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Elon Musk ने TikTok खरीदने के सवाल पर दी सफाई, कहा- नहीं है कोई रुचि

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Elon Musk ने TikTok खरीदने के सवाल पर दी सफाई, कहा- नहीं है कोई रुचि

Elon Musk, जो दुनिया के प्रमुख टेक्नोलॉजी दिग्गजों में से एक हैं, ने यह साफ कर दिया है कि वह शॉर्ट वीडियो ऐप टिकटॉक को खरीदने में कोई रुचि नहीं रखते हैं। उनका यह बयान उस समय आया है जब अमेरिका में टिकटॉक को राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरे के रूप में देखा जा रहा है और इसको बैन करने के प्रयास किए जा रहे हैं, क्योंकि टिकटॉक की मालिक कंपनी बाइटडांस एक चीनी कंपनी है।

“मैंने टिकटॉक के लिए बोली नहीं लगाई”: मस्क

Elon Musk ने यह बात जनवरी में कही थी, जो अब शनिवार (8 फरवरी) को जर्मन मीडिया कंपनी एक्सल स्प्रिंगर एसई के वेल्ट ग्रुप द्वारा ऑनलाइन प्रकाशित हुई। दरअसल, मस्क वेल्ट ग्रुप द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में वीडियो कॉल के जरिए शामिल हुए थे। मस्क ने कहा, “मैंने टिकटॉक के लिए बोली नहीं लगाई।” यह बयान एक हफ्ते पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान के बाद आया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर मस्क चाहें तो वह टिकटॉक को खरीद सकते हैं।

“टिकटॉक को खरीदने में कोई रुचि नहीं”: मस्क

मस्क ने वेल्ट ग्रुप सम्मेलन में यह भी कहा, “मेरे पास यह योजना नहीं है कि टिकटॉक को खरीदने के बाद क्या किया जाए। मैं खुद इस शॉर्ट वीडियो ऐप का उपयोग नहीं करता हूं और मुझे इसके फॉर्मेट के बारे में भी कोई जानकारी नहीं है।” मस्क ने आगे कहा, “मुझे टिकटॉक को खरीदने में कोई रुचि नहीं है। मैं आमतौर पर उस कंपनी में निवेश करता हूं जो दुर्लभ होती है। जैसे कि ट्विटर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में किया गया एक बिलियन डॉलर का निवेश, वह असामान्य था।”

उन्होंने यह भी कहा, “मैं आमतौर पर कंपनियों को शुरुआत से खड़ा करता हूं।” मस्क का यह बयान यह दर्शाता है कि उनका मुख्य ध्यान नए विचारों और कंपनियों के निर्माण पर है, न कि मौजूदा कंपनियों के अधिग्रहण पर।

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का बयान

जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह कहा था कि यदि मस्क चाहें तो वह टिकटॉक को खरीद सकते हैं, तब यह बयान काफी चर्चा में आया था। ट्रंप ने अपने बयान में यह भी कहा था कि अगर मस्क टिकटॉक खरीदने में रुचि रखते हैं, तो इससे अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को बचाने का एक रास्ता निकल सकता है। ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया था कि वह टिकटॉक को बैन करने के अपने फैसले को थोड़ा और समय देने के लिए तैयार हैं, ताकि इसपर कोई समाधान निकाला जा सके।

Elon Musk ने TikTok खरीदने के सवाल पर दी सफाई, कहा- नहीं है कोई रुचि

ट्रंप ने टिकटॉक को लेकर यह शर्त रखी

ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया साइट ‘ट्रुथ सोशल’ पर एक पोस्ट में लिखा, “हम टिकटॉक को बैन करने की समय सीमा को बढ़ा देंगे ताकि हम इस पर एक समझौता कर सकें, जो हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा हितों की रक्षा कर सके। मैं चाहता हूं कि अमेरिका को टिकटॉक में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी मिले। इससे हम टिकटॉक को बचा सकते हैं।”

ट्रंप का यह बयान अमेरिका में चीन से जुड़े सुरक्षा खतरे के मुद्दे को लेकर आया था। टिकटॉक पर आरोप है कि इसके डेटा और उपयोगकर्ता जानकारी को चीनी सरकार के साथ साझा किया जा सकता है, जिससे अमेरिकी नागरिकों की व्यक्तिगत जानकारी को खतरा हो सकता है।

टिकटॉक पर अमेरिका का दबाव

टिकटॉक पर अमेरिका द्वारा लगाए गए आरोपों के कारण, यह ऐप दुनिया भर में विवाद का केंद्र बन गया है। अमेरिकी सरकार का कहना है कि टिकटॉक की मालिक कंपनी बाइटडांस, जो चीन में स्थित है, अमेरिकी नागरिकों के डेटा को चीनी सरकार के साथ साझा कर सकती है। यही वजह है कि अमेरिका में टिकटॉक को बैन करने की कवायद शुरू की गई थी। अमेरिकी सांसदों और अधिकारियों का कहना है कि यह ऐप राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है।

एलन मस्क और उनकी कंपनियों का ध्यान

एलन मस्क के बयान से यह साफ है कि उनका ध्यान मौजूदा कंपनियों के अधिग्रहण पर नहीं, बल्कि नए और उन्नत तकनीकी प्रोजेक्ट्स पर है। मस्क पहले भी कई कंपनियों की शुरुआत कर चुके हैं, जैसे कि टेस्ला, स्पेसएक्स, और न्यूरालिंक। उनकी सोच हमेशा से यह रही है कि वह ऐसी कंपनियों की शुरुआत करें जो पूरी दुनिया में एक बदलाव ला सकें।

मस्क का ध्यान इस समय अपनी वर्तमान कंपनियों पर है, जिनमें वह नए उत्पादों और सेवाओं को लॉन्च करने पर काम कर रहे हैं। इसके अलावा, मस्क सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर में भी सक्रिय रूप से निवेश कर रहे हैं और उसकी दिशा को बदलने की कोशिश कर रहे हैं। उनका ट्विटर का अधिग्रहण पहले ही बहुत चर्चा में रहा है और वह इसे लेकर अपने विचारों में बहुत स्पष्ट हैं।

टिकटॉक का भविष्य

टिकटॉक के भविष्य को लेकर अमेरिका में कई कड़े फैसले लिए जा रहे हैं। यदि ट्रंप की शर्तें पूरी नहीं होतीं और अमेरिकी सरकार टिकटॉक को बैन करने का फैसला करती है, तो इसके लिए बहुत बड़ा असर हो सकता है। वहीं, एलन मस्क का बयान यह दर्शाता है कि वह टिकटॉक जैसे प्लेटफॉर्म के अधिग्रहण में कोई रुचि नहीं रखते हैं, लेकिन उनका ध्यान अन्य तकनीकी विकास पर अधिक है।

एलन मस्क का यह बयान यह स्पष्ट करता है कि वह टिकटॉक को खरीदने में कोई रुचि नहीं रखते हैं। उनका ध्यान नए और उच्च तकनीकी प्रोजेक्ट्स पर है, और वह अपनी कंपनियों को शुरू से खड़ा करने में विश्वास रखते हैं। हालांकि, अमेरिका में टिकटॉक के भविष्य को लेकर चल रही बहस और ट्रंप के बयान से यह तय नहीं है कि टिकटॉक का भविष्य क्या होगा। लेकिन मस्क के लिए यह तय है कि उनका मार्ग नए विचारों और नए अवसरों की ओर है।

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Stock Market Today: शेयर बाजार में भारी गिरावट, सेंसेक्स 700 अंक टूटा, निफ्टी में भी तेज़ झटका

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Stock Market Today: शेयर बाजार में भारी गिरावट, सेंसेक्स 700 अंक टूटा, निफ्टी में भी तेज़ झटका

Stock Market Today: शुक्रवार 11 जुलाई 2025 को सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शेयर बाजार में जोरदार गिरावट देखने को मिली। बाजार में लगभग एक प्रतिशत की गिरावट आई है। बीएसई का सेंसेक्स करीब 700 अंक गिरकर 82,509.59 पर पहुंच गया जबकि एनएसई का निफ्टी-50 भी 200 अंक लुढ़क कर 25,162.25 पर ट्रेड करता देखा गया। लगभग सभी सेक्टर्स में बिकवाली का माहौल बना रहा। हालांकि एफएमसीजी सेक्टर के कुछ शेयरों ने थोड़ी राहत दी लेकिन आईटी और ऑटो सेक्टर की गिरावट ने बाजार को नीचे खींच दिया।

आईटी और ऑटो सेक्टर में सबसे ज्यादा गिरावट

शुक्रवार को टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (TCS) के तिमाही नतीजे उम्मीद से कमजोर रहे जिसकी वजह से इसके शेयरों में 2.75 प्रतिशत की गिरावट आई। इसी के साथ निफ्टी का आईटी इंडेक्स भी दोपहर तक 1 प्रतिशत से ज्यादा टूट गया। आईटी सेक्टर के अलावा ऑटो सेक्टर में भी जबरदस्त बिकवाली हुई। महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयर 2.43 प्रतिशत तक गिर गए। इसके अलावा रिलायंस इंडस्ट्रीज, बजाज फिनसर्व और अन्य दिग्गज कंपनियों के शेयर भी लाल निशान में नजर आए।

Stock Market Today: शेयर बाजार में भारी गिरावट, सेंसेक्स 700 अंक टूटा, निफ्टी में भी तेज़ झटका

एफएमसीजी ने दिखाई मजबूती तो हुल के शेयर चमके

जहां बाकी सेक्टर्स में गिरावट देखने को मिली वहीं एफएमसीजी सेक्टर में मजबूती दर्ज की गई। हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) के शेयरों में करीब 5 प्रतिशत की उछाल देखी गई। दोपहर के सत्र में HUL के साथ-साथ एक्सिस बैंक और सन फार्मा के शेयरों में भी हल्की तेजी रही। एक्सिस बैंक में 0.48 प्रतिशत और सन फार्मास्युटिकल्स में 0.51 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली। इन तीन शेयरों को छोड़ दें तो बाकी लगभग सभी कंपनियों के स्टॉक्स लाल निशान में ट्रेड करते दिखे।

क्या रहा गिरावट का कारण?

मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक वैश्विक अनिश्चितताओं के चलते बड़े आईटी शेयरों पर दबाव बना हुआ है। इसके अलावा कमजोर तिमाही नतीजों ने निवेशकों का भरोसा भी डगमगा दिया है। टीसीएस की परफॉर्मेंस उम्मीद से नीचे रहने की वजह से पूरे आईटी सेक्टर पर असर पड़ा। वहीं, रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी दिग्गज कंपनी के शेयरों में गिरावट ने भी बाजार की चाल को बिगाड़ा। मिड कैप और स्मॉल कैप इंडेक्स भी कमजोर रहे। निफ्टी मिड कैप 100 में 0.86 प्रतिशत और निफ्टी स्मॉल कैप 10 में 1.00 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। हालांकि इंडिया VIX में 1.90 प्रतिशत की तेजी दिखी जो बाजार की अस्थिरता का संकेत है।

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JK Cement Share Dividend: शेयरधारकों के लिए खुशखबरी, JK Cement ने ₹15 प्रति शेयर का फाइनल डिविडेंड किया घोषित

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JK Cement Share Dividend: शेयरधारकों के लिए खुशखबरी, JK Cement ने ₹15 प्रति शेयर का फाइनल डिविडेंड किया घोषित

JK Cement Share Dividend: देश की जानी-मानी सीमेंट कंपनी जेके सीमेंट लिमिटेड ने अपने शेयरधारकों को बड़ी सौगात दी है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ₹15 प्रति इक्विटी शेयर के फाइनल डिविडेंड का ऐलान किया है। हर शेयर की फेस वैल्यू ₹10 है यानी निवेशकों को 150 प्रतिशत का डिविडेंड मिलेगा। यह उन सभी योग्य निवेशकों को मिलेगा जिनके पास रिकॉर्ड तिथि तक जेके सीमेंट के शेयर होंगे। बाजार में फिलहाल जेके सीमेंट के शेयर लगभग ₹6120 पर कारोबार कर रहे हैं और आज इनमें 0.50% की हल्की गिरावट भी देखी गई।

डिविडेंड की रिकॉर्ड डेट और बुक क्लोजर

कंपनी ने डिविडेंड के लिए रिकॉर्ड डेट 8 जुलाई 2025 तय की है। यानी अगर आपने 8 जुलाई तक जेके सीमेंट के शेयर खरीद रखे हैं तो आप इस डिविडेंड के पात्र होंगे। वहीं बुक क्लोजर की तारीख 9 जुलाई से 18 जुलाई 2025 तक रहेगी। इस दौरान शेयर ट्रांसफर आदि की प्रक्रिया बंद रहेगी। जेके सीमेंट लिमिटेड देश की पांचवीं सबसे बड़ी सीमेंट निर्माता कंपनी है और इसका मार्केट कैप लगभग ₹47,326 करोड़ है।

JK Cement Share Dividend: शेयरधारकों के लिए खुशखबरी, JK Cement ने ₹15 प्रति शेयर का फाइनल डिविडेंड किया घोषित

शानदार रिटर्न्स से बना निवेशकों का भरोसा

अगर निवेश की बात करें तो जेके सीमेंट ने अपने शेयरधारकों को लगातार मजबूत रिटर्न्स दिए हैं। इस साल अब तक कंपनी के शेयरों ने करीब 33% का रिटर्न दिया है। वहीं, अगर पिछले 5 सालों की बात करें तो निवेशकों को 333% का दमदार रिटर्न मिला है। सबसे बड़ी बात ये है कि जेके सीमेंट ने अपने शेयर की शुरुआती कीमत से अब तक करीब 3900% का रिटर्न दिया है यानी जिसने 2006 में इस शेयर में पैसा लगाया था उसका पैसा आज 40 गुना हो गया है।

2006 में ₹150 था शेयर, अब ₹6100 के पार

साल 2006 में जब जेके सीमेंट का शेयर ₹150 पर था, तब शायद ही किसी ने सोचा होगा कि ये एक दिन ₹6000 के पार चला जाएगा। लेकिन इस कंपनी ने अपने मजबूत बिजनेस और निवेशकों के भरोसे के दम पर यह मुकाम हासिल किया है। फिलहाल जेके सीमेंट का 52 हफ्ते का हाई ₹6513 और लो ₹3891 है। ऐसे में डिविडेंड के साथ-साथ शेयर के लॉन्ग टर्म रिटर्न्स को देखकर यह साफ है कि यह कंपनी निवेशकों के लिए फायदे का सौदा रही है और आने वाले समय में भी इसकी पोजीशन मजबूत बनी रहने की उम्मीद है।

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8th Pay Commission: क्या अब 12 साल में मिलेगी पूरी पेंशन? केंद्र सरकार पर है लाखों पेंशनर्स की उम्मीदें टिकी

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8th Pay Commission: क्या अब 12 साल में मिलेगी पूरी पेंशन? केंद्र सरकार पर है लाखों पेंशनर्स की उम्मीदें टिकी

8th Pay Commission: सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आ रही है। केंद्र सरकार के समक्ष एक नई मांग रखी गई है जिसमें कम्युटेड पेंशन की बहाली की अवधि को 15 साल से घटाकर 12 साल करने की बात की गई है। यह मांग नेशनल काउंसिल (JCM) द्वारा सरकार को सौंपे गए चार्टर ऑफ डिमांड का हिस्सा है। अगर सरकार इस मांग को मान लेती है तो लाखों सेवानिवृत्त कर्मचारियों को जल्द पूरी पेंशन मिलने लगेगी जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हो सकेगी।

क्या होता है कम्युटेड पेंशन और क्यों चाहिए 12 साल में बहाली

जब कोई सरकारी कर्मचारी रिटायर होता है तो उसे एक विकल्प मिलता है कि वह अपनी पेंशन का कुछ हिस्सा एकमुश्त ले सकता है। इस प्रक्रिया को कम्युटेशन कहा जाता है। इसके बदले हर महीने पेंशन से एक तय राशि कटती है ताकि सरकार ने जो एकमुश्त रकम दी है, उसकी भरपाई हो सके। अभी यह कटौती 15 साल तक होती है यानी रिटायरमेंट के 15 साल बाद ही पूरा पेंशन मिलना शुरू होता है। लेकिन कर्मचारी संगठनों का कहना है कि 15 साल का वक्त बहुत लंबा है और इससे पेंशनरों को भारी नुकसान होता है क्योंकि वर्तमान में ब्याज दरें काफी कम हो गई हैं और जो फॉर्मूला उपयोग हो रहा है वह पुराना हो चुका है।

8th Pay Commission: क्या अब 12 साल में मिलेगी पूरी पेंशन? केंद्र सरकार पर है लाखों पेंशनर्स की उम्मीदें टिकी

सरकारी स्तर पर हो रही है गंभीर चर्चा

नेशनल काउंसिल (JCM) ने हाल ही में कैबिनेट सचिव को कर्मचारियों की मुख्य मांगों की एक सूची सौंपी है। इसमें सबसे अहम मांग यही है कि पेंशन की बहाली की अवधि को घटाकर 12 साल किया जाए। सरकार की ओर से भी संकेत मिले हैं कि इसे 8वें वेतन आयोग की ToR (Terms of Reference) में शामिल किया जा सकता है। यही नहीं 11 मार्च 2025 को हुई 34वीं SCOVA बैठक में भी इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया गया था। इस बैठक में केंद्रीय मंत्री और वित्त मंत्रालय के अधिकारी भी मौजूद थे और उन्होंने माना कि मौजूदा प्रणाली को और ज्यादा न्यायसंगत और व्यावहारिक बनाए जाने की जरूरत है।

अगर नियम लागू हुआ तो क्या होंगे फायदे

अगर यह नियम लागू हो जाता है तो लाखों पेंशनरों को राहत मिलेगी। उन्हें रिटायरमेंट के 12 साल बाद ही पूरा पेंशन मिलना शुरू हो जाएगा। इससे उनकी वित्तीय स्थिति मजबूत होगी और वे स्वास्थ्य संबंधी खर्चों और पारिवारिक जिम्मेदारियों को बेहतर तरीके से निभा सकेंगे। खास बात ये भी है कि अगर यह नियम पहले से रिटायर हो चुके पेंशनरों पर भी लागू होता है तो उन्हें भी लाभ मिल सकता है। हालांकि अभी तक सरकार ने 8वें वेतन आयोग को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है लेकिन यह साफ है कि कम्युटेड पेंशन बहाली का मुद्दा अब सरकार की प्राथमिकता में आ गया है।

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