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Yashasvi Jaiswal ने छोड़ा मुंबई! किस विवाद ने बदला उनका फैसला?

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Yashasvi Jaiswal ने छोड़ा मुंबई! किस विवाद ने बदला उनका फैसला?

भारतीय क्रिकेट टीम के युवा ओपनर Yashasvi Jaiswal इस समय आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स की ओर से खेल रहे हैं। इसी बीच उन्होंने मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) मांगा था ताकि वह घरेलू क्रिकेट में गोवा की टीम से खेल सकें। खबरों के मुताबिक, जायसवाल की अपनी ही टीम के एक खिलाड़ी से बहस हो गई थी, जिसकी वजह से उन्होंने मुंबई छोड़ने का फैसला लिया।

मुंबई के लिए शानदार प्रदर्शन

Yashasvi Jaiswal ने मुंबई की ओर से लिस्ट ए क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया है। उन्होंने 52.62 की औसत से 1526 रन बनाए हैं, जिसमें एक दोहरा शतक, पांच शतक और सात अर्धशतक शामिल हैं। वहीं, फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उन्होंने अब तक 36 मैचों में 60.85 की औसत से 3712 रन बनाए हैं, जिसमें 13 शतक और 12 अर्धशतक शामिल हैं। जायसवाल लंबे समय से भारतीय टेस्ट टीम का हिस्सा रहे हैं और टी20 व वनडे में भी भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

Yashasvi Jaiswal ने छोड़ा मुंबई! किस विवाद ने बदला उनका फैसला?

सीनियर खिलाड़ी से हुआ था विवाद?

जायसवाल के मुंबई टीम छोड़ने की वजह कुछ और है। बताया जा रहा है कि पिछले सीजन जम्मू-कश्मीर के खिलाफ मैच के दौरान उनकी टीम के एक सीनियर खिलाड़ी से बहस हो गई थी। सीनियर खिलाड़ी ने उनके शॉट सिलेक्शन पर सवाल उठाया, जिस पर जायसवाल ने उन्हें जवाब दिया। इसके बाद टीम मैनेजमेंट ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और शायद इसी वजह से जायसवाल ने मुंबई टीम से हटने का फैसला किया।

खुद बताया टीम बदलने का कारण

यशस्वी जायसवाल ने बुधवार को इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में खुद टीम बदलने का कारण बताया। उन्होंने कहा, “मुंबई टीम छोड़ने का फैसला मेरे लिए आसान नहीं था। मैं आज जो भी हूं, मुंबई क्रिकेट की वजह से हूं।” उन्होंने आगे कहा कि गोवा ने उन्हें कप्तानी का मौका दिया है, जो उनके करियर के लिए एक बड़ा अवसर है और इसी वजह से उन्होंने इस प्रस्ताव को स्वीकार किया। अब सभी की नजरें जायसवाल पर होंगी कि वह गोवा की टीम के लिए कैसा प्रदर्शन करते हैं।

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Hulk Hogan Dies: रेसलिंग के सुनहरे दौर का अंत! 71 साल की उम्र में कार्डियक अरेस्ट से हुआ निधन

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Hulk Hogan Dies: रेसलिंग के सुनहरे दौर का अंत! 71 साल की उम्र में कार्डियक अरेस्ट से हुआ निधन

Hulk Hogan Dies: रेसलिंग की दुनिया का चमकता सितारा और लाखों दिलों पर राज करने वाले हलक होगन अब इस दुनिया में नहीं रहे। 71 साल की उम्र में कार्डियक अरेस्ट के कारण उनका निधन हो गया। गुरुवार सुबह उनकी तबीयत अचानक बिगड़ी और उन्हें स्ट्रेचर पर अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टर्स ने भरसक कोशिश की लेकिन होगन को बचाया नहीं जा सका। उनके निधन की खबर सुनकर पूरी WWE और उनके प्रशंसकों में शोक की लहर फैल गई।

एक युग की शुरुआत करने वाला चेहरा

हलक होगन 1980 और 1990 के दशक में रेसलिंग का पर्याय बन गए थे। उनकी पर्सनालिटी और दमदार फाइटिंग स्टाइल ने उन्हें घर-घर में पहचान दिला दी थी। उन्होंने न केवल रेसलिंग बल्कि फिल्मों में भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। 11 अगस्त 1953 को जॉर्जिया के अगस्ता शहर में जन्मे होगन WWE के सबसे बड़े सुपरस्टार्स में शुमार थे। उन्हें दो बार WWE हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया था। पहली बार 2005 में और दूसरी बार 2020 में NWO के सदस्य के रूप में।

WWE ने जताया गहरा दुख

WWE ने हलक होगन के निधन पर गहरा शोक जताया है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि होगन ने 1980 के दशक में WWE को वैश्विक पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। वह पॉप कल्चर के सबसे प्रभावशाली चेहरों में से एक थे। WWE ने उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना प्रकट की है। होगन की विरासत WWE की पहचान का अटूट हिस्सा बन चुकी है।

 NWO से किया था नया धमाका

हलक होगन ने 1996 में रेसलिंग को एक नया मोड़ दिया जब उन्होंने NWO (न्यू वर्ल्ड ऑर्डर) ग्रुप बनाया। इस कदम ने WCW की लोकप्रियता को एक नए शिखर पर पहुंचा दिया। रेसलिंग फैंस के लिए ये एक रोमांचक दौर था। हालांकि 2015 में एक लीक ऑडियो के कारण वे विवादों में भी आए। नस्लीय टिप्पणी के चलते उन्हें हॉल ऑफ फेम से हटा दिया गया था लेकिन कानूनी लड़ाई के बाद उन्होंने वापसी की और फिर से अपनी जगह बनाई।

रेसलिंग में छोड़ी गहरी छाप

अपने शुरुआती करियर में हलक होगन पांच बार WWF चैंपियन बने और कुल 1474 दिनों तक चैंपियन रहे। यह WrestleMania के इतिहास में सबसे लंबी अवधि है। उनकी फाइटिंग स्टाइल और ‘हलकमेनिया’ की दीवानगी आज भी फैंस के दिलों में जिंदा है। उन्होंने जो रेसलिंग को ऊंचाइयां दीं उसे भुला पाना नामुमकिन है। हलक होगन का जाना रेसलिंग की दुनिया के लिए अपूरणीय क्षति है।

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Rishabh Pant को लगी गंभीर चोट, मैनचेस्टर टेस्ट में टीम इंडिया को बड़ा झटका

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Rishabh Pant को लगी गंभीर चोट, मैनचेस्टर टेस्ट में टीम इंडिया को बड़ा झटका

Rishabh Pant: मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड स्टेडियम में भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ के चौथे मुकाबले में भारत को पहले बल्लेबाज़ी का मौका मिला। पहले दिन का खेल खत्म होने तक टीम इंडिया ने 4 विकेट खोकर 264 रन बना लिए थे। इस पारी में ऋषभ पंत ने तेज़ शुरुआत करते हुए 37 रन बनाए। लेकिन दिन के अंतिम सत्र में टीम को बड़ा झटका तब लगा जब पंत को बल्लेबाज़ी के दौरान चोट लग गई और उन्हें मैदान छोड़ना पड़ा।

कैसे लगी चोट और मैदान पर हुआ क्या

भारतीय पारी के 68वें ओवर में ऋषभ पंत ने इंग्लैंड के गेंदबाज़ क्रिस वोक्स की गेंद पर रिवर्स स्वीप खेलने की कोशिश की। लेकिन गेंद बल्ले के अंदरूनी किनारे से लगकर सीधे उनके जूते पर लगी। इसके बाद पंत ज़मीन पर गिरते दिखे और काफी दर्द में नजर आए। फिजियोथेरेपिस्ट तुरंत मैदान पर आए लेकिन चोट गंभीर थी। जब उनके जूते उतारे गए तो खून भी बहता दिखा। इससे साफ हो गया कि चोट हल्की नहीं है और स्थिति चिंताजनक हो सकती है।\

बीसीसीआई का बयान और मेडिकल निगरानी

बीसीसीआई ने पहले दिन का खेल खत्म होने के बाद पंत की स्थिति पर अपडेट जारी किया। बोर्ड ने बताया कि पंत को तत्काल स्कैन के लिए अस्पताल ले जाया गया है। उनकी दायीं टांग में गंभीर चोट आई है और इस समय वे बीसीसीआई की मेडिकल टीम की निगरानी में हैं। बोर्ड की ओर से यह भी कहा गया कि टीम उनके स्वास्थ्य पर लगातार नज़र रख रही है और आगे की जानकारी दूसरे दिन दी जाएगी।

क्या पंत खेलेंगे आगे के दिन

ऋषभ पंत जिस तरह से घायल हुए हैं उसे देखकर यही लगता है कि उनका इस टेस्ट मैच में आगे खेलना मुश्किल हो सकता है। उनकी टांग में सूजन है और वे ठीक से खड़े भी नहीं हो पा रहे थे। ऐसे में बल्लेबाज़ी तो दूर विकेटकीपिंग करना और भी मुश्किल हो सकता है। इससे पहले लॉर्ड्स टेस्ट में भी पंत चोटिल हुए थे जब उनकी उंगली में चोट लगी थी और उन्होंने उस मैच में केवल बल्लेबाज़ी की थी।

टीम इंडिया के लिए मुश्किलें बढ़ीं

ऋषभ पंत की चोट टीम इंडिया के लिए एक बड़ा झटका है क्योंकि वे न केवल एक आक्रामक बल्लेबाज़ हैं बल्कि एक अहम विकेटकीपर भी हैं। उनकी गैरमौजूदगी में टीम को बैलेंस बनाने में दिक्कत हो सकती है। अगर पंत इस टेस्ट से बाहर होते हैं तो टीम को रिज़र्व कीपर या पार्ट-टाइम कीपर पर भरोसा करना पड़ेगा जो इंग्लैंड जैसी टीम के खिलाफ चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

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41 की उम्र में भी AB de Villiers का जलवा, इंडिया चैंपियंस को दी करारी शिकस्त

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41 की उम्र में भी AB de Villiers का जलवा, इंडिया चैंपियंस को दी करारी शिकस्त

AB de Villiers: दुनिया के सबसे खतरनाक बल्लेबाजों में गिने जाने वाले एबी डिविलियर्स ने एक बार फिर साबित कर दिया कि उम्र सिर्फ एक संख्या है। वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ लीजेंड्स (WCL 2025) के दूसरे सीज़न में भारत और दक्षिण अफ्रीका चैंपियंस के बीच खेले गए मुकाबले में डिविलियर्स ने 41 साल की उम्र में भी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी से सबका दिल जीत लिया।

विस्फोटक पारी से मचाया तहलका

दक्षिण अफ्रीका की ओर से खेलते हुए एबी डिविलियर्स ने मात्र 30 गेंदों में 61 रन की नाबाद पारी खेली। उनका स्ट्राइक रेट रहा 203.33, जिससे भारतीय गेंदबाजों की हालत खराब हो गई। उनकी इस धमाकेदार पारी के दम पर दक्षिण अफ्रीका ने 20 ओवरों में 6 विकेट पर 206 रन बना लिए।

बारिश ने बदला लक्ष्य, भारत की हालत खराब

बारिश के चलते डकवर्थ लुईस नियम के अनुसार भारतीय टीम को 18.2 ओवर में 200 रन बनाने का लक्ष्य मिला। लेकिन शुरुआत से ही भारत का प्रदर्शन फीका रहा। प्रमुख खिलाड़ी जैसे रॉबिन उथप्पा, शिखर धवन, सुरेश रैना और अंबाती रायडू रन बनाने में नाकाम रहे। वहीं युवराज सिंह इस मैच में खेले ही नहीं, जिससे मिडिल ऑर्डर की रीढ़ ही टूट गई।

जब फुर्ती में भी दिखा कमाल

सिर्फ बल्लेबाजी ही नहीं, डिविलियर्स ने फील्डिंग में भी गज़ब की चपलता दिखाई। इमरान ताहिर की गेंद पर यूसुफ पठान ने एक जोरदार शॉट मारा जो बाउंड्री पार जा सकता था, लेकिन डिविलियर्स ने बाउंड्री पर छलांग लगाकर गेंद को हवा में पकड़ा और तुरंत साथी खिलाड़ी की ओर फेंक दिया, जिससे कैच पूरा हो गया। ये कैच मैच का सबसे शानदार पल बन गया।

छक्कों की रेस में भी भारत पीछे

इस मुकाबले में कुल 8 छक्के लगे, जिसमें से 7 दक्षिण अफ्रीका के बल्ले से निकले और इनमें से 3 अकेले डिविलियर्स के थे। भारत की ओर से केवल एक ही छक्का लग पाया। यह आंकड़ा ही भारत की हार की कहानी बयां करता है। भारत की पूरी टीम 111 रन बनाकर ढेर हो गई और मैच 88 रन से हार गई।

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