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Maharashtra Politics: संजय राउत ने राहुल गांधी के ‘बी टीम’ बयान का किया समर्थन, कहा- ऐसे लोग गद्दार!

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति में आज एक अहम मोड़ देखने को मिला, जब शिवसेना (उद्धव गुट) की ओर से मुंबई में एक महत्वपूर्ण कैंप आयोजित किया गया। इस बैठक में पार्टी संगठन को मजबूत करने और राज्य की राजनीतिक परिस्थितियों पर विस्तार से चर्चा हुई। इस दौरान शिवसेना नेता संजय राउत ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह बैठक पूरे महाराष्ट्र के शिवसैनिकों को एक नई दिशा देने का काम करेगी।
संजय राउत ने बैठक में शिवसेना के वैचारिक आधार को और मजबूत करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह शिविर पार्टी को सही विचारधारा के साथ आगे बढ़ाने में मदद करेगा। इसके साथ ही, उन्होंने पार्टी में मौजूद गद्दारों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग पार्टी में रहकर उसकी जड़ों को कमजोर कर रहे हैं, वे ‘नमक हराम’ हैं।
संजय राउत ने राहुल गांधी के बयान का किया समर्थन
इस शिविर के दौरान संजय राउत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के हालिया भाषण का समर्थन किया। राहुल गांधी ने हाल ही में एक बयान में कहा था कि कांग्रेस के अंदर एक ‘बी टीम’ मौजूद है, जो पार्टी के खिलाफ काम कर रही है। इस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए संजय राउत ने कहा कि ऐसी ‘बी टीम’ सिर्फ कांग्रेस में ही नहीं, बल्कि कई राजनीतिक दलों में मौजूद है।
उन्होंने बिना नाम लिए शिवसेना के बागी गुट पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी के अंदर रहकर जो लोग उसे कमजोर कर रहे हैं, वे गद्दार हैं। राउत का इशारा साफतौर पर एकनाथ शिंदे गुट की ओर था, जिसने शिवसेना से अलग होकर बीजेपी के साथ गठबंधन कर लिया था।
शिवसेना को मजबूत करने की रणनीति पर चर्चा
शिवसेना कैंप में पार्टी संगठन को मजबूत करने के लिए कई अहम फैसले लिए गए। पार्टी ने तय किया कि राज्यभर में शिवसैनिकों को एकजुट करने के लिए जिला और ब्लॉक स्तर पर विशेष अभियान चलाया जाएगा। इस कैंप में यह भी तय किया गया कि आने वाले नगर निगम और विधानसभा चुनावों में शिवसेना (उद्धव गुट) पूरी मजबूती से उतरेगी।
बैठक में पार्टी के भीतर अनुशासन बनाए रखने पर जोर दिया गया और कहा गया कि जो नेता पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
RSS पर संजय राउत का बड़ा हमला
शिवसेना कैंप में संजय राउत ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर भी तीखा हमला किया। उन्होंने आरोप लगाया कि आरएसएस देश के लिए नहीं, बल्कि विदेशी शक्तियों के लिए काम करता है।
राउत ने पूर्व डीआरडीओ (DRDO) अधिकारी प्रदीप कुरुलकर के जासूसी मामले का जिक्र करते हुए कहा कि वह आरएसएस से जुड़े हुए थे और उन पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का आरोप लगा है। संजय राउत ने सवाल उठाते हुए कहा, “अगर आरएसएस वास्तव में देशभक्त संगठन है, तो इसके लोग इस तरह की देशविरोधी गतिविधियों में क्यों शामिल होते हैं?”
उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी और आरएसएस की विचारधारा लोकतंत्र के खिलाफ है और ये संगठन देश में नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं।
महाराष्ट्र की राजनीति में मचा बवाल
संजय राउत के इन बयानों के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में जबरदस्त हलचल मच गई है। बीजेपी और शिंदे गुट की ओर से इस बयान की तीखी प्रतिक्रिया आने की संभावना है। वहीं, कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार गुट) संजय राउत के इस बयान का समर्थन कर सकते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह बयान शिवसेना (उद्धव गुट) की रणनीति का हिस्सा है, जिसके जरिए वह अपने कार्यकर्ताओं को मजबूत संदेश देना चाहते हैं और पार्टी में एक नई ऊर्जा भरना चाहते हैं।
BJP और शिंदे गुट की प्रतिक्रिया का इंतजार
अब सबकी नजरें इस बात पर हैं कि बीजेपी और शिंदे गुट इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं। एकनाथ शिंदे पहले भी उद्धव ठाकरे गुट के खिलाफ तीखे बयान दे चुके हैं और यह देखना दिलचस्प होगा कि वह संजय राउत के इन आरोपों का कैसे जवाब देते हैं।
शिवसेना का यह कैंप महाराष्ट्र की राजनीति के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। संजय राउत के बयानों से साफ हो गया है कि उद्धव ठाकरे गुट अब पूरी तरह से बीजेपी और शिंदे गुट के खिलाफ मोर्चा खोलने को तैयार है।
आरएसएस और बीजेपी पर किए गए हमलों से साफ है कि शिवसेना (उद्धव गुट) अब पूरी तरह से विपक्षी खेमें में खड़ा होना चाहता है और आने वाले चुनावों में वह कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर बीजेपी को चुनौती देने की रणनीति बना रहा है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस कैंप से शिवसेना (उद्धव गुट) को मजबूती मिलेगी या फिर बीजेपी और शिंदे गुट इस पर बड़ा पलटवार करेंगे।
देश
Sultana Begum: सुप्रीम कोर्ट ने सुल्ताना बेगम की याचिका को किया खारिज, फतेहपुर सीकरी का भी उठाया मुद्दा

Sultana Begum ने सुप्रीम कोर्ट में एक दिलचस्प याचिका दायर की थी। उन्होंने खुद को बहादुर शाह जफर के परपोते की विधवा बताया और दावा किया कि वह उनके कानूनी उत्तराधिकारी हैं। इस आधार पर उन्होंने दिल्ली के लाल किले का कब्जा पाने की मांग की थी।
सुप्रीम कोर्ट का तंज
सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को एक झटके में खारिज कर दिया। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस याचिका को पूरी तरह से निराधार बताया। अदालत ने कहा कि यह याचिका सुनने योग्य भी नहीं है और इसे खारिज किया गया।
दिल्ली हाई कोर्ट में भी याचिका दायर की थी
यह पहली बार नहीं था जब सुलताना बेगम ने ऐसी याचिका दायर की थी। उन्होंने 2021 में दिल्ली हाई कोर्ट में भी यह मामला उठाया था। तब भी उनका उद्देश्य केवल सरकार से वित्तीय मदद हासिल करना था लेकिन उस समय भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली।
सुप्रीम कोर्ट का तंज और सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर तंज करते हुए कहा कि सिर्फ लाल किला ही क्यों? क्यों न फतेहपुर सीकरी भी शामिल किया जाता। इस तंज के साथ कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि इस तरह की याचिका कोई सटीक और गंभीर मुद्दा नहीं है।
सुलताना बेगम की गलतफहमी पर कोर्ट की टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि सुलताना बेगम पूरी तरह से गलतफहमी में हैं। उन्होंने इस मामले में एक ऐसी याचिका दायर की जो न सिर्फ कानून के खिलाफ थी बल्कि पूरी तरह से काल्पनिक भी थी।
देश
Badrinath Dham: चार धाम यात्रा के इस खास मौके पर बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद श्रद्धालुओं के दिलों में उमड़ी आस्था की लहर

Badrinath Dham: उत्तराखंड के बद्रीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। इस खास मौके पर मंदिर को फूलों से सजाया गया था। मंदिर पर फूलों की बारिश भी हुई और इसके बाद श्रद्धालुओं ने भगवान बद्रीनाथ का पूजन किया और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।
बद्रीनाथ धाम का महत्व
बद्रीनाथ धाम को भगवान विष्णु का निवास स्थान माना जाता है और इसे पृथ्वी का ‘वैकुंठ’ कहा जाता है। यह पवित्र स्थल नार और नारायण पर्वतों के बीच स्थित है और अलकनंदा नदी के बाएं किनारे पर स्थित है। मंदिर केवल मई से नवंबर तक ही भक्तों के लिए खुला रहता है।
#WATCH | Uttarakhand: Flower petals being showered on the devotees as portals of Shri Badrinath Dham opened for the devotees today. pic.twitter.com/N4pbh1nmlP
— ANI (@ANI) May 4, 2025
सर्दी में जोशीमठ में पूजा होती है
जब मंदिर के कपाट सर्दियों में बंद होते हैं तो भगवान बद्रीनाथ की पूजा जोशीमठ के नरसिंह मंदिर में होती है। यहां एक दीपक जलाया जाता है जो छह महीने तक लगातार जलता रहता है। यह एक धार्मिक परंपरा है जो सालों से चली आ रही है।
भगवान विष्णु की चारभुजी मूर्ति
बद्रीनाथ धाम में भगवान विष्णु की चारभुजी (चार हाथों वाली) मूर्ति की पूजा की जाती है जो शालिग्राम से बनी है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस स्थान पर भगवान विष्णु ने अपने नार-नारायण रूप में तपस्या की थी। यहां आने से व्यक्ति को मोक्ष प्राप्त होता है।
चार धाम यात्रा की शुरुआत
इस साल अक्षय तृतीया के मौके पर गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खोले गए थे। इसके बाद बाबा केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई को खोले गए और अब बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने से चार धाम यात्रा पूरी तरह से शुरू हो चुकी है।
देश
WC नहीं PWC है कांग्रेस? सर्जिकल स्ट्राइक पर बयान देकर फंसे चन्नी | BJP का पलटवार

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता चरणजीत सिंह चन्नी एक बार फिर विवादों के केंद्र में आ गए हैं। इस बार मामला देश की सुरक्षा से जुड़ा है, जहां उन्होंने पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाते हुए इसके सबूत मांग लिए। उनके इस बयान ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इसे लेकर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है।
क्या कहा चरणजीत सिंह चन्नी ने?
कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए चन्नी ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले के 10 दिन बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की है।” इसके साथ ही उन्होंने 2019 के पुलवामा हमले का जिक्र करते हुए सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर कहा, “कोई स्ट्राइक नहीं हुई थी, किसी को कुछ नहीं पता चला, न कोई तस्वीर, न कोई वीडियो। मैंने हमेशा इसके सबूत मांगे हैं।”
बीजेपी ने किया तीखा हमला
चन्नी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी प्रवक्ता और सांसद संबित पात्रा ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “कांग्रेस पार्टी बाहर से भले ही कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) दिखती हो, लेकिन अंदर से यह पाकिस्तान वर्किंग कमेटी (PWC) बन चुकी है।” पात्रा ने कहा कि इस तरह के बयान सेना के मनोबल को गिराते हैं और पाकिस्तान जैसे देश का हौसला बढ़ाते हैं।
“कांग्रेस पाकिस्तान को देती है ऑक्सीजन” – पात्रा
पात्रा ने यह भी कहा कि कांग्रेस हमेशा आतंकियों और पाकिस्तान की नीतियों का समर्थन करती दिखती है। उन्होंने पूर्व कांग्रेस नेताओं सैफुद्दीन सोज और सिद्धारमैया के पुराने बयानों का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस के नेता बार-बार पाकिस्तान के पक्ष में खड़े नजर आते हैं।
सियासी बवाल जारी
यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश पहले ही पहलगाम हमले से स्तब्ध है और विपक्ष सरकार से जवाब मांग रहा है। चन्नी का सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाना कांग्रेस की स्थिति को और कठिन बना सकता है। जहां एक ओर विपक्ष सरकार की नीतियों पर सवाल उठाना चाहता है, वहीं सेना से जुड़ी कार्रवाईयों पर संदेह जताना जनता के बीच गलत संदेश भी भेज सकता है।
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