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Fall in the price of gold: 25 अगस्त 2025 को आपके शहर में क्या है ताजा रेट
Fall in the price of gold: अमेरिकी केंद्रीय बैंक यूएस फेड की तरफ से रेट कटौती के संकेत मिलने के बाद जहां एशियाई और घरेलू बाजारों में तेजी देखी गई वहीं सोने की चमक फीकी पड़ गई। निवेशकों की दिलचस्पी सोने में कम होने से इसके दाम नीचे आ गए हैं। हफ्ते के पहले कारोबारी दिन सोमवार 25 अगस्त 2025 को सोने की कीमत में प्रति 10 ग्राम 57 रुपये की कमी दर्ज की गई। सुबह करीब साढ़े दस बजे एमसीएक्स पर सोना 1,00,327 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव से बिक रहा था जबकि एक दिन पहले यह 1,00,384 रुपये पर बंद हुआ था।
पिछले हफ्ते का हाल
इंडियन बुलियन एसोसिएशन के आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार 22 अगस्त 2025 को 24 कैरेट सोना 99,360 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। यानी पिछले हफ्ते के मुकाबले इस हफ्ते सोने के भाव में मामूली उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। वहीं, चांदी की बात करें तो इसकी कीमत में भी गिरावट दर्ज की गई। एमसीएक्स पर सोमवार सुबह चांदी 1,16,002 रुपये प्रति किलो पर कारोबार कर रही थी, जो कि पिछले कारोबारी दिन के मुकाबले 234 रुपये कम थी। शुक्रवार को चांदी का भाव 1,12,690 रुपये प्रति किलो दर्ज किया गया था।
कीमत तय होने के कारण
सोने और चांदी की कीमतें रोजाना कई वैश्विक और घरेलू कारकों के आधार पर तय होती हैं। सबसे अहम भूमिका डॉलर और रुपये की विनिमय दर निभाती है। चूंकि सोने-चांदी का कारोबार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डॉलर में होता है, इसलिए अगर रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोर पड़ता है तो भारत में सोना महंगा हो जाता है। इसके साथ ही आयात शुल्क, जीएसटी और अन्य टैक्स भी सोने की कीमतों को प्रभावित करते हैं।

Fall in the price of gold: 25 अगस्त 2025 को आपके शहर में क्या है ताजा रेट
भारत सोने का सबसे बड़ा आयातक देश है। ऐसे में आयात लागत में किसी भी तरह का बदलाव सीधे-सीधे सोने के दाम पर असर डालता है। वैश्विक परिस्थितियां जैसे युद्ध, आर्थिक मंदी, महंगाई दर या ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव भी सोने की मांग को बढ़ा या घटा देते हैं। जब निवेशक असुरक्षा महसूस करते हैं तो वे सोने को सुरक्षित विकल्प मानकर इसकी खरीदारी बढ़ा देते हैं, जिससे कीमत ऊपर चली जाती है।
निवेशकों की दिलचस्पी कम क्यों हुई?
हाल के दिनों में निवेशकों की दिलचस्पी सोने में कम हुई है। इसकी मुख्य वजह यह है कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने रेट कटौती के संकेत दिए हैं। ब्याज दरों में कटौती का मतलब है कि निवेशक इक्विटी और अन्य बाजारों में ज्यादा रिटर्न की उम्मीद करते हैं और सोने से दूरी बना लेते हैं। यही कारण है कि एशियाई और घरेलू शेयर बाजारों में जबरदस्त तेजी आई जबकि सोने के दाम गिर गए।
भारत में सोने का महत्व
भारत में सोने को सिर्फ निवेश ही नहीं बल्कि परंपरा और संस्कृति से भी जोड़कर देखा जाता है। शादी-ब्याह, त्योहार और शुभ अवसरों पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है। यही वजह है कि यहां सोने की मांग कभी खत्म नहीं होती। इसके अलावा सोने को महंगाई से बचाव का साधन भी माना जाता है। जब शेयर बाजार या अन्य निवेश विकल्प अस्थिर हो जाते हैं तब निवेशक सोने को सुरक्षित विकल्प मानते हैं। इसीलिए भारत में सोना हमेशा से लोगों की पहली पसंद रहा है।
25 अगस्त 2025 को सोने के भाव में गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि, यह उतार-चढ़ाव बाजार की परिस्थितियों के हिसाब से सामान्य माना जाता है। डॉलर-रुपया विनिमय दर, अंतरराष्ट्रीय बाजार और घरेलू मांग आने वाले दिनों में सोने की कीमत को प्रभावित करेंगे। निवेशकों के लिए यह जरूरी है कि वे बाजार की स्थिति पर नजर रखकर ही सोने में निवेश का फैसला करें।
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Silver Price Today: चाँदी का भाव आज ₹2,36,350 प्रति किलो पार, औद्योगिक मांग बढ़ने से उछाल
Silver Price Today: सुनहरा और चांदी जैसे कीमती धातुओं की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। खासकर चांदी की कीमतों में तेज उछाल देखने को मिल रहा है। शुक्रवार के ट्रेडिंग दिन में दिल्ली में चांदी की कीमतों में प्रति किलोग्राम ₹9,350 की बढ़ोतरी हुई।
इस उछाल के बाद, चांदी का भाव ₹2,36,350 प्रति किलोग्राम तक पहुँच गया। यदि पिछले सप्ताह की तुलना करें तो 19 दिसंबर को चांदी का भाव लगभग ₹2,04,100 था। केवल कुछ ही दिनों में इसका भाव ₹2,36,000 को पार कर गया। इस तेजी ने निवेशकों और व्यापारियों की उत्सुकता बढ़ा दी है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी का रिकॉर्ड स्तर
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी चांदी की कीमतों में मजबूत उछाल देखा गया। स्पॉट चांदी ने पहली बार $75 प्रति आउंस का स्तर पार किया। इस दौरान चांदी की कीमत में $3.72 या लगभग 5.18 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। ट्रेडिंग के दौरान चांदी ने $75.63 प्रति आउंस का रिकॉर्ड स्तर छुआ।
विशेषज्ञों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में यह उछाल मुख्य रूप से बढ़ती मांग और सीमित आपूर्ति के कारण आया है। वैश्विक स्तर पर निवेशक और उद्योग दोनों ही इस धातु की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
औद्योगिक मांग में वृद्धि और चांदी की अहमियत
चांदी की कीमतों में तेजी का एक बड़ा कारण औद्योगिक क्षेत्र में लगातार बढ़ती मांग है। फैक्ट्रियों और तकनीकी क्षेत्र में चांदी की खपत बढ़ी है। विशेषकर इलेक्ट्रिक वाहन, सौर ऊर्जा सेक्टर और सॉलिड-स्टेट बैटरियों जैसे उभरते क्षेत्रों में चांदी का उपयोग बढ़ रहा है।
चांदी की सीमित वैश्विक उत्पादन और बढ़ती मांग ने कीमतों को और अधिक ऊँचा किया है। वर्तमान में विशेषज्ञों का अनुमान है कि वैश्विक स्तर पर लगभग 850 मिलियन आउंस चांदी का उत्पादन हो रहा है, जबकि मांग लगभग 1.16 बिलियन आउंस है। इस अंतर ने चांदी की कीमतों में लगातार तेजी बनाए रखी है।
वैश्विक राजनीतिक तनाव और भविष्य की संभावनाएं
इसके अलावा, यूएस और वेनेजुएला के बीच बढ़ते तनाव भी चांदी के निर्यात और कीमतों को प्रभावित कर सकते हैं। इस तनाव के कारण वैश्विक आपूर्ति प्रभावित हो सकती है, जिससे मूल्य और बढ़ सकते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशक और उद्योग अब चांदी को सुरक्षित निवेश और तकनीकी उपयोग दोनों के दृष्टिकोण से महत्व दे रहे हैं। आने वाले महीनों में, यदि मांग और वैश्विक बाजार की स्थिति ऐसे ही बनी रही, तो चांदी की कीमतें और बढ़ सकती हैं। इस कारण निवेशक और व्यापारी सावधानीपूर्वक रणनीति बनाकर ही चांदी में निवेश कर रहे हैं।
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