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No traffic allowed on Bengaluru’s Church Street for a week owing to a revamp

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No traffic allowed on Bengaluru’s Church Street for a week owing to a revamp
सोमवार को चुरूच स्ट्रीट पर काम चल रहा है।

सोमवार को चुरूच स्ट्रीट पर काम चल रहा है। | फोटो साभार: के. भाग्य प्रकाश

चर्च स्ट्रीट को सोमवार को यातायात के लिए बंद कर दिया गया था और यह एक सप्ताह तक जारी रहेगा, क्योंकि एक निजी गैर-लाभकारी संगठन, जिसने दो साल तक सड़क के रखरखाव का काम संभाला है, ने मरम्मत कार्य शुरू कर दिया है।

कई व्यापारी इस कदम से परेशान हैं और उन्हें डर है कि लंबे समय तक बंद रहने से उनके व्यापार पर असर पड़ेगा, जो उनका कहना है, पहले ही प्रभावित हो चुका है। इस बीच, कार्यकर्ताओं ने नगर निकाय द्वारा दो साल के लिए सड़क के रखरखाव का जिम्मा एक निजी संस्था को सौंपने पर भी सवाल उठाया है।

सूत्रों ने बताया कि शहर स्थित एक गैर-लाभकारी संगठन, अनबॉक्सिंगबीएलआर फाउंडेशन ने बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) की नम्मा बेंगलुरु, नम्मा कोडुगे योजना के तहत चर्च स्ट्रीट को दो साल के लिए गोद लिया है।

एक बयान में, फाउंडेशन ने कहा कि इसका लक्ष्य “चर्च स्ट्रीट का सौंदर्यीकरण करना और बुनियादी ढांचागत सुधार करना है। यह सड़क और फुटपाथ की मरम्मत को संबोधित करेगा, स्ट्रीटलाइट्स को उन्नत करेगा, कचरा निपटान और जल निकासी में सुधार करेगा, और सजावटी हरियाली को जोड़ेगा। सूत्रों ने कहा कि इसने रिचमंड रोड और विट्टल माल्या रोड को भी अपनाया है और बाद में इन सड़कों पर काम शुरू किया जाएगा।

बीबीएमपी जोनल कमिश्नर स्नेहल आर. ने कहा कि फाउंडेशन के साथ एक एमओयू के बाद, नागरिक निकाय ने रखरखाव के लिए प्रशासनिक मंजूरी दे दी है। “एक निजी एजेंसी जो अनबॉक्सिंगबीएलआर का हिस्सा है, मरम्मत कार्य को अंजाम देगी। चूंकि एजेंसी अपनी जेब से पैसा खर्च करेगी, बीबीएमपी लगभग ₹3 करोड़ बचाएगा, ”उसने कहा।

बीबीएमपी ने रखरखाव छोड़ने का विरोध किया

कर्नाटक प्रगतिपारा बीड़ी व्यापारी संगठन के सदस्य विनय श्रीनिवासन ने कहा कि शहर की सभी सड़कों को बनाए रखना नागरिक निकाय की जिम्मेदारी है और इसे किसी निजी संस्था को सौंपना “स्वीकार्य नहीं” है। उन्होंने मांग की कि बीबीएमपी को परियोजना पर सफाई देनी चाहिए और एमओयू के नियमों और शर्तों का खुलासा करना चाहिए। बीबीएमपी ने अभी तक परियोजना पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।

“एमओयू पर नागरिक निकाय से औपचारिक संचार के अभाव में, सार्वजनिक कॉमन्स के निजी प्रशासन की आशंका है। हमारे पास शहरी सार्वजनिक स्थलों जैसे पार्कों को आरडब्ल्यूए द्वारा अपनाए जाने और अपने स्वयं के नियम लागू करने के उदाहरण हैं, जिसके कारण इन सार्वजनिक स्थानों को बाहर रखा गया। हालाँकि हम सड़क पर जीवन को बेहतर बनाने के लिए हस्तक्षेप के लिए किसी भी निजी निवेश का विरोध नहीं करते हैं, हम सड़क के रखरखाव को एक निजी संस्था को सौंपने का विरोध करेंगे, ”उन्होंने कहा।

व्यापारियों को लंबे समय तक बंदी का डर है

चर्च स्ट्रीट के व्यापारियों को सूचित किया गया है कि सड़क छह से सात दिनों के लिए यातायात के लिए बंद रहेगी। हालाँकि, कई लोगों को डर है कि बंद लंबा खिंच सकता है।

बुकवर्म के कृष्णा गौड़ा ने कहा कि सड़क पर कोई भी हस्तक्षेप कम समय में पूरा किया जाना चाहिए और लंबे समय तक बंद रहने से उनके व्यवसाय पर बुरा असर पड़ेगा।

एक रेस्तरां के मालिक गुरुराज ने कहा कि बंद होने का मतलब है कि कारोबार बहुत कम हो जाएगा। “पिछले डेढ़ महीने से कारोबार में मंदी देखी गई है और राजस्व में कम से कम 30% की गिरावट आई है। इस सप्ताह इसमें और गिरावट आएगी। चूंकि आस-पास की सड़कों पर पर्याप्त पार्किंग स्थान नहीं हैं, इसलिए लोग इस क्षेत्र में जाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाएंगे। सड़क अच्छी थी और इसके पुनर्निर्माण की कोई आवश्यकता नहीं थी, ”उन्होंने कहा। द हिंदू ने हाल ही में चर्च स्ट्रीट पर ग्राहकों की संख्या और कारोबार में गिरावट की सूचना दी थी।

अनबॉक्सिंगबीएलआर फाउंडेशन की सह-संस्थापक मालिनी गोयल ने कहा कि फिलहाल वे सड़क की मरम्मत और नागरिक मुद्दों को ठीक करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। दूसरे चरण में, वे सौंदर्यीकरण और बागवानी हस्तक्षेप पर ध्यान केंद्रित करेंगे। उन्होंने कहा, “हम एक अवधि में इस हिस्से को नया रूप देने के लिए और अधिक हस्तक्षेप की योजना बनाएंगे और इसे चरणबद्ध तरीके से लागू करेंगे।”

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TMC का बड़ा कदम, अपने ही नेताओं के खिलाफ जारी की निंदा… महुआ ने कहा- यही है हमारी पहचान

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TMC का बड़ा कदम, अपने ही नेताओं के खिलाफ जारी की निंदा… महुआ ने कहा- यही है हमारी पहचान

कोलकाता के एक लॉ कॉलेज की छात्रा के साथ गैंगरेप के मामले में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के कुछ नेताओं के विवादित बयान सामने आए हैं। इन बयानों को लेकर पूरे राज्य में लोगों में गुस्सा है। वहीं पार्टी ने खुद को इन बयानों से अलग कर लिया है। इस फैसले की तारीफ टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा ने भी की। उन्होंने कहा कि भारत की हर पार्टी में महिलाओं के प्रति नफरत छिपी होती है लेकिन टीएमसी की खासियत ये है कि वो अपने नेताओं की गलत बातों की भी आलोचना करने से पीछे नहीं हटती।

महुआ मोइत्रा का बयान और पार्टी की सोच

महुआ मोइत्रा ने सोशल मीडिया पर TMC के आधिकारिक बयान को रीपोस्ट करते हुए लिखा कि भारत में महिलाओं के प्रति नफरत किसी एक पार्टी तक सीमित नहीं है बल्कि यह सोच सभी दलों में मौजूद है। लेकिन TMC बाकियों से अलग है क्योंकि वो किसी भी नेता की गलत टिप्पणी को लेकर चुप नहीं बैठती। पार्टी चाहे किसी बड़े नेता ने कुछ भी कहा हो, अगर बात गलत है तो पार्टी खुलकर उसकी निंदा करती है। यही बात हमारी पार्टी को औरों से अलग बनाती है।

कौन-कौन से बयान बने विवाद की वजह

TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने शुक्रवार को एक विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि किसी महिला को यह जानना चाहिए कि वह किन लोगों के साथ बाहर जा रही है और उन पुरुषों की सोच कैसी है। वहीं पार्टी के विधायक मदन मित्रा ने तो हद ही कर दी। उन्होंने कहा कि अगर वह छात्रा कॉलेज अकेली न गई होती तो शायद ये घटना टल जाती। इन बयानों के बाद TMC पर सवाल उठने लगे कि क्या पार्टी भी इन्हीं विचारों से सहमत है।

पार्टी ने सार्वजनिक रूप से झाड़ा पल्ला

इन बयानों के आते ही TMC ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और अपने दोनों नेताओं की बातों से खुद को अलग कर लिया। पार्टी की ओर से कहा गया कि दक्षिण कोलकाता लॉ कॉलेज में घटी इस भयानक घटना पर कल्याण बनर्जी और मदन मित्रा के बयान उनके निजी विचार हैं। TMC इन बयानों से पूरी तरह असहमत है और उनकी कड़ी निंदा करती है। पार्टी ने साफ कहा कि उसका रुख महिलाओं के खिलाफ अपराधों को लेकर बिल्कुल स्पष्ट है और हम चाहते हैं कि इस अपराध में शामिल हर आरोपी को सबसे सख्त सज़ा मिले।

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Uttarakhand Bus Accident: बस नदी में गिरी, बचपन टूट गया – मासूम पार्थ का रोता हुआ वीडियो हर दिल को चीर गया

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Uttarakhand Bus Accident: बस नदी में गिरी, बचपन टूट गया – मासूम पार्थ का रोता हुआ वीडियो हर दिल को चीर गया

Uttarakhand Bus Accident: गुरुवार को उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में एक भयावह हादसा हुआ जिसमें एक 31-सीटर बस अलकनंदा नदी में जा गिरी। यह बस चारधाम यात्रा पर जा रहे तीर्थयात्रियों से भरी हुई थी। इस बस में मध्य प्रदेश के राजगढ़ से आए विशाल सोनी (42) और उनकी पत्नी गौरी सोनी (41) भी सवार थे। दुर्भाग्यवश इस दुर्घटना में दोनों की जान चली गई। उनका 10 वर्षीय बेटा पार्थ इस हादसे में बच गया लेकिन जिसने माता-पिता दोनों को खो दिया। वह सड़क किनारे हाथ जोड़कर भगवान बदरीनाथ से यही पूछता रहा, “हे बदरी विशाल, हमने क्या दोष किया?” उसका यह विडियो अब पूरे देश को रुला रहा है।

भगवान के सामने रोते हुए मासूम की पुकार

पार्थ की आंखें अलकनंदा नदी की गहराई में अपने माता-पिता को ढूंढ रही थीं। वह बदरीनाथ की मूर्ति की दिशा में टकटकी लगाए बैठा था और फूट-फूटकर रो रहा था। उसकी आवाज़ में केवल एक ही सवाल था कि “हम तो भक्त थे फिर ऐसा क्यों हुआ?” यह नज़ारा इतना मार्मिक था कि हर किसी की आंखें नम हो गईं। पार्थ की मासूमियत और उसका टूटा हुआ विश्वास पूरे देश के दिल को छू गया। इस हादसे ने यह भी दिखा दिया कि किस तरह एक पल में खुशहाल जीवन बिखर जाता है।

Uttarakhand Bus Accident: बस नदी में गिरी, बचपन टूट गया – मासूम पार्थ का रोता हुआ वीडियो हर दिल को चीर गया

पूरा परिवार तीर्थ यात्रा पर निकला था

पार्थ अपने माता-पिता के साथ चारधाम यात्रा पर गया था जबकि उसकी दो बहनें तेजस्विनी (17) और मानस्विनी (15) घर पर ही थीं। पूरा परिवार इस धार्मिक यात्रा को लेकर उत्साहित था लेकिन किसे पता था कि यह यात्रा उनके जीवन की आखिरी यात्रा बन जाएगी। बस में राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के 19 तीर्थयात्री थे जो एक ही परिवार से संबंधित थे। यह बस बद्रीनाथ मार्ग पर एक तेज मोड़ के पास तेज रफ्तार ट्रक से टकरा गई और हादसे का शिकार हो गई।

राहत बचाव में मुश्किलें और गुमशुदा लोग

हादसे के बाद जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एन.के. राजवार ने बताया कि अब तक चार शव बरामद किए जा चुके हैं जबकि आठ लोग अभी भी लापता हैं। तेज बहाव और नदी की गहराई के कारण खोजबीन में काफी दिक्कतें आ रही हैं। अब तक मिले शवों में संजय सोनी (55) का भी शव मिला है जो उदयपुर से थे। पुलिस और एसडीआरएफ की टीम लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही है लेकिन अधिकारी मान रहे हैं कि नदी के बहाव के कारण लापता लोगों के बचने की संभावना बेहद कम है।

पार्थ की मासूमियत ने झकझोरा पूरा देश

इस हादसे में न केवल जानें गईं बल्कि एक बच्चे का पूरा बचपन उजड़ गया। पार्थ के चाचा निलेश सोनी ने बताया कि वह अभी तक सदमे में है। अपने माता-पिता को अपनी आंखों के सामने खो देने का दर्द उसकी उम्र से कहीं बड़ा है। इस हादसे ने केवल एक परिवार नहीं बल्कि पूरे समाज को झकझोर दिया है। सोशल मीडिया पर पार्थ का वीडियो वायरल हो चुका है और लोग दुआ कर रहे हैं कि भगवान उसे शक्ति दें इस कठिन घड़ी में संभलने की।

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Weather Update: मानसून बना मुसीबत! हिमाचल से महाराष्ट्र तक बर्बादी के दृश्य, जानिए कहां कितना कहर बरपा

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Weather Update: मानसून बना मुसीबत! हिमाचल से महाराष्ट्र तक बर्बादी के दृश्य, जानिए कहां कितना कहर बरपा

Weather Update: मानसून का आगमन इस बार राहत से ज्यादा परेशानी लेकर आया है। देश के कई हिस्सों में बाढ़, भूस्खलन और तेज बारिश से हालात बदतर हो गए हैं। हिमाचल प्रदेश से लेकर गुजरात तक लोग पानी-पानी हो चुके हैं। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने आज भी कई राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। हिमाचल और उत्तराखंड में बाढ़ और भूस्खलन की चेतावनी दी गई है। गुजरात और महाराष्ट्र में भारी वर्षा की संभावना के साथ येलो अलर्ट जारी किया गया है। ऐसे में लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

बिहार और राजस्थान में बिजली और तेज बारिश का खतरा

बिहार में मानसून के सक्रिय होते ही कई जिलों में तेज बारिश और वज्रपात की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग ने पश्चिम चंपारण, खगड़िया, बेगूसराय, मुंगेर, भागलपुर, कटिहार, पूर्णिया सहित कई जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वहीं राजस्थान के बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, सिरोही, उदयपुर, अजमेर, सवाई माधोपुर आदि जिलों में आज सुबह बिजली के साथ बारिश की संभावना जताई गई है। किसान और आम जनता दोनों के लिए यह अलर्ट बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि फसलें और जीवन दोनों प्रभावित हो सकते हैं।

Weather Update: मानसून बना मुसीबत! हिमाचल से महाराष्ट्र तक बर्बादी के दृश्य, जानिए कहां कितना कहर बरपा

महाराष्ट्र में डूबी सड़कें और दुकानें

महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में कई घंटे की बारिश के बाद कंचनगंगा नदी उफान पर है। इसके चलते मुंबई-नागपुर हाइवे पर जलभराव हो गया है। लोगों के घरों में घुटनों तक पानी घुस गया है। दुकानें डूब गई हैं, कारें बह गई हैं और बिजली के खंभे तक पानी में समा गए हैं। मुंबई, ठाणे, पालघर और रायगढ़ जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। प्रशासन लगातार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दे रहा है लेकिन अभी राहत के संकेत नहीं हैं।

हिमाचल और उत्तराखंड में तबाही के दृश्य

हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में बादल फटने से हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में काम कर रहे मजदूर पानी के बहाव में बह गए। अब तक पांच शव बरामद हुए हैं जबकि बाकी की तलाश जारी है। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में भारी बारिश के बाद मुनकटिया के पास पहाड़ दरक गया और चट्टानें सड़क पर गिरने लगीं। इसके बाद केदारनाथ जाने वाले यात्रियों को सोनप्रयाग में रोक दिया गया। इन पहाड़ी राज्यों में लगातार हो रही बारिश से खतरे की घंटी बज चुकी है।

गुजरात, यूपी और जम्मू में भी नहीं थमा पानी का प्रकोप

गुजरात के नवसारी में कावेरी नदी के उफान पर होने से मंदिर जलमग्न हो गए हैं। सड़कों से लेकर घरों तक पानी भर गया है। यूपी में बारिश की रफ्तार धीमी हुई है लेकिन मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों तक बिजली और हल्की बारिश का अलर्ट जारी किया है। जम्मू में डोडा-भद्रवाह हाईवे पर बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। यहां एक नाले में पानी बढ़ने से घंटों जाम लगा रहा। वहीं कठुआ में मछली पकड़ने गए दो लड़के अचानक बढ़े जलस्तर में फंस गए जिन्हें SDRF ने समय रहते बचा लिया।

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