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Jail Diary: पीएम मोदी ने जेपी नारायण की जेल डायरी शेयर की लोकतंत्र के लिए उनके संघर्ष की अनकही कहानी सामने आई

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Jail Diary: पीएम मोदी ने जेपी नारायण की जेल डायरी शेयर की लोकतंत्र के लिए उनके संघर्ष की अनकही कहानी सामने आई

Jail Diary: आज भारत देश महान नेता और स्वतंत्रता संग्राम के सेनानी जयप्रकाश नारायण को याद कर रहा है। जयप्रकाश नारायण का जन्म 11 अक्टूबर 1902 को हुआ था। वे न केवल स्वतंत्रता सेनानी थे बल्कि 1970 में आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी के विरोध में विपक्ष का नेतृत्व करने वाले प्रमुख नेता भी थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके योगदान को याद किया।

प्रधानमंत्री मोदी की श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जयप्रकाश नारायण के कुछ पुरानी तस्वीरें और उनके पुस्तक “जेल डायरी” के पन्ने इंस्टाग्राम पर साझा किए। यह पुस्तक उन्होंने आपातकाल के समय जेल में रहते हुए लिखी थी। मोदी ने कहा, “आपातकाल के दौरान लोकनायक जेपी ने जेल में कई दिन अकेले बिताए। उनकी जेल डायरी उनके दर्द और लोकतंत्र के प्रति अडिग विश्वास को दर्शाती है।”

लोकतंत्र के प्रति अडिग प्रेम

जयप्रकाश नारायण का भारतीय लोकतंत्र और कानून के प्रति पूर्ण विश्वास और प्रेम था। इसके लिए उन्होंने जेल का सामना किया। 1970 में इंदिरा गांधी के आपातकाल के दौरान वे एक प्रमुख कार्यकर्ता के रूप में उभरे। उन्होंने लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई लड़ी। अपनी जेल डायरी में उन्होंने लिखा, “भारतीय लोकतंत्र के ताबूत में हर कील मेरे दिल में लगी कील की तरह है।”

अमित शाह और जेपी नड्डा ने दी श्रद्धांजलि

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी आज लोकनायक जयप्रकाश नारायण को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी। अमित शाह ने कहा कि जयप्रकाश नारायण ने समानता, सामाजिक सौहार्द और न्याय के आदर्शों को बनाए रखकर भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को मजबूत किया। उन्होंने यह भी कहा कि आपातकाल के दौरान जेपी ने लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा की और देश को जागरूक किया।

टोटल रिवोल्यूशन और समाज सेवा का संदेश

अमित शाह ने आगे कहा कि जयप्रकाश नारायण द्वारा शुरू किया गया टोटल रिवोल्यूशन आंदोलन लोगों की शक्ति और निस्वार्थ सेवा की भावना पर आधारित था। उन्होंने समाज से जुड़े हर कार्यकर्ता से जीवनभर तानाशाही प्रवृत्तियों के प्रति सतर्क रहने का संदेश दिया। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन्हें महान स्वतंत्रता सेनानी और लोकतंत्र के कट्टर समर्थक के रूप में याद किया।

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उत्तर भारत में मौसम का बड़ा बदलाव, दिल्ली-एनसीआर में 3 दिन तक रहेगा शुष्क और साफ, पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी की संभावना

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उत्तर भारत में मौसम का बड़ा बदलाव, दिल्ली-एनसीआर में 3 दिन तक रहेगा शुष्क और साफ, पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी की संभावना

पिछले सप्ताह देश के कई हिस्सों में बारिश देखी गई। दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश के कई जिलों में बारिश हुई। वहीं, पहाड़ी राज्यों में इस मौसम की पहली बर्फबारी दर्ज की गई। लेकिन अब मौसम ने अचानक करवट ली है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले तीन दिन यानी 13 से 15 अक्टूबर तक उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में अधिकतर दिन शुष्क और साफ रहने की संभावना है।

दिल्ली-एनसीआर और मैदानी राज्यों में बारिश की संभावना नहीं

मानसून के विदा होने के बाद दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में अगले तीन दिन बारिश की संभावना नहीं है। अधिकतम तापमान सामान्य से थोड़ी अधिक बनी रहेगी जबकि न्यूनतम तापमान में हल्की गिरावट आ सकती है। वहीं, पहाड़ी क्षेत्रों में हल्की बूँदाबाँदी और ठंडी हवाओं का अनुभव हो सकता है।

उत्तर भारत में मौसम का बड़ा बदलाव, दिल्ली-एनसीआर में 3 दिन तक रहेगा शुष्क और साफ, पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी की संभावना

दिल्ली का मौसम रहेगा सुखद और शुष्क

मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में अगले तीन दिन मौसम शुष्क रहेगा। अधिकतम तापमान 34 से 36 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 20 से 22 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा। मौसम विभाग ने इस दौरान कोई बारिश की भविष्यवाणी नहीं की है। दिन के समय हल्की धूप और रात में सुखद ठंडक रहने की संभावना है, जिससे बाहर समय बिताना आरामदायक रहेगा।

हरियाणा और पंजाब में ठंडी हवाओं का असर

उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार में भी अगले तीन दिन बारिश नहीं होगी। अधिकतम तापमान 33 से 35 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 22 से 24 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। इस दौरान हरियाणा और पंजाब में हल्की ठंडक का अनुभव शुरू हो गया है। सुबह और रात के समय ठंडी हवाओं के कारण लोग हल्के गर्म कपड़े पहन सकते हैं।

पहाड़ी राज्यों में हल्की बारिश और बर्फबारी

हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों में अगले तीन दिन हल्की बारिश होने की संभावना है। उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी का भी अनुमान है। हिमाचल प्रदेश के शिमला में अधिकतम तापमान 18 से 20 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 10 से 12 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा। इस मौसम में पहाड़ों का नजारा बेहद सुंदर और ठंडा रहेगा।

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पी. चिदंबरम का बड़ा खुलासा! ऑपरेशन ब्लू स्टार एक बड़ी गलती थी, इंदिरा गांधी को चुकानी पड़ी कीमत

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पी. चिदंबरम का बड़ा खुलासा! ऑपरेशन ब्लू स्टार एक बड़ी गलती थी, इंदिरा गांधी को चुकानी पड़ी कीमत

पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने हिमाचल प्रदेश के कसौली में खुषवंत सिंह साहित्य महोत्सव में ऑपरेशन ब्लू स्टार पर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर गलती थी, जिसकी कीमत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी जान देकर चुकाई। चिदंबरम ने स्पष्ट किया कि आतंकवादियों को पकड़ने और सफाई करने का कोई और तरीका हो सकता था, लेकिन ऑपरेशन ब्लू स्टार गलत था। उन्होंने कहा कि यह गलती केवल इंदिरा गांधी की नहीं थी, बल्कि सेना, पुलिस, खुफिया और सिविल सेवा की संयुक्त निर्णय प्रक्रिया का परिणाम थी।

सेना या अधिकारियों का अपमान नहीं

कार्यक्रम के दौरान चिदंबरम ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका किसी भी सैन्य अधिकारी के प्रति कोई अपमान नहीं है। उन्होंने कहा कि गोल्डन टेम्पल को पुनः कब्जा करने के लिए सेना को ऑपरेशन से अलग रखा जाना चाहिए था। उन्होंने बताया कि कुछ वर्षों बाद भारत ने सही तरीके से गोल्डन टेम्पल पर नियंत्रण किया, जिसमें सेना को शामिल नहीं किया गया। चिदंबरम ने कहा, “सेना के किसी अधिकारी का अपमान नहीं है, लेकिन ऑपरेशन ब्लू स्टार गोल्डन टेम्पल को पुनः कब्जा करने का गलत तरीका था।”

पी. चिदंबरम का बड़ा खुलासा! ऑपरेशन ब्लू स्टार एक बड़ी गलती थी, इंदिरा गांधी को चुकानी पड़ी कीमत

इंदिरा गांधी की कीमत

चिदंबरम ने यह भी कहा कि ऑपरेशन ब्लू स्टार की वजह से इंदिरा गांधी ने अपनी जान गंवाई। हालांकि यह निर्णय केवल उनकी नहीं थी, बल्कि यह एक संयुक्त निर्णय था। उन्होंने यह बात जोर देकर कही कि इस घटना में सेना, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की भी जिम्मेदारी थी। चिदंबरम के अनुसार, ऑपरेशन ब्लू स्टार ने इतिहास में एक गहरी छाया डाली, लेकिन इसके बाद सही तरीके से समाधान निकालकर धार्मिक स्थल को शांतिपूर्ण ढंग से वापस लिया गया।

पंजाब की असली समस्या: आर्थिक स्थिति

चिदंबरम ने पंजाब की मौजूदा स्थिति पर भी ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा कि पंजाब की वास्तविक समस्या राजनीतिक अलगाववाद नहीं है, बल्कि आर्थिक स्थिति है। उनके अनुसार, पंजाब में खालिस्तान और अलगाववाद का राजनीतिक नारा अब लगभग समाप्त हो गया है। उन्होंने कहा कि उनकी कई यात्राओं के दौरान उन्हें यह महसूस हुआ कि लोगों की असली चिंता रोजगार, विकास और आर्थिक स्थिरता से जुड़ी हुई है।

साझा जिम्मेदारी और सीख

चिदंबरम ने यह संदेश भी दिया कि इतिहास से सीख लेना जरूरी है। ऑपरेशन ब्लू स्टार जैसी घटनाओं में केवल एक व्यक्ति को दोषी ठहराना सही नहीं है। सभी संबंधित संस्थाओं की भूमिका और निर्णय प्रक्रिया को समझना आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में ऐसी संवेदनशील परिस्थितियों में सही रणनीति और शांतिपूर्ण समाधान अपनाना ही देश और समाज के लिए लाभकारी होगा।

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चार बार के सांसद राजेन गोहाई का इस्तीफा, असम में बीजेपी की बैठक में चुनावी रणनीति को लेकर सस्पेंस बरकरार

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चार बार के सांसद राजेन गोहाई का इस्तीफा, असम में बीजेपी की बैठक में चुनावी रणनीति को लेकर सस्पेंस बरकरार

बिहार में चुनावी माहौल गर्म है, वहीं पश्चिम बंगाल और असम में भी विधानसभा चुनाव की तैयारी धीरे-धीरे तेज हो रही है। इन राज्यों में आगामी साल चुनाव होने हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सत्ता बनाए रखने के लिए पूरी तरह तैयार हो रही है। पार्टी आज, शुक्रवार को बैठक कर 2026 के विधानसभा चुनाव के लिए अपनी रणनीति अंतिम रूप देने वाली है।

भाजपा को बड़ा झटका

बैठक से पहले ही भाजपा को बड़ा झटका लगा। पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और चार बार के सांसद राजेन गोहाई ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उनके साथ ही कई अन्य नेताओं ने भी पार्टी छोड़ने की घोषणा की। यह इस्तीफा भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है क्योंकि गोहाई का असम में राजनीतिक प्रभाव काफी मजबूत माना जाता है।

चार बार के सांसद राजेन गोहाई का इस्तीफा, असम में बीजेपी की बैठक में चुनावी रणनीति को लेकर सस्पेंस बरकरार

सारमा ने बैठक की अहमियत बताई

असम के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता हिमंता बिस्वा सरमा ने बताया कि पार्टी शुक्रवार को चुनावी रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए चर्चा जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि राज्य इकाई की विस्तारित कार्यकारिणी ने गुरुवार को डिब्रूगढ़ में आयोजित बैठक में अगले साल के विधानसभा चुनाव की रणनीति पर विचार किया। सरमा ने बैठक को “बहुत सकारात्मक” बताया और कहा कि विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई और रणनीति लगभग अंतिम रूप में है।

बैठक में कौन-कौन शामिल हुआ

गुरुवार की बैठक में मुख्यमंत्री सरमा और पार्टी के राज्य अध्यक्ष दिलीप सैकेया ने पार्टी की आगामी रोडमैप की समीक्षा की। बैठक में केंद्रीय मंत्री सरबानंद सोनोवाल और पबित्रा मार्गरिटा, राष्ट्रीय सचिव और सांसद कमाख्या प्रसाद तासा, राज्य प्रभारी हरीश द्विवेदी और संगठन के राज्य महासचिव रविंद्र राजू भी शामिल हुए। यह बैठक पार्टी की संगठनात्मक ताकत और चुनावी रणनीति को मजबूत करने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी।

राजेन गोहाई का इस्तीफा और भविष्य की राजनीति

डिब्रूगढ़ में बैठक के दौरान भाजपा को बड़ा झटका तब लगा जब पूर्व केंद्रीय मंत्री और नागांव लोकसभा सीट से चार बार के सांसद राजेन गोहाई ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपना इस्तीफा गुवाहाटी में पार्टी मुख्यालय में सौंपा। राजेन गोहाई ने 1999 से 2019 तक चार बार सांसद चुने गए और 2016 से 2019 तक मोदी सरकार में रेल राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया। उनके इस्तीफे ने पार्टी के लिए आगामी चुनावों में नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं।

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