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NTPC Green IPO opens for subscription from today at a price band of ₹102-108

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NTPC Green IPO opens for subscription from today at a price band of ₹102-108
मुंबई में एनटीपीसी के कार्यालय के बाहर उसका एक साइनबोर्ड लगा हुआ है।

मुंबई में एनटीपीसी के कार्यालय के बाहर उसका एक साइनबोर्ड लगा हुआ है। | फोटो साभार: रॉयटर्स

महारत्न सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम एनटीपीसी लिमिटेड की सहायक कंपनी एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एनजीईएल) की प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) आज, मंगलवार (19 नवंबर, 2024) को सदस्यता के लिए खोली गई। आईपीओ प्रति शेयर ₹102-108 के मूल्य बैंड पर पेश किया गया है, और सदस्यता शुक्रवार (22 नवंबर, 2024) तक खुली है।

कंपनी ने कुल ₹10,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है और 27 नवंबर को स्टॉक एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध होने वाली है। एनटीपीसी के शेयरधारक एक विशेष शेयरधारक कोटा के तहत आईपीओ के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, एनटीपीसी कर्मचारियों के लिए आवेदन करने के लिए एक अलग कोटा है।

आईपीओ के लिए लॉट साइज 138 शेयर है। शेयर 26 नवंबर को डीमैट खातों में स्थानांतरित कर दिए जाएंगे। एनजीईएल का लक्ष्य वित्त वर्ष 2027 तक अपनी परिचालन नवीकरणीय क्षमता को 19 गीगावॉट तक बढ़ाना है, जो भारत के स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह आईपीओ 2032 तक 60 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने की एनटीपीसी लिमिटेड की व्यापक रणनीति का हिस्सा है।

एनटीपीसी वर्तमान में भारत के कुल बिजली उत्पादन में 24% का योगदान देता है और एनजीईएल को अपनी नवीकरणीय ऊर्जा महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए एक महत्वपूर्ण वाहन के रूप में देखता है। सितंबर 2024 तक, एनजीईएल 3,220 मेगावाट सौर और 100 मेगावाट पवन ऊर्जा परियोजनाएं संचालित करता है।

कंपनी के पास 13,576 मेगावाट की अनुबंधित और सम्मानित परियोजनाओं के साथ एक मजबूत पाइपलाइन है और अतिरिक्त 9,175 मेगावाट का विकास चल रहा है। एनजीईएल की नवीकरणीय परियोजनाएं राजस्थान, गुजरात, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश जैसे प्रमुख राज्यों में फैली हुई हैं। यह भौगोलिक विविधीकरण स्थान-विशिष्ट उत्पादन परिवर्तनशीलता से जुड़े जोखिमों को कम करता है, जिससे स्थिर और विश्वसनीय ऊर्जा उत्पादन सुनिश्चित होता है।

परियोजना विकास और निष्पादन में एनटीपीसी के व्यापक अनुभव के साथ, एनजीईएल अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अच्छी स्थिति में है। कंपनी के पास 8,900 एकड़ फ्रीहोल्ड भूमि और 45,700 एकड़ लीजहोल्ड भूमि का स्वामित्व भविष्य के विस्तार के लिए इसकी नींव को मजबूत करता है। पारंपरिक सौर और पवन ऊर्जा से परे, एनजीईएल हरित हाइड्रोजन, हरित रसायन और बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणालियों जैसे उन्नत समाधान तलाश रहा है।

ये पहल भारत के स्थिरता लक्ष्यों के अनुरूप हैं और एनजीईएल को वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा बाजार में उभरते अवसरों का लाभ उठाने में सक्षम बनाती हैं। एनजीईएल को एनटीपीसी की मजबूत वित्तीय सहायता से लाभ मिलता है, जिससे कम लागत वाली पूंजी तक पहुंच सुनिश्चित होती है। पूंजी-प्रधान नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में लाभप्रदता बनाए रखने के लिए यह लाभ महत्वपूर्ण है। कंपनी की परिचालन क्षमताएं और रणनीतिक फोकस इसकी बाजार प्रतिस्पर्धात्मकता को और बढ़ाता है।

₹108 प्रति शेयर के ऊपरी मूल्य बैंड पर, एनजीईएल का मूल्य वित्त वर्ष 2014 ईवी/ईबीआईटीडीए गुणक 53.4x है। विश्लेषकों ने कंपनी की दीर्घकालिक विकास क्षमता पर भरोसा जताया है और टिकाऊ और दीर्घकालिक लाभदायक अवसरों की तलाश करने वाले निवेशकों के लिए सदस्यता की सिफारिश की है।

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1st July से बदल जाएंगे कई जरूरी नियम, PAN से लेकर रेलवे टिकट तक होगा सीधा असर

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1st July से बदल जाएंगे कई जरूरी नियम, PAN से लेकर रेलवे टिकट तक होगा सीधा असर

1st July 2025 से अगर आप नया PAN कार्ड बनवाना चाहते हैं तो अब सिर्फ जन्म प्रमाण पत्र या अन्य आईडी कार्ड से काम नहीं चलेगा। आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के नए नियमों के तहत अब पैन कार्ड के लिए आधार नंबर का सत्यापन अनिवार्य होगा। यह फैसला धोखाधड़ी और दोहरे पैन कार्ड से जुड़ी समस्याओं पर रोक लगाने के उद्देश्य से लिया गया है। इसलिए अगर आपने अभी तक आधार कार्ड नहीं बनवाया है या उसमें कोई गड़बड़ी है तो जल्द से जल्द उसे अपडेट करवा लें।

तत्काल टिकट बुकिंग में भी होगा आधार और OTP जरूरी

रेलयात्रियों के लिए एक बड़ा बदलाव 1 जुलाई से लागू होने जा रहा है। अब IRCTC वेबसाइट या मोबाइल ऐप से तत्काल टिकट बुकPAN PAN करने के लिए आधार वेरीफिकेशन जरूरी होगा। इसके अलावा, 15 जुलाई से जब भी आप तत्काल टिकट बुक करेंगे तो आपके मोबाइल पर OTP आएगा, जिसे डालने के बाद ही टिकट कन्फर्म होगा। PRS यानी रेलवे स्टेशन पर मौजूद काउंटर से भी जब आप टिकट बुक कराएंगे तब भी OTP अनिवार्य होगा। इसका उद्देश्य फर्जी बुकिंग रोकना और टिकट प्रणाली को पारदर्शी बनाना है।

GST रिटर्न भरने के नियमों में होगा बड़ा बदलाव

जीएसटी रिटर्न भरने वालों के लिए भी जुलाई से एक कड़ा नियम लागू हो रहा है। GST नेटवर्क (GSTN) ने 7 जून 2025 को घोषणा की थी कि मासिक भुगतान फॉर्म GSTR-3B अब जुलाई से एडिट नहीं किया जा सकेगा। यानी अगर आपने कोई गलती कर दी तो उसे सुधारने का विकल्प नहीं मिलेगा। साथ ही, तीन साल की समयसीमा के बाद कोई भी टैक्सपेयर अपना रिटर्न फाइल नहीं कर पाएगा। इसलिए अब समय पर और ध्यान से रिटर्न भरना अनिवार्य हो गया है।

HDFC के क्रेडिट कार्ड यूजर्स के लिए भी बदलेगा सिस्टम

अगर आपके पास HDFC बैंक का क्रेडिट कार्ड है तो ये खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। 1 जुलाई से बैंक अपने रिवॉर्ड प्रोग्राम और शुल्कों में बड़ा बदलाव करने जा रहा है। अब ₹10,000 से ज्यादा के हर महीने के खर्च पर 1% शुल्क लगेगा। इसके अलावा, अगर आप ₹50,000 से ज्यादा का यूटिलिटी बिल, ₹10,000 से ज्यादा ऑनलाइन गेमिंग, ₹15,000 से ज्यादा का फ्यूल या थर्ड पार्टी ऐप से एजुकेशन पेमेंट करते हैं तो भी 1% एक्स्ट्रा फीस लगेगी। यानी कार्ड का स्मार्ट इस्तेमाल अब और जरूरी हो जाएगा।

बदलाव आपके जीवन को सीधे प्रभावित करेंगे

ये सभी बदलाव आम आदमी के दैनिक जीवन को प्रभावित करने वाले हैं। चाहे आप पैन कार्ड बनवा रहे हों, ट्रेन से सफर कर रहे हों या फिर अपने बिजनेस के लिए जीएसटी रिटर्न भर रहे हों, हर जगह आपको इन नए नियमों का पालन करना होगा। खासतौर पर टेक्नोलॉजी आधारित सेवाओं में OTP और आधार वेरीफिकेशन को लेकर सरकार अब कोई ढील नहीं देना चाहती। इसलिए बेहतर होगा कि आप समय रहते इन नियमों की जानकारी ले लें और खुद को अपडेट रखें।

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Post Office: बैंक FD छोड़ो! पोस्ट ऑफिस स्कीम से कम रिस्क में ज्यादा रिटर्न पाओ

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Post Office: बैंक FD छोड़ो! पोस्ट ऑफिस स्कीम से कम रिस्क में ज्यादा रिटर्न पाओ

Post Office: आज के समय में लगभग हर व्यक्ति बचत के महत्व को समझ चुका है। यही वजह है कि लोग अपनी ज़रूरतों और भविष्य की योजनाओं को देखते हुए अलग-अलग जगहों पर निवेश कर रहे हैं। परंतु एक सवाल सबके मन में रहता है कि कहां निवेश करें जिससे पैसा सुरक्षित भी रहे और अच्छा रिटर्न भी मिले। कुछ लोगों को शेयर बाजार से डर लगता है तो कुछ बैंक की गिरती ब्याज दरों से परेशान हैं। ऐसे में पोस्ट ऑफिस की सेविंग स्कीमें एक बेहतरीन विकल्प बनकर उभरती हैं जो न सिर्फ पैसा सुरक्षित रखती हैं बल्कि स्थिर और आकर्षक ब्याज दर भी देती हैं।

बुजुर्गों के लिए वरदान है सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम

अगर आप रिटायरमेंट के बाद नियमित आय और सुरक्षित निवेश की योजना तलाश रहे हैं तो सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम (SCSS) आपके लिए परफेक्ट है। इसमें 7.4% तक का ब्याज मिलता है जो कि बैंक FD से कहीं ज्यादा है। इस योजना की सबसे खास बात यह है कि इसमें टैक्स में भी छूट मिलती है, सेक्शन 80C के तहत। इसमें अधिकतम निवेश सीमा तय होती है और 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोग ही इसमें निवेश कर सकते हैं। यह योजना खासतौर पर बुजुर्गों के लिए बनाई गई है ताकि वे अपने बुढ़ापे में आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर रह सकें।

Post Office: बैंक FD छोड़ो! पोस्ट ऑफिस स्कीम से कम रिस्क में ज्यादा रिटर्न पाओ

 टैक्स बचाने और गारंटीड रिटर्न के लिए NSC है बेहतरीन

नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) उन लोगों के लिए शानदार विकल्प है जो जोखिम से बचना चाहते हैं और टैक्स भी बचाना चाहते हैं। इसमें पांच साल की लॉक-इन अवधि होती है और अभी यह योजना करीब 7.7% का ब्याज दे रही है। इसमें भी 80C के तहत टैक्स में छूट मिलती है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें मिलने वाला रिटर्न पूरी तरह गारंटीड होता है और यह मार्केट की उथल-पुथल से बिल्कुल सुरक्षित रहता है।

बेटी की पढ़ाई और शादी के लिए Sukanya Yojana सबसे खास

सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) विशेष रूप से बेटियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए शुरू की गई है। यह योजना उन माता-पिता के लिए बहुत ही लाभकारी है जो अपनी बेटी की पढ़ाई और शादी के लिए पहले से फंड बनाना चाहते हैं। इसमें इस समय 8.2% का आकर्षक ब्याज मिल रहा है, जो किसी भी सेविंग स्कीम से ज्यादा है। इसके अलावा इसमें भी टैक्स छूट मिलती है और यह योजना लॉन्ग टर्म निवेश के लिए सबसे सुरक्षित और असरदार साबित होती है।

पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट: बैंक FD से ज्यादा रिटर्न

अगर आप बैंक FD के विकल्प की तलाश में हैं तो पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट स्कीम एक बेहतर विकल्प है। इसमें 1 से 5 साल तक की मियाद के लिए निवेश किया जा सकता है। एक साल के डिपॉजिट पर 6.9% और 5 साल के डिपॉजिट पर 7.5% ब्याज मिल रहा है। यह स्कीम भी पूरी तरह सरकार द्वारा समर्थित है, इसलिए इसमें जोखिम न के बराबर है। जो लोग मध्यम अवधि में सुरक्षित निवेश चाहते हैं, उनके लिए यह योजना बिल्कुल सही है।

 

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E-Passport से अब पहचान चुराना होगा नामुमकिन, जानिए क्या है इस नई चिप की ताकत

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E-Passport से अब पहचान चुराना होगा नामुमकिन, जानिए क्या है इस नई चिप की ताकत

E-Passport: भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने नागरिकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पासपोर्ट सेवा 2.0 की शुरुआत कर दी है। इस नई व्यवस्था का मकसद है पासपोर्ट सेवाओं को और अधिक आधुनिक और सुरक्षित बनाना। इस पहल के तहत भारत में अब ई-पासपोर्ट भी जारी किया जा रहा है जो पूरी तरह से डिजिटल और तकनीकी रूप से उन्नत होगा। इससे न सिर्फ पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया आसान होगी बल्कि यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर भी तेज़ और सुरक्षित अनुभव मिलेगा।

क्या है ई-पासपोर्ट?

ई-पासपोर्ट एक ऐसा पासपोर्ट है जिसमें एक इलेक्ट्रॉनिक चिप लगी होती है। इस चिप में आपकी पहचान संबंधी पूरी जानकारी जैसे नाम, जन्मतिथि, पता, फिंगरप्रिंट, आंखों की स्कैनिंग और फोटो जैसी बायोमेट्रिक डिटेल्स सुरक्षित रूप से दर्ज होती हैं। यह पासपोर्ट अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) के तय मानकों पर आधारित है। जब आप किसी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचते हैं, तो अधिकारी इस चिप को स्कैन करके आपकी पहचान तुरंत सत्यापित कर सकते हैं। इससे पहचान की प्रक्रिया तेज़ हो जाती है और दस्तावेज़ों की फिजिकल जांच की जरूरत नहीं होती।

E-Passport से अब पहचान चुराना होगा नामुमकिन, जानिए क्या है इस नई चिप की ताकत

आम जनता को क्या होंगे फायदे?

ई-पासपोर्ट से सुरक्षा का स्तर कई गुना बढ़ जाएगा। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे किसी भी तरह की धोखाधड़ी या पासपोर्ट की नकली कॉपी बनाना लगभग नामुमकिन हो जाएगा। इसके अलावा एयरपोर्ट पर पहचान प्रक्रिया आसान और तेज़ हो जाएगी जिससे यात्रियों को इमिग्रेशन में लंबी कतारों से छुटकारा मिलेगा। समय की बचत तो होगी ही साथ ही विदेश यात्रा करने वाले लोगों का अनुभव भी बेहतर होगा। यह तकनीक भविष्य के डिजिटल भारत की दिशा में बड़ा कदम है।

क्यों जरूरी है यह तकनीक?

आज के दौर में जब साइबर सुरक्षा और पहचान चोरी जैसे खतरे तेजी से बढ़ रहे हैं, ऐसे में ई-पासपोर्ट जैसे सुरक्षित दस्तावेज़ की जरूरत बहुत जरूरी हो गई है। ई-पासपोर्ट के जरिए डेटा चोरी, फर्जी पहचान और दस्तावेजों की जालसाजी पर लगाम लगाई जा सकती है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई देश पहले से ही ई-पासपोर्ट का इस्तेमाल कर रहे हैं और अब भारत भी इस सूची में शामिल हो गया है। यह ना सिर्फ तकनीकी प्रगति का संकेत है, बल्कि एक सुरक्षित और पारदर्शी प्रशासनिक व्यवस्था की ओर कदम भी है।

कैसे बनवाएं ई-पासपोर्ट?

ई-पासपोर्ट के लिए वही प्रक्रिया अपनाई जाएगी जो अब तक पारंपरिक पासपोर्ट के लिए अपनाई जाती रही है। आपको पासपोर्ट सेवा पोर्टल पर जाकर आवेदन करना होगा और संबंधित पासपोर्ट सेवा केंद्र पर बायोमेट्रिक डिटेल्स देनी होंगी। अंतर सिर्फ इतना है कि अब नए पासपोर्ट में एक इलेक्ट्रॉनिक चिप जोड़ी जाएगी। पहले चरण में इसे कुछ शहरों में लागू किया गया है लेकिन धीरे-धीरे यह पूरे देश में फैलाया जाएगा।

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