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Stock Market: शांति का असर या निवेशकों का भरोसा! सेंसेक्स की 700 अंक की उड़ान ने सबको चौंकाया

लगातार सुस्त पड़े Stock Market में बुधवार को ज़बरदस्त उछाल देखा गया। इज़राइल और ईरान के बीच हुए संघर्षविराम का सकारात्मक असर घरेलू निवेशकों पर साफ दिखा। बीएसई सेंसेक्स 700.4 अंकों की मजबूती के साथ 82,755.51 पर बंद हुआ जबकि एनएसई निफ्टी ने 200.4 अंकों की छलांग लगाई और 25,244.75 के स्तर पर बंद हुआ। कुल मिलाकर 2711 शेयरों में तेजी, 1163 में गिरावट और 127 शेयर स्थिर रहे।
कौन से शेयर बने हीरो और कौन हुए फेल
बाजार में सबसे ज्यादा चमकने वाले शेयरों में टाइटन, महिंद्रा एंड महिंद्रा, इन्फोसिस, ग्रासिम इंडस्ट्रीज़ और जेएसडब्ल्यू स्टील शामिल रहे। वहीं दूसरी ओर, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, कोटक महिंद्रा बैंक, एक्सिस बैंक और ओएनजीसी जैसे शेयरों में गिरावट देखी गई। सेक्टोरल इंडेक्स की बात करें तो ऑटो, कंज़्यूमर ड्यूरेबल्स, आईटी, टेलिकॉम और हेल्थकेयर जैसे सभी सेक्टर्स में 1 से 2 फीसदी तक की बढ़त दर्ज की गई।
विशेषज्ञों की राय: क्यों आई बाजार में तेजी
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के रिसर्च हेड विनोद नायर के अनुसार, मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक तनावों में कमी और कच्चे तेल की कीमतों में नरमी के कारण भारतीय शेयर बाजार में सुधार हुआ है। इसके साथ ही मानसून के अनुकूल पूर्वानुमान और महंगाई दर में कमी ने घरेलू निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है। एफआईआई की ओर से पूंजी निकासी के बावजूद सकारात्मक वैश्विक संकेतों ने बाजार को संभाल रखा है।
एशियाई और अमेरिकी बाजारों का मिला साथ
एशियाई बाजारों में कोरिया का कोस्पी, जापान का निक्केई 225, शंघाई का एसएसई और हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स सभी बढ़त के साथ बंद हुए। यूरोपीय बाजारों में मिली-जुली चाल देखी गई जबकि अमेरिकी शेयर बाजार मंगलवार को तेज़ बढ़त के साथ बंद हुए थे। यह सभी संकेत भारतीय बाजार के लिए संबल बनकर सामने आए।
निवेशकों की चाल: FII ने बेचा तो DII ने खरीदा
एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने मंगलवार को ₹5,266.01 करोड़ के शेयर बेचे। वहीं, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने ₹5,209.60 करोड़ के शेयर खरीदे। इससे साफ है कि घरेलू निवेशकों का भरोसा बाजार में बना हुआ है। इस समय भारतीय निवेशक सतर्क रहते हुए लाभ उठाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।
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Indian Railways: रेलवे टिकट बुकिंग में बड़ा बदलाव, आधार और ओटीपी से ही मिलेगा तत्काल टिकट का कन्फर्मेशन

Indian Railways ने कई सालों के बाद ट्रेन टिकट के किराए में इज़ाफा करने का फैसला लिया है। ये नया किराया 1 जुलाई 2025 से लागू हो जाएगा। अब नॉन-एसी मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में 1 पैसे प्रति किलोमीटर और एसी क्लास में 2 पैसे प्रति किलोमीटर का अतिरिक्त शुल्क देना होगा। अगर कोई यात्री मुंबई से दिल्ली तक (1400 किमी) यात्रा करता है तो नॉन-एसी में उसे 14 रुपये और एसी क्लास में 28 रुपये ज्यादा देने होंगे। हालांकि रेलवे का कहना है कि 500 किलोमीटर तक की यात्रा पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।
तत्काल टिकट बुकिंग में आधार अनिवार्य
रेलवे ने तत्काल टिकट बुकिंग के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब 1 जुलाई 2025 से तत्काल टिकट बुकिंग के लिए आधार वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है। यानी कोई भी यात्री बिना आधार नंबर और उसकी सत्यता के तत्काल टिकट नहीं बुक कर पाएगा। रेलवे मंत्रालय के अनुसार, यह नियम दलालों और फर्जी एजेंट्स को सिस्टम से बाहर करने के उद्देश्य से लाया गया है ताकि असली यात्रियों को टिकट मिल सके।
ओटीपी वेरिफिकेशन से होगा टिकट कन्फर्म
रेलवे ने 15 जुलाई 2025 से एक और कदम जोड़ा है। अब तत्काल टिकट बुक करते समय यात्रियों को आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर भेजे गए ओटीपी को सत्यापित करना होगा। इस नई प्रक्रिया के तहत आईआरसीटीसी की वेबसाइट या मोबाइल ऐप से ही टिकट बुकिंग की जा सकेगी। यह कदम न सिर्फ सुरक्षा को मजबूत करेगा बल्कि बुकिंग प्रक्रिया को पारदर्शी भी बनाएगा।
एजेंटों की भूमिका पर लगा ब्रेक
रेलवे ने एजेंटों के ज़रिए टिकट बुकिंग पर भी बड़ी सख्ती दिखाई है। अब पहले 30 मिनट तक कोई भी अधिकृत एजेंट तत्काल टिकट बुक नहीं कर पाएगा। एसी क्लास के लिए सुबह 10:00 से 10:30 तक और नॉन-एसी क्लास के लिए सुबह 11:00 से 11:30 तक एजेंटों की बुकिंग पर रोक रहेगी। यह निर्णय आम यात्रियों को प्राथमिकता देने के लिए लिया गया है।
रेलवे सिस्टम में होंगे तकनीकी बदलाव
इन सभी नए नियमों को लागू करने के लिए रेलवे ने CRIS और IRCTC को तकनीकी बदलाव करने का निर्देश दे दिया है। इसके अलावा सभी जोनल रेलवे डिवीजनों को निर्देश दिया गया है कि वे इन नए नियमों के बारे में यात्रियों को समय पर जानकारी दें। इस पूरी पहल का मकसद है कि रेलवे सेवा को बेहतर और अधिक भरोसेमंद बनाया जा सके।
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Real Estate Investment: EMI भरते रह गए लेकिन मुनाफा नहीं मिला! जानिए रियल एस्टेट की सबसे बड़ी गलती

Real Estate Investment: देश के कई बड़े शहरों में प्रॉपर्टी की कीमतें पिछले चार वर्षों में दोगुनी या तिगुनी हो गई हैं। गुरुग्राम से लेकर नोएडा तक 2बीएचके फ्लैट की कीमत करोड़ों में पहुंच चुकी है। इस तेजी ने कुछ निवेशकों को ज़रूर मालामाल किया है लेकिन ज़्यादातर लोग इस मौके का फायदा नहीं उठा पाए हैं। जिन लोगों ने उम्मीदों से भरे मन से फ्लैट या दुकान खरीदी थी वे अब ईएमआई का बोझ झेल रहे हैं और प्रॉफिट की राह तक रहे हैं।
निवेश में सबसे बड़ी गलती: भावनाओं का खेल
गुरुग्राम की रियल एस्टेट सलाहकार ऐश्वर्या श्री कपूर के अनुसार भारत में 90% रियल एस्टेट निवेशक नुकसान में हैं और सिर्फ 1% ही मुनाफा कमा रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह है भावनात्मक निवेश। लोग प्रॉपर्टी खरीदते समय प्रोजेक्ट की गुणवत्ता, लोकेशन और भविष्य की संभावनाओं की जगह केवल डिस्काउंट और स्क्वायर फीट की कीमत देखते हैं। एक दिन में 6-7 प्रोजेक्ट देखना और जिस ब्रोकर ने ज्यादा छूट दी उससे डील फाइनल करना निवेश नहीं बल्कि जुआ कहलाता है।
गलत समय और गलत जगह पर निवेश का नुकसान
ज़्यादातर लोग रियल एस्टेट में तब निवेश करते हैं जब कीमतें पहले ही चढ़ चुकी होती हैं। ऐसे में उनके लिए भविष्य में कैपिटल ग्रोथ की संभावना बहुत कम रह जाती है। इसके अलावा वे ऐसे प्रोजेक्ट्स में पैसा लगाते हैं जिनकी आसपास की लोकेशन में विकास की संभावनाएं नहीं होतीं। यही कारण है कि निवेश के बावजूद उनकी संपत्ति की वैल्यू नहीं बढ़ती और वे घाटे में रह जाते हैं।
मुनाफा कमाने वाले निवेशक कैसे सोचते हैं?
जो लोग रियल एस्टेट से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं वे भावना नहीं बल्कि रणनीति के आधार पर निवेश करते हैं। ये लोग प्रोजेक्ट के प्री-लॉन्च फेज में ही निवेश करते हैं जब कीमतें सबसे कम होती हैं। वे कड़ी मोलभाव करते हैं और 3 से 5 साल में एग्ज़िट की प्लानिंग बनाते हैं। उनका मकसद सिर्फ घर खरीदना नहीं होता बल्कि निवेश का रिटर्न पाना होता है। यही रणनीति उन्हें सफलता दिलाती है।
यदि बचना है नुकसान से, तो अपनाएं सही रणनीति
अगर आप भी रियल एस्टेट में निवेश करने की सोच रहे हैं तो याद रखें कि यह केवल ब्रोकर की सलाह से नहीं हो सकता। इसके लिए आपको बाजार की समझ, इलाके का विश्लेषण और प्रोजेक्ट की वैधता की गहराई से जांच करनी होगी। अगर आप लॉन्ग टर्म में सही समय पर सही जगह निवेश करते हैं तभी आप मुनाफा कमा सकते हैं। वरना आप भी उन 90% लोगों की सूची में शामिल हो जाएंगे जो केवल ईएमआई भरने में ही उलझे रहते हैं।
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Automobile Parts Business: हर गाड़ी की जरूरत, हर ग्राहक की मांग – ऑटो पार्ट्स बिजनेस से बनाएं अपनी पहचान

Automobile Parts Business: अगर आप पैसे कमाने के लिए कोई अच्छा बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो ऑटोमोबाइल पार्ट्स का बिजनेस एक बढ़िया विकल्प हो सकता है। इसमें मुनाफा अच्छा मिलता है और डिमांड भी लगातार बनी रहती है। खासकर अगर आपकी इस फील्ड में थोड़ी बहुत रुचि है और आप इस सेक्टर को समझते हैं तो ये बिजनेस आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। इस बिजनेस में डीलर को औसतन 15 से 20 फीसदी तक का मार्जिन मिल जाता है। लेकिन बिजनेस शुरू करने से पहले सही जानकारी और रिसर्च जरूरी है।
शुरुआत से पहले करें पूरी तैयारी
बिजनेस शुरू करने से पहले यह तय करना जरूरी है कि यह आपके इंटरेस्ट का है या नहीं। आज हर गली मोहल्ले में गाड़ियां हैं और उनकी सर्विसिंग व रिपेयर के लिए ऑटो पार्ट्स की जरूरत होती है। एयर फिल्टर, ब्रेक, क्लच, एग्जॉस्ट सिस्टम जैसे पार्ट्स की हमेशा डिमांड रहती है। आपको पहले यह समझना होगा कि आपके टारगेट कस्टमर कौन हैं और आस-पास कितनी प्रतिस्पर्धा है। सही प्लानिंग और रणनीति के साथ शुरुआत करने से आप अपने ग्राहकों को बेहतर सर्विस दे पाएंगे।
लाइसेंस और सही जगह का चुनाव बहुत जरूरी
इस बिजनेस को शुरू करने के लिए आपको कुछ जरूरी परमिट और लाइसेंस लेने होंगे। अपने राज्य की नगरपालिका से दुकान खोलने की इजाजत और GST रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है। इसके अलावा आपको शॉप एंड एस्टैब्लिशमेंट एक्ट के तहत भी रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। दूसरी जरूरी बात है दुकान की लोकेशन। कोशिश करें कि आपकी दुकान ऐसे इलाके में हो जहां गाड़ियों की आवाजाही ज्यादा हो। शहरों में ये बिजनेस ज्यादा सफल रहता है, जबकि गांव में इसकी मांग थोड़ी कम हो सकती है।
फाइनेंशियल प्लानिंग और सप्लायर का चुनाव
बिजनेस के लिए पैसे की व्यवस्था बहुत जरूरी होती है। ऑटो पार्ट्स का बिजनेस शुरू करने के लिए मशीनरी, स्टाफ और स्टॉक के लिए आपको अच्छा खासा फंड चाहिए। शुरुआत में रोज़मर्रा के खर्चों के लिए फंड तैयार रखें। साथ ही आपको एक भरोसेमंद सप्लायर की जरूरत पड़ेगी जो आपको सस्ते दाम में अच्छी क्वालिटी के पार्ट्स दे सके। इससे न सिर्फ आपकी प्रॉफिट मार्जिन सही बनी रहेगी बल्कि ग्राहकों को भी आप संतुष्ट रख पाएंगे।
इन्वेंट्री और मार्केटिंग से ही होगी तरक्की
बिजनेस चलाने के बाद यह बहुत जरूरी है कि आपकी दुकान में सभी जरूरी पार्ट्स स्टॉक में रहें। कोई भी ग्राहक खाली हाथ न लौटे, इसका खास ध्यान रखें। इन्वेंट्री का रेकॉर्ड अपडेट रखें और जैसे ही स्टॉक कम हो, नया ऑर्डर दें। मार्केटिंग के बिना आज कोई भी बिजनेस आगे नहीं बढ़ सकता। सोशल मीडिया पर अपनी दुकान के पेज बनाएं, वहां स्टॉक की जानकारी दें। लोकल लेवल पर ब्रोशर और फ्लायर्स बांटें और कार शो या वर्कशॉप आयोजित करें जिससे लोग आपके ब्रांड से जुड़ सकें।
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