चलते भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता ने रफ्तार पकड़ी है। दोनों देशों के बीच इस टैरिफ मुद्दे को लेकर समझौते की कोशिशें तेज हो गई हैं।

क्या भारत करेगा समझौता या डटेगा अपने हितों पर?

पीयूष गोयल ने साफ किया है कि भारत किसी भी डील को तब तक स्वीकार नहीं करेगा जब तक वह देश के आर्थिक हितों को पूरी तरह सुरक्षित नहीं करता। सरकार का रुख फिलहाल सख्त दिखाई दे रहा है, लेकिन विपक्ष का आरोप है कि अमेरिका के दबाव में जल्दबाजी में फैसला लिया जा सकता है। अब देखना यह होगा कि 9 जुलाई से पहले क्या कोई ठोस समझौता होता है या नहीं।

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इंटरनेट पर वायरल हुआ भगोड़ों का जलवा! Lalit Modi और Vijay Mallya की लंदन पार्टी ने मचाया तूफान

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इंटरनेट पर वायरल हुआ भगोड़ों का जलवा! Lalit Modi और Vijay Mallya की लंदन पार्टी ने मचाया तूफान

हाल ही में Lalit Modi और Vijay Mallya की लंदन में आयोजित एक शानदार पार्टी ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है। दोनों भारत के आर्थिक भगोड़े हैं और उन पर हजारों करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और गबन के आरोप हैं। इसके बावजूद ये विदेश में बेहद ऐशोआराम की ज़िंदगी बिता रहे हैं। इस पार्टी में करीब 310 खास मेहमान शामिल हुए जिनमें पूर्व RCB क्रिकेटर क्रिस गेल भी मौजूद थे।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो और फोटो

ललित मोदी ने इस पार्टी का एक वीडियो खुद अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा किया जिसमें वे और विजय माल्या ‘I Did It My Way’ गाना गाते नजर आए। वहीं, क्रिस गेल ने विजय माल्या और ललित मोदी के साथ अपनी तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा, “हम यहां बहुत मस्ती कर रहे हैं, शानदार शाम के लिए धन्यवाद।” इन पोस्ट्स ने देखते ही देखते इंटरनेट पर हलचल मचा दी।

 

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बिना डर के विदेश में शानो-शौकत की ज़िंदगी

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि दोनों भगोड़े विदेश में खुलकर पार्टी कर रहे हैं और किसी कानून का कोई खौफ नजर नहीं आता। ललित मोदी ने वीडियो पोस्ट करते हुए मजाकिया अंदाज़ में लिखा, “310 दोस्तों और परिवार के साथ शानदार रात… ये वीडियो इंटरनेट न तोड़ दे, लेकिन यही मैं सबसे अच्छा करता हूं।” यह दिखाता है कि उनके जीवन पर मुकदमों का कोई असर नहीं पड़ा है।

विजय माल्या और ललित मोदी पर लगे गंभीर आरोप

भारत सरकार ने विजय माल्या को 2019 में भगोड़ा घोषित किया था। उन पर 9000 करोड़ रुपये के लोन डिफॉल्ट का आरोप है। हालांकि, हाल ही में एक पॉडकास्ट में माल्या ने कहा कि बैंकों ने उनसे 14 हजार करोड़ रुपये की वसूली कर ली है। उधर, ललित मोदी पर 2009 में दक्षिण अफ्रीका में IPL शिफ्ट करने के बदले वित्तीय गड़बड़ी और मनी ट्रांसफर के आरोप हैं। ईडी ने उन पर 10.65 करोड़ का जुर्माना भी लगाया था।

क्या कभी भारत वापसी करेंगे भगोड़े?

भारत सरकार की कोशिशों के बावजूद अब तक ये दोनों भगोड़े कानून की गिरफ्त से बाहर हैं। सवाल यह भी है कि जब भारत में आम नागरिक छोटे अपराधों पर भी जेल चले जाते हैं, तो इन भगोड़ों को विदेशों में इतना विशेषाधिकार क्यों मिला हुआ है। क्या ये चकाचौंध भरी पार्टियां भारत के न्याय तंत्र को चुनौती नहीं दे रहीं?

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