Connect with us

व्यापार

Indian Stock Market में हल्की बढ़त के साथ शुरुआत, सेंसेक्स 93 अंक चढ़ा, निफ्टी 50 अंक मजबूत

Published

on

Stock Market: भारत-पाक तनाव के बीच शेयर बाजार ने दिखाया दम! सेंसेक्स और निफ्टी की उड़ान ने सबको चौंकाया

Indian Stock Market ने बुधवार को हल्की बढ़त के साथ कारोबार की शुरुआत की। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स (Sensex) 4 अंकों की मामूली बढ़त के साथ 78,021 पर खुला। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 0.12 प्रतिशत यानी 93 अंकों की तेजी के साथ 78,110 पर कारोबार करता दिखा। शुरुआती दौर में सेंसेक्स के 30 में से 18 शेयर हरे निशान में रहे, जबकि 12 लाल निशान में नजर आए।

वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का प्रमुख सूचकांक निफ्टी (Nifty) 50 अंकों की बढ़त के साथ 23,718 पर कारोबार करता दिखा। यह 0.21 प्रतिशत की तेजी को दर्शाता है। शुरुआती कारोबार में कुल 2,409 शेयरों में से 1,476 शेयरों में तेजी, 830 शेयरों में गिरावट और 65 शेयरों में कोई बदलाव नहीं देखा गया।

शेयर बाजार में शुरुआती बढ़त का रुख

सुबह के सत्र में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में हल्की मजबूती देखी गई। निफ्टी में मोल्ड टेक (Mold Tech) ने 13.83% की जबरदस्त बढ़त दर्ज की। इसके अलावा टोक्यो प्लास्ट (Tokyo Plast) में 10.85%, टेसील केमिकल्स (TECIL Chemicals) में 8.45% और की फिनसर्व (Key Finserv) में 8.90% की तेजी देखी गई।

गिरावट वाले शेयर

वहीं, कुछ शेयरों में गिरावट भी दर्ज की गई। केसराम इंडस्ट्रीज (Kesoram Industries) में सबसे अधिक 10.05% की गिरावट दर्ज की गई। कैरारो इंडिया (Carraro India) में 7.32%, सलासर (Salasar) में 5.34% और प्रीमियर लिमिटेड (Premier Limited) में भी 5.34% की कमजोरी देखी गई।

Indian Stock Market में हल्की बढ़त के साथ शुरुआत, सेंसेक्स 93 अंक चढ़ा, निफ्टी 50 अंक मजबूत

सेक्टोरल इंडेक्स का हाल

सेक्टोरल इंडेक्स में शुरुआती कारोबार में Nifty Realty ने सबसे ज्यादा 1.06% की तेजी दर्ज की। इसके विपरीत, अन्य सेक्टर्स में गिरावट देखी गई:

  • Nifty Auto में 0.37% की गिरावट

  • Nifty FMCG में 0.09% की कमजोरी

  • Nifty IT में 0.15% की गिरावट

  • Nifty Media में 0.08% की कमजोरी

  • Nifty Metal में 0.46% की गिरावट

  • Nifty PSU Bank में 0.16% की कमजोरी

  • Nifty Oil & Gas में 0.31% की गिरावट

  • Nifty Midsmall IT & Telecom में 0.41% की कमजोरी

  • Nifty Midsmall Healthcare में 0.46% की गिरावट

  • Nifty Consumer Durables में 0.10% की कमजोरी

  • Nifty Healthcare Index में 0.28% की गिरावट

  • Nifty Pharma में 0.25% की कमजोरी

बाजार में उतार-चढ़ाव का कारण

शेयर बाजार में शुरुआती बढ़त के बावजूद सेक्टोरल गिरावट देखने को मिली। इसका मुख्य कारण वैश्विक बाजारों का मिश्रित प्रदर्शन और विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) द्वारा बिकवाली का दबाव माना जा रहा है। इसके अलावा, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक और वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव का असर भी बाजार पर पड़ा।

निवेशकों की नजर प्रमुख शेयरों पर

बाजार में निवेशकों की नजर प्रमुख शेयरों पर बनी हुई है। रियल्टी और केमिकल सेक्टर में तेजी दर्ज की गई, जबकि ऑटो, मेटल और आईटी सेक्टर में बिकवाली का दबाव देखा गया।

सेंसेक्स और निफ्टी के प्रमुख शेयरों का प्रदर्शन

  • रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL): हल्की बढ़त के साथ कारोबार करती दिखी।

  • इंफोसिस (Infosys): मामूली गिरावट दर्ज की गई।

  • टाटा मोटर्स (Tata Motors): गिरावट के साथ कारोबार करती नजर आई।

  • एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank): बाजार में हल्की तेजी के साथ कारोबार किया।

  • भारती एयरटेल (Bharti Airtel): निवेशकों की खरीदारी का रुझान दिखा।

तकनीकी विश्लेषकों का नजरिया

तकनीकी विश्लेषकों के अनुसार, निफ्टी के लिए 23,600 का स्तर महत्वपूर्ण सपोर्ट रहेगा, जबकि ऊपर की ओर 23,800-23,900 का रेजिस्टेंस जोन देखने को मिल सकता है। सेंसेक्स में 77,800 का स्तर सपोर्ट रहेगा और ऊपर की ओर 78,500-78,700 का रेजिस्टेंस रहेगा।

अंतरराष्ट्रीय बाजार का असर

वैश्विक बाजार में मिलाजुला रुख रहा। अमेरिकी शेयर बाजार में हल्की बढ़त रही, जबकि एशियाई बाजारों में गिरावट देखने को मिली। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बदलाव की अटकलों का असर भारतीय बाजार पर भी दिखा।

 निवेशकों के लिए रणनीति

विशेषज्ञों का मानना है कि निवेशकों को उतार-चढ़ाव वाले बाजार में सतर्क रहना चाहिए। मिडकैप और स्मॉलकैप में निवेशकों को जल्दबाजी से बचने की सलाह दी गई है। लॉन्ग टर्म निवेशकों को उच्च गुणवत्ता वाले शेयरों में निवेश करने का सुझाव दिया गया है।

बुधवार को भारतीय शेयर बाजार ने हल्की बढ़त के साथ शुरुआत की। सेंसेक्स 93 अंक चढ़ा, जबकि निफ्टी में 50 अंकों की तेजी रही। हालांकि, सेक्टोरल स्तर पर मिक्स प्रदर्शन देखा गया, जहां रियल्टी सेक्टर में सबसे अधिक बढ़त रही, जबकि ऑटो, मेटल और आईटी सेक्टर में गिरावट आई। निवेशकों को सतर्क रहकर दीर्घकालिक निवेश पर ध्यान देने की सलाह दी गई है।

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

व्यापार

क्या CareEdge Ratings के अनुसार भारत की GDP 2025-26 में 7.5 प्रतिशत तक बढ़ेगी?

Published

on

क्या CareEdge Ratings के अनुसार भारत की GDP 2025-26 में 7.5 प्रतिशत तक बढ़ेगी?

घरेलू रेटिंग एजेंसी CareEdge Ratings ने भारत की आर्थिक वृद्धि को लेकर सकारात्मक अनुमान जताया है। एजेंसी के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025-26 में देश की वास्तविक GDP ग्रोथ 7.5 प्रतिशत रहने की संभावना है, जबकि वित्त वर्ष 2026-27 में यह मामूली नरमी के साथ 7 प्रतिशत रह सकती है। CareEdge ने अपने हालिया आकलन में यह भी कहा कि हाल के दिनों में 91 के स्तर को पार कर चुके रुपये में आगे चलकर मजबूती देखने को मिल सकती है। एजेंसी के अनुसार, FY27 में रुपया 89-90 के दायरे में कारोबार कर सकता है। यह संकेत देता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत आधार पर बढ़ रही है और आने वाले वर्षों में भी स्थिरता बनाए रख सकती है।

मजबूत मैक्रोइकोनॉमिक आउटलुक और विकास कारक

CareEdge की मुख्य अर्थशास्त्री राजनी सिन्हा ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत का मैक्रोइकोनॉमिक आउटलुक मजबूत बना हुआ है। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2026-27 में भी भारतीय अर्थव्यवस्था करीब 7 प्रतिशत की स्वस्थ वृद्धि दर दर्ज कर सकती है। राजनी सिन्हा के अनुसार, आर्थिक विकास को कई कारक सहारा देंगे, जिनमें महंगाई पर नियंत्रण, ब्याज दरों में संभावित कटौती, कम टैक्स बोझ और भारत-अमेरिका के बीच संभावित व्यापार समझौता शामिल हैं। इन नीतिगत और संरचनात्मक सुधारों से घरेलू और वैश्विक निवेशकों का भरोसा भी बढ़ेगा और अर्थव्यवस्था में स्थिरता बनी रहेगी।

वैश्विक निवेशकों का भरोसा और पूंजीगत व्यय में सुधार

एजेंसी ने यह संकेत दिया कि पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) चक्र में सुधार के शुरुआती संकेत मिलने लगे हैं। इसका प्रमाण कैपिटल गुड्स कंपनियों की ऑर्डर बुक में दर्ज हो रही मजबूत बढ़ोतरी से मिलता है। इसके साथ ही, सकल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में हुई तेजी यह दर्शाती है कि वैश्विक निवेशकों का भरोसा भारत की विकास क्षमता पर बना हुआ है। CareEdge का मानना है कि नया लेबर कोड और अन्य संरचनात्मक सुधार निवेशकों का विश्वास और मजबूत करेंगे। इससे न केवल विदेशी निवेश बढ़ेगा बल्कि घरेलू कंपनियों के विस्तार में भी मदद मिलेगी।

दूसरी छमाही में जीडीपी ग्रोथ और निर्यात का रुझान

एजेंसी ने अनुमान जताया है कि वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही में शानदार प्रदर्शन के बाद दूसरी छमाही में जीडीपी ग्रोथ 7 प्रतिशत तक सीमित हो सकती है। H2 में संभावित सुस्ती का कारण निर्यात में फ्रंट-लोडिंग का असर खत्म होना और त्योहारी मांग के बाद खपत का सामान्य स्तर पर लौटना बताया गया है। CareEdge ने यह भी कहा कि अमेरिकी टैरिफ से प्रभावित रत्न एवं आभूषण और टेक्सटाइल्स का निर्यात अब हांगकांग और यूएई जैसे बाजारों की ओर शिफ्ट हो रहा है। वित्त वर्ष 2025-26 और 2026-27 में चालू खाता घाटा (सीएडी) जीडीपी के करीब 1 प्रतिशत पर संतुलित रहने की संभावना है। वहीं, राजकोषीय स्थिति के लिहाज से एजेंसी का अनुमान है कि केंद्र सरकार वित्त वर्ष 2025-26 में 4.4 प्रतिशत के फिस्कल डेफिसिट लक्ष्य को पूरा करेगी और FY27 में इसे 4.2 प्रतिशत तक घटाने की संभावना है।

Continue Reading

व्यापार

Upcoming IPOs in Next Week: दिसंबर का तीसरा हफ्ता IPO के नाम, निवेशकों के लिए मेनबोर्ड और पब्लिक इश्यू में सुनहरा मौका

Published

on

Upcoming IPOs in Next Week: दिसंबर का तीसरा हफ्ता IPO के नाम, निवेशकों के लिए मेनबोर्ड और पब्लिक इश्यू में सुनहरा मौका

Upcoming IPOs in Next Week: दिसंबर महीने का तीसरा हफ्ता 15 तारीख से शुरू हो रहा है और इस दौरान शेयर बाजार में हलचल देखने को मिलेगी। अगले हफ्ते लगभग 830 करोड़ रुपये के चार बड़े पब्लिक इश्यू लॉन्च होने वाले हैं। सबसे पहले निवेशकों को मेनबोर्ड ऑफरिंग KSH इंटरनेशनल के लिए बोली लगाने का मौका मिलेगा। इसके अलावा, इस हफ्ते 15 कंपनियां एक्सचेंज पर डेब्यू करने वाली हैं, जिनमें ICICI प्रूडेंशियल AMC, कोरोना रेमेडीज़ और पार्क मेडि वर्ल्ड जैसे बड़े नाम शामिल हैं। इन लिस्टिंग्स से निवेशकों और मार्केट के बीच उत्साह और सक्रियता बनी रहेगी।

ICICI प्रूडेंशियल AMC और अन्य मेनबोर्ड लिस्टिंग का बेसब्री से इंतजार

निवेशकों को ICICI प्रूडेंशियल AMC की लिस्टिंग का खासा इंतजार है। 12 दिसंबर को लॉन्च हुए इस 10,603 करोड़ रुपये के आईपीओ को पहले दिन ही अच्छा रिस्पॉन्स मिला और इसे 50 प्रतिशत से अधिक सब्सक्रिप्शन मिला। आईपीओ का ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) 255 रुपये है, जो इश्यू प्राइस से 10.39 प्रतिशत अधिक है। इसके अलावा, कोरोना रेमेडीज़ का GMP इश्यू प्राइस से 31.07 प्रतिशत अधिक है, जिससे मजबूत लिस्टिंग की उम्मीद है। नेफ्रोकेयर का GMP 6.52 प्रतिशत और वेकफिट का GMP 2.05 प्रतिशत है। SME सेगमेंट में KV टॉयज का GMP 63.18 प्रतिशत दर्ज किया गया, जो मजबूत लिस्टिंग का संकेत देता है।

KSH इंटरनेशनल का IPO और निवेशकों के लिए अवसर

मेनबोर्ड सेगमेंट में KSH इंटरनेशनल अपना पब्लिक इश्यू मंगलवार, 16 दिसंबर को लाने जा रहा है और यह गुरुवार, 18 दिसंबर को बंद होगा। आईपीओ के लिए प्राइस बैंड 365 रुपये से 384 रुपये प्रति शेयर के बीच तय किया गया है और इसका आकार लगभग 710 करोड़ रुपये का है। कंपनी के शेयर BSE और NSE दोनों पर लिस्ट होंगे। नुवामा वेल्थ मैनेजमेंट द्वारा मैनेज किया जा रहा KSH इंटरनेशनल अगले हफ्ते खुलने वाला सबसे बड़ा IPO है। निवेशक इस आईपीओ को लेकर उत्साहित हैं और इसे प्राइमरी मार्केट में सकारात्मक सेंटिमेंट बनाने वाला माना जा रहा है।

IPO से जुटाई गई रकम का इस्तेमाल

KSH इंटरनेशनल द्वारा जुटाई गई रकम का एक बड़ा हिस्सा कंपनी के विकास और ऋण चुकौती में खर्च किया जाएगा। कुल 226 करोड़ रुपये का इस्तेमाल कर्ज चुकाने में होगा। 87 करोड़ रुपये Supa और Chakan प्लांट्स में नई मशीनरी और तकनीक खरीदने पर खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा, 8.8 करोड़ रुपये Supa यूनिट में रूफटॉप सोलर पावर प्लांट लगाने में निवेश किए जाएंगे। बाकी बची हुई रकम कंपनी की सामान्य कॉर्पोरेट आवश्यकताओं को पूरा करने में खर्च की जाएगी। इस तरह, निवेशकों के लिए KSH इंटरनेशनल का IPO एक स्थिर और दीर्घकालिक अवसर पेश करता है।

Continue Reading

व्यापार

Mutual funds में बड़ा उछाल! 2035 तक AUM और डायरेक्ट इक्विटी दोनों में तेजी, निवेशकों के लिए बड़ा मौका

Published

on

Mutual funds में बड़ा उछाल! 2035 तक AUM और डायरेक्ट इक्विटी दोनों में तेजी, निवेशकों के लिए बड़ा मौका

Mutual funds उद्योग की एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) 2035 तक ₹300 लाख करोड़ के पार जाने की संभावना है, जबकि डायरेक्ट इक्विटी शेयरहोल्डिंग ₹250 लाख करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। यह जानकारी Bain & Company और ऑनलाइन स्टॉकब्रोकिंग कंपनी Groww की संयुक्त रिपोर्ट ‘How India Invests’ में दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, म्यूचुअल फंड AUM में यह तेज़ वृद्धि रिटेल निवेशकों की बढ़ती भागीदारी और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के व्यापक उपयोग से प्रेरित होगी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगले दशक में भारतीय परिवारों में म्यूचुअल फंड्स की पहुंच दोगुनी होकर 10 प्रतिशत से बढ़कर 20 प्रतिशत हो जाएगी।

Mutual funds बन रहे सबसे तेजी से बढ़ते एसेट क्लास

रिपोर्ट में यह संकेत दिया गया है कि म्यूचुअल फंड उद्योग की अगली वृद्धि की लहर घरेलू अपनाने, मजबूत डिजिटल क्षमताओं, सहायक नियामक ढांचे और बढ़ते निवेशक विश्वास से संचालित होगी। वहीं, डायरेक्ट इक्विटी में बढ़ोतरी का कारण है दीर्घकालिक निवेश की ओर बदलाव और डिजिटल माध्यमों से निवेशकों की बढ़ती पहुँच। Bain India के फाइनेंशियल सर्विसेज़ के पार्टनर और हेड सौरभ तृहन ने कहा, “भारतीय परिवार धीरे-धीरे पारंपरिक बचत के नजरिए से निवेश-केंद्रित दृष्टिकोण की ओर बढ़ रहे हैं। हाल के वर्षों में म्यूचुअल फंड्स और डायरेक्ट इक्विटीज सबसे तेजी से बढ़ते एसेट क्लास के रूप में उभरे हैं।”

Mutual funds में बड़ा उछाल! 2035 तक AUM और डायरेक्ट इक्विटी दोनों में तेजी, निवेशकों के लिए बड़ा मौका

रिटेल निवेशक भारत की अर्थव्यवस्था में निभाएंगे अहम भूमिका

Groww के को-फाउंडर और COO हर्ष जैन ने भी इस दृष्टिकोण की पुष्टि की और कहा, “हम भारतीयों में एक संरचनात्मक बदलाव देख रहे हैं। अब लोग ‘पहले निवेश करें’ की मानसिकता अपना रहे हैं, न कि केवल ‘पहले बचत करें’ की।” रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि रिटेल निवेश भारत को $10 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाने की यात्रा में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। इससे न केवल नई नौकरियों का सृजन होगा, बल्कि वित्तीय क्षेत्र में व्यवसायों के लिए ग्रोथ कैपिटल की सुविधा भी उपलब्ध होगी।

निवेश के बढ़ते अवसर और आर्थिक असर

रिपोर्ट के अनुसार, म्यूचुअल फंड्स और डायरेक्ट इक्विटी में बढ़ती निवेश प्रवृत्ति से भारतीय अर्थव्यवस्था को बड़े पैमाने पर फायदा होगा। अनुमान है कि आने वाले वर्षों में इन निवेशों से 700,000 से अधिक नई नौकरियों का सृजन होगा और व्यवसायों के लिए पूंजी उपलब्ध कराई जाएगी। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और निवेशकों की जागरूकता ने पारंपरिक बचत से निवेश की दिशा में बदलाव को तेजी दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रवृत्ति आने वाले दशकों में भारतीय वित्तीय परिदृश्य को नया आकार देगी और घरेलू निवेशकों के लिए व्यापक अवसर पैदा करेगी।

Continue Reading

Trending