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MT Yi Cheng 6: जलते जहाज को समुद्र में मिला ‘भारत का तारणहार’, INS टबर की रेस्क्यू कार्रवाई बनी मिसाल

MT Yi Cheng 6: 29 जून की रात अरब सागर में एक बड़ी समुद्री आपदा टल गई जब भारतीय नौसेना के युद्धपोत INS Tabar ने समय रहते कार्रवाई कर एक जलते हुए जहाज़ को बचाया। यह जहाज़ MT Yi Cheng 6 नामक मालवाहक पोत था जो गुजरात के कांडला बंदरगाह से ओमान के शिनास की ओर जा रहा था। इस पोत पर 14 भारतीय क्रू सदस्य सवार थे। अचानक जहाज़ के इंजन रूम में भीषण आग लग गई और पूरा सिस्टम ठप हो गया। उसी समय जहाज़ से एक आपातकालीन संदेश (Distress Call) भेजा गया जिसे भारतीय नौसेना के INS Tabar ने तुरंत पकड़ा और मदद के लिए रवाना हो गया।
नौसेना की तेज़ कार्रवाई से बची जानें
INS Tabar, जो उस समय गल्फ ऑफ ओमान में तैनात था, तुरंत हरकत में आया और बचाव कार्य शुरू किया। नौसेना की ओर से 13 जवानों की एक टीम और अत्याधुनिक अग्निशमन उपकरण जलते हुए पोत पर भेजे गए। कुछ उपकरण नौसेना के जहाज़ से छोटी नाव के जरिए भेजे गए जबकि कुछ को हेलीकॉप्टर के माध्यम से जहाज़ तक पहुंचाया गया। आग की लपटें इतनी तेज़ थीं कि पूरा इंजन रूम धुएं से भर गया था लेकिन भारतीय नौसेना के जवानों ने जान की परवाह किए बिना मोर्चा संभाला।
Spokesperson of the Indian Navy tweets, "Indian Navy's stealth frigate INS Tabar, mission deployed in the Gulf of Oman, responded to a distress call from Pulau-flagged MT Yi Cheng 6, on 29 June. The vessel with 14 crew members of Indian origin, transiting from Kandla, India, to… pic.twitter.com/edRyP4LsVb
— ANI (@ANI) June 30, 2025
जवानों और क्रू की बहादुरी से कम हुई आग की तीव्रता
जब नौसेना के जवानों ने जहाज़ पर पहुंचकर फायर फाइटिंग शुरू की तब तक आग ने गंभीर रूप ले लिया था। लेकिन जवानों और क्रू के संयुक्त प्रयासों से आग की तीव्रता को काफी हद तक काबू में कर लिया गया है। भारतीय नौसेना ने बताया कि वर्तमान में 13 जवान और 5 क्रू सदस्य मिलकर आग बुझाने में लगे हैं और स्थिति नियंत्रण में है। यदि समय रहते INS Tabar मदद नहीं पहुंचाता तो यह हादसा और भी बड़ा हो सकता था।
INS Tabar बनी समुद्र की सुरक्षा ढाल
INS Tabar भारतीय नौसेना का एक स्टील्थ फ्रिगेट है जो आधुनिक तकनीकों से लैस है। इस जहाज़ की तैनाती का मुख्य उद्देश्य गल्फ ऑफ ओमान जैसे संवेदनशील इलाकों में भारतीय समुद्री हितों की सुरक्षा करना है। इस घटना ने फिर साबित कर दिया कि भारतीय नौसेना न सिर्फ युद्ध के समय बल्कि संकट के समय भी मानवता के लिए तत्पर रहती है। इस ऑपरेशन ने भारत की अंतरराष्ट्रीय समुद्री प्रतिष्ठा को और भी मजबूत किया है।
आभार और सराहना, भारतीय नौसेना को मिला वैश्विक सम्मान
MT Yi Cheng 6 के सभी 14 भारतीय क्रू सदस्य सुरक्षित हैं और आग की स्थिति लगभग काबू में है। भारतीय नौसेना की तत्परता और बहादुरी की अब हर ओर सराहना हो रही है। सोशल मीडिया पर भी INS Tabar की टीम को ढेरों बधाइयां और सम्मान मिल रहा है। यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि भारतीय नौसेना संकट के समय में भी विश्वास और सुरक्षा की प्रतीक बनी हुई है।
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Monsoon Session of Parliament 2025: जन विश्वास से लेकर खेल प्रशासन तक, सरकार ला रही है नए कानून! जानिए अंदर की रणनीति

Monsoon Session of Parliament 2025: संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है जो 21 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान कुल 21 बैठकें होंगी। हालांकि स्वतंत्रता दिवस समारोह के चलते 12 से 18 अगस्त तक संसद की कार्यवाही स्थगित रहेगी। सरकार इस सत्र में कई अहम बिलों पर चर्चा करने और कुछ नए बिल पेश करने की योजना बना रही है। यह सत्र न केवल विधायी कामकाज के लिहाज से बल्कि राजनीतिक माहौल के दृष्टिकोण से भी काफी महत्वपूर्ण होने वाला है।
सर्वदलीय बैठक में नेताओं का जमावड़ा
सत्र से पहले रविवार को सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई जिसमें विभिन्न दलों के प्रमुख नेताओं ने भाग लिया। बीजेपी के जेपी नड्डा और किरेन रिजिजू, कांग्रेस के गौरव गोगोई और प्रमोद तिवारी, एनसीपी की सुप्रिया सुले, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, डीएमके के टीआर बालू, आरजेडी के प्रेमचंद्र गुप्ता, जेडीयू के संजय झा समेत कई वरिष्ठ नेता बैठक में शामिल हुए। बैठक का उद्देश्य था कि सभी दलों को मिलाकर सत्र की कार्यवाही को सुचारु रूप से चलाया जा सके।
पेश किए जाएंगे ये नए बिल
इस बार सरकार कुल 8 नए बिल संसद में पेश करने जा रही है। इनमें प्रमुख हैं मणिपुर जीएसटी संशोधन बिल, कराधान कानून संशोधन बिल, जन विश्वास संशोधन विधेयक, भारतीय प्रबंधन संस्थान संशोधन विधेयक, भू-धरोहर संरक्षण विधेयक, खनिज संसाधन सुधार विधेयक, राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक और राष्ट्रीय डोपिंग विरोध संशोधन विधेयक। ये बिल शिक्षा, खेल, पर्यावरण और कर व्यवस्था जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में बदलाव ला सकते हैं।
लटके हुए पुराने बिलों पर भी होगी चर्चा
इस सत्र में 7 ऐसे पुराने बिलों पर भी चर्चा होनी है जो पहले से लंबित हैं। इनमें भारतीय बंदरगाह विधेयक, इनकम टैक्स बिल, गोवा में अनुसूचित जनजातियों के पुनः प्रतिनिधित्व से जुड़ा बिल, मर्चेंट शिपिंग बिल, कोस्टल शिपिंग बिल, समुद्री वस्तुओं के परिवहन से जुड़े बिल और बिल ऑफ लैंडिंग बिल शामिल हैं। ये सभी बिल भारत के समुद्री कानून और आर्थिक नीति से जुड़े हैं जिनका देश की व्यापार व्यवस्था पर सीधा प्रभाव पड़ेगा।
विपक्ष और सरकार की रणनीति का टकराव
हालांकि सरकार इस सत्र को विधायी दृष्टि से सफल बनाना चाहती है लेकिन विपक्ष पहले ही संकेत दे चुका है कि वह कुछ मुद्दों पर सरकार को घेरने की योजना बना रहा है। महंगाई, बेरोजगारी और मणिपुर हिंसा जैसे मुद्दे विपक्ष के एजेंडे में शामिल हैं। ऐसे में इस सत्र में बहस गर्म होने की पूरी संभावना है। सर्वदलीय बैठक भले ही सौहार्दपूर्ण रही हो लेकिन सदन के अंदर माहौल कितना शांत रहेगा यह देखने वाली बात होगी।
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Earthquake: एक बार फिर कांपी धरती! उत्तराखंड से अफगानिस्तान तक धरती के कंपन का कहर

Earthquake: उत्तराखंड के चमोली जिले में आज सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.3 मापी गई और इसकी गहराई 10 किलोमीटर बताई गई। हालांकि इससे किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है लेकिन लोगों में घबराहट जरूर देखी गई। पहाड़ी इलाकों में इस तरह के झटके अक्सर डर पैदा कर देते हैं।
अफगानिस्तान, म्यांमार और तिब्बत भी नहीं बचे
सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पड़ोसी देशों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। अफगानिस्तान में दो बार 4.2 और 4.0 तीव्रता के भूकंप आए जिनकी गहराई क्रमशः 190 किलोमीटर और 125 किलोमीटर थी। वहीं तिब्बत में 3.6 तीव्रता और म्यांमार में 3.7 तीव्रता का भूकंप आया। ये सभी घटनाएं एक ही दिन में सामने आईं जिससे साफ होता है कि इस क्षेत्र में टेक्टोनिक हलचल बढ़ी हुई है।
हरियाणा भी हिला, दो जिलों में आया भूकंप
हरियाणा में भी बुधवार-गुरुवार की रात को रोहतक और गुरुवार दोपहर झज्जर जिले में भूकंप आया। रोहतक में 3.3 और झज्जर में 2.5 तीव्रता के झटके दर्ज किए गए। हालांकि दोनों जगह किसी नुकसान की खबर नहीं मिली। इससे पहले भी हरियाणा के कुछ हिस्सों में भूकंप के झटके देखे जा चुके हैं जो चिंता का विषय है।
आखिर क्यों आते हैं भूकंप?
धरती की सतह के नीचे कई टेक्टोनिक प्लेट्स होती हैं जो लगातार धीरे-धीरे सरकती रहती हैं। जब ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं, खिसकती हैं या एक-दूसरे से अलग होती हैं तो ऊर्जा का संचार होता है और यह ऊर्जा भूकंपीय तरंगों के रूप में बाहर निकलती है जिससे धरती हिलती है। यही प्रक्रिया भूकंप कहलाती है।
भारत में हिमालयी क्षेत्र सबसे संवेदनशील
भारत के हिमालयी क्षेत्र में भूकंप का खतरा सबसे ज्यादा रहता है क्योंकि यहां भारतीय प्लेट और यूरेशियन प्लेट टकराती हैं। यह टक्कर भूगर्भीय संरचना में लगातार दबाव और तनाव पैदा करती है जिससे यहां भूकंपीय गतिविधियां अधिक होती हैं। यही वजह है कि उत्तराखंड, हिमाचल और पूर्वोत्तर भारत में भूकंप की घटनाएं सामान्य बात हो गई हैं।
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Mumbai Vidhan Bhavan बना रणभूमि! पत्रकार पर हाथ उठाना पड़ा भारी, दो गिरफ्तार

Mumbai Vidhan Bhavan में गुरुवार को हुई मारपीट की घटना ने राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया है। मुंबई पुलिस ने इस मामले में तेजी दिखाते हुए दो आरोपियों – नितिन देशमुख और ऋषिकेश तकले को देर रात गिरफ्तार कर लिया। यह मामला मरीन ड्राइव थाने में दर्ज हुआ है। दोनों आरोपियों की मेडिकल जांच भी कराई गई है और आईपीसी की कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।
राजनीतिक झगड़ा बना आपराधिक मामला
इस पूरी घटना की शुरुआत दो विधायकों – जितेंद्र आव्हाड और गोपीचंद पडळकर के समर्थकों के बीच हुई बहस से मानी जा रही है। बताया जा रहा है कि बुधवार को दोनों विधायकों के बीच तीखी बहस हुई थी और गुरुवार को यह विवाद समर्थकों के बीच झगड़े में बदल गया। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों का आपराधिक इतिहास भी है और उनसे पूछताछ की जा रही है।
लोकशाहीच्या चौथ्या स्तंभावर राष्ट्रवादी पवार गटाचे आमदार जितेंद्र आव्हाड यांनी हल्ला केला.
विधानभवनासारख्या पवित्र स्थळी आमदार जितेंद्र आव्हाड यांनी थेट पत्रकाराला मारहाण केली. त्याला वार्तांकन करण्यापासून रोखलं. हा केवळ पत्रकारिता नाही, तर लोकशाहीचा आवाज गप्प करण्याचा प्रयत्न… pic.twitter.com/9rtBpUJy9m— Nitesh Rane (@NiteshNRane) July 18, 2025
मुख्यमंत्री फडणवीस ने जताई गंभीर चिंता
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस पूरे मामले को गंभीर बताते हुए विधान सभा अध्यक्ष और विधान परिषद के सभापति से कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि जो लोग इस प्रकार की घटनाओं को अंजाम देते हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई जरूर की जाएगी। वहीं गोपीचंद पडळकर ने घटना पर खेद व्यक्त किया है लेकिन मामला राजनीतिक रूप से गरम होता नजर आ रहा है।
पत्रकार से दुर्व्यवहार पर नितेश राणे का निशाना
बीजेपी नेता और मंत्री नितेश राणे ने इस मामले में एक वीडियो साझा किया है जिसमें एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड एक पत्रकार का वीडियो बनाने से रोकते हुए उसका हाथ मारते हैं। राणे ने इसे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर सीधा हमला बताया और कहा कि विधान भवन जैसी संवैधानिक जगह पर यह शर्मनाक हरकत है।
संजय राउत ने की राष्ट्रपति शासन की मांग
शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत ने इस घटना पर महाराष्ट्र की गिरती राजनीतिक संस्कृति पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि विधान भवन में गुंडे घुस रहे हैं और यह सब एक साजिश का हिस्सा है। उन्होंने आरोप लगाया कि जितेंद्र आव्हाड की हत्या की साजिश रची गई थी और राज्य में अब राष्ट्रपति शासन लगाने की जरूरत है।
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