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Telangana Tunnel Accident: तेलंगाना में सुरंग धंसने से 8 मजदूर फंसे, 10 दिन बाद भी बचाव दल खाली हाथ!

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Telangana Tunnel Accident: तेलंगाना में सुरंग धंसने से 8 मजदूर फंसे, 10 दिन बाद भी बचाव दल खाली हाथ!

Telangana Tunnel Accident: तेलंगाना में टनल (सुरंग) हादसे के दस दिन बीत जाने के बावजूद बचाव दल को अब तक कोई सफलता नहीं मिली है। राज्य सरकार अब बचाव कार्य में रोबोट के इस्तेमाल की संभावना तलाश रही है, ताकि राहत कर्मियों को किसी संभावित खतरे से बचाया जा सके।

टनल के भीतर गाद (सिल्ट) और पानी के रिसाव के कारण चुनौतियां बनी हुई हैं। तेलंगाना पुलिस के पुलिस अधीक्षक वैभव गायकवाड़ ने बताया कि बचाव कार्य में रोबोट को शामिल करने की संभावना पर विचार किया जा रहा है, क्योंकि राहत कर्मियों की सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है।

बचाव अभियान में अब भी कई चुनौतियां

हादसे के बाद से ही बचाव कार्य में भारी मुश्किलें आ रही हैं। टनल के अंदर भारी मात्रा में सिल्ट जमा हो चुकी है और पानी का रिसाव लगातार जारी है, जिससे राहत कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है। राहत कर्मी अत्यधिक जोखिम लेकर काम कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस सफलता नहीं मिल सकी है।

टनल की संरचना और वहां जमा सिल्ट के कारण खनन उपकरणों का प्रभावी उपयोग करना कठिन हो गया है। इसके अलावा, अंदर ऑक्सीजन की मात्रा भी सीमित होती जा रही है, जिससे अंदर फंसे लोगों की स्थिति को लेकर भी चिंता बढ़ रही है।

बचाव कार्य में रोबोट के इस्तेमाल पर विचार

पुलिस अधीक्षक वैभव गायकवाड़ ने कहा कि सरकार हर संभावित विकल्प पर विचार कर रही है, ताकि बचाव कार्य को सफल बनाया जा सके। उन्होंने कहा,

“हम सभी संभावनाओं पर विचार कर रहे हैं। हमारा ध्यान हमेशा से सर्वश्रेष्ठ उपकरणों, बेहतरीन मानव संसाधनों और विशेषज्ञों पर रहा है। हमने इन्हें बचाव अभियान में शामिल किया है। रविवार को हुई चर्चा में रोबोट के उपयोग का मुद्दा सामने आया। अब इस विकल्प पर भी गंभीरता से विचार किया जा रहा है। रोबोट ऐसे मामलों में उपयोगी साबित हो सकते हैं।”

रोबोट तकनीक कैसे मदद कर सकती है?

  • रोबोटिक कैमरा: सुरंग के अंदर की स्थिति को स्पष्ट रूप से देखने के लिए रोबोट में कैमरा लगाया जा सकता है।
  • ड्रोन तकनीक: छोटे आकार के रोबोट ड्रोन की मदद से संकरी जगहों पर निगरानी रखी जा सकती है।
  • ऑक्सीजन और भोजन की आपूर्ति: रोबोट के जरिए सुरंग में फंसे लोगों तक ऑक्सीजन और खाने-पीने की चीजें पहुंचाई जा सकती हैं।
  • खनन में सहायता: अत्यधिक जटिल परिस्थितियों में खुदाई और मलबे को हटाने में रोबोट उपयोगी हो सकते हैं।

अगर रोबोट तकनीक को बचाव कार्य में सफलतापूर्वक शामिल किया जाता है, तो इससे राहत दल के कर्मियों को भी संभावित खतरे से बचाया जा सकता है और फंसे हुए लोगों तक जल्द से जल्द पहुंचा जा सकता है।

Telangana Tunnel Accident: तेलंगाना में सुरंग धंसने से 8 मजदूर फंसे, 10 दिन बाद भी बचाव दल खाली हाथ!

हाई कोर्ट ने जनहित याचिका की खारिज

तेलंगाना हाई कोर्ट ने सोमवार को एक जनहित याचिका (PIL) को खारिज कर दिया, जिसमें प्रशासन को यह निर्देश देने की मांग की गई थी कि सुरंग में फंसे आठ लोगों को सुरक्षित और शीघ्र बचाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं।

याचिका नेशनल यूनियन फॉर माइग्रेंट वर्कर्स द्वारा दायर की गई थी। इस याचिका में मांग की गई थी कि बचाव अभियान को तेज करने के लिए सभी संभव उपाय किए जाएं।

हालांकि, हाई कोर्ट ने इस याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि राज्य सरकार और प्रशासन पहले से ही बचाव कार्य को लेकर हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।

राज्य सरकार और प्रशासन के प्रयास

राज्य सरकार और प्रशासन बचाव कार्य में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। अब तक कई विशेषज्ञों और आधुनिक तकनीकों को इस अभियान में शामिल किया जा चुका है।

  • विशेषज्ञ इंजीनियरों की टीम तैनात: सरकार ने भारत की शीर्ष इंजीनियरिंग एजेंसियों से विशेषज्ञों को बुलाया है, जो बचाव कार्य में रणनीति बना रहे हैं।
  • अत्याधुनिक उपकरणों का उपयोग: मलबा हटाने और टनल को सुरक्षित रूप से खोदने के लिए हैवी मशीनरी का उपयोग किया जा रहा है।
  • ऑक्सीजन आपूर्ति पर ध्यान: फंसे हुए लोगों तक ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए वैकल्पिक उपाय किए जा रहे हैं, ताकि उनकी जान को खतरा न हो।

लेकिन टनल की जटिल संरचना और लगातार पानी के रिसाव के कारण बचाव कार्य अपेक्षा से अधिक कठिन साबित हो रहा है।

रोबोट तकनीक पर भरोसा कितना कारगर?

विशेषज्ञों का मानना है कि रोबोट तकनीक आपदा राहत अभियानों में बेहद उपयोगी साबित हो सकती है। भारत में पहले भी भूकंप, बाढ़ और औद्योगिक दुर्घटनाओं के दौरान रोबोट तकनीक का सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया गया है।

हालांकि, सुरंग में पानी और गाद (सिल्ट) के कारण रोबोट को ऑपरेट करने में कुछ कठिनाइयां आ सकती हैं। लेकिन अगर सही रणनीति बनाई जाती है, तो रोबोट को सर्वेक्षण, ऑक्सीजन आपूर्ति और प्राथमिक चिकित्सा पहुंचाने जैसे कार्यों में इस्तेमाल किया जा सकता है।

बचाव अभियान को लेकर परिजनों की चिंता बढ़ी

टनल में फंसे लोगों के परिवार अब बेहद चिंतित हैं। बचाव कार्य में लगातार देरी के कारण परिजनों की चिंता बढ़ती जा रही है।

कई परिवारों ने राज्य सरकार से जल्द से जल्द बचाव कार्य पूरा करने की अपील की है। कुछ परिवारों ने यह भी आरोप लगाया कि बचाव अभियान धीमी गति से चल रहा है, जिससे अंदर फंसे लोगों की जान को खतरा हो सकता है। राज्य सरकार ने परिजनों को आश्वासन दिया है कि बचाव कार्य को शीघ्र पूरा करने के लिए हर संभव उपाय किए जा रहे हैं।

तेलंगाना टनल हादसे को दस दिन हो चुके हैं, लेकिन बचाव दल को अब तक कोई बड़ी सफलता नहीं मिली है। टनल में सिल्ट और पानी के रिसाव जैसी चुनौतियों के कारण राहत कार्य कठिन हो गया है। राज्य सरकार अब रोबोट तकनीक के इस्तेमाल पर विचार कर रही है, ताकि बचाव अभियान को तेज किया जा सके और राहत कर्मियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सके।

हालांकि, तेलंगाना हाई कोर्ट ने बचाव अभियान को लेकर दायर की गई जनहित याचिका को खारिज कर दिया है, लेकिन सरकार और प्रशासन की कोशिशें लगातार जारी हैं अब देखना यह होगा कि रोबोट तकनीक कितनी प्रभावी साबित होती है और कब तक टनल में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सकता है।

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Rajasthan Heavy Rain: राजस्थान में भारी बारिश और बाढ़ जलवायु परिवर्तन ने शुष्क प्रदेश को डुबो दिया

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Rajasthan Heavy Rain: राजस्थान में भारी बारिश और बाढ़ जलवायु परिवर्तन ने शुष्क प्रदेश को डुबो दिया

Rajasthan Heavy Rain: राजस्थान अपने शुष्क और गर्म मौसम के लिए जाना जाता है, लेकिन इस साल राज्य में मानसून ने एक नया रिकॉर्ड बना दिया है। जुलाई 2025 तक यहां औसत से 177 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। यह पिछले साल 2024 में दर्ज 156 प्रतिशत अधिक बारिश से भी कहीं अधिक है। लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने राज्य के जनजीवन, किसानों और प्रशासन को बुरी तरह प्रभावित किया है।

बाढ़ और प्रभावित जिले

राजस्थान के 18 बांध ओवरफ्लो हो चुके हैं और 30 जिलों में से 22 जिले सीधे मॉनसून से प्रभावित हैं। तेज बारिश के कारण कई शहरों, कस्बों और गांवों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। उदयपुर में सोमवार को बारिश से एक मकान ढह गया, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई। इसके अलावा सीकर, झुंझुनूं, डूंगरपुर, हनुमानगढ़, चित्तौड़गढ़ और दौसा समेत कई जिलों में भी बारिश जारी रही। कुछ जिलों में मौसम खुला और धूप निकली, जिससे तापमान में बढ़ोतरी हुई।

हालात को देखते हुए कोटा विश्वविद्यालय ने 26 अगस्त को होने वाली परीक्षाओं को स्थगित कर दिया। इसके अलावा आठ जिलों में स्कूल बंद रखने के आदेश भी जारी किए गए हैं। मौसम विभाग के अनुसार, पिछले 24 घंटे में सीकर के नीमकाथाना में 54 मिलीमीटर, रींगस-पलसाना में 31-31, श्रीमाधोपुर में 32 और श्रीगंगानगर के सूरतगढ़ में 25 मिलीमीटर बारिश हुई।

Rajasthan Heavy Rain: राजस्थान में भारी बारिश और बाढ़ जलवायु परिवर्तन ने शुष्क प्रदेश को डुबो दिया

Rajasthan Heavy Rain: राजस्थान में भारी बारिश और बाढ़ जलवायु परिवर्तन ने शुष्क प्रदेश को डुबो दिया

माउंट आबू और अन्य जिलों की स्थिति

सिरोही के माउंट आबू में 45 मिलीमीटर, पाली में 24, झुंझुनूं के बिसाऊ में 45, हनुमानगढ़ के रावतसर में 28, डूंगरपुर के देवल में 50 और डूंगरपुर शहर में 42 मिलीमीटर बारिश हुई। इसके अलावा दौसा के महुवा में 25, चूरू के राजगढ़ में 45, चित्तौड़गढ़ के डूंगला में 48, ब्यावर में 30 और बालोतरा के कल्याणपुर में 25 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। इन सभी आंकड़ों से साफ है कि राजस्थान के अधिकांश जिलों में लगातार बारिश का दबाव बना हुआ है।

जनजीवन और राहत कार्य

बारिश के चलते जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। कई गांव पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं और कई जगहों का संपर्क कट गया। मदद और राहत कार्यों में सेना को मोर्चा संभालना पड़ा। आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए वायु सेना ने अपने विमान तक तैनात किए। कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर और झालावाड़ जिलों में हालात सबसे ज्यादा गंभीर हैं।

हाड़ौती क्षेत्र में मूसलधार बारिश के चलते जन-धन की भारी क्षति हुई है। कई गांव जलमग्न हैं और ग्रामीण लोग सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किए जा रहे हैं। प्रशासन ने राहत कार्यों को तेज कर दिया है, लेकिन लगातार हो रही बारिश से स्थिति नियंत्रण से बाहर होती जा रही है।

मानसून जनित हादसे और मौतें

राजस्थान में मानसून सीजन में वर्षा जनित हादसों में अब तक 91 लोगों की जान जा चुकी है। पानी भरने और बाढ़ के कारण सड़कें बंद हो गई हैं और यातायात प्रभावित है। प्रशासन लगातार चेतावनी जारी कर रहा है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी जा रही है।

राजस्थान में इस साल बारिश का रिकॉर्ड 69 साल के पुराने रिकॉर्ड को तोड़ चुका है। 177 प्रतिशत ज्यादा बारिश ने राज्य के जनजीवन, किसानों और प्रशासन को बुरी तरह प्रभावित किया है। बाढ़, मकान ढहने और जन-धन की क्षति ने राज्य में आपातकालीन हालात पैदा कर दिए हैं। सेना और वायु सेना को राहत कार्यों में तैनात किया गया है, लेकिन लगातार बारिश के कारण स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है। राज्यवासियों को सतर्क रहने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी जा रही है।

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Rekha Gupta: दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता पर हमला दूसरी गिरफ्तारी से चौंकाने वाला खुलासा

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Rekha Gupta: दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता पर हमला दूसरी गिरफ्तारी से चौंकाने वाला खुलासा

Rekha Gupta: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुए हमले के मामले ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा है। यह हमला जनसुनवाई के दौरान हुआ था, जब मुख्यमंत्री लोगों से मुलाकात कर रही थीं। हालांकि, सुरक्षाकर्मियों की तत्परता और सतर्कता के कारण यह हमला नाकाम हो गया और मुख्यमंत्री सुरक्षित रहीं। घटना के तुरंत बाद पुलिस ने मौके से आरोपी राजेश को गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन अब इस मामले में दूसरी गिरफ्तारी हुई है, जिससे हमले की साजिश के पीछे की परतें धीरे-धीरे खुलने लगी हैं।

दूसरी गिरफ्तारी से खुली बड़ी साजिश

हमले के मामले में पुलिस ने आरोपी राजेश के दोस्त तहसीन को गिरफ्तार किया है। तहसीन को गुजरात के राजकोट से पकड़ा गया और पूछताछ के लिए दिल्ली लाया गया। जांच में यह सामने आया कि राजेश लगातार तहसीन से संपर्क में था और हमले की योजना के लिए तहसीन ने उसकी आर्थिक मदद भी की थी। पुलिस सूत्रों के अनुसार, तहसीन इस पूरे षड्यंत्र में राजेश का सहयोगी रहा और हमले की तैयारी में उसका अहम योगदान था।

चाकू से हमला करने की थी योजना

जांच में यह भी सामने आया है कि राजेश ने मुख्यमंत्री पर चाकू से हमला करने की साजिश रची थी। हमले से पहले वह सुप्रीम कोर्ट भी गया था, लेकिन वहां की कड़ी सुरक्षा देखकर उसने योजना बदल दी। इसके बाद वह सीधे शालीमार बाग स्थित मुख्यमंत्री आवास पहुंचा। हालांकि, जब उसने देखा कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था काफी मजबूत है, तो उसने चाकू को सिविल लाइन इलाके में फेंक दिया। सुरक्षाकर्मियों ने उसे मौके पर ही पकड़ लिया और इस तरह एक बड़ी दुर्घटना टल गई।

सुरक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव

इस हमले के बाद मुख्यमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था में बड़ा फेरबदल किया गया है। अब मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की पूरी सुरक्षा का जिम्मा दिल्ली पुलिस को सौंपा गया है। पहले उनकी सुरक्षा में सीआरपीएफ तैनात थी, लेकिन अब उन्हें हटा दिया गया है। दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया गया है कि सीएम के नजदीकी घेरे से लेकर पूरे सुरक्षा तंत्र को और सख्त किया जाए। सुरक्षाकर्मियों की संख्या भी बढ़ा दी गई है और विशेष निगरानी की व्यवस्था की गई है ताकि भविष्य में ऐसी कोई घटना दोबारा न हो।

Rekha Gupta: दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता पर हमला दूसरी गिरफ्तारी से चौंकाने वाला खुलासा

Rekha Gupta: दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता पर हमला दूसरी गिरफ्तारी से चौंकाने वाला खुलासा

हमले के बाद सीएम का साहसिक संदेश

हमले के अगले ही दिन मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट साझा किया। उन्होंने अपने जीवन का एक पुराना किस्सा सुनाते हुए लिखा कि जब वह कॉलेज में थीं तो कार चलाते समय उनका एक्सीडेंट हो गया था। उस हादसे के बाद वह कार चलाने से डरने लगी थीं। लेकिन उनके पिता ने समझाया कि जीवन में दुर्घटनाएं होती रहती हैं, लेकिन डरकर रास्ता नहीं छोड़ना चाहिए।

रेखा गुप्ता ने लिखा, “कल फिर एक दुर्घटना हुई, लेकिन मैं दिल्लीवासियों के हितों के लिए लड़ना कभी नहीं छोड़ सकती। मेरे जीवन का हर क्षण और शरीर का हर कण दिल्ली के नाम है। मैं इन अप्रत्याशित प्रहारों के बावजूद दिल्ली का साथ कभी नहीं छोड़ूंगी।”

जनता के बीच और निकट जाएंगी मुख्यमंत्री

हमले के बाद सीएम ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि अब जनसुनवाई केवल उनके आवास पर ही नहीं, बल्कि दिल्ली की हर विधानसभा क्षेत्र में आयोजित की जाएगी। उनका मानना है कि जनता से सीधा संवाद उनकी सबसे बड़ी ताकत है और किसी भी हमले या षड्यंत्र से वह इस परंपरा को बंद नहीं करेंगी।

दिल्ली की मुख्यमंत्री पर हुआ यह हमला लोकतंत्र की सुरक्षा और राजनीतिक व्यवस्था दोनों के लिए एक गंभीर सवाल खड़ा करता है। पुलिस की तेजी से कार्रवाई और सुरक्षाकर्मियों की सतर्कता के कारण बड़ा हादसा टल गया, लेकिन दूसरी गिरफ्तारी ने इस मामले को और भी गंभीर बना दिया है। यह स्पष्ट हो गया है कि हमला अचानक नहीं था, बल्कि एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा था।

रेखा गुप्ता ने इस पूरे प्रकरण में जिस साहस और दृढ़ता का परिचय दिया है, उसने उन्हें दिल्ली की जनता के बीच और मजबूत बना दिया है। उन्होंने यह साफ कर दिया है कि वह किसी भी खतरे या हमले से डरकर पीछे हटने वाली नहीं हैं। अब देखना होगा कि पुलिस की आगे की जांच इस साजिश के और किन-किन पहलुओं को उजागर करती है और क्या इस हमले के पीछे कोई और बड़ा नेटवर्क सामने आता है।

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Dhairya kulkarni: सतारा की बेटी ने फतह किया माउंट एल्ब्रस, मुंबई-गोवा हाईवे पर बस में लगी आग, 44 यात्री सुरक्षित

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Maharashtra: सतारा की बेटी ने फतह किया माउंट एल्ब्रस, मुंबई-गोवा हाईवे पर बस में लगी आग, 44 यात्री सुरक्षित

Dhairya kulkarni: महाराष्ट्र से दो बड़ी खबरें सामने आई हैं। पहली, सतारा की बेटी धैर्य कुलकर्णी ने रूस की सबसे ऊँची चोटी माउंट एल्ब्रस पर चढ़ाई कर देश का नाम रोशन किया। वहीं दूसरी ओर, रायगढ़ जिले में मुंबई-गोवा राजमार्ग पर एक निजी लग्जरी बस में आग लगने से बड़ा हादसा होते-होते टल गया और उसमें सवार 44 यात्री सुरक्षित बच गए।

सतारा की बेटी का शौर्य

सिर्फ 13 साल की उम्र में सतारा की धैर्य कुलकर्णी ने वो कर दिखाया, जिसका सपना बड़े-बड़े पर्वतारोही देखते हैं। धैर्य ने रूस की सबसे ऊँची चोटी माउंट एल्ब्रस पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की और तिरंगा लहराकर भारत का मान बढ़ाया।

धैर्य कुलकर्णी ने बताया कि वे 15 अगस्त को चोटी पर पहुंचने का इरादा रखती थीं ताकि स्वतंत्रता दिवस को वहां मनाया जा सके। लेकिन खराब मौसम की वजह से उन्हें एक दिन पहले यानी 14 अगस्त को ही चोटी पर चढ़ना पड़ा। इसके बावजूद उन्होंने तिरंगे के साथ तस्वीर खिंचवाई और भारत का संदेश दुनिया तक पहुँचाया।

सतारा लौटने पर धैर्य का जोरदार स्वागत किया गया। परिवार और स्थानीय लोगों ने उनके साहस और मेहनत पर गर्व जताया। धैर्य ने कहा कि यह उपलब्धि उनके माता-पिता के सहयोग और प्रेरणा के कारण संभव हुई। उनकी यह कामयाबी युवाओं के लिए प्रेरणा बन गई है कि उम्र छोटी हो सकती है लेकिन सपने बड़े होने चाहिए।

Maharashtra: सतारा की बेटी ने फतह किया माउंट एल्ब्रस, मुंबई-गोवा हाईवे पर बस में लगी आग, 44 यात्री सुरक्षित

Maharashtra: सतारा की बेटी ने फतह किया माउंट एल्ब्रस, मुंबई-गोवा हाईवे पर बस में लगी आग, 44 यात्री सुरक्षित

मुंबई-गोवा हाईवे पर बाल-बाल बचे 44 यात्री

इसी बीच महाराष्ट्र से दूसरी बड़ी खबर रायगढ़ जिले से आई, जहां रविवार तड़के मुंबई-गोवा हाईवे पर एक लग्जरी बस में अचानक आग लग गई। बस में 44 यात्री सवार थे और सभी मुंबई से सिंधुदुर्ग के मालवन जा रहे थे।

यह हादसा रात लगभग 2 बजे काशेडी सुरंग के पास हुआ। जानकारी के मुताबिक, बस का एक टायर अचानक फट गया। चालक को कुछ गड़बड़ी का अंदेशा हुआ और उसने तुरंत बस रोक दी। सतर्कता दिखाते हुए उसने सभी यात्रियों को बस से नीचे उतरने को कहा। जैसे ही यात्री बाहर निकले, आग तेजी से बस में फैल गई और कुछ ही देर में पूरी बस लपटों में घिर गई।

सूचना मिलते ही पुलिस और दमकल विभाग मौके पर पहुंचा। आग बुझाने के प्रयास के दौरान बस का डीजल टैंक भी फट गया, लेकिन सौभाग्य से तब तक सभी यात्री सुरक्षित स्थान पर जा चुके थे। इस हादसे में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

महाराष्ट्र से अन्य बड़ी सुर्खियाँ

  1. Ro-Ro सेवा की शुरुआत – कोकण रेलवे ने पहली बार निजी कारों के लिए ‘रोल ऑन-रोल ऑफ’ ट्रेन सेवा शुरू की है। यह विशेष ट्रेन कोलाड से गोवा के वेरना तक चलाई जा रही है और एक रैक में 40 कारें ले जाई जा सकेंगी। यह सेवा 23 अगस्त से 11 सितंबर तक चलेगी।

  2. दो कॉन्सटेबल बर्खास्त – ठाणे में तैनात दो पुलिस कॉन्सटेबलों को ड्यूटी में गंभीर लापरवाही के चलते सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। आरोप है कि उन्होंने कैदियों को अस्पताल ले जाते समय होटल में पार्टी कराई।

  3. ₹6 करोड़ की ड्रग्स जब्त – मुंबई एयरपोर्ट पर कस्टम विभाग ने बैंकॉक से आए एक यात्री को गिरफ्तार किया। उसके पास से 6 करोड़ रुपये की हाइड्रोपोनिक वीड बरामद की गई।

  4. राज ठाकरे का बयान – महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले 10 सालों से वोट चोरी हो रही है और इस कारण कई उम्मीदवार हारे हैं।

  5. अजित पवार का विपक्ष पर हमला – उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे बारिश और ट्रैफिक जैसी गंभीर समस्याओं की जगह भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच जैसे “गैर-मुद्दों” पर चर्चा कर रहे हैं।

एक ओर जहाँ धैर्य कुलकर्णी जैसी बच्ची देश का नाम रोशन कर रही हैं, वहीं मुंबई-गोवा हाईवे पर यात्रियों की जान बचाने वाले बस चालक ने सतर्कता का परिचय दिया। ये दोनों घटनाएँ दिखाती हैं कि महाराष्ट्र की धरती पर साहस और जिम्मेदारी की कोई कमी नहीं है। इसके अलावा, राज्य की अन्य सुर्खियाँ भी आने वाले दिनों की राजनीति और सामाजिक हालात का संकेत दे रही हैं।

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