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Gmail Unsubscribe Scam: Unsubscribe बटन से हो सकती है आपकी जासूसी! क्लिक किया तो शुरू हो जाएगा खतरा

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Gmail Unsubscribe Scam: Unsubscribe बटन से हो सकती है आपकी जासूसी! क्लिक किया तो शुरू हो जाएगा खतरा

Gmail Unsubscribe Scam: अब ऑनलाइन धोखाधड़ी करने वाले स्कैमर्स नए-नए तरीके ढूंढ रहे हैं ताकि आपकी जानकारी चुराई जा सके या आपके डिवाइस को नुकसान पहुंचाया जा सके। आजकल लोगों के लिए सबसे बड़ी परेशानी बन गया है एक ऐसा स्कैम जो दिखता तो साधारण है लेकिन इसके पीछे की साजिश काफी गहरी है। हर दिन Gmail में ढेर सारे प्रमोशनल ईमेल, फेक जॉब ऑफर और फीडबैक रिक्वेस्ट आ जाते हैं। इन सबसे बचने के लिए हम अक्सर ईमेल में दिए गए “Unsubscribe” बटन पर क्लिक कर देते हैं। लेकिन अब यही बटन स्कैमर्स का नया हथियार बन गया है जिससे वे लोगों को फंसा रहे हैं।

क्लिक किया तो स्कैमर्स को मिल जाती है जानकारी

The Wall Street Journal की रिपोर्ट में बताया गया है कि जो Unsubscribe लिंक आप ईमेल में देखते हैं वो जरूरी नहीं कि असली हो। स्कैमर्स इस लिंक के जरिए ये पता लगाते हैं कि ईमेल आईडी एक्टिव है या नहीं। जैसे ही आप इस लिंक पर क्लिक करते हैं, स्कैमर को पता चल जाता है कि यह अकाउंट चल रहा है और इसके बाद वो अगला हमला करने की तैयारी शुरू कर देते हैं। अगर आप अनजान भेजने वाले की मेल में जाकर Unsubscribe लिंक पर क्लिक करते हैं तो इससे स्कैमर्स को आपके फोन, लैपटॉप या किसी भी डिवाइस तक पहुंचने का रास्ता मिल सकता है।

Gmail Unsubscribe Scam: Unsubscribe बटन से हो सकती है आपकी जासूसी! क्लिक किया तो शुरू हो जाएगा खतरा

ट्रैकिंग कोड से होती है जासूसी

साइबर एक्सपर्ट्स ने बताया है कि स्कैमर्स इन Unsubscribe लिंक में ट्रैकिंग कोड डाल देते हैं। जैसे ही कोई यूजर इस लिंक पर क्लिक करता है तो वो कोड एक्टिवेट हो जाता है और स्कैमर को जानकारी मिल जाती है कि ये अकाउंट चालू है। DNSFilter नाम की साइबर सिक्योरिटी फर्म ने विश्लेषण किया है कि हर 644 Unsubscribe लिंक में से एक लिंक यूजर को ऐसी वेबसाइट पर ले जाता है जो नुकसान पहुंचा सकती है। ऐसे लिंक से आपका ईमेल पासवर्ड भी चोरी हो सकता है या फिर वायरस से डिवाइस संक्रमित हो सकती है।

कैसे रखें खुद को सुरक्षित

अगर आपको किसी अनजान भेजने वाले की मेल मिलती है तो उसमें दिए गए Unsubscribe लिंक पर बिल्कुल भी क्लिक न करें। इसकी जगह आप उस ईमेल को स्पैम मार्क कर दें ताकि Gmail भविष्य में ऐसे मेल को खुद-ब-खुद फिल्टर कर सके। जब तक आपको भेजने वाले पर पूरा भरोसा न हो, Unsubscribe लिंक से दूर रहें। इसके अलावा, आप Hide My Email जैसे प्राइवेसी टूल्स का इस्तेमाल कर सकते हैं जिससे आपकी असली ईमेल आईडी छिपी रहती है और फर्जी मेल से आपकी पहचान सुरक्षित रहती है। साथ ही, अपने ईमेल ऐप और एंटीवायरस सॉफ्टवेयर को हमेशा अपडेट रखें ताकि आप ऐसे खतरों से बच सकें।

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दिल्ली मेट्रो का डिजिटल क्रांति QR टिकट, अब Uber PhonePe और Telegram ऐप से कहीं भी करें खरीद

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दिल्ली मेट्रो का डिजिटल क्रांति QR टिकट, अब Uber PhonePe और Telegram ऐप से कहीं भी करें खरीद

दिल्ली मेट्रो में टिकट के लिए लंबी कतारों का जमाना अब खत्म हो गया है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने यात्रियों की सुविधा के लिए Open Network for Digital Commerce (ONDC) के साथ साझेदारी की है। अब लाखों यात्रियों के लिए मेट्रो टिकट मोबाइल ऐप्स के जरिए ऑनलाइन बुक करना बेहद आसान हो गया है। इससे टिकट खरीदने के लिए अलग-अलग ऐप डाउनलोड करने की जरूरत खत्म हो गई है।

एक से ज्यादा ऐप्स में उपलब्ध QR कोड टिकट सुविधा

अब दिल्ली मेट्रो और नोएडा मेट्रो के टिकट कई लोकप्रिय ऐप्स में मिलेंगे। Google Maps, EaseMyTrip, PhonePe, Uber, Rapido, RedBus, NammaYatri, Yatri Railways, Chartr, Tummoc और Telegram जैसे 10 से अधिक ऐप्स के जरिए QR आधारित टिकट खरीदे जा सकते हैं। इसका मतलब यह है कि मेट्रो की टिकटिंग प्रक्रिया बेहद सहज हो गई है। यात्रियों को अब टिकट खरीदने के लिए अलग से मेट्रो ऐप इंस्टॉल करने की जरूरत नहीं है।

WhatsApp से दिल्ली मेट्रो टिकट बुक करने का आसान तरीका

WhatsApp के जरिए भी दिल्ली मेट्रो टिकट खरीदना बहुत आसान हो गया है। बस DMRC का आधिकारिक नंबर +91 9650855800 सेव करें और ‘Hi’ भेजें। इसके बाद भाषा चुनें, टिकट खरीदने का विकल्प चुनें, अपनी यात्रा की शुरुआत और अंत की स्टेशन डालें। आप एक बार में छह तक टिकट खरीद सकते हैं। भुगतान करने के बाद तुरंत QR कोड मिल जाएगा जिसे मेट्रो स्टेशन पर स्कैन कर यात्रा शुरू करें। यह तरीका बहुत ही सरल और सुविधाजनक है।

PhonePe ऐप से मेट्रो टिकट बुकिंग और स्मार्ट कार्ड रिचार्ज

PhonePe ऐप में ‘Commute’ सेक्शन में जाकर आप मेट्रो के लिए QR टिकट बुक कर सकते हैं। दिल्ली मेट्रो चुनकर अपनी यात्रा के स्टेशनों को भरें और भुगतान करें। भुगतान के बाद QR टिकट स्क्रीन पर तुरंत दिखेगा। इसके अलावा PhonePe उपयोगकर्ता अपने मेट्रो स्मार्ट कार्ड को भी ऐप से रिचार्ज कर सकते हैं। इसके लिए कार्ड नंबर और रिचार्ज राशि डालनी होती है। यह तरीका समय और मेहनत दोनों बचाता है।

Uber ऐप में भी अब मेट्रो टिकट की सुविधा

Uber ऐप में ‘Metro Tickets’ विकल्प के जरिए आप आसानी से दिल्ली मेट्रो के टिकट खरीद सकते हैं। बस अपनी यात्रा की शुरुआत और अंत की स्टेशन चुनें, टिकट का चयन करें और UPI के जरिए भुगतान करें। टिकट तुरंत ऐप में आ जाएगा जिसका QR कोड मेट्रो गेट पर स्कैन किया जा सकता है। इससे Uber उपयोगकर्ताओं को भी एक ही ऐप से मेट्रो यात्रा की पूरी सुविधा मिल गई है।

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Artificial Intelligence: विशेषज्ञों ने चेताया है, एआई चैटबॉट्स को व्यक्तिगत जानकारी साझा करना हो सकता है खतरनाक

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Artificial Intelligence: विशेषज्ञों ने चेताया है, एआई चैटबॉट्स को व्यक्तिगत जानकारी साझा करना हो सकता है खतरनाक

आज के समय में Artificial Intelligence यानी एआई ने लोगों के काम को बहुत आसान बना दिया है। लेकिन इसके साथ ही इसके खतरों का भी उदय हो रहा है। एआई के कारण हैकर्स अब बहुत ही आसानी से निजी जानकारियों तक पहुंच बना सकते हैं, जिससे लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। हाल ही में कई साइबर विशेषज्ञों ने यूजर्स को चेतावनी दी है कि वे चैटजीपीटी, गूगल जेमिनी, परप्लेक्सिटीएआई जैसे एआई चैटबॉट्स के साथ अपनी व्यक्तिगत जानकारियां साझा करने से बचें। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने एआई टूल्स के माध्यम से डेटा लीक और बड़े साइबर हमलों के खतरे को लेकर आगाह किया है।

साइबर अपराधी एआई का बना रहे हैं गलत इस्तेमाल

साइबर अपराधी अब एआई का इस्तेमाल कर लोगों को निशाना बना रहे हैं। वे एआई टूल्स से निजी जानकारियां चुराकर डार्क वेब पर बेच रहे हैं। बहुत से लोग जानते-समझते या अनजाने में अपनी जन्म तिथि, पैन कार्ड, आधार कार्ड, पता जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां जनरेटिव एआई टूल्स के साथ साझा कर देते हैं। यह बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। जैसे-जैसे हम अपने दैनिक जीवन में एआई का इस्तेमाल बढ़ा रहे हैं, वैसे-वैसे इसके नए खतरे भी उभर रहे हैं। हैकर्स एआई एल्गोरिदम की कमजोरियों का फायदा उठाकर व्यक्तिगत डेटा इकट्ठा कर सकते हैं और साइबर हमले कर सकते हैं।

Artificial Intelligence: विशेषज्ञों ने चेताया है, एआई चैटबॉट्स को व्यक्तिगत जानकारी साझा करना हो सकता है खतरनाक

कैसे होती है आपकी व्यक्तिगत जानकारी लीक

अधिकांश उपयोगकर्ता एआई टूल्स का इस्तेमाल करते वक्त अपनी निजी जानकारी जानबूझकर या अनजाने में शेयर कर देते हैं। उदाहरण के लिए, अक्सर लोग अपनी जन्म तिथि किसी सवाल में शामिल कर देते हैं ताकि एआई उनके लिए सही परिणाम दे सके। कुछ लोग अपना पता भी एआई टूल्स के साथ साझा करते हैं। कई बार माता-पिता अपने बच्चों का नाम, स्कूल का नाम और रोजाना की दिनचर्या जैसी संवेदनशील जानकारियां भी एआई से साझा कर देते हैं। यह जानकारी गलत हाथों में पड़ने पर बहुत खतरनाक साबित हो सकती है।

अपनी जानकारियां सुरक्षित रखने के उपाय

एआई से सवाल पूछते समय आपको अपने नाम, जन्म तिथि, कार्यस्थल जैसी निजी जानकारियों को साझा करने से बचना चाहिए।
एआई टूल्स में वह फीचर सक्षम करें जो आपके पूछे गए सवालों को सेव नहीं करता हो। इससे आपकी क्वेरी का डेटा चैटबॉट के सर्वर पर स्टोर नहीं होगा।
आप ‘HaveIBeenPwned’ जैसे टूल का उपयोग कर सकते हैं। यह टूल आपको बताएगा कि कहीं आपकी व्यक्तिगत जानकारी का दुरुपयोग तो नहीं हुआ है।
इन सावधानियों को अपनाकर आप एआई का सुरक्षित तरीके से उपयोग कर सकते हैं और अपनी निजी जानकारी की सुरक्षा कर सकते हैं।

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अब देर रात ईमेल भेजने की टेंशन खत्म! Gmail के Schedule Send फीचर से करें स्मार्ट सेंडिंग

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अब देर रात ईमेल भेजने की टेंशन खत्म! Gmail के Schedule Send फीचर से करें स्मार्ट सेंडिंग

कई बार ऐसा होता है कि हम रात में कोई जरूरी Gmail तैयार कर लेते हैं लेकिन देर रात होने के कारण उसे भेज नहीं पाते। सुबह या अगले दिन याद भी नहीं रहता कि वह मेल भेजना था। कभी-कभी अलग-अलग टाइम जोन में रहने वाले लोगों को समय पर मेल भेजना भी मुश्किल हो जाता है। यह समस्या हर किसी के साथ कभी न कभी जरूर होती है।

जीमेल का शानदार समाधान

अब इस परेशानी का हल जीमेल के पास है। गूगल ने अपने यूजर्स के लिए “Schedule Send” नाम की एक बेहतरीन सुविधा दी है। इस फीचर की मदद से आप यह तय कर सकते हैं कि आपका ईमेल कब और किस समय किसी के इनबॉक्स में पहुंचेगा। इसके लिए आपको ऑनलाइन रहने की भी जरूरत नहीं होती। यानी आप रात में मेल टाइप करें और सुबह के लिए उसे शेड्यूल कर दें।

अब देर रात ईमेल भेजने की टेंशन खत्म! Gmail के Schedule Send फीचर से करें स्मार्ट सेंडिंग

कंप्यूटर से ईमेल शेड्यूल करने का तरीका

अगर आप कंप्यूटर पर जीमेल का इस्तेमाल करते हैं तो प्रक्रिया बेहद आसान है। सबसे पहले Gmail खोलें और “Compose” पर क्लिक कर नया ईमेल लिखें। रिसीवर का ईमेल एड्रेस डालें और सब्जेक्ट लिखें। अब “Send” बटन के पास बने नीचे की ओर तीर पर क्लिक करें। यहां “Schedule Send” का विकल्प मिलेगा। इसे चुनने पर जीमेल आपको कुछ सुझाव देगा जैसे “Tomorrow morning” या “Monday 8 AM”। अगर आप चाहें तो खुद की पसंद की तारीख और समय भी डाल सकते हैं। इसके बाद मेल “Scheduled” फोल्डर में सेव हो जाएगा और तय समय पर अपने आप भेज दिया जाएगा।

मोबाइल पर ईमेल शेड्यूल करना भी आसान

अगर आप अपने फोन पर Gmail ऐप का इस्तेमाल करते हैं तो प्रक्रिया थोड़ी अलग लेकिन आसान है। सबसे पहले ऐप खोलें और “Compose” पर टैप करें। ईमेल टाइप करें और रिसीवर जोड़ें। अब ऊपर दाईं ओर बने तीन डॉट्स (⋮) पर टैप करें। यहां “Schedule send” का विकल्प मिलेगा। इसे चुनें और अपनी पसंद की तारीख और समय सेट करें। जीमेल बाकी काम खुद कर देगा, चाहे फोन बंद हो या इंटरनेट बंद हो।

जरूरत पड़े तो शेड्यूल कैंसल भी कर सकते हैं

अगर आपने मेल शेड्यूल करने के बाद मन बदल लिया है या कोई गलती दिख गई है तो चिंता की बात नहीं। जीमेल में “Scheduled” फोल्डर में जाएं और उस मेल को खोलें। “Cancel send” पर क्लिक करें। अब मेल वापस “Drafts” में चला जाएगा। आप उसे एडिट कर सकते हैं या दोबारा नया समय तय कर सकते हैं।

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