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Manipur: Kuki groups to hold coffin rally to ‘pay tribute’ to 10 slain youths

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Manipur: Kuki groups to hold coffin rally to ‘pay tribute’ to 10 slain youths
मणिपुर के कुकी संगठनों के एक मंच ने कहा कि एक 'ताबूत रैली' आयोजित की जाएगी। फ़ाइल

मणिपुर के कुकी संगठनों के एक मंच ने कहा कि एक ‘ताबूत रैली’ आयोजित की जाएगी। फ़ाइल | फोटो साभार: द हिंदू

मणिपुर के कुकी संगठनों के एक मंच ने कहा कि 10 लोगों को श्रद्धांजलि देने और एकजुटता दिखाने के लिए मंगलवार (19 नवंबर, 2024) को चुराचांदपुर में एक ‘ताबूत रैली’ आयोजित की जाएगी। कुकी-ज़ो युवाजो मणिपुर के जिरीबाम जिले में सीआरपीएफ के साथ कथित गोलीबारी में मारे गए थे।

सोमवार (18 नवंबर, 2024) को एक ‘संयुक्त सार्वजनिक नोटिस’ में, ज़ोमी स्टूडेंट्स फेडरेशन (ZSF), कुकी स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन (KSO) और हमार स्टूडेंट्स एसोसिएशन (HSA) ने स्कूलों और कॉलेजों को 10वीं कक्षा से विद्यार्थियों को भेजने का निर्देश दिया। काली शर्ट पहनकर कार्यक्रम में भाग लेने के लिए।

आयोजकों में से एक ने बताया पीटीआई वे मारे गए युवकों के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए प्रतीकात्मक रूप से 10 डमी ताबूत ले जाएंगे क्योंकि शव अभी भी एक स्थानीय अस्पताल के मुर्दाघर में पड़े हुए हैं।

असम के सिलचर के एक अस्पताल में शव परीक्षण के बाद शव शनिवार दोपहर कुकी बहुल जिले चुराचांदपुर पहुंचे।

मणिपुर में कुकी-ज़ो समुदाय के एक प्रमुख संगठन, इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) ने रविवार (17 नवंबर, 2024) को फैसला किया कि 10 युवाओं का अंतिम संस्कार तब तक नहीं किया जाएगा जब तक कि उनकी पोस्टमॉर्टम जांच रिपोर्ट नहीं सौंप दी जाती। परिवार.

मणिपुर पुलिस ने 11 नवंबर को दावा किया था कि छद्मवेशी वर्दी में और अत्याधुनिक हथियारों से लैस विद्रोहियों द्वारा जिरीबाम जिले के जकुराधोर में बोरोबेकरा पुलिस स्टेशन और निकटवर्ती सीआरपीएफ शिविर पर अंधाधुंध गोलीबारी के बाद सुरक्षा बलों के साथ भीषण गोलीबारी में 10 संदिग्ध आतंकवादी मारे गए।

पुलिस ने दावा किया था कि संदिग्ध आतंकवादियों ने उसी जिले से छह नागरिकों – तीन महिलाओं और तीन बच्चों – का अपहरण कर लिया था।

पिछले साल मई से इंफाल घाटी स्थित मेइतेईस और निकटवर्ती पहाड़ी स्थित कुकी-ज़ो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 220 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।

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Robert Vadra का ED दफ्तर के लिए पैदल रुख! लैंड डील केस में समन जारी

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Robert Vadra का ED दफ्तर के लिए पैदल रुख! लैंड डील केस में समन जारी

Robert Vadra: प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुग्राम लैंड डील केस में रॉबर्ट वाड्रा को एक और समन भेजा है। यह समन प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट यानी पीएमएलए के तहत जारी किया गया है। वाड्रा इस बार पैदल चलते हुए ED दफ्तर पहुंचे हैं। इससे पहले 8 अप्रैल को भी उन्हें समन भेजा गया था लेकिन वह उस दिन हाजिर नहीं हुए थे।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं का जबरदस्त प्रदर्शन

जब रॉबर्ट वाड्रा ED दफ्तर पहुंचे तो वहां बड़ी संख्या में कांग्रेस के कार्यकर्ता मौजूद थे। कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी की। पूरा माहौल राजनीतिक तनाव से भरा हुआ था। वाड्रा ने वहां मौजूद अपने समर्थकों को हाथ जोड़कर अभिवादन भी किया।

 वाड्रा ने बताया बदले की कार्रवाई

रॉबर्ट वाड्रा ने जांच को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार केंद्रीय एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर रही है। वाड्रा ने अपने बयान में साफ कहा कि वह जांच में पूरा सहयोग देंगे लेकिन यह सब एक सोची समझी रणनीति का हिस्सा है।

पहले समन को किया था नजरअंदाज

8 अप्रैल को ED ने पहली बार वाड्रा को समन भेजा था लेकिन वह उस दिन पेश नहीं हुए। मंगलवार को उन्होंने जांच में शामिल होने का फैसला लिया और ED दफ्तर पहुंचे। इस दौरान मीडिया की नजरें भी उन पर टिकी रहीं और माहौल पूरी तरह से राजनीतिक हो गया।

जमीन सौदे में करोड़ों का फर्क

ED रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी की वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रही है। आरोप है कि फरवरी 2008 में वाड्रा की कंपनी ने ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से 3.5 एकड़ जमीन 7.5 करोड़ रुपये में खरीदी थी। बाद में यही जमीन डीएलएफ को 58 करोड़ रुपये में बेची गई।

 

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Mehul Choksi Arrested: भारत के सामने कानूनी चुनौती! चोकसी की वापसी में लग सकता है लंबा वक्त

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Mehul Choksi Arrested: भारत के सामने कानूनी चुनौती! चोकसी की वापसी में लग सकता है लंबा वक्त

Mehul Choksi Arrested: फरार हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को 12 अप्रैल को बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया है. वह कैंसर का इलाज कराने के बहाने बेल्जियम गया था और वहां से स्विट्जरलैंड भागने की फिराक में था. लेकिन इससे पहले ही भारतीय जांच एजेंसियों ने उसे पकड़ लिया.

गिरफ्तारी पर खुशी लेकिन वापसी मुश्किल

पीएनबी घोटाले के व्हिसल ब्लोअर हरिप्रसाद एसवी ने चोकसी की गिरफ्तारी पर खुशी जताई. उन्होंने कहा कि भारत के जिन लोगों को चोकसी ने धोखा दिया उनके लिए यह एक राहत की खबर है. पर उन्होंने साथ ही कहा कि उसे भारत लाना आसान नहीं होगा.

यूरोप में होंगे बड़े वकील तैयार

हरिप्रसाद ने कहा कि चोकसी के पास बहुत पैसा है और वह यूरोप के सबसे बड़े वकीलों को हायर करेगा. जैसे विजय माल्या ने किया. पहले एंटीगुआ में भी उसे पकड़ा गया था लेकिन अपने वकीलों के जरिए वह निकल गया. अब बेल्जियम से लाना भी लंबा और मुश्किल काम होगा.

भारत की कानूनी चुनौती

हरिप्रसाद का कहना है कि जब किसी विदेशी देश से डील करनी होती है तो वहां के कानून और प्रक्रिया का पालन करना पड़ता है. इसमें समय लगता है. चोकसी के पास करोड़ों की संपत्ति है और दुनिया के सबसे महंगे वकीलों की फौज भी है. फिर भी उम्मीद है कि सरकार उसे वापस ला सकेगी.

चोकसी पर भारी घोटाले का आरोप

मेहुल चोकसी पर लगभग 14000 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप है. उसकी कंपनी गितांजलि जेम्स ने बैंक अधिकारियों से मिलीभगत कर फर्जी एलओयू और एफएलसी जारी किए. इससे पीएनबी को भारी नुकसान हुआ. ईडी और सीबीआई उसके खिलाफ कई चार्जशीट दाखिल कर चुके हैं.

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Justice BV Nagarathna: भारतीय परिवार संस्था में बदलाव का दौर! Justice BV Nagarathna ने किया अहम खुलासा

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Justice BV Nagarathna: भारतीय परिवार संस्था में बदलाव का दौर! Justice BV Nagarathna ने किया अहम खुलासा

Justice BV Nagarathna: सुप्रीम कोर्ट की जज जस्टिस बीवी नागरथना ने शनिवार को कहा कि आजकल भारतीय परिवार संस्था में तेजी से बदलाव हो रहा है। यह बदलाव परिवारों की संरचना और कार्यप्रणाली पर गहरा असर डाल रहा है और साथ ही कानूनी व्यवस्था पर भी प्रभाव डाल रहा है।

बदलाव के कारण

जस्टिस नागरथना ने बताया कि यह बदलाव कई कारणों से हो रहा है जैसे सामान्य शिक्षा तक बढ़ी हुई पहुंच शहरीकरण में बढ़ोतरी व्यक्तियों की कार्यक्षेत्र में अधिक भागीदारी और महिलाओं की बढ़ती आर्थिक स्वतंत्रता। शिक्षा ने भी इस बदलाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

महिलाओं की शिक्षा और रोजगार का प्रभाव

जस्टिस नागरथना ने यह भी कहा कि महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक स्वतंत्रता को शिक्षा और रोजगार के माध्यम से सकारात्मक रूप से देखा जाना चाहिए। महिलाओं का परिवार के भले में योगदान ही नहीं बल्कि राष्ट्र के भले में भी महत्वपूर्ण है। यह समाज के लिए प्रेरणास्त्रोत होना चाहिए।

Justice BV Nagarathna: भारतीय परिवार संस्था में बदलाव का दौर! Justice BV Nagarathna ने किया अहम खुलासा

पारिवारिक विवादों का समाधान

जस्टिस नागरथना ने कहा कि भारत में अदालतों में लंबित पारिवारिक विवादों का एक बड़ा प्रतिशत हल किया जा सकता है यदि दोनों पार्टियां दो कदम उठाएं। पहला कदम यह है कि वे एक-दूसरे के दृष्टिकोण का सम्मान करें और दूसरा कदम यह है कि दोनों अपने-अपने आत्ममूल्य का आकलन करें।

पति-पत्नी के रिश्तों में समझ और सम्मान

जस्टिस नागरथना ने बताया कि जब पति-पत्नी के बीच कोई विवाद हो तो दोनों को एक-दूसरे के दृष्टिकोण को समझने की कोशिश करनी चाहिए। यदि कोई पार्टनर दूसरे के दृष्टिकोण से समस्याजनक लगता है तो उसे पहले अपने दृष्टिकोण को समझाने की कोशिश करनी चाहिए। यह दोनों के रिश्ते को मजबूत बनाएगा।

 

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