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QNu Labs plans geographical expansion

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QNu Labs plans geographical expansion

भारत की क्वांटम-सुरक्षित साइबर सुरक्षा कंपनी QNu लैब्स ने अमेरिका और अन्य प्रमुख बाजारों में अपने क्वांटम क्रिप्टोग्राफी समाधान प्रदान करने के लिए भौगोलिक विस्तार योजनाओं की घोषणा की है।

क्यूएनयू लैब्स के मुख्य विकास अधिकारी राहिल पटेल ने एक ईमेल पर कहा, “2024 वित्तीय वर्ष के अंत तक, हमारा लक्ष्य क्यूएनयू इंक को अमेरिका में क्वांटम क्रिप्टोग्राफी समाधान के अग्रणी प्रदाता के रूप में मजबूती से स्थापित करना है।”

उन्होंने कहा, “साइबर सुरक्षा प्रगति को जल्दी अपनाने और पारंपरिक क्रिप्टोग्राफ़िक मानकों के लिए एक उभरते खतरे के रूप में क्वांटम कंप्यूटिंग की मान्यता को देखते हुए, अमेरिकी बाजार में जबरदस्त संभावनाएं हैं।”

उन्होंने कहा कि कंपनी का अमेरिका में कदम बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं, रक्षा, दूरसंचार और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में मांग से प्रेरित है, जहां क्वांटम-सुरक्षित समाधान तेजी से आवश्यक होते जा रहे हैं।

“क्वांटम कंप्यूटिंग और एन्क्रिप्शन के आसपास संघीय सरकार की पहल, डेटा सुरक्षा के लिए सख्त अनुपालन जनादेश के साथ, क्वांटम कुंजी वितरण (क्यूकेडी), पोस्ट-क्वांटम क्रिप्टोग्राफी (पीक्यूसी), और क्वांटम जैसी हमारी अत्याधुनिक क्वांटम-सुरक्षित प्रौद्योगिकियों के लिए एक आदर्श परिदृश्य प्रदान करती है। रैंडम नंबर जेनरेटर (क्यूआरएनजी),” उन्होंने कहा।

अमेरिका से परे, कंपनी मध्य पूर्व, यूरोप और दक्षिण पूर्व एशिया सहित कई अन्य क्षेत्रों में विस्तार करने पर विचार कर रही है।

“यूरोप में, जर्मनी, फ्रांस और यूके जैसे यूरोपीय संघ और गैर-यूरोपीय संघ दोनों देश आकर्षक अवसर पेश करते हैं, खासकर जब वे क्वांटम खतरों के जवाब में क्रिप्टोग्राफ़िक मानकों को बढ़ाने के उद्देश्य से नीतियां पेश करते हैं,” श्री पटेल ने कहा।

उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य 2025 तक इन देशों में साझेदारी और संभावित परिचालन आधार स्थापित करना है।”

उन्होंने कहा कि कंपनी के विस्तार के पीछे प्राथमिक चालक क्वांटम कंप्यूटिंग की ओर वैश्विक बदलाव और क्वांटम-सुरक्षित क्रिप्टोग्राफी समाधानों की आगामी आवश्यकता है।

उन्होंने कहा, “सरकारें, उद्यम और विनियमित क्षेत्र क्वांटम कंप्यूटिंग से उत्पन्न खतरे के बारे में तेजी से जागरूक हो रहे हैं, विशेष रूप से पारंपरिक एन्क्रिप्शन सिस्टम को तोड़ने की इसकी क्षमता के मामले में जो उनके डेटा के लिए गंभीर खतरा है।”

उन्होंने कहा, जैसे-जैसे क्वांटम कंप्यूटिंग में तेजी आ रही है, संवेदनशील डेटा को सुरक्षित करने के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता एक गंभीर चिंता बनती जा रही है।

कंपनी “हार्वेस्ट नाउ, डिक्रिप्ट लेटर” खतरे से बचाने के लिए डिज़ाइन किए गए समाधानों की एक श्रृंखला पेश करती है, जिसमें विरोधी क्वांटम कंप्यूटर का उपयोग करके बाद में इसे डिक्रिप्ट करने के इरादे से एन्क्रिप्टेड डेटा एकत्र करते हैं।

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Indigo Airlines: इंडिगो की सीधी उड़ानों में नया धमाका! लंदन और एथेंस तक पहुंचेगी इंडिगो की उड़ान

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Indigo Airlines: इंडिगो की सीधी उड़ानों में नया धमाका! लंदन और एथेंस तक पहुंचेगी इंडिगो की उड़ान

Indigo Airlines: देश की सबसे बड़ी घरेलू एयरलाइन इंडिगो इस वित्त वर्ष में कुल 10 इंटरनेशनल डेस्टिनेशन के लिए सीधी उड़ानें शुरू करने जा रही है। इसमें लंदन और एथेंस जैसे बड़े शहर शामिल हैं। कंपनी के सीईओ पीटर एल्बर्स ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

कौन से शहर होंगे जुड़े

इंडिगो की नई फ्लाइट्स एम्स्टर्डम मैनचेस्टर कोपेनहेगन सिएम रीप और सेंट्रल एशिया के चार शहरों से जुड़ेंगी। खास बात यह है कि मुंबई से मैनचेस्टर और एम्स्टर्डम के लिए सीधी उड़ानें जुलाई में शुरू होंगी। यह पहली बार होगा जब इंडिगो लॉन्ग हॉल सर्विस की शुरुआत करेगी।

इंडिगो का कितना बड़ा बेड़ा

इंडिगो के पास 430 से ज्यादा एयरक्राफ्ट का बेड़ा है। कंपनी 90 से ज्यादा घरेलू और 40 इंटरनेशनल डेस्टिनेशंस पर उड़ानें भरती है। हर दिन इंडिगो की करीब 2300 फ्लाइट्स ऑपरेट होती हैं। एल्बर्स ने कहा कि भारत में इंटरनेशनल हब बनने की जबरदस्त संभावना है।

Indigo Airlines: इंडिगो की सीधी उड़ानों में नया धमाका! लंदन और एथेंस तक पहुंचेगी इंडिगो की उड़ान

इंटरनेशनल ट्रैफिक में इंडिगो की हिस्सेदारी

अभी भारतीय इंटरनेशनल एविएशन ट्रैफिक का 45 फीसदी हिस्सा इंडिगो के पास है। बाकी 55 फीसदी हिस्सेदारी विदेशी एयरलाइनों के पास है। एल्बर्स ने यह भी बताया कि इंडिगो के पास सबसे ज्यादा महिला पायलट हैं जो कुल पायलट क्षमता का करीब 15 फीसदी हैं।

एतिहासिक मीटिंग की मेजबानी करेगा भारत

इंडिगो जून में दिल्ली में इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन की 81वीं एनुअल जनरल मीटिंग की मेजबानी करेगा। यह खास बात है कि भारत 42 साल बाद इस बड़े एविएशन इवेंट की मेजबानी कर रहा है। इससे भारत की वैश्विक एविएशन में पहचान और मजबूत होगी।

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Financial Year 2025: पैसा छपने की लागत में 25% की जबरदस्त बढ़ोतरी! क्या बढ़ेगा नकदी का दबदबा?

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Financial Year 2025: पैसा छपने की लागत में 25% की जबरदस्त बढ़ोतरी! क्या बढ़ेगा नकदी का दबदबा?

Financial Year 2025: आपकी जेब में जो नोट हैं उनकी छपाई का खर्चा वित्तीय वर्ष 2025 में 25 प्रतिशत बढ़ गया है यह जानकारी भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को दी है आरबीआई के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2025 में नोट छपाई का कुल खर्च 6372.8 करोड़ रुपये तक पहुंच गया जो पिछले साल 5101.4 करोड़ रुपये था

500 रुपए के नोटों का दबदबा

आरबीआई की सालाना रिपोर्ट के अनुसार 2024-25 में 500 रुपए के नोटों का हिस्सा मूल्य के हिसाब से थोड़ा घटकर 86 प्रतिशत रह गया जबकि मात्रा के हिसाब से यह सबसे ज्यादा 40.9 प्रतिशत है इसके बाद 10 रुपए के नोट 16.4 प्रतिशत और छोटे मूल्य वाले नोट 31.7 प्रतिशत कुल नोटों में हिस्सेदारी रखते हैं

Financial Year 2025: पैसा छपने की लागत में 25% की जबरदस्त बढ़ोतरी! क्या बढ़ेगा नकदी का दबदबा?

2000 रुपए के नोट वापसी की प्रक्रिया

मई 2023 से शुरू हुई 2000 रुपए के नोट वापसी की प्रक्रिया वित्तीय वर्ष 2024-25 में भी जारी रही इस दौरान कुल 3.56 लाख करोड़ रुपये के नोटों में से 98.2 प्रतिशत नोट बैंकिंग सिस्टम में वापस आ चुके हैं इस रिपोर्ट में सिक्कों की मात्रा और मूल्य में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है

सिक्कों और डिजिटल मुद्रा का बढ़ता महत्व

सिक्कों में 50 पैसे के सिक्के अभी भी प्रचलन में हैं लेकिन आरबीआई अब 2 रुपए 5 रुपए और 2000 रुपए के नोट छापना बंद कर चुका है इस बीच ई-रुपये की मात्रा 2024-25 में 334 प्रतिशत बढ़ी है मुद्रा में अब बैंक नोट के साथ साथ डिजिटल करेंसी और सिक्के भी शामिल हैं

नकली नोटों का आंकड़ा और उसके रुझान

रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक नकली भारतीय मुद्रा नोटों में से 4.7 प्रतिशत नकली नोट आरबीआई में पकड़े गए हैं 2024-25 में 10 20 50 100 और 2000 रुपए के नकली नोटों में कमी आई है जबकि 200 और 500 रुपए के नोटों के नकली संस्करण में क्रमशः 13.9 और 37.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है

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RBI से मिली PayPal को ऐतिहासिक मंजूरी! क्या बदल जाएगी अब भारत के डिजिटल निर्यात की तस्वीर

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RBI से मिली PayPal को ऐतिहासिक मंजूरी! क्या बदल जाएगी अब भारत के डिजिटल निर्यात की तस्वीर

PayPal : रिजर्व बैंक ने बुधवार को पेपाल पेमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड को पेमेंट एग्रीगेटर क्रॉस बॉर्डर एक्सपोर्ट्स के रूप में काम करने की मंजूरी दे दी है। यह मंजूरी पेपाल के लिए भारत में एक ऐतिहासिक पड़ाव है। इससे अब 200 से ज्यादा देशों में सुरक्षित भुगतान करना आसान हो जाएगा।

भारत के मजबूत निर्यात के बीच आया ये फैसला

यह मंजूरी ऐसे समय आई है जब भारत का निर्यात अप्रैल 2025 में 73.8 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है। इससे स्पष्ट होता है कि भारत की क्रॉस बॉर्डर ट्रेड तेजी से बढ़ रही है। पेपाल इंडिया के वरिष्ठ निदेशक नाथ परमेश्वरन ने कहा कि यह भारत के मजबूत नियामक दृष्टिकोण को दर्शाता है।

 RBI से मिली PayPal को ऐतिहासिक मंजूरी! क्या बदल जाएगी अब भारत के डिजिटल निर्यात की तस्वीर

भारतीय छोटे कारोबारों को मिलेगा बड़ा फायदा

पेपाल का कहना है कि जैसे-जैसे भारत एक वैश्विक निर्यात केंद्र बन रहा है वह भारतीय कारोबारों को भरोसेमंद डिजिटल भुगतान समाधान देने के लिए प्रतिबद्ध है। पेपाल चेकआउट और नो-कोड चेकआउट टूल्स जैसी सेवाओं के जरिए छोटे कारोबारों के लिए वैश्विक बिक्री को आसान बनाया जाएगा।

पेपाल का 25 साल का अनुभव

पेपाल इंडिया के सेल्स हेड आबिद मुरशेद ने बताया कि पेपाल पिछले 25 सालों से हर बड़े वाणिज्यिक बदलाव में नवाचार करता आया है। भारत में पेपाल का अनुभव छोटे व्यवसायों और फ्रीलांसरों को ग्लोबल कॉमर्स से जोड़ने में अहम रहा है। यह अब और मजबूत होगा।

हम अपने ग्राहकों के साथ खड़े हैं

पेपाल ने कहा है कि भारत में एक दशक से ज्यादा समय से हम छोटे व्यवसायों को वैश्विक स्तर पर भाग लेने में मदद कर रहे हैं। जैसे-जैसे बिजनेस की जरूरतें बदलती हैं और नए अवसर आते हैं हम अपने ग्राहकों के साथ खड़े रहेंगे और उनकी हर चुनौती में साथ देंगे।

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