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Operation Sindoor: आकाश सिस्टम की ताकत! जानिए कैसे पाकिस्तानी मिसाइलें हुईं नाकाम

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Operation Sindoor: आकाश सिस्टम की ताकत! जानिए कैसे पाकिस्तानी मिसाइलें हुईं नाकाम

Operation Sindoor: पहल्गाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने मंगलवार देर रात पाकिस्तान और पीओके में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों पर जबरदस्त एयर स्ट्राइक की। ऑपरेशन सिंदूर के तहत इस कार्रवाई में सौ से अधिक आतंकियों को ढेर कर दिया गया। इस हमले से पाकिस्तान की सेना घबरा गई।

सीमा पर पाक की घबराहट में गोलीबारी

भारतीय हमले के बाद पाकिस्तानी सेना ने घबराकर सीमा पर सीजफायर का उल्लंघन किया। आठ मई की रात उन्होंने कई भारतीय सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले की कोशिश की। लेकिन भारत की एयर डिफेंस सिस्टम में तैनात आकाश मिसाइल सिस्टम ने पाकिस्तान की चाल को नाकाम कर दिया और देश को सुरक्षित रखा।

Operation Sindoor: आकाश सिस्टम की ताकत! जानिए कैसे पाकिस्तानी मिसाइलें हुईं नाकाम

क्या है आकाश डिफेंस सिस्टम की ताकत

आकाश डिफेंस सिस्टम दुश्मन के मिसाइल और ड्रोन को हवा में ही खत्म कर देता है। यह जमीन से हवा में 25 किलोमीटर दूर तक हमला कर सकता है। इसे DRDO ने आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत तैयार किया है और यह भारत की सैन्य ताकत की बड़ी मिसाल है।

दुश्मनों के हर हवाई हमले पर नजर

आकाश सिस्टम भारतीय वायुसेना और थलसेना दोनों के पास है। यह दुश्मन के लड़ाकू विमान यूएवी हेलिकॉप्टर और क्रूज मिसाइल को हवा में ही नष्ट कर देता है। पाकिस्तान की कोई भी मिसाइल या ड्रोन आकाश सिस्टम के सामने टिक नहीं पाया और भारत की सुरक्षा पूरी तरह सुरक्षित रही।

उच्च तकनीक से लैस आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक

आकाश मिसाइल सिस्टम 4.5 किलोमीटर से लेकर 25 किलोमीटर की दूरी तक हमला करने की क्षमता रखता है। यह अपने लक्ष्य को 18 किलोमीटर की ऊंचाई तक भी खत्म कर सकता है। यह सिस्टम भारत की रक्षा में स्वदेशी तकनीक की कामयाबी को दर्शाता है और दुश्मनों को साफ संदेश देता है।

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MT Yi Cheng 6: जलते जहाज को समुद्र में मिला ‘भारत का तारणहार’, INS टबर की रेस्क्यू कार्रवाई बनी मिसाल

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MT Yi Cheng 6: जलते जहाज को समुद्र में मिला 'भारत का तारणहार', INS टबर की रेस्क्यू कार्रवाई बनी मिसाल

MT Yi Cheng 6: 29 जून की रात अरब सागर में एक बड़ी समुद्री आपदा टल गई जब भारतीय नौसेना के युद्धपोत INS Tabar ने समय रहते कार्रवाई कर एक जलते हुए जहाज़ को बचाया। यह जहाज़ MT Yi Cheng 6 नामक मालवाहक पोत था जो गुजरात के कांडला बंदरगाह से ओमान के शिनास की ओर जा रहा था। इस पोत पर 14 भारतीय क्रू सदस्य सवार थे। अचानक जहाज़ के इंजन रूम में भीषण आग लग गई और पूरा सिस्टम ठप हो गया। उसी समय जहाज़ से एक आपातकालीन संदेश (Distress Call) भेजा गया जिसे भारतीय नौसेना के INS Tabar ने तुरंत पकड़ा और मदद के लिए रवाना हो गया।

नौसेना की तेज़ कार्रवाई से बची जानें

INS Tabar, जो उस समय गल्फ ऑफ ओमान में तैनात था, तुरंत हरकत में आया और बचाव कार्य शुरू किया। नौसेना की ओर से 13 जवानों की एक टीम और अत्याधुनिक अग्निशमन उपकरण जलते हुए पोत पर भेजे गए। कुछ उपकरण नौसेना के जहाज़ से छोटी नाव के जरिए भेजे गए जबकि कुछ को हेलीकॉप्टर के माध्यम से जहाज़ तक पहुंचाया गया। आग की लपटें इतनी तेज़ थीं कि पूरा इंजन रूम धुएं से भर गया था लेकिन भारतीय नौसेना के जवानों ने जान की परवाह किए बिना मोर्चा संभाला।

 जवानों और क्रू की बहादुरी से कम हुई आग की तीव्रता

जब नौसेना के जवानों ने जहाज़ पर पहुंचकर फायर फाइटिंग शुरू की तब तक आग ने गंभीर रूप ले लिया था। लेकिन जवानों और क्रू के संयुक्त प्रयासों से आग की तीव्रता को काफी हद तक काबू में कर लिया गया है। भारतीय नौसेना ने बताया कि वर्तमान में 13 जवान और 5 क्रू सदस्य मिलकर आग बुझाने में लगे हैं और स्थिति नियंत्रण में है। यदि समय रहते INS Tabar मदद नहीं पहुंचाता तो यह हादसा और भी बड़ा हो सकता था।

 INS Tabar बनी समुद्र की सुरक्षा ढाल

INS Tabar भारतीय नौसेना का एक स्टील्थ फ्रिगेट है जो आधुनिक तकनीकों से लैस है। इस जहाज़ की तैनाती का मुख्य उद्देश्य गल्फ ऑफ ओमान जैसे संवेदनशील इलाकों में भारतीय समुद्री हितों की सुरक्षा करना है। इस घटना ने फिर साबित कर दिया कि भारतीय नौसेना न सिर्फ युद्ध के समय बल्कि संकट के समय भी मानवता के लिए तत्पर रहती है। इस ऑपरेशन ने भारत की अंतरराष्ट्रीय समुद्री प्रतिष्ठा को और भी मजबूत किया है।

आभार और सराहना, भारतीय नौसेना को मिला वैश्विक सम्मान

MT Yi Cheng 6 के सभी 14 भारतीय क्रू सदस्य सुरक्षित हैं और आग की स्थिति लगभग काबू में है। भारतीय नौसेना की तत्परता और बहादुरी की अब हर ओर सराहना हो रही है। सोशल मीडिया पर भी INS Tabar की टीम को ढेरों बधाइयां और सम्मान मिल रहा है। यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि भारतीय नौसेना संकट के समय में भी विश्वास और सुरक्षा की प्रतीक बनी हुई है।

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TMC का बड़ा कदम, अपने ही नेताओं के खिलाफ जारी की निंदा… महुआ ने कहा- यही है हमारी पहचान

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TMC का बड़ा कदम, अपने ही नेताओं के खिलाफ जारी की निंदा… महुआ ने कहा- यही है हमारी पहचान

कोलकाता के एक लॉ कॉलेज की छात्रा के साथ गैंगरेप के मामले में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के कुछ नेताओं के विवादित बयान सामने आए हैं। इन बयानों को लेकर पूरे राज्य में लोगों में गुस्सा है। वहीं पार्टी ने खुद को इन बयानों से अलग कर लिया है। इस फैसले की तारीफ टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा ने भी की। उन्होंने कहा कि भारत की हर पार्टी में महिलाओं के प्रति नफरत छिपी होती है लेकिन टीएमसी की खासियत ये है कि वो अपने नेताओं की गलत बातों की भी आलोचना करने से पीछे नहीं हटती।

महुआ मोइत्रा का बयान और पार्टी की सोच

महुआ मोइत्रा ने सोशल मीडिया पर TMC के आधिकारिक बयान को रीपोस्ट करते हुए लिखा कि भारत में महिलाओं के प्रति नफरत किसी एक पार्टी तक सीमित नहीं है बल्कि यह सोच सभी दलों में मौजूद है। लेकिन TMC बाकियों से अलग है क्योंकि वो किसी भी नेता की गलत टिप्पणी को लेकर चुप नहीं बैठती। पार्टी चाहे किसी बड़े नेता ने कुछ भी कहा हो, अगर बात गलत है तो पार्टी खुलकर उसकी निंदा करती है। यही बात हमारी पार्टी को औरों से अलग बनाती है।

कौन-कौन से बयान बने विवाद की वजह

TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने शुक्रवार को एक विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि किसी महिला को यह जानना चाहिए कि वह किन लोगों के साथ बाहर जा रही है और उन पुरुषों की सोच कैसी है। वहीं पार्टी के विधायक मदन मित्रा ने तो हद ही कर दी। उन्होंने कहा कि अगर वह छात्रा कॉलेज अकेली न गई होती तो शायद ये घटना टल जाती। इन बयानों के बाद TMC पर सवाल उठने लगे कि क्या पार्टी भी इन्हीं विचारों से सहमत है।

पार्टी ने सार्वजनिक रूप से झाड़ा पल्ला

इन बयानों के आते ही TMC ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और अपने दोनों नेताओं की बातों से खुद को अलग कर लिया। पार्टी की ओर से कहा गया कि दक्षिण कोलकाता लॉ कॉलेज में घटी इस भयानक घटना पर कल्याण बनर्जी और मदन मित्रा के बयान उनके निजी विचार हैं। TMC इन बयानों से पूरी तरह असहमत है और उनकी कड़ी निंदा करती है। पार्टी ने साफ कहा कि उसका रुख महिलाओं के खिलाफ अपराधों को लेकर बिल्कुल स्पष्ट है और हम चाहते हैं कि इस अपराध में शामिल हर आरोपी को सबसे सख्त सज़ा मिले।

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Uttarakhand Bus Accident: बस नदी में गिरी, बचपन टूट गया – मासूम पार्थ का रोता हुआ वीडियो हर दिल को चीर गया

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Uttarakhand Bus Accident: बस नदी में गिरी, बचपन टूट गया – मासूम पार्थ का रोता हुआ वीडियो हर दिल को चीर गया

Uttarakhand Bus Accident: गुरुवार को उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में एक भयावह हादसा हुआ जिसमें एक 31-सीटर बस अलकनंदा नदी में जा गिरी। यह बस चारधाम यात्रा पर जा रहे तीर्थयात्रियों से भरी हुई थी। इस बस में मध्य प्रदेश के राजगढ़ से आए विशाल सोनी (42) और उनकी पत्नी गौरी सोनी (41) भी सवार थे। दुर्भाग्यवश इस दुर्घटना में दोनों की जान चली गई। उनका 10 वर्षीय बेटा पार्थ इस हादसे में बच गया लेकिन जिसने माता-पिता दोनों को खो दिया। वह सड़क किनारे हाथ जोड़कर भगवान बदरीनाथ से यही पूछता रहा, “हे बदरी विशाल, हमने क्या दोष किया?” उसका यह विडियो अब पूरे देश को रुला रहा है।

भगवान के सामने रोते हुए मासूम की पुकार

पार्थ की आंखें अलकनंदा नदी की गहराई में अपने माता-पिता को ढूंढ रही थीं। वह बदरीनाथ की मूर्ति की दिशा में टकटकी लगाए बैठा था और फूट-फूटकर रो रहा था। उसकी आवाज़ में केवल एक ही सवाल था कि “हम तो भक्त थे फिर ऐसा क्यों हुआ?” यह नज़ारा इतना मार्मिक था कि हर किसी की आंखें नम हो गईं। पार्थ की मासूमियत और उसका टूटा हुआ विश्वास पूरे देश के दिल को छू गया। इस हादसे ने यह भी दिखा दिया कि किस तरह एक पल में खुशहाल जीवन बिखर जाता है।

Uttarakhand Bus Accident: बस नदी में गिरी, बचपन टूट गया – मासूम पार्थ का रोता हुआ वीडियो हर दिल को चीर गया

पूरा परिवार तीर्थ यात्रा पर निकला था

पार्थ अपने माता-पिता के साथ चारधाम यात्रा पर गया था जबकि उसकी दो बहनें तेजस्विनी (17) और मानस्विनी (15) घर पर ही थीं। पूरा परिवार इस धार्मिक यात्रा को लेकर उत्साहित था लेकिन किसे पता था कि यह यात्रा उनके जीवन की आखिरी यात्रा बन जाएगी। बस में राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के 19 तीर्थयात्री थे जो एक ही परिवार से संबंधित थे। यह बस बद्रीनाथ मार्ग पर एक तेज मोड़ के पास तेज रफ्तार ट्रक से टकरा गई और हादसे का शिकार हो गई।

राहत बचाव में मुश्किलें और गुमशुदा लोग

हादसे के बाद जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एन.के. राजवार ने बताया कि अब तक चार शव बरामद किए जा चुके हैं जबकि आठ लोग अभी भी लापता हैं। तेज बहाव और नदी की गहराई के कारण खोजबीन में काफी दिक्कतें आ रही हैं। अब तक मिले शवों में संजय सोनी (55) का भी शव मिला है जो उदयपुर से थे। पुलिस और एसडीआरएफ की टीम लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही है लेकिन अधिकारी मान रहे हैं कि नदी के बहाव के कारण लापता लोगों के बचने की संभावना बेहद कम है।

पार्थ की मासूमियत ने झकझोरा पूरा देश

इस हादसे में न केवल जानें गईं बल्कि एक बच्चे का पूरा बचपन उजड़ गया। पार्थ के चाचा निलेश सोनी ने बताया कि वह अभी तक सदमे में है। अपने माता-पिता को अपनी आंखों के सामने खो देने का दर्द उसकी उम्र से कहीं बड़ा है। इस हादसे ने केवल एक परिवार नहीं बल्कि पूरे समाज को झकझोर दिया है। सोशल मीडिया पर पार्थ का वीडियो वायरल हो चुका है और लोग दुआ कर रहे हैं कि भगवान उसे शक्ति दें इस कठिन घड़ी में संभलने की।

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