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Pakistani citizens in India: भारत में आधार और वोटर आईडी कार्ड के साथ 17 साल बिताने वाला पाकिस्तानी नागरिक
Pakistani citizens in India: अटारी सीमा से पाकिस्तान लौटने वाले नागरिकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इसी बीच एक पाकिस्तानी नागरिक, जो पिछले 17 वर्षों से कश्मीर में रह रहा था, पाकिस्तान वापस लौटने का निर्णय लिया है. उसका कहना है कि वह अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद ही भारत छोड़ना चाहता था.
ओसामा का दुःख और अपील
ओसामा ने कहा कि वह अभी अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहा था और परीक्षा के बाद एक नौकरी का इंटरव्यू देना चाहता था. उसने सरकार से अपील की कि उसे कुछ समय और दिया जाए ताकि वह अपनी पढ़ाई पूरी कर सके. ओसामा ने Pahalgam हमले की निंदा करते हुए कहा कि यह घटना बहुत शर्मनाक है.
#WATCH | Attari, Punjab: Osama, a Pakistani national returning to Pakistan via Attari Border, says, "…I am currently pursuing my bachelor's degree. I wanted to appear for job interviews after my examinations. I have been staying here for the last 17 years. I appeal to the… pic.twitter.com/S8dTV92fhC
— ANI (@ANI) April 30, 2025
ओसामा का भारत में शिक्षा और भविष्य
ओसामा ने बताया कि उसने अपनी 10वीं और 12वीं की पढ़ाई भारत में की थी और उसका भारत में भविष्य बन चुका था. वह अब सोच रहा था कि पाकिस्तान वापस जाकर वह क्या करेगा. ओसामा ने पाकिस्तान जाने के बाद अपने भविष्य को लेकर चिंता जताई.
ओसामा की पहचान और स्थिति
ओसामा, जो इस्लामाबाद के रावलपिंडी का रहने वाला है, ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अचानक लिए गए इस फैसले से वह बहुत उलझन में हैं. वह कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई कर रहे थे और जून में उनकी परीक्षा थी. वह परीक्षा के बाद भारत में ही नौकरी की तलाश करना चाहते थे.
ओसामा ने NIA से अपील की
ओसामा ने कहा कि वह Pahalgam हमले के आरोपियों के खिलाफ एनआईए से जांच की अपील करते हैं. उसने बताया कि वह पुलिस स्टेशन में पुलिस की जानकारी पर मौजूद था. ओसामा के पास भारतीय पासपोर्ट नहीं था और वह 2008 में भारत आए थे.
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Delhi Blast: DNA रिपोर्ट ने खोला राज! लाल किला ब्लास्ट की कार में कौन था ड्राइवर?”
Delhi Blast: दिल्ली के लाल किले के पास सोमवार को हुए भीषण कार धमाके की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक, जिस i20 कार में धमाका हुआ था, उसे डॉ. उमर चला रहे थे। इस बात की पुष्टि डीएनए टेस्ट के बाद हुई है। सूत्रों का कहना है कि जिस शव के अवशेष कार से बरामद हुए थे, वह किसी और के नहीं बल्कि डॉ. उमर के ही थे। इस विस्फोट के बाद से ही पुलिस और एनआईए की टीमें लगातार मामले की तहकीकात में जुटी हुई हैं।
डीएनए टेस्ट ने खोला राज — हड्डियों और दाँतों के नमूने से हुई पहचान
पुलिस सूत्रों के अनुसार, जांच एजेंसियों ने कार से मिले हड्डियों और दाँतों के नमूने डॉ. उमर की माँ के डीएनए सैंपल से मिलाए। जब दोनों नमूनों की तुलना की गई, तो रिपोर्ट ने 100 प्रतिशत मैच की पुष्टि की। यह टेस्ट रोहिणी एफएसएल लैब में किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि इस डीएनए मैच के बाद यह पूरी तरह स्पष्ट हो गया है कि धमाके के समय कार चला रहे व्यक्ति की पहचान डॉ. उमर के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि डॉ. उमर ही वह व्यक्ति थे जो 10 नवंबर की शाम लाल किले के पास सुभाष मार्ग सिग्नल पर विस्फोटक से भरी i20 चला रहे थे।

धमाके की तीव्रता ने मचाया हाहाकार, उमर की मौत मौके पर ही
रिपोर्ट्स के मुताबिक, धमाका इतना शक्तिशाली था कि आसपास खड़ी कई गाड़ियों में आग लग गई और पूरा इलाका दहशत में आ गया। पुलिस को कार के अंदर से डॉ. उमर की टांग एक्सिलरेटर में फंसी हुई मिली, जिससे अंदाज़ा लगाया गया कि वह विस्फोट के समय वाहन चला रहे थे। कार पूरी तरह जलकर खाक हो चुकी थी और अंदर मौजूद व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई। यह घटना इतनी भयावह थी कि कई मीटर दूर तक धमाके की गूंज सुनाई दी। जांच एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि विस्फोटक कैसे और कहाँ से लाया गया तथा इसमें और कौन-कौन शामिल हो सकता है।
अब तक 12 की मौत, प्रधानमंत्री मोदी ने घायलों से की मुलाकात
इस दिल्ली ब्लास्ट में अब तक 12 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 29 लोग घायल हुए हैं। इनमें से पाँच की हालत अभी भी नाज़ुक बताई जा रही है। घायलों का इलाज लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में जारी है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अस्पताल जाकर घायलों से मुलाकात की और अधिकारियों को हर संभव मदद देने के निर्देश दिए। राजधानी के कई इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, जबकि एनआईए और दिल्ली पुलिस की टीमें मिलकर मामले की हर कड़ी को जोड़ने में लगी हैं। फिलहाल, यह साफ है कि धमाके में मारे गए व्यक्ति की पहचान अब पूरी तरह से डॉ. उमर के रूप में हो चुकी है, जिससे जांच का एक महत्वपूर्ण चरण पूरा हो गया है।
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ED Raids: ED की बड़ी कार्रवाई! मुंबई और ठाणे में 13 जगहों पर छापेमारी, ₹85 करोड़ के फ्रॉड का खुलासा
ED Raids: बुधवार, 12 नवंबर 2025 को Enforcement Directorate (ईडी) ने महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई और ठाणे जिले में 13 स्थानों पर छापेमारी की। ये छापे मुंबई के विभिन्न क्षेत्रों में, जैसे वर्ली और डोंबिवली, के अलावा ठाणे जिले में भी किए गए। यह कार्रवाई Lodha Developers Limited (अब Macrotech Developers Limited) के पूर्व निदेशक राजेंद्र लोढ़ा से जुड़ी कथित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में की गई।
ईडी जांच में क्या सामने आया
सूत्रों के अनुसार, ये छापेमारी Lodha Developers द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर की गई। एफआईआर में आरोप है कि राजेंद्र लोढ़ा ने 2013 से 2025 के बीच अपने पद का दुरुपयोग कर कंपनी को लगभग ₹85 करोड़ का नुकसान पहुँचाया। इस नुकसान का कारण कथित तौर पर अनधिकृत जमीन के सौदे, कम कीमत पर प्लॉट बेचना और धोखाधड़ीपूर्ण खरीदारी बताई गई है।
कुल 10 व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज
ईडी अधिकारियों ने बताया कि इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य अवैध धन के स्रोत और उसके उपयोग को ट्रैक करना है। इस मामले में कुल 10 आरोपियों पर केस दर्ज किया गया है, जिनमें राजेंद्र लोढ़ा भी शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि राजेंद्र लोढ़ा को पहले इसी मामले में सितंबर 2025 में मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया था।
जांच जारी, अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय
ईडी की टीमें मंगलवार की देर रात (11 नवंबर 2025) तक वर्ली, डोंबिवली और ठाणे के आवासीय और व्यावसायिक ठिकानों पर छापेमारी करती रहीं। एजेंसी अधिकारियों के अनुसार, इस जांच में अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय किया जा रहा है ताकि मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत और अवैध धन से खरीदी गई संपत्तियों की पहचान स्पष्ट रूप से की जा सके।
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Delhi Bomb Blast: दिल्ली पुलिस और एजेंसियों ने लाल किले के बम धमाके की जांच में तीन महत्वपूर्ण तथ्य खोजे
Delhi Bomb Blast: दिल्ली के लाल किले के पास सोमवार शाम हुए कार बम विस्फोट की जांच तेज़ी से जारी है। इस भयंकर हमले में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 20 से अधिक लोग घायल हैं और अस्पतालों में इलाजरत हैं। कई घायल गंभीर हालत में हैं। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां इस घटना से जुड़े कई पहलुओं की छानबीन कर रही हैं। अब जांच मुख्य रूप से तीन अहम बिंदुओं पर केंद्रित हो गई है, जिन्हें समझना बेहद जरूरी है।
पहला महत्वपूर्ण बिंदु: डॉ. उमर के तीन घंटे
इस मामले में सबसे बड़ा सवाल है कि डॉ. उमर लाल किले के पार्किंग स्थल पर तीन घंटे कहां थे। शाम 3:19 बजे उनकी कार पार्किंग में आई और 6:22 बजे कार पार्किंग से बाहर निकली। इस तीन घंटे के दौरान डॉ. उमर कहां थे? क्या वे पार्किंग स्थल पर ही थे या किसी से मिलने गए थे? क्या वे इलाके की जाँच-पड़ताल कर रहे थे? या फिर उस समय भीड़ बढ़ने का इंतजार कर रहे थे ताकि विस्फोट का प्रभाव ज्यादा हो?
जानकारी मिली है कि डॉ. उमर को पता था कि उनके साथी पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं और पुलिस किसी भी वक्त उनके पास पहुंच सकती है। फिर भी उन्होंने इतनी संवेदनशील जगह पर इतने लंबे समय तक रहना क्यों चुना? क्या वे किसी स्लीपर सेल या सपोर्ट टीम के आने का इंतजार कर रहे थे? यह भी जांच का महत्वपूर्ण हिस्सा है कि उन्होंने तीन घंटे में किसी से संपर्क किया या नहीं।
दूसरा महत्वपूर्ण बिंदु: संदिग्ध नेटवर्क और हथियार
जांच में यह बात सामने आई है कि फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी के तीन डॉक्टरों के नाम इस मामले में जुड़े हुए हैं। इसके अलावा इस नेटवर्क में और कितने सक्रिय या निष्क्रिय सदस्य थे, जिन्हें स्लीपर सेल कहा जाता है? यह भी जांच का विषय है कि इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री और हथियार कहां से आए? क्या ये अलग-अलग समय पर विभिन्न कंसाइनमेंट के रूप में भेजे गए थे?
कौन इस विस्फोटकों और हथियारों की आपूर्ति कर रहा था? टेलीग्राम समूह में कौन-कौन से सदस्य जुड़े थे? यह नेटवर्क कब से सक्रिय था? क्या दिल्ली की जाँच डॉ. उमर, मुझम्मिल या आदिल ने की थी या कोई और? इन सवालों के जवाब भी जांच की महत्वपूर्ण कड़ियां हैं।
तीसरा महत्वपूर्ण बिंदु: विस्फोट का तरीका और प्रभाव
दिल्ली में अब तक हुए लगभग सभी बम विस्फोटों में ब्लंट ऑब्जेक्ट्स जैसे कि कीलें, गेंद के बीयरिंग्स, तेज धार वाले ब्लेड आदि का इस्तेमाल किया गया है ताकि विस्फोट का असर ज्यादा और व्यापक हो सके। लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ। पुलिस ने विस्फोट स्थल से किसी भी प्रकार के ब्लंट ऑब्जेक्ट्स नहीं पाए। फिर सवाल उठता है कि इतनी ताकतवर धमाके का प्रभाव बिना सड़क पर गड्ढा बने या विस्फोट स्थल पर गहरा गड्ढा बने कैसे हुआ? विस्फोट ने आसपास के वाहनों को पूरी तरह तबाह कर दिया, केवल विस्फोट वाली गाड़ी ही नहीं, बल्कि आसपास की अन्य गाड़ियां भी प्रभावित हुईं। यह विस्फोट का तरीका और इसका असर जांच के लिए एक रहस्य बना हुआ है।
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