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Jairam Ramesh says no reason to celebrate increased women participation in workforce, highights wage fall and job quality deterioration

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Jairam Ramesh says no reason to celebrate increased women participation in workforce, highights wage fall and job quality deterioration
कांग्रेस नेता जयराम रमेश. फ़ाइल

कांग्रेस नेता जयराम रमेश. फ़ाइल | फोटो साभार: पीटीआई

नरेंद्र मोदी सरकार पर बारीकियों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया महिला श्रम बल भागीदारी अनुपात (एलएफपीआर), जो पिछले महीने सरकार के बयान के अनुसार, 2017-18 में 27% से बढ़कर 2023-24 में 41.7% हो गया, कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने बताया कि इस वृद्धि का 84% वास्तव में मामले में है स्व-रोज़गार वाली महिलाओं में से कई अवैतनिक पारिवारिक कार्यों में लगी हुई हैं।

उन्होंने कहा, आंकड़ों से पता चलता है कि महिलाएँ कार्यबल में प्रवेश कर रही हैं क्योंकि वेतनभोगी कर्मचारी या स्व-रोज़गार आज छह साल पहले की तुलना में कम कमा रहे हैं।

महिलाओं के रोजगार पर क्या दृष्टिकोण है? | व्याख्या की

उन्होंने कहा, महिलाओं की एलएफपीआर में वृद्धि, करीब से देखने पर पता चलता है कि यह मुख्य रूप से ग्रामीण महिलाओं द्वारा संचालित है, जिनका श्रम बल में प्रवेश “आर्थिक संकट” से प्रेरित है। उन्होंने आगे बताया कि स्व-रोजगार में लगी ग्रामीण महिलाओं का अनुपात तेजी से 57.7% (2017-18) से बढ़कर 73.5% (2023-24) हो गया है, और शहरी महिलाओं के मामले में यह 34.8% (2017-) से बढ़ गया है। 18) से 42.3% (2023-24)। ग्रामीण और शहरी महिलाओं द्वारा अवैतनिक पारिवारिक कार्य 31.7% (2017-18) से बढ़कर 36.7% (2023-24) हो गया है। 2017-18 और 2023-24 के बीच कुल महिला एलएफपीआर में 84% वृद्धि स्व-रोज़गार के कारण हुई, जिसमें अवैतनिक पारिवारिक कार्य शामिल हैं।

“कोई भी आधुनिकीकरण वाली अर्थव्यवस्था संरचनात्मक परिवर्तन से गुजरती है क्योंकि श्रमिक कम वेतन वाली कृषि नौकरियों से विनिर्माण और सेवा उद्योगों में बेहतर संभावनाओं की ओर बढ़ते हैं। पिछले एक दशक में यह दुखद रूप से उलट गया है,” श्री रमेश ने कहा।

कृषि में काम करने वाली ग्रामीण महिलाओं का अनुपात 73.2% (2017-18) से बढ़कर 76.9% (2023-24) हो गया है, और महामारी के दौरान भी यह उससे ऊपर बना हुआ है। इस बीच आधुनिक सेवा क्षेत्र (स्वास्थ्य, शिक्षा, आईटी आदि) में महिलाओं के लिए नौकरियों की हिस्सेदारी में 2021 के बाद से गिरावट आई है।

यह रेखांकित करते हुए कि डेटा आशाजनक क्यों नहीं है, उन्होंने यह भी बताया कि महिलाओं की आय में उल्लेखनीय गिरावट आई है। “इस निराशाजनक तस्वीर का अंतिम भाग मजदूरी है। मुद्रास्फीति के समायोजन के बाद, 2017-18 और 2023-24 के बीच स्व-रोज़गार महिलाओं का वास्तविक औसत मासिक वेतन ₹3,073 कम हो गया, जो कि 35% की गिरावट है। इसी अवधि में वेतनभोगी महिला श्रमिकों का वास्तविक वेतन ₹1,342 या 7% की गिरावट आई है, ”उन्होंने कहा।

उन्होंने तर्क दिया कि महिलाओं की एलएफपीआर में वृद्धि वास्तव में ग्रामीण संकट से प्रेरित है और नौकरियों की गुणवत्ता में गिरावट और महिला श्रेणियों की वास्तविक मजदूरी में गिरावट के कारण जश्न मनाने का कोई कारण नहीं है।

श्री रमेश ने कहा, “इसे किसी त्रासदी और मोदी सरकार के एक और विफल जुमले से कम नहीं देखा जाना चाहिए।”

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Income Tax Return: ITR-1 फॉर्म की पूरी जानकारी जानिए कौन कर सकता है इसका इस्तेमाल

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Income Tax Return: ITR-1 फॉर्म की पूरी जानकारी जानिए कौन कर सकता है इसका इस्तेमाल

Income Tax Return यानी ITR फाइल करने का समय आ गया है। जैसे ही एक्सेल यूटिलिटी जारी होगी करदाता अपने रिटर्न दाखिल करना शुरू कर देंगे। टैक्स विभाग ने पहले ही विभिन्न ITR फॉर्म नोटिफाई कर दिए हैं जिनमें ITR-1 से लेकर ITR-7 तक शामिल हैं। साथ ही टैक्स विभाग लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चला रहा है।

ITR-1 फॉर्म क्या है और कौन फाइल कर सकता है

ITR-1 जिसे सहज फॉर्म भी कहा जाता है वह एक ऐसा फॉर्म है जिसे वे निवासी व्यक्ति फाइल कर सकते हैं जिनकी कुल आय वित्तीय वर्ष में 50 लाख रुपये से अधिक नहीं होती। इसमें वेतन आय मकान संपत्ति से आय पारिवारिक पेंशन और कृषि आय 5000 रुपये तक की आय शामिल हो सकती है। इसके अलावा बचत खाते पर ब्याज और अन्य साधारण स्रोतों से आय भी इसमें शामिल होती है।

Income Tax Return: ITR-1 फॉर्म की पूरी जानकारी जानिए कौन कर सकता है इसका इस्तेमाल

ITR-1 में परिवार की आय भी शामिल हो सकती है

इस फॉर्म को वह व्यक्ति भी फाइल कर सकता है जिनके पति या पत्नी या नाबालिग बच्चे की आय उनके साथ जोड़ी गई हो बशर्ते आय स्रोत और आय की सीमा उपरोक्त नियमों के अनुसार हो। यह नियम पोरचुगीज सिविल कोड के अंतर्गत नहीं आते। इसलिए इस फॉर्म से ज्यादातर सामान्य वर्ग के करदाताओं की जरूरतें पूरी होती हैं।

ITR-4 फॉर्म के बारे में जानकारी

ITR-4 जिसे सहज के नाम से भी जाना जाता है वह उन निवासियों के लिए है जिनकी आय 50 लाख रुपये तक है और जिनका व्यवसाय या पेशा अनुमानित आधार पर होता है। यह फॉर्म उन लोगों के लिए भी है जिनकी आय वेतन मकान कृषि और अन्य स्रोतों से होती है। लेकिन यह फॉर्म उन लोगों के लिए नहीं है जो गैर-निवासी हों या जिनकी आय 50 लाख से अधिक हो।

ITR-4 फॉर्म के लिए कुछ विशेष नियम

ITR-4 फॉर्म उन लोगों के लिए उपयुक्त नहीं है जो कंपनी के निदेशक हैं या जिनकी कृषि आय 5000 रुपये से अधिक है या जिनके पास एक से ज्यादा मकान संपत्तियां हैं। साथ ही जो RNOR या NRI हैं वे भी इस फॉर्म का उपयोग नहीं कर सकते। ऐसे करदाताओं के लिए अन्य फॉर्म उपलब्ध हैं जिन्हें उन्हें फाइल करना होगा।

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State Bank Of India: एफडी पर दोबारा गिरी ब्याज दरें एसबीआई की ताजा चाल से निवेशक हुए परेशान

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State Bank Of India: एफडी पर दोबारा गिरी ब्याज दरें एसबीआई की ताजा चाल से निवेशक हुए परेशान

State Bank Of India ने एक बार फिर अपने ग्राहकों को झटका दिया है। इस बार बैंक ने फिक्स्ड डिपॉजिट यानी एफडी पर ब्याज दरें घटा दी हैं। यह बदलाव 16 मई 2025 से लागू हो गया है और इससे आम नागरिकों के साथ सीनियर सिटिज़न भी प्रभावित हुए हैं।

एक महीने में दूसरी बार हुई कटौती

ब्याज दरों में यह कटौती पिछले महीने 15 अप्रैल 2025 को हुई कटौती के बाद सिर्फ एक महीने में फिर से की गई है। इस बार एसबीआई ने सभी अवधि वाली एफडी पर 20 बेसिस पॉइंट्स यानी 0.20 प्रतिशत की कटौती की है। इससे लोगों की बचत पर सीधा असर पड़ा है।

State Bank Of India: एफडी पर दोबारा गिरी ब्याज दरें एसबीआई की ताजा चाल से निवेशक हुए परेशान

नई ब्याज दरें क्या होंगी

अब एसबीआई एफडी पर 3.30 प्रतिशत से लेकर 6.70 प्रतिशत सालाना ब्याज देगा। यह दरें उन लोगों के लिए हैं जो 3 करोड़ रुपये से कम की एफडी करते हैं। पहले यही दरें 3.50 प्रतिशत से 6.90 प्रतिशत तक थीं। यानी हर अवधि पर ब्याज में थोड़ी कटौती की गई है।

अमृत वृष्टि स्कीम पर भी असर

एसबीआई की खास एफडी स्कीम ‘अमृत वृष्टि’ पर भी 20 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की गई है। पहले इस स्कीम की अवधि 444 दिनों पर 7.05 प्रतिशत ब्याज मिल रहा था लेकिन अब इसे घटाकर 6.85 प्रतिशत कर दिया गया है।

सीनियर और सुपर सीनियर सिटिज़न पर असर

सीनियर सिटिज़न को भी अब कम ब्याज मिलेगा। एसबीआई की ‘We Care’ स्कीम के तहत अब 4 प्रतिशत से 7.50 प्रतिशत तक ब्याज दिया जाएगा। अमृत वृष्टि स्कीम पर सीनियर सिटिज़न को अब 7.35 प्रतिशत और सुपर सीनियर सिटिज़न को 7.45 प्रतिशत ब्याज मिलेगा।

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Stock Market: सेंसेक्स का झटका! शुरुआत में बढ़त फिर गिरावट का दौर, निवेशकों में चिंता बढ़ी

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Stock Market: सेंसेक्स का झटका! शुरुआत में बढ़त फिर गिरावट का दौर, निवेशकों में चिंता बढ़ी

Stock Market: गुरुवार को भारतीय स्टॉक मार्केट की शुरुआत धीमी रही। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 81,354 के स्तर पर 24 अंक की मामूली बढ़त के साथ खुला। लेकिन जैसे ही ट्रेडिंग शुरू हुई बाजार में गिरावट देखने को मिली। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 80,947 के स्तर पर 0.45 प्रतिशत या 383 अंकों की गिरावट के साथ ट्रेड कर रहा था।

सेंसेक्स के शेयरों का हाल

शुरुआती ट्रेडिंग में 30 में से केवल 6 शेयर हरे निशान पर थे जबकि 24 शेयर लाल निशान में थे। टाटा मोटर्स, अडानी पोर्ट्स, टाटा स्टील, टेक महिंद्रा, अल्ट्राटेक सीमेंट और भारती एयरटेल के शेयर बढ़त में थे। वहीं पावर ग्रिड, एनटीपीसी, कोटक बैंक, इंफोसिस, जोमैटो, सन फार्मा, इंडसइंड बैंक सहित कई बड़े शेयर गिरावट में थे।

Stock Market: सेंसेक्स का झटका! शुरुआत में बढ़त फिर गिरावट का दौर, निवेशकों में चिंता बढ़ी

निफ्टी का भी गिरावट भरा प्रदर्शन

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी गिरावट में रहा। शुरुआती कारोबार में निफ्टी 24,564 के स्तर पर 0.42 प्रतिशत या 102 अंक नीचे था। इससे पता चलता है कि आज बाजार में दबाव है और निवेशक सतर्क हैं।

आईटी सेक्टर में सबसे ज्यादा गिरावट

सेक्टरल इंडेक्स की बात करें तो निफ्टी आईटी ने सबसे ज्यादा 0.98 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की। इसके अलावा निफ्टी एफएमसीजी, फाइनेंशियल सर्विसेज, फार्मा, पीएसयू बैंक, प्राइवेट बैंक समेत कई सेक्टर भी नीचे आए। वहीं कुछ सेक्टर जैसे मिडस्मॉल हेल्थकेयर, मेटल, मीडिया और ऑटो में मामूली बढ़त देखी गई।

बाजार के उतार-चढ़ाव पर नजर

आज का बाजार थोड़ा अस्थिर नजर आ रहा है। कई बड़े शेयर गिरावट में हैं जबकि कुछ चुनिंदा सेक्टर में ही तेजी बनी है। निवेशकों को बाजार की स्थिति को समझकर सतर्क रहना होगा। आगे आने वाले दिनों में बाजार की दिशा पर नजर रखना जरूरी होगा।

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