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Stock Market October 8, 2025: सेंसेक्स और निफ्टी लाल में शुरू, 33 कंपनियों के शेयर में गिरावट देखी गई

Stock Market October 8, 2025: 8 अक्टूबर 2025 को घरेलू शेयर बाजार में तेजी का रुख रुक गया और बाजार लाल निशान में खुला। बीएसई सेंसेक्स बुधवार को 81,899.51 अंकों पर खुला, जो 27.24 अंकों की गिरावट (0.03%) दर्शाता है। इसी तरह एनएसई निफ्टी 50 भी 25,079.75 अंकों पर खुला, जिसमें 28.55 अंकों की कमी (0.11%) आई। मंगलवार को सेंसेक्स और निफ्टी में मामूली बढ़त देखी गई थी, लेकिन आज बाजार में गिरावट का रुख साफ नजर आया।
निफ्टी कंपनियों की स्थिति
आज निफ्टी की 50 कंपनियों में से केवल 16 कंपनियों के शेयर हरे निशान में खुले। बाकी 33 कंपनियों के शेयर लाल निशान में रहे और एक कंपनी का शेयर स्थिर रहा। इससे स्पष्ट होता है कि अधिकांश कंपनियों के शेयर निवेशकों के नजरिए से दबाव में रहे। इस प्रकार के प्रदर्शन से बाजार में अस्थिरता की संभावना बढ़ जाती है।
सेंसेक्स कंपनियों का आज का हाल
सेंसेक्स की 30 कंपनियों में से केवल 14 कंपनियों के शेयर हरे निशान में खुले। टाइटन के शेयर आज सबसे अधिक 2.97 प्रतिशत बढ़त के साथ हरे निशान में खुले, जबकि सन फार्मा के शेयर 0.56 प्रतिशत की गिरावट के साथ सबसे अधिक लाल निशान में खुले। यह दिखाता है कि कुछ कंपनियों ने मजबूती दिखाई लेकिन अधिकांश शेयर दबाव में रहे।
प्रमुख कंपनियों के शेयरों में गिरावट
अन्य सेंसेक्स कंपनियों में टाटा स्टील 0.61 प्रतिशत, बजाज फाइनेंस 0.31 प्रतिशत, भारती एयरटेल 0.30 प्रतिशत, एशियन पेंट्स 0.30 प्रतिशत, टीसीएस 0.27 प्रतिशत, इन्फोसिस 0.26 प्रतिशत, मारुति सुजुकी 0.19 प्रतिशत, महिंद्रा एंड महिंद्रा 0.19 प्रतिशत, बीईएल 0.19 प्रतिशत, एसबीआई 0.10 प्रतिशत, पॉवरग्रिड 0.10 प्रतिशत, कोटक महिंद्रा बैंक 0.10 प्रतिशत और एक्सिस बैंक 0.08 प्रतिशत की गिरावट के साथ खुले।
अन्य महत्वपूर्ण शेयरों का प्रदर्शन
इसके अलावा ईटरनल के शेयर 0.40 प्रतिशत, एल एंड टी 0.32 प्रतिशत, टाटा मोटर्स 0.31 प्रतिशत, रिलायंस इंडस्ट्रीज 0.25 प्रतिशत, अल्ट्राटेक सीमेंट 0.23 प्रतिशत, एचसीएल टेक 0.20 प्रतिशत, एचडीएफसी बैंक 0.18 प्रतिशत, आईसीआईसीआई बैंक 0.18 प्रतिशत, अडानी पोर्ट्स 0.14 प्रतिशत, हिंदुस्तान यूनिलीवर 0.12 प्रतिशत, टेक महिंद्रा 0.11 प्रतिशत, आईटीसी 0.10 प्रतिशत, बजाज फिनसर्व 0.07 प्रतिशत, एनटीपीसी 0.07 प्रतिशत और ट्रेंट के शेयर 0.02 प्रतिशत की गिरावट के साथ खुले। इस तरह के प्रदर्शन से बाजार में निवेशकों के लिए सतर्क रहने की जरूरत है।
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सोने-चांदी की कीमतों में तेज उछाल, दिल्ली-मुंबई-कॉलकाता में ग्रैमीमीटर पर रिकॉर्ड दाम, निवेशकों में हड़कंप

सोने-चांदी के दामों में सोमवार, 13 अक्टूबर को अचानक तेजी देखी गई, जिसने बाजार में हलचल मचा दी। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर दोनों की कीमतें बढ़ीं। MCX की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, दिसंबर डिलीवरी के लिए सोने की कीमत 1.56 प्रतिशत बढ़कर ₹1,23,298 प्रति 10 ग्राम हो गई। इसी तरह, चाँदी की कीमत भी 3.67 प्रतिशत बढ़कर ₹1,51,839 प्रति किलोग्राम पहुंच गई। विशेषज्ञ इस तेजी पर नज़र बनाए हुए हैं और इसे आर्थिक अस्थिरता का संकेत भी मान रहे हैं।
मेट्रो शहरों में आज का सोना
दिल्ली में 24 कैरेट सोने की कीमत ₹12,555 प्रति ग्राम, 22 कैरेट सोना ₹11,510 और 18 कैरेट सोना ₹9,420 प्रति ग्राम रही। मुंबई में 24 कैरेट सोने की कीमत ₹12,540, 22 कैरेट ₹11,495 और 18 कैरेट ₹9,405 रही। कोलकाता और बेंगलुरु में भी 24 कैरेट सोने का भाव ₹12,540, 22 कैरेट ₹11,495 और 18 कैरेट ₹9,405 प्रति ग्राम था। चेन्नई में 24 कैरेट सोना ₹12,573, 22 कैरेट ₹11,525 और 18 कैरेट ₹9,525 प्रति ग्राम रहा।
चाँदी की कीमतों में भी उछाल
सोने के साथ-साथ चाँदी की कीमतों में भी जबरदस्त वृद्धि देखी गई। पिछले सत्र की तुलना में चाँदी की कीमत 3.67 प्रतिशत बढ़ी और यह ₹1,51,839 प्रति किलोग्राम तक पहुँच गई। निवेशक और व्यापारी इसे सुरक्षित निवेश के रूप में देख रहे हैं। वैश्विक बाजार में भी चाँदी और सोने की मांग में वृद्धि हुई है, जिससे कीमतों में यह तेजी आई है।
वैश्विक बाजार में सोने का रिकार्ड
ग्लोबल मार्केट में भी सोने ने रिकॉर्ड तोड़ते हुए $4,070 प्रति औंस का स्तर छू लिया। अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव तथा आर्थिक अनिश्चितता के कारण सुरक्षित निवेश की मांग बढ़ी। राष्ट्रपति ट्रंप ने शुक्रवार को चेतावनी दी कि वे चीन से आने वाले निर्यात पर 100 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क और महत्वपूर्ण सॉफ़्टवेयर पर नए नियंत्रण लगा सकते हैं, जिससे वैश्विक बाजार में सोने की कीमत बढ़ी।
निवेशकों के लिए संकेत
विशेषज्ञों का कहना है कि सोने और चाँदी की कीमतों में यह तेजी आर्थिक अस्थिरता और वैश्विक तनाव का संकेत है। निवेशकों को इस समय अपने निवेश पर ध्यान देना चाहिए। तेजी का यह दौर शायद निवेशकों को सुरक्षित विकल्प की ओर खींचे। मेट्रो शहरों और MCX दोनों जगह कीमतों में उछाल से यह स्पष्ट होता है कि सोने और चाँदी की मांग भविष्य में भी बनी रहेगी।
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चीन ने दिया सख्त संदेश, 100 प्रतिशत अमेरिकी टैरिफ की धमकी के बावजूद नहीं झुके, कड़ा रुख अपनाया

रविवार को चीन ने संकेत दिया कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 100 प्रतिशत टैरिफ की धमकी के बावजूद पीछे नहीं हटेगा। चीन ने अमेरिका से आग्रह किया कि वे मतभेदों को धमकियों के बजाय संवाद के जरिए सुलझाएं। चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने एक ऑनलाइन बयान में कहा, “चीन की स्थिति स्पष्ट है। हम टैरिफ युद्ध नहीं चाहते, लेकिन अगर ऐसा हुआ तो हम डरेंगे नहीं।” यह बयान ट्रंप के 1 नवंबर से अतिरिक्त 100 प्रतिशत टैरिफ की घोषणा के दो दिन बाद आया।
द्विपक्षीय संबंधों पर असर
इस विकास से ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच संभावित बैठक खतरे में पड़ सकती है और टैरिफ युद्ध पर पहले से तय समझौता भी प्रभावित हो सकता है। अप्रैल में दोनों पक्षों के नए टैरिफ ने अस्थायी रूप से 100 प्रतिशत की सीमा पार कर दी थी। ट्रंप ने इस साल कई व्यापारिक भागीदारों के आयात पर टैरिफ बढ़ाए ताकि टैरिफ में कमी के बदले में चीन से रियायतें प्राप्त कर सकें। चीन उन कुछ देशों में से एक है जिसने अपनी आर्थिक ताकत पर पीछे नहीं हटा।
चीन की आर्थिक शक्ति के सामने अमेरिका
चीन ने अमेरिका के सामने अपनी आर्थिक शक्ति दिखाते हुए संकेत दिया कि वह दबाव में नहीं आएगा। चीन के नए नियमों ने दुर्लभ पृथ्वी तत्वों के निर्यात पर प्रतिबंध लगाए हैं, जो कई उपभोक्ता और सैन्य उत्पादों में अहम भूमिका निभाते हैं। अमेरिका ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए 100 प्रतिशत टैरिफ की धमकी दी थी। चीन की प्रतिक्रिया ने यह साफ कर दिया कि वह अपने हितों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने से नहीं हिचकेगा।
भारी टैरिफ की धमकी समाधान का रास्ता नहीं
चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा, “बार-बार भारी टैरिफ लगाने की धमकी देना चीन से संवाद करने का सही तरीका नहीं है।” यह बयान एक अनाम प्रवक्ता द्वारा मीडिया से सवालों के जवाब में जारी किया गया। चीन ने जोर देकर कहा कि किसी भी चिंता का समाधान संवाद के जरिए होना चाहिए। मंत्रालय ने स्पष्ट किया, “यदि अमेरिकी पक्ष अपनी जिद और नीति पर कायम रहता है, तो चीन अपने वैध अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए दृढ़ उपाय करेगा।”
वैश्विक अर्थव्यवस्था और निवेशकों के लिए संकेत
इस टैरिफ युद्ध की नवीनीकरण की संभावना वैश्विक अर्थव्यवस्था और निवेशकों के लिए चिंता का विषय है। चीन और अमेरिका दोनों के बीच बढ़ते तनाव से वैश्विक व्यापार, स्टॉक मार्केट और मुद्रा बाजार प्रभावित हो सकते हैं। निवेशक इस मुद्दे पर नजर रख रहे हैं कि दोनों देश संवाद के जरिए समाधान निकालते हैं या टैरिफ युद्ध और लंबा खिंचता है। यह स्थिति अंतरराष्ट्रीय व्यापार और आर्थिक संतुलन के लिए निर्णायक साबित हो सकती है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिवाली से पहले किसानों के लिए लॉन्च की ₹42,000 करोड़ की योजनाएं देश में कृषि को नई ऊंचाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दिवाली से पहले किसानों के लिए एक बड़ा उपहार तैयार किया है। 11 अक्टूबर 2025 को वे देश के किसानों के लिए ₹42,000 करोड़ की नई योजनाओं का शुभारंभ करेंगे। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि इस अवसर पर प्रधानमंत्री दो प्रमुख कार्यक्रमों का उद्घाटन करेंगे। इनमें शामिल हैं – प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना और दालों के लिए आत्मनिर्भरता मिशन। ये योजनाएं सीधे किसानों को लाभ पहुंचाएंगी।
प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना
प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना के तहत देश के 100 पिछड़े और कम उत्पादन वाले जिलों में कृषि को बढ़ावा देने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए जाएंगे। इस योजना के अंतर्गत सिंचाई, भंडारण, उत्पादन और कृषि ऋण जैसी सुविधाओं को और बेहतर बनाया जाएगा। इसका उद्देश्य किसानों की उत्पादकता बढ़ाना और उनकी जीवन शैली में सुधार लाना है।
आत्मनिर्भरता मिशन: दाल उत्पादन
दालों के आत्मनिर्भरता मिशन का लक्ष्य 2030-31 तक दाल उत्पादन को 24.2 मिलियन टन से बढ़ाकर 35 मिलियन टन तक पहुंचाना है। इसके लिए बुवाई क्षेत्र का विस्तार भी किया जाएगा। इस मिशन से देश दालों में आत्मनिर्भर बनेगा और किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
नई परियोजनाओं का उद्घाटन
इस कार्यक्रम के तहत 1,100 से अधिक परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया जाएगा। इन परियोजनाओं में पशुपालन, मत्स्य पालन, खाद्य प्रसंस्करण और कृषि अवसंरचना विकास शामिल हैं। इस अवसर पर प्रधानमंत्री किसान उत्पादक संगठनों (FPOs), सहकारी समितियों और कृषि नवाचारकों को भी सम्मानित करेंगे।
कृषि में डिजिटलाइजेशन और वैश्विक कनेक्टिविटी
इस पहल से किसानों को नई तकनीक अपनाने, उत्पादन बढ़ाने और आय में सुधार करने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही डिजिटलाइजेशन और वित्तीय ढांचे पर भी चर्चा होगी, जिससे किसानों को सेवाओं और वित्तीय सहायता का आसान पहुंच सुनिश्चित होगी। यह पहल किसानों को वैश्विक बाजार से जोड़ने और कृषि उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने में मदद करेगी। प्रधानमंत्री मोदी का यह कदम भारतीय कृषि में नए परिवर्तन लाने और देश को खाद्य सुरक्षा में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल है।
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