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Slowdown in real estate: 2025 की पहली तिमाही में घरों की बिक्री में 23% गिरावट

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Slowdown in real estate: 2025 की पहली तिमाही में घरों की बिक्री में 23% गिरावट

Slowdown in real estate: भारत में रियल एस्टेट सेक्टर में एक बार फिर मंदी का साया मंडरा रहा है। देश के नौ प्रमुख शहरों में घरों की बिक्री में वर्ष 2025 की पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) में 23% की भारी गिरावट दर्ज की गई है। रियल एस्टेट डेटा एनालिसिस कंपनी PropEquity द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष की पहली तिमाही में 1,05,791 यूनिट्स के घर बिके, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 1,36,702 यूनिट्स थे।

मूल कारण: कीमतों में वृद्धि और आर्थिक चिंताएं

PropEquity के संस्थापक और सीईओ समीर जसूजा के अनुसार, घरों की कीमतों में वृद्धि, वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव और भारतीय अर्थव्यवस्था में आई कुछ कमजोरी के कारण निवेशक सतर्क हो गए हैं, जिससे बिक्री में गिरावट देखी जा रही है।

इन शहरों में भारी गिरावट दर्ज

  • हैदराबाद: घरों की बिक्री में सबसे अधिक 47% की गिरावट दर्ज की गई। इस वर्ष केवल 11,114 यूनिट्स बिकीं, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 20,835 यूनिट्स बिकी थीं।

  • कोलकाता: यहां बिक्री में 28% की गिरावट हुई। इस तिमाही में केवल 4,219 यूनिट्स की बिक्री हुई, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 5,882 यूनिट्स था।

  • मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में घरों की बिक्री में 36% की गिरावट हुई। इस वर्ष की पहली तिमाही में केवल 10,432 यूनिट्स बिकीं, जबकि पिछले साल 16,204 यूनिट्स बिकी थीं।

  • नवी मुंबई: यहां बिक्री में 7% की गिरावट हुई। इस तिमाही में 8,551 यूनिट्स बिकीं, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 9,218 यूनिट्स था।

  • पुणे: पुणे में घरों की बिक्री में 33% की गिरावट देखी गई। इस तिमाही में 17,634 यूनिट्स बिकीं, जबकि पिछले साल 26,364 यूनिट्स बिकी थीं।

  • ठाणे: यहां भी बिक्री में 27% की गिरावट हुई। इस वर्ष 19,254 यूनिट्स बिकीं, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 26,234 यूनिट्स था।

केवल दिल्ली-एनसीआर और बेंगलुरु में बढ़ी बिक्री

हालांकि, गिरावट के इस दौर में दिल्ली-एनसीआर और बेंगलुरु में बिक्री में वृद्धि हुई।

  • दिल्ली-एनसीआर: यहां बिक्री में 10% की वृद्धि दर्ज की गई। इस वर्ष 11,221 यूनिट्स बिकीं, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 10,235 यूनिट्स था।

  • बेंगलुरु: यहां भी बिक्री में 10% की वृद्धि हुई। इस वर्ष 18,508 यूनिट्स की बिक्री हुई, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 16,768 यूनिट्स था।

Slowdown in real estate: 2025 की पहली तिमाही में घरों की बिक्री में 23% गिरावट

नई आवासीय संपत्तियों की सप्लाई में 34% गिरावट

रिपोर्ट के अनुसार, इस तिमाही में नई आवासीय संपत्तियों की सप्लाई में भी भारी गिरावट आई है।

  • इस साल की पहली तिमाही में केवल 80,774 यूनिट्स की नई सप्लाई हुई, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 1,22,365 यूनिट्स था।

  • नई सप्लाई में 34% की गिरावट दर्ज की गई है, जो रियल एस्टेट सेक्टर में मंदी का संकेत है।

कीमतों में इजाफा बना मुख्य कारण

विशेषज्ञों के अनुसार, घरों की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे मिडिल क्लास और लोअर मिडिल क्लास के लोगों के लिए घर खरीदना मुश्किल हो गया है।

  • महंगे मकान: पिछले एक साल में घरों की कीमतों में औसतन 15-20% की वृद्धि हुई है।

  • ब्याज दरें: होम लोन की ब्याज दरें भी बढ़ी हुई हैं, जिससे लोन लेना महंगा हो गया है।

निवेशकों का सतर्क रवैया

रियल एस्टेट सेक्टर में मंदी का एक बड़ा कारण निवेशकों का सतर्क रवैया भी है।

  • भू-राजनीतिक तनाव: यूक्रेन-रूस युद्ध और पश्चिम एशिया में संघर्ष के कारण निवेशक असमंजस में हैं।

  • भारतीय अर्थव्यवस्था में सुस्ती: आर्थिक विकास दर में सुस्ती के कारण निवेशक रियल एस्टेट की बजाय अन्य विकल्पों में निवेश कर रहे हैं।

भविष्य की संभावनाएं

विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में रियल एस्टेट सेक्टर में स्थिरता आ सकती है।

  • दिल्ली-एनसीआर और बेंगलुरु में वृद्धि: इन शहरों में लगातार मांग बनी रहने की संभावना है।

  • कीमत स्थिर होने की उम्मीद: कीमतों में स्थिरता आने से बाजार में फिर से तेजी आ सकती है।

  • सरकार की योजनाओं से राहत: प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) जैसी योजनाओं से अफोर्डेबल हाउसिंग को बढ़ावा मिल सकता है।

रियल एस्टेट सेक्टर में मौजूदा मंदी घर खरीदारों और निवेशकों दोनों के लिए चिंता का विषय है। हालांकि, दिल्ली-एनसीआर और बेंगलुरु जैसे शहरों में वृद्धि से उम्मीदें बनी हुई हैं। निवेशकों को फिलहाल सतर्कता बरतने की जरूरत है, लेकिन सरकार की नीतियों और बाजार में स्थिरता आने से स्थिति में सुधार हो सकता है।

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Personal Loan चुकाने के बाद NOC लेना है जरूरी, वरना पड़ सकता है भविष्य में झंझट

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Personal Loan चुकाने के बाद NOC लेना है जरूरी, वरना पड़ सकता है भविष्य में झंझट

Personal Loan  की हर महीने की किस्त चुकाने के बाद आखिरी EMI कटते ही लोगों को बड़ी राहत मिलती है। लगता है कि अब लोन पूरी तरह से खत्म हो गया। लेकिन सावधान! अगर आपने सोचा कि अब आप पूरी तरह लोन से मुक्त हो गए हैं, तो यह सोच जल्दबाजी होगी। वास्तव में आखिरी EMI चुकाने के बाद भी एक महत्वपूर्ण काम बचा होता है, जिसे नजरअंदाज करने पर भविष्य में परेशानी हो सकती है।

नो ड्यूज सर्टिफिकेट (NOC) क्या है

नो ड्यूज सर्टिफिकेट यानी NOC एक आधिकारिक पत्र होता है, जो बैंक या वित्तीय संस्था की तरफ से दिया जाता है। इसमें स्पष्ट लिखा होता है कि आपने पूरा लोन चुका दिया है और अब कोई राशि बकाया नहीं है। यह प्रमाण देता है कि आपने न केवल मूल राशि बल्कि उस पर लगने वाले ब्याज और अन्य शुल्क भी चुका दिए हैं। जैसे ही यह सर्टिफिकेट मिल जाता है, बैंक आपके लोन को बंद मान लेता है।

Personal Loan चुकाने के बाद NOC लेना है जरूरी, वरना पड़ सकता है भविष्य में झंझट

NOC क्यों है महत्वपूर्ण

कई लोग सोचते हैं कि आखिरी EMI चुकाने के बाद उनका काम खत्म हो गया। लेकिन अगर आपने NOC नहीं लिया, तो भविष्य में आपको कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। मान लीजिए आपने लोन चुका दिया, लेकिन बैंक के रिकॉर्ड में कोई तकनीकी गलती रह गई और बाद में बैंक कह दे कि कुछ राशि अभी भी बाकी है। ऐसे में NOC ही एकमात्र प्रमाण होगा कि आपने सब कुछ चुका दिया है।

 क्रेडिट स्कोर पर भी असर

NOC लेने से आपका क्रेडिट स्कोर भी मजबूत होता है। जब क्रेडिट ब्यूरो को पता चलता है कि आपने समय पर पूरा लोन चुका दिया, तो आपकी वित्तीय विश्वसनीयता बढ़ जाती है। इससे भविष्य में नया लोन या क्रेडिट कार्ड लेना आसान हो जाता है। अक्सर बैंक खुद ही आखिरी EMI के बाद यह सर्टिफिकेट भेज देते हैं, लेकिन अगर 2-3 हफ्तों में NOC न मिले, तो खुद बैंक जाएं या ऑनलाइन नेटबैंकिंग के माध्यम से मांगें।

 तुरंत करें NOC की मांग

NOC लेना सिर्फ एक औपचारिकता नहीं बल्कि भविष्य की सुरक्षा है। यह प्रमाण है कि आपने लोन पूरी तरह चुका दिया और किसी प्रकार की बकाया राशि नहीं है। इसलिए, आखिरी EMI कटने के बाद तुरंत NOC लेने की प्रक्रिया शुरू करें। यह कदम न केवल कानूनी रूप से जरूरी है बल्कि आपकी वित्तीय सुरक्षा और क्रेडिट स्कोर को भी बेहतर बनाता है।

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Paytm के शेयरों में बढ़त, मोतीलाल ओसवाल ने बढ़ाई हिस्सेदारी, 52 हफ्तों का नया उच्चतम

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Paytm के शेयरों में बढ़त, मोतीलाल ओसवाल ने बढ़ाई हिस्सेदारी, 52 हफ्तों का नया उच्चतम

Paytm: मंगलवार और सोमवार को अच्छे लाभ के साथ बंद हुए घरेलू शेयर बाजार ने बुधवार को फ्लैट शुरुआत की। बीएसई सेंसेक्स बुधवार को 81,671.47 अंकों पर खुला, जिसमें 27.08 अंक (0.03%) की हल्की बढ़त रही। वहीं, एनएसई निफ्टी 50 ने 24,965.80 अंकों पर कारोबार शुरू किया, जो 14.85 अंक (0.06%) की गिरावट दर्शाता है। इस बीच, बुधवार सुबह 10.06 बजे पेटीएम की मूल कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस के शेयर बीएसई पर 1,233.10 रुपये पर ट्रेड कर रहे थे, जिसमें 5.80 रुपये (0.47%) की बढ़त दर्ज हुई।

मोतीलाल ओसवाल ने बढ़ाई हिस्सेदारी

हाल ही में अग्रणी म्यूचुअल फंड कंपनी मोतीलाल ओसवाल ने पेटीएम में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है। कंपनी ने 11 अगस्त को ओपन मार्केट से 26,31,244 शेयर खरीदे, जिससे फंड की हिस्सेदारी 0.41 प्रतिशत बढ़कर कुल 5.15 प्रतिशत हो गई। इस खरीद के जरिए मोतीलाल ओसवाल ने पेटीएम में अपनी पकड़ मजबूत की। हालांकि, फंड कंपनी ने इस लेन-देन के मूल्य या खरीदे गए शेयर की कीमत के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है।

Paytm के शेयरों में बढ़त, मोतीलाल ओसवाल ने बढ़ाई हिस्सेदारी, 52 हफ्तों का नया उच्चतम

52 हफ्तों का नया उच्चतम स्तर

वन 97 कम्युनिकेशंस के शेयरों ने मंगलवार को बीएसई पर 1,227.30 रुपये पर बंद होकर 4.58 प्रतिशत की जोरदार बढ़त दिखाई। इस दौरान शेयरों ने इंट्राडे उच्चतम स्तर 1,238.55 रुपये को छुआ, जो कि पेटीएम के लिए 52 हफ्तों का नया उच्चतम स्तर बन गया। इसके विपरीत, कंपनी के शेयरों का 52 हफ्तों का न्यूनतम स्तर 505.25 रुपये रहा है। इस बढ़त ने निवेशकों के बीच उत्साह और दिलचस्पी बढ़ा दी है।

कई स्कीमों के जरिए शेयर खरीदे गए

मोतीलाल ओसवाल ने ये शेयर 20 से अधिक स्कीमों के माध्यम से खरीदे, जिसमें मिडकैप फंड, फ्लेक्सी कैप फंड, ईएलएसएस टैक्स सेवर फंड और विभिन्न ईटीएफ स्कीम शामिल हैं। इस रणनीति से फंड कंपनी ने न केवल अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई बल्कि निवेशकों को भी मजबूत संकेत दिया कि पेटीएम में उनका भरोसा बरकरार है।

पेटीएम की बाजार पूंजी और भविष्य की संभावना

बीएसई डेटा के अनुसार, पेटीएम की मौजूदा मार्केट कैप 78,727.65 करोड़ रुपये है। हाल की हिस्सेदारी बढ़ाने और शेयरों के नए 52 हफ्तों के उच्चतम स्तर ने संकेत दिया है कि निवेशकों की निगाहें अब कंपनी के भविष्य पर टिकी हुई हैं। अगर बाजार की धारणा बनी रहती है, तो आने वाले दिनों में पेटीएम के शेयरों में और तेजी देखने को मिल सकती है।

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LIC का बड़ा ऐलान! बंद हुई पॉलिसियों को फिर से शुरू करने का अनोखा मौका, माइक्रो इंश्योरेंस पर 100% छूट के साथ लाभ उठाएं

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LIC का बड़ा ऐलान! बंद हुई पॉलिसियों को फिर से शुरू करने का अनोखा मौका, माइक्रो इंश्योरेंस पर 100% छूट के साथ लाभ उठाएं

देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी, लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (LIC) ने सोमवार को बड़ा ऐलान किया। LIC ने यह घोषणा की कि उसने बंद हो चुकी व्यक्तिगत बीमा पॉलिसी को फिर से शुरू करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया है। यह अभियान 18 अगस्त 2025 से शुरू होकर 17 सितंबर 2025 तक चलेगा। इस अभियान में पॉलिसी शुरू करने पर लेट फीस में आकर्षक छूट दी जाएगी।

माइक्रो इंश्योरेंस पॉलिसी पर 100% छूट

LIC ने बयान में बताया कि सभी नॉन-लिंक्ड यानी टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी स्कीमों में 30% तक की छूट दी जा रही है, जो अधिकतम 5000 रुपये तक हो सकती है। वहीं, माइक्रो इंश्योरेंस पॉलिसी (कम आय वाले परिवार या व्यक्ति के लिए) पर लेट फीस में 100% छूट दी जा रही है। इस विशेष अभियान के तहत पॉलिसी को पहली अप्राप्त प्रीमियम की तारीख से 5 वर्षों के भीतर शुरू किया जा सकता है, यदि पॉलिसी की शर्तें पूरी हों।

मेडिकल और स्वास्थ्य की शर्तों में कोई छूट नहीं

कंपनी ने यह भी कहा कि मेडिकल या स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं में कोई छूट नहीं दी जाएगी। केवल उन पॉलिसियों को इस अभियान के तहत शुरू किया जा सकता है, जिनकी अवधि समाप्त नहीं हुई है और प्रीमियम भुगतान के दौरान समाप्त हो गई थीं। LIC ने कहा कि यह अभियान उन पॉलिसीधारकों के लाभ के लिए शुरू किया गया है, जो किसी प्रतिकूल परिस्थिति के कारण समय पर प्रीमियम नहीं चुका सके।

लेट फीस में छूट के फायदे

इस अभियान के जरिए पॉलिसीधारक अपनी पुरानी पॉलिसी को फिर से शुरू करके बीमा कवर को बहाल कर सकते हैं। LIC ने सभी से अपील की है कि पुरानी पॉलिसी को फिर से शुरू करना हमेशा लाभकारी होता है। लेट फीस में छूट पाने के साथ ही पॉलिसीधारक अपने परिवार और खुद को वित्तीय सुरक्षा दे सकते हैं।

आखिरी मौका और सावधानियां

इस विशेष अभियान की अवधि केवल एक महीने की है, इसलिए पॉलिसीधारकों को जल्द से जल्द इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए। LIC ने कहा कि पॉलिसी शुरू करने के लिए सभी नियमों और शर्तों का पालन करना अनिवार्य है। इसके अलावा, पॉलिसीधारकों को सलाह दी गई है कि वे सही जानकारी और दस्तावेजों के साथ आवेदन करें, ताकि पॉलिसी के रिवाइवल में कोई अड़चन न आए।

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