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रमजान में AIMPLB का बड़ा ऐलान, देश में मुसलमानों की हालत पर जताई चिंता

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रमजान में AIMPLB का बड़ा ऐलान, देश में मुसलमानों की हालत पर जताई चिंता

रमजान के पवित्र महीने में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने देश के मुसलमानों को लेकर एक अहम बयान दिया है। बोर्ड ने कहा है कि मौजूदा समय में भारत में मुसलमान मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। AIMPLB के अध्यक्ष मौलाना सैफुल्लाह रहमानी ने कहा कि देश में मस्जिदों और मदरसों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं और सरकार इन घटनाओं पर चुप्पी साधे हुए है।

मुसलमानों को रमजान में खास दुआ करने की अपील

AIMPLB के अध्यक्ष मौलाना सैफुल्लाह रहमानी ने कहा कि भारत में मुसलमानों की स्थिति बहुत ही दयनीय हो गई है। उन्होंने मुसलमानों से अपील की कि वे रमजान की नमाजों में अपने हक में दुआ करें और खासतौर पर कुनूत-ए-नाज़िला (Kunte Nazila) पढ़ें। यह दुआ तब पढ़ी जाती है जब किसी कौम पर कोई बड़ा संकट आता है।

मौलाना रहमानी ने कहा, “हमारे देश हिंदुस्तान में इस समय हालात बहुत खराब हैं। अल्पसंख्यकों पर अत्याचार चरम पर है। हमारी मस्जिदों को निशाना बनाया जा रहा है, हमारे घरों पर बुलडोजर चलाए जा रहे हैं, मामूली बहानों पर उन्हें गिराया जा रहा है। मस्जिदों में लाउडस्पीकर हटाए जा रहे हैं और नए-नए तरीकों से परेशान किया जा रहा है।”

Waqf Amendment Bill पर जताई चिंता

AIMPLB ने वक्फ संशोधन विधेयक (Waqf Amendment Bill) को लेकर भी गहरी चिंता जाहिर की है। बोर्ड का कहना है कि अगर यह बिल मौजूदा स्वरूप में पारित हो गया, तो देशभर की मस्जिदों, मदरसों, धार्मिक संस्थानों और वक्फ संपत्तियों का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा।

रमजान में AIMPLB का बड़ा ऐलान, देश में मुसलमानों की हालत पर जताई चिंता

AIMPLB ने कहा कि यह बिल मुसलमानों के धार्मिक और सामाजिक जीवन को सीधे प्रभावित करेगा। मौलाना रहमानी ने कहा, “अगर यह बिल पास हो गया तो हमारी धार्मिक पहचान और हमारी संस्थाएं खत्म होने की कगार पर आ जाएंगी।”

Jantar Mantar पर होगा विरोध प्रदर्शन

AIMPLB ने केंद्र सरकार को घेरने के लिए 13 मार्च को दिल्ली के जंतर मंतर (Jantar Mantar Protest) पर प्रदर्शन करने की घोषणा की है। मौलाना रहमानी ने कहा कि यह विरोध प्रदर्शन पूरी तरह से लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण होगा।

उन्होंने कहा, “हम सरकार को यह बताना चाहते हैं कि मुसलमान भी इस देश के नागरिक हैं और उनके धार्मिक स्थलों और अधिकारों की सुरक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है।”

सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

AIMPLB ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार मुसलमानों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर चुप्पी साधे हुए है। बोर्ड का कहना है कि देश में धार्मिक भेदभाव बढ़ता जा रहा है, लेकिन सरकार इस पर कोई कदम नहीं उठा रही।

मौलाना रहमानी ने कहा, “आज हमारी मस्जिदों को गिराया जा रहा है, मदरसों को निशाना बनाया जा रहा है, वक्फ संपत्तियों को हड़पने की कोशिश हो रही है। सरकार को इन मामलों पर ध्यान देना चाहिए, लेकिन वह मौन धारण किए हुए है।”

मुसलमानों से एकजुट रहने की अपील

AIMPLB ने देश के मुसलमानों से अपील की कि वे इस मुश्किल समय में एकजुट रहें और अपनी धार्मिक व कानूनी पहचान को बनाए रखने के लिए जागरूक रहें।

बोर्ड ने कहा कि रमजान का यह पवित्र महीना सिर्फ इबादत का समय ही नहीं, बल्कि अपनी कौम के लिए दुआ और संघर्ष का भी समय है।

AIMPLB के इस बयान के बाद मुस्लिम समाज में हलचल तेज हो गई है। अब देखना यह होगा कि 13 मार्च को होने वाले विरोध प्रदर्शन का क्या असर होता है और सरकार इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाती है। फिलहाल, रमजान के इस महीने में मुस्लिम समाज के लोग AIMPLB की अपील पर कितना अमल करते हैं, यह भी देखने वाली बात होगी।

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Nitish Kumar की अगुवाई में NDA का भव्य विजय जश्न, बिहार राजनीति में बदलाव और जातिवाद की हार

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Nitish Kumar की अगुवाई में NDA का भव्य विजय जश्न, बिहार राजनीति में बदलाव और जातिवाद की हार

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणाम इतिहास में एक नया मोड़ लेकर आए हैं। Nitish Kumar के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को प्रचंड बहुमत मिला, जबकि परंपरागत जातिवाद की राजनीति को करारी हार का सामना करना पड़ा। 243 सीटों वाली विधानसभा में NDA ने 200 से अधिक सीटें जीतकर दो-तिहाई बहुमत हासिल किया, जिससे विपक्ष को धराशायी होना पड़ा। इस चुनाव में मतदाताओं ने यह संदेश स्पष्ट कर दिया कि अब बिहार में विकास और सुशासन ही प्रमुख मुद्दा हैं, न कि केवल जाति।

महिला और युवा वोटर ने बदल दी तस्वीर

इस चुनाव में महिला और युवा मतदाताओं ने निर्णायक भूमिका निभाई। उनके मतों ने ग्रैंड अलायंस को सिर्फ 35 सीटों तक सीमित कर दिया। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, ग्रैंड अलायंस को केवल 38 प्रतिशत वोट ही मिले। यह जीत यह दर्शाती है कि बिहार में जातिगत समीकरण अब कमजोर पड़ गए हैं और विकास आधारित राजनीति को जनता ने सर्वोपरि रखा। विशेषज्ञों के अनुसार, अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC), दलित और गैर-यादव वोटरों का व्यापक गठबंधन NDA की सफलता की मुख्य वजह रहा। रिकॉर्ड महिला भागीदारी ने भी ग्रैंड अलायंस की स्थिति को प्रभावित किया। पहले चरण में 69 प्रतिशत और दूसरे चरण में 74 प्रतिशत मतदान हुआ।

विकास और सुशासन के लिए निर्णायक वोट

बिहार के मतदाताओं ने इस बार ‘जंगल राज’ के खिलाफ एकजुट होकर वोट दिया। महिलाओं और युवाओं ने विकास और सुशासन को प्राथमिकता दी। सभी जातियों के लोगों ने अपने भविष्य की उम्मीद NDA के विकास मॉडल में देखी। परिणामस्वरूप, लंबे समय के बाद बिहार में जातिगत समीकरण टूट गए और NDA ने प्रचंड जीत दर्ज की। ग्रैंड अलायंस केवल 35 सीटों पर सिमट गया। यह स्पष्ट संदेश है कि बिहार की जनता अब जातिवाद से ऊपर उठकर विकास, कानून-व्यवस्था और सुशासन के लिए मतदान कर रही है।

NDA की जीत का मुख्य कारण: सुशासन और व्यापक विकास

NDA ने चुनाव में ‘जंगल राज’ के खिलाफ अपने मुख्य अभियान के तहत कानून-व्यवस्था, शराब बंदी और महिलाओं के सशक्तिकरण को प्रमुखता दी। इसके साथ ही ग्रामीण संपर्क, सामाजिक कल्याण योजनाओं, सड़क निर्माण, हवाई अड्डों का विस्तार, नई ट्रेन सेवाएं, बिजली पहुंच और शिक्षा में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने जैसे विकास कार्यों को भी जोर दिया। इन सब कारकों के चलते NDA ने सभी जातियों के मतदाताओं का विश्वास जीता और बिहार में प्रचंड बहुमत से जीत दर्ज की। यह जीत स्पष्ट रूप से बताती है कि अब बिहार में जनता का प्राथमिक एजेंडा केवल जातिवाद नहीं बल्कि विकास और सुशासन है।

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Delhi Blast: DNA रिपोर्ट ने खोला राज! लाल किला ब्लास्ट की कार में कौन था ड्राइवर?”

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Delhi Blast: DNA रिपोर्ट ने खोला राज! लाल किला ब्लास्ट की कार में कौन था ड्राइवर?"

Delhi Blast: दिल्ली के लाल किले के पास सोमवार को हुए भीषण कार धमाके की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक, जिस i20 कार में धमाका हुआ था, उसे डॉ. उमर चला रहे थे। इस बात की पुष्टि डीएनए टेस्ट के बाद हुई है। सूत्रों का कहना है कि जिस शव के अवशेष कार से बरामद हुए थे, वह किसी और के नहीं बल्कि डॉ. उमर के ही थे। इस विस्फोट के बाद से ही पुलिस और एनआईए की टीमें लगातार मामले की तहकीकात में जुटी हुई हैं।

डीएनए टेस्ट ने खोला राज — हड्डियों और दाँतों के नमूने से हुई पहचान

पुलिस सूत्रों के अनुसार, जांच एजेंसियों ने कार से मिले हड्डियों और दाँतों के नमूने डॉ. उमर की माँ के डीएनए सैंपल से मिलाए। जब दोनों नमूनों की तुलना की गई, तो रिपोर्ट ने 100 प्रतिशत मैच की पुष्टि की। यह टेस्ट रोहिणी एफएसएल लैब में किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि इस डीएनए मैच के बाद यह पूरी तरह स्पष्ट हो गया है कि धमाके के समय कार चला रहे व्यक्ति की पहचान डॉ. उमर के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि डॉ. उमर ही वह व्यक्ति थे जो 10 नवंबर की शाम लाल किले के पास सुभाष मार्ग सिग्नल पर विस्फोटक से भरी i20 चला रहे थे।

Delhi Blast: DNA रिपोर्ट ने खोला राज! लाल किला ब्लास्ट की कार में कौन था ड्राइवर?"

धमाके की तीव्रता ने मचाया हाहाकार, उमर की मौत मौके पर ही

रिपोर्ट्स के मुताबिक, धमाका इतना शक्तिशाली था कि आसपास खड़ी कई गाड़ियों में आग लग गई और पूरा इलाका दहशत में आ गया। पुलिस को कार के अंदर से डॉ. उमर की टांग एक्सिलरेटर में फंसी हुई मिली, जिससे अंदाज़ा लगाया गया कि वह विस्फोट के समय वाहन चला रहे थे। कार पूरी तरह जलकर खाक हो चुकी थी और अंदर मौजूद व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई। यह घटना इतनी भयावह थी कि कई मीटर दूर तक धमाके की गूंज सुनाई दी। जांच एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि विस्फोटक कैसे और कहाँ से लाया गया तथा इसमें और कौन-कौन शामिल हो सकता है।

अब तक 12 की मौत, प्रधानमंत्री मोदी ने घायलों से की मुलाकात

इस दिल्ली ब्लास्ट में अब तक 12 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 29 लोग घायल हुए हैं। इनमें से पाँच की हालत अभी भी नाज़ुक बताई जा रही है। घायलों का इलाज लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में जारी है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अस्पताल जाकर घायलों से मुलाकात की और अधिकारियों को हर संभव मदद देने के निर्देश दिए। राजधानी के कई इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, जबकि एनआईए और दिल्ली पुलिस की टीमें मिलकर मामले की हर कड़ी को जोड़ने में लगी हैं। फिलहाल, यह साफ है कि धमाके में मारे गए व्यक्ति की पहचान अब पूरी तरह से डॉ. उमर के रूप में हो चुकी है, जिससे जांच का एक महत्वपूर्ण चरण पूरा हो गया है।

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ED Raids: ED की बड़ी कार्रवाई! मुंबई और ठाणे में 13 जगहों पर छापेमारी, ₹85 करोड़ के फ्रॉड का खुलासा

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ED Raids: ED की बड़ी कार्रवाई! मुंबई और ठाणे में 13 जगहों पर छापेमारी, ₹85 करोड़ के फ्रॉड का खुलासा

ED Raids: बुधवार, 12 नवंबर 2025 को Enforcement Directorate (ईडी) ने महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई और ठाणे जिले में 13 स्थानों पर छापेमारी की। ये छापे मुंबई के विभिन्न क्षेत्रों में, जैसे वर्ली और डोंबिवली, के अलावा ठाणे जिले में भी किए गए। यह कार्रवाई Lodha Developers Limited (अब Macrotech Developers Limited) के पूर्व निदेशक राजेंद्र लोढ़ा से जुड़ी कथित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में की गई।

ईडी जांच में क्या सामने आया

सूत्रों के अनुसार, ये छापेमारी Lodha Developers द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर की गई। एफआईआर में आरोप है कि राजेंद्र लोढ़ा ने 2013 से 2025 के बीच अपने पद का दुरुपयोग कर कंपनी को लगभग ₹85 करोड़ का नुकसान पहुँचाया। इस नुकसान का कारण कथित तौर पर अनधिकृत जमीन के सौदे, कम कीमत पर प्लॉट बेचना और धोखाधड़ीपूर्ण खरीदारी बताई गई है।

कुल 10 व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज

ईडी अधिकारियों ने बताया कि इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य अवैध धन के स्रोत और उसके उपयोग को ट्रैक करना है। इस मामले में कुल 10 आरोपियों पर केस दर्ज किया गया है, जिनमें राजेंद्र लोढ़ा भी शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि राजेंद्र लोढ़ा को पहले इसी मामले में सितंबर 2025 में मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया था।

जांच जारी, अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय

ईडी की टीमें मंगलवार की देर रात (11 नवंबर 2025) तक वर्ली, डोंबिवली और ठाणे के आवासीय और व्यावसायिक ठिकानों पर छापेमारी करती रहीं। एजेंसी अधिकारियों के अनुसार, इस जांच में अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय किया जा रहा है ताकि मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत और अवैध धन से खरीदी गई संपत्तियों की पहचान स्पष्ट रूप से की जा सके।

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