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Small Savings Schemes: छोटे बचत योजनाओं पर ब्याज दरें घट सकती हैं, इसके घटने की संभावना का कारण

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Small Savings Schemes: छोटे बचत योजनाओं पर ब्याज दरें घट सकती हैं, इसके घटने की संभावना का कारण

Small Savings Schemes: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने हाल ही में रेपो दर को 25 बेसिस प्वाइंट्स (0.25%) कम किया है। इसके बाद यह उम्मीद जताई जा रही है कि बैंकों द्वारा एफडी पर ब्याज दरों में भी कमी की जा सकती है। इस बीच, सूत्रों ने यह संकेत दिया है कि छोटे बचत योजनाओं पर मिलने वाली ब्याज दरों में भी आने वाले महीनों में गिरावट देखने को मिल सकती है। इसका मतलब यह है कि छोटे बचत योजनाओं पर ब्याज दरें घट सकती हैं। आइये जानते हैं इसके पीछे के कारण और क्या होने वाली हैं ये बदलाव।

ब्याज दरें हर तिमाही तय की जाती हैं

छोटे बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को तिमाही आधार पर तय किया जाता है। ये दरें वित्त मंत्रालय द्वारा श्यामला गोपीनाथ समिति की सिफारिशों के आधार पर निर्धारित की जाती हैं। हर तिमाही के अंत में इन योजनाओं की ब्याज दरों का पुनरावलोकन किया जाता है। वित्त मंत्रालय का अगला पुनरावलोकन मार्च महीने के अंत में होगा, जो अप्रैल से जून 2025 तक की तिमाही के लिए होगा। दिसंबर 31, 2024 को की गई पिछली समीक्षा में वित्त मंत्रालय ने जनवरी से मार्च 2025 की तिमाही के लिए इन योजनाओं की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। यह चौथी लगातार तिमाही थी जब इन दरों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया था।

छोटे बचत योजनाओं पर मौजूदा ब्याज दरें क्या हैं?

वर्तमान में कुछ प्रमुख छोटे बचत योजनाओं पर ब्याज दरें निम्नलिखित हैं:

  1. PPF (पब्लिक प्रोविडेंट फंड) – 8.1%: PPF पर वर्तमान में 8.1% ब्याज दर मिल रही है, जो एक लंबी अवधि के निवेश के लिए बहुत आकर्षक मानी जाती है।
  2. सुकन्या समृद्धि खाता – 8.2%: सुकन्या समृद्धि योजना पर ब्याज दर 8.2% है, जो खासतौर पर बालिकाओं के लिए एक बढ़िया निवेश विकल्प है।
  3. किसान विकास पत्र (KVP) – 7.5%: KVP पर ब्याज दर 7.5% है, जिससे यह ग्रामीण और शहरी निवेशकों के लिए एक अच्छा विकल्प बनता है।
  4. पोस्ट ऑफिस सेविंग्स डिपॉजिट स्कीम – 4%: इस स्कीम पर ब्याज दर 4% है, जो अन्य छोटी बचत योजनाओं की तुलना में थोड़ी कम है।

इन योजनाओं के साथ साथ, महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र योजना (Mahila Samman Savings Certificate Scheme) पर भी ब्याज दर की चर्चा हो रही है। यह योजना 31 मार्च 2025 को समाप्त हो जाएगी, और इसके जारी रहने की स्थिति पर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।

महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र योजना

महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र योजना को केंद्रीय बजट 2023-2024 में एक विशेष बचत योजना के रूप में पेश किया गया था। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। इसमें 7.5% ब्याज दर दी जाती है और यह दो साल के लिए उपलब्ध होती है। इसमें अधिकतम ₹2 लाख तक का निवेश किया जा सकता है।

हालांकि, इस योजना के बारे में वित्त मंत्रालय से अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है कि क्या इसे 31 मार्च 2025 के बाद जारी रखा जाएगा या नहीं। बजट में भी इसके बारे में कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया गया है।

ब्याज दरों में कमी के संभावित कारण

अब यह सवाल उठता है कि आखिर क्यों छोटे बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कमी हो सकती है। इसके पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हो सकते हैं:

  1. रेपो दर में कमी: आरबीआई ने अपनी रेपो दर को कम किया है, जिसका सीधा असर बैंकों के द्वारा निर्धारित ब्याज दरों पर पड़ता है। जब आरबीआई रेपो दर घटाता है, तो बैंकों के पास सस्ते पैसे आते हैं और वे अपनी ब्याज दरें घटा सकते हैं। इससे छोटे बचत योजनाओं पर मिलने वाली ब्याज दरों में भी कमी का असर हो सकता है।
  2. ब्याज दरों का मौद्रिक नीति पर प्रभाव: जब केंद्रीय बैंक ब्याज दरें घटाता है, तो इसका असर पूरे वित्तीय तंत्र पर पड़ता है। छोटे बचत योजनाओं की ब्याज दरें सरकार द्वारा तय की जाती हैं, लेकिन ये दरें मौद्रिक नीति और बाजार की मौजूदा आर्थिक स्थितियों पर आधारित होती हैं। यदि बाजार में ब्याज दरें घटती हैं तो सरकार भी छोटे बचत योजनाओं पर ब्याज दरें घटाने का निर्णय ले सकती है।
  3. मुद्रास्फीति दर: यदि मुद्रास्फीति कम हो जाती है, तो केंद्रीय बैंक ब्याज दरों को घटाने पर विचार कर सकता है। मुद्रास्फीति में कमी से ब्याज दरों को नियंत्रित किया जाता है और इससे छोटे बचत योजनाओं पर भी ब्याज दरों में बदलाव हो सकता है।
  4. बजट घाटा और सरकारी खर्चे: सरकारी खर्चों के बढ़ने और बजट घाटे को नियंत्रित करने के लिए सरकार को कर्ज लेने की आवश्यकता होती है। इससे भी छोटे बचत योजनाओं पर ब्याज दरें घट सकती हैं, ताकि सरकार पर कर्ज का बोझ कम हो सके।

छोटे बचत योजनाओं का महत्व

छोटे बचत योजनाएं, जैसे कि PPF, सुकन्या समृद्धि योजना, KVP और पोस्ट ऑफिस सेविंग्स डिपॉजिट, लाखों लोगों के लिए वित्तीय सुरक्षा का महत्वपूर्ण साधन हैं। ये योजनाएं विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी हैं जो जोखिम से बचने और नियमित रूप से बचत करने की सोच रखते हैं। इन योजनाओं में निवेश करके लोग अपना भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं, साथ ही यह सरकार द्वारा समर्थित योजनाएं होने के कारण इन पर विश्वास भी ज्यादा होता है।

क्या छोटे बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कमी से निवेशकों को नुकसान होगा?

यदि ब्याज दरों में कमी आती है, तो निश्चित रूप से निवेशकों के लिए यह एक नुकसानदायक स्थिति हो सकती है। इसके कारण जो लोग उच्च ब्याज दरों पर निवेश कर रहे हैं, उन्हें कम रिटर्न मिल सकता है। हालांकि, सरकार द्वारा इन योजनाओं में निवेश करने का प्रमुख उद्देश्य सुरक्षा और वित्तीय स्थिरता प्रदान करना होता है, और इसके बावजूद ये योजनाएं सुरक्षित रहेंगी।

छोटे बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कमी की संभावना है, और इसका मुख्य कारण आरबीआई की रेपो दर में कमी और मौद्रिक नीति से जुड़ी अन्य आर्थिक परिस्थितियां हो सकती हैं। हालांकि, छोटे बचत योजनाएं फिर भी निवेशकों के लिए एक सुरक्षित और स्थिर विकल्प बनी रहेंगी। भविष्य में इन योजनाओं के ब्याज दरों में बदलाव के बावजूद, इन योजनाओं का महत्व और सुरक्षा बनी रहेगी।

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India Free Trade Agreements: भारत और दुनिया के कई देशों के बीच FTA बातचीत में, व्यापार बाधाओं को कम करने का बड़ा कदम

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India Free Trade Agreements: भारत और दुनिया के कई देशों के बीच FTA बातचीत में, व्यापार बाधाओं को कम करने का बड़ा कदम

India Free Trade Agreements: केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को बताया कि भारत इस समय कई देशों के साथ सक्रिय रूप से फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर वार्ता कर रहा है। इनमें अमेरिका, यूरोपीय संघ (EU), न्यूजीलैंड, ओमान, पेरू और चिली प्रमुख हैं। इसके अलावा कई अन्य देशों ने भी भारत के साथ औपचारिक वार्ता शुरू करने की इच्छा जताई है। सीआईआई पार्टनरशिप समिट 2025 को संबोधित करते हुए मंत्री गोयल ने कहा कि वैश्विक स्तर पर व्यापार बाधाओं को कम करना वस्तुओं, सेवाओं और पूंजी के मुक्त प्रवाह को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। भारत पहले ही UAE, ऑस्ट्रेलिया और चार राष्ट्रों के यूरोपीय EFTA समूह के साथ FTA लागू कर चुका है।

आंध्र प्रदेश में बनेगा ‘भारत मंडपम’ जैसा सम्मेलन केंद्र

मंत्री गोयल ने यह भी घोषणा की कि भारत ट्रेड प्रमोशन ऑर्गनाइजेशन (ITPO) आंध्र प्रदेश सरकार के साथ मिलकर आंध्र मंडपम को नई दिल्ली के भारत मंडपम जैसा विश्वस्तरीय सम्मेलन केंद्र विकसित करने के लिए तैयार है। इस अवसर पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि राज्य सरकार इस मेगा प्रोजेक्ट के लिए आवश्यक भूमि उपलब्ध कराएगी। यह केंद्र राज्य में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन, व्यापार मेलों और निवेश मंचों को बढ़ावा देगा और आंध्र प्रदेश को वैश्विक व्यापार और निवेश के लिए आकर्षक बनाएगा।

बिजनेस करने में आसानी के लिए महत्वपूर्ण सुधार

गोयल ने कहा कि केंद्रीय सरकार ने अब तक 42,000 से अधिक अनावश्यक अनुपालनों को समाप्त किया है और 1,500 पुराने और अप्रासंगिक कानूनों को पूरी तरह से हटाया है, जिससे व्यापार करने में आसानी हुई है। मंत्री ने कहा कि इन कदमों से भारत वैश्विक व्यापार भागीदारियों और निवेश के लिए और अधिक आकर्षक बन गया है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय व्यापार संबंधों को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए, जैसे दो-तरफा निवेश को बढ़ावा देना, व्यापार बाधाओं को कम करना, पारदर्शी और खुला व्यापार माहौल बनाना, वस्तुओं और सेवाओं के मुक्त प्रवाह को सुनिश्चित करना, तकनीकी सहयोग को प्रोत्साहित करना और दीर्घकालिक साझेदारी के लिए स्थिर और पूर्वानुमानित नीति ढांचा तैयार करना।

खुले और सहयोगी वैश्विक व्यापार का महत्व

गोयल ने कहा कि जब दुनिया भर में संरक्षणवादी नीतियां बढ़ रही हैं, ऐसे में आपसी सहयोग और खुला व्यापार ढांचा और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। उन्होंने कहा कि व्यापार बाधाओं को कम करना और मुक्त व्यापार को बढ़ावा देना न केवल भारतीय उद्योग और निवेशकों के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों और आर्थिक विकास के लिए भी आवश्यक है। उनके अनुसार, भारत का लक्ष्य है कि वैश्विक व्यापार के लिए एक स्थिर, सहयोगी और आकर्षक वातावरण तैयार किया जाए, जिससे निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ें।

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Jaypee Money Laundering Case: जेपी केस में बड़ा खुलासा! ED ने मनोज गौड़ को किया गिरफ्तार, PMLA के तहत चल रही कार्रवाई!

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Jaypee Money Laundering Case: जेपी केस में बड़ा खुलासा! ED ने मनोज गौड़ को किया गिरफ्तार, PMLA के तहत चल रही कार्रवाई!

Jaypee Money Laundering Case: 13 नवंबर 2025 को दिल्ली में एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने जयपी समूह के पूर्व चेयरमैन और CEO मनोज गौर को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी Prevention of Money Laundering Act (PMLA) के तहत की गई। मनोज गौर जयपी एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष और CEO रह चुके हैं, साथ ही जयपी इन्फ्राटेक लिमिटेड (JIL) के पूर्व CMD भी हैं। ED की इस कार्रवाई के पीछे आर्थिक अपराधों की जांच है, जिसमें हजारों होमबायर्स ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्होंने जयपी के विभिन्न प्रोजेक्ट्स जैसे जयपी विशटाउन और जयपी ग्रीन्स में फ्लैट खरीदे, लेकिन परियोजनाएं पूरी नहीं की गईं।

शिकायत और धोखाधड़ी के आरोप

शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि कंपनी और उसके प्रमोटर्स ने उन्हें धोखा दिया और उनके फंड का दुरुपयोग किया। EOW (Delhi और Uttar Pradesh पुलिस) की FIRs के आधार पर ED ने जांच शुरू की। शिकायतकर्ताओं का कहना था कि उन्होंने फ्लैट खरीदने के लिए बड़ी रकम भुगतान की थी, लेकिन परियोजनाओं में धन का इस्तेमाल निर्माण कार्य के लिए नहीं हुआ। इसके बजाय, यह पैसा कंपनी के अन्य समूह कंपनियों और ट्रस्ट्स में स्थानांतरित कर दिया गया। शिकायतों के आधार पर ED ने यह भी पाया कि यह एक संगठित और आपराधिक साजिश के तहत किया गया था।

Jaypee Money Laundering Case: जेपी केस में बड़ा खुलासा! ED ने मनोज गौड़ को किया गिरफ्तार, PMLA के तहत चल रही कार्रवाई!

ED जांच में सामने आया वित्तीय गड़बड़ी का जाल

ED की जांच में यह पता चला कि जयपी एसोसिएट्स लिमिटेड और जयपी इन्फ्राटेक लिमिटेड ने होमबायर्स से लगभग ₹14,599 करोड़ की राशि जुटाई (NCLT में दर्ज क्लेम के आधार पर)। इन करोड़ों रुपयों का एक बड़ा हिस्सा निर्माण कार्य के लिए इस्तेमाल नहीं किया गया, बल्कि अन्य समूह कंपनियों और ट्रस्ट्स में ट्रांसफर कर दिया गया। फंड जिन संस्थाओं को ट्रांसफर किया गया, उनमें शामिल हैं:

  • जयपी सेवा संस्थान (JSS)
  • जयपी हेल्थकेयर लिमिटेड (JHL)
  • जयपी स्पोर्ट्स इंटरनेशनल लिमिटेड (JSIL)

ED के अनुसार, मनोज गौर ने इन फंड ट्रांसफर योजनाओं में केंद्रीय भूमिका निभाई। जयपी सेवा संस्थान के मैनेजिंग ट्रस्टी होने के नाते, मनोज गौर ने भी इस ट्रस्ट के माध्यम से फंड का वितरण किया।

ED की छापेमारी और आगे की कार्रवाई

23 मई 2025 को ED ने दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और मुंबई में 15 स्थानों पर छापेमारी की। इस छापेमारी में बड़ी मात्रा में वित्तीय दस्तावेज, डिजिटल रिकॉर्ड और फंड डाइवर्जन से जुड़े सबूत बरामद किए गए। ED ने बताया कि कंपनियों और ट्रस्ट्स का जाल तैयार किया गया था ताकि होमबायर्स के पैसों को अन्य संस्थाओं में ट्रांसफर किया जा सके। ED ने यह भी स्पष्ट किया कि जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में और बड़े खुलासे और गिरफ्तारी की संभावना है। यह गिरफ्तारी रियल एस्टेट क्षेत्र में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है और यह हजारों होमबायर्स को न्याय दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।

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OpenAI ने भारत में खोला पहला ऑफिस! दिल्ली में 50-सीटर स्पेस, AI की दुनिया में नया अध्याय शुरू

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OpenAI ने भारत में खोला पहला ऑफिस! दिल्ली में 50-सीटर स्पेस, AI की दुनिया में नया अध्याय शुरू

OpenAI: आज के समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पूरी दुनिया में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। AI की मदद से लोग अपने काम को पहले से कहीं अधिक तेज़ी और कुशलता के साथ कर पा रहे हैं। AI स्वयं हर दिन विकसित हो रहा है और नई क्षमताओं को हासिल कर रहा है। इसी प्रगति के बीच, विश्व प्रसिद्ध AI कंपनी OpenAI ने भारत में अपना पहला कार्यालय खोला है। कंपनी ने दिल्ली में 50 सीटों वाला ऑफिस स्पेस लीज़ पर लिया है।

कंपनी की योजनाएं और उद्देश्य

Economic Times की एक रिपोर्ट के अनुसार, OpenAI ने यह लीज़ एग्रीमेंट प्रीमियम वर्कस्पेस प्रोवाइडर CorporateEdge के साथ साइन किया है। OpenAI, जो ChatGPT की पेरेंट कंपनी है, ने इस साल अगस्त में भारत में कार्यालय खोलने की योजना की घोषणा की थी। OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन ने कहा था कि कंपनी भारत में AI के विकास को और आगे बढ़ाने के लिए ऑफिस खोल रही है। उनका यह भी कहना है कि OpenAI भारत में निवेश को लेकर बेहद उत्साहित है और कंपनी भारतीय सरकार, व्यवसायों और डेवलपर्स के साथ मिलकर AI तकनीक विकसित करने पर काम करेगी।

OpenAI ने भारत में खोला पहला ऑफिस! दिल्ली में 50-सीटर स्पेस, AI की दुनिया में नया अध्याय शुरू

OpenAI का कार्यालय और सुविधाएं

OpenAI का भारत में पहला ऑफिस दिल्ली के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, नारौजी नगर में स्थित है। इस कार्यालय में 42,000 वर्ग फुट का प्रीमियम ऑफिस स्पेस है, जिसमें पांच हाई-टेक मीटिंग रूम, लगभग 500 वर्कस्टेशन और अन्य आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। इस कार्यालय के जरिए OpenAI भारत में अपने शोध और विकास कार्यों को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्थानीय प्रतिभाओं के साथ सहयोग करने की योजना बना रही है।

भारत का महत्व और बाज़ार

OpenAI के लिए भारतीय बाज़ार बेहद महत्वपूर्ण है। उपयोगकर्ताओं की संख्या के मामले में भारत, अमेरिका के बाद दूसरा सबसे बड़ा मार्केट है। इसके अलावा, भारतीय छात्र विश्व स्तर पर ChatGPT के सबसे बड़े उपयोगकर्ता समूह में शामिल हैं। इसलिए, भारत में कार्यालय खोलकर OpenAI न केवल भारतीय यूज़र्स की जरूरतों को बेहतर ढंग से समझ सकेगा, बल्कि AI के विकास में देश की प्रतिभाओं को भी शामिल कर सकेगा। इस कदम से भारत में AI तकनीक के विकास और रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि होने की उम्मीद है।

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