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India China Trade: चीन को भारतीय एक्सपोर्ट में 42% की छलांग! क्या यह US टैरिफ के झटके को करेगा कम?
India China Trade: अमेरिकी टैरिफ के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ रहे नकारात्मक असर के बीच भारत के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। पड़ोसी देश चीन के साथ व्यापारिक रिश्ते लगातार बेहतर हो रहे हैं। वित्त वर्ष 2024-25 के पहले सात महीनों में भारत के चीन को किए गए निर्यात हर महीने बढ़े हैं। खास बात यह है कि अक्टूबर में भारतीय निर्यातों में 42 प्रतिशत की जोरदार छलांग देखने को मिली। इसका सीधा मतलब है कि चीनी बाजार में भारतीय उत्पादों की पहुंच आसान हो रही है और अमेरिकी टैरिफ का जो दबाव बन रहा था, उसे यह वृद्धि काफी हद तक कम कर सकती है।
डेटा बताता है ट्रेड का असली हिसाब-किताब
आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल से अक्टूबर के बीच भारत के चीन को निर्यात में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई। पिछले साल की तुलना में इस अवधि में भारतीय निर्यात 24.7 प्रतिशत बढ़कर 10.03 अरब डॉलर तक पहुंच गया। सबसे ज्यादा निर्यात पेट्रोलियम उत्पादों, टेलीकॉम उपकरणों और समुद्री उत्पादों का रहा। हालांकि, यही रफ्तार भारत के कुल निर्यात में नहीं दिखी। कुल निर्यात इस अवधि में केवल 0.63 प्रतिशत की मामूली बढ़ोतरी ही दर्ज कर सके, जो वैश्विक मांग में कमजोरी और प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की सुस्ती को दर्शाता है।

क्यों खास है यह बढ़ता व्यापार?
भारत-चीन व्यापार के लिए यह दौर सबसे मजबूत अवधियों में से एक है। खासकर तब जब पूरी दुनिया आर्थिक दबाव में है और निर्यात बाजारों में प्रतिस्पर्धा बढ़ती जा रही है। ऐसे समय में चीन जैसे विशाल बाजार में भारतीय उत्पादों की मांग में तेजी आना भारत के लिए रणनीतिक और आर्थिक, दोनों दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यह न केवल भारतीय निर्यातकों का आत्मविश्वास बढ़ाता है, बल्कि उन सेक्टर्स को भी मजबूती देता है जिन पर वैश्विक बाजार में दबाव बढ़ रहा है।
चीन बना सबसे बड़ा आयातक, उम्मीदें बढ़ा बढ़ा रहा है निर्यात
अप्रैल से अक्टूबर के बीच चीन भारत का सबसे बड़ा आयातक देश बनकर सामने आया। इस दौरान चीन से भारत ने 73.99 अरब डॉलर का सामान खरीदा। बड़े आयात के कारण दोनों देशों के बीच व्यापार घाटा 64 अरब डॉलर तक पहुंच गया। हालांकि, निर्यात में लगातार बढ़ोतरी ने उम्मीदें जगाई हैं कि यह घाटा आने वाले समय में कुछ हद तक कम हो सकता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर भारत आने वाले महीनों में भी यही रफ्तार बनाए रखता है, तो चीन के साथ व्यापारिक संतुलन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं।
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SIP Investment Tips: छोटे निवेश से करोड़पति बनने का तरीका, जानें सही रणनीति और गणना के राज़
SIP Investment Tips: भारतीय निवेशक आजकल Systematic Investment Plan (SIP) यानी व्यवस्थित निवेश योजना को एक लोकप्रिय निवेश विकल्प के रूप में देख रहे हैं। कई निवेशक अपने वित्तीय लक्ष्यों के अनुसार SIP के माध्यम से निवेश करना पसंद करते हैं। अगर आप भी छोटे-छोटे निवेश करके लंबी अवधि में संपत्ति बनाने का लक्ष्य रखते हैं, तो SIP आपके लिए सही विकल्प हो सकता है। SIP निवेश लंबी अवधि में धीरे-धीरे आपका धन बढ़ाने का माध्यम है, जिससे बड़ी पूंजी तैयार की जा सकती है।
SIP से करोड़ों का निर्माण कैसे संभव है
मान लीजिए आप प्रति माह 12,000 रुपये का SIP शुरू करते हैं और इसे लगभग 19 वर्षों तक जारी रखते हैं। इस अवधि में आपका कुल निवेश ₹27,36,000 होगा। यदि इस निवेश पर अनुमानित 12% की वार्षिक दर से रिटर्न मिलता है, तो लंबी अवधि में आपकी संपत्ति में जबरदस्त वृद्धि होगी। SIP का असली फायदा कंपाउंडिंग में निहित है। यदि सभी बाजार की परिस्थितियाँ अनुकूल बनी रहती हैं, तो 19 वर्षों के अंत में आपके पास कुल ₹1,05,03,905 का बड़ा कोरपस तैयार हो सकता है। इसमें से लगभग ₹77,67,905 केवल ब्याज के रूप में आपके निवेश पर अर्जित होगा।

SIP क्या है और कैसे काम करता है
SIP यानी Systematic Investment Plan एक ऐसा निवेश माध्यम है जिसमें निवेशक नियमित अंतराल पर छोटे-छोटे राशियों का निवेश करते हैं। यह निवेश किसी विशेष समय अवधि के लिए किया जाता है और इसका उद्देश्य लंबी अवधि में बड़ा कोरपस तैयार करना होता है। SIP निवेश के माध्यम से निवेशक बाजार की उतार-चढ़ाव का लाभ उठाते हुए धीरे-धीरे अपनी संपत्ति बढ़ा सकते हैं।
SIP निवेश में जोखिम और सावधानियाँ
हालांकि SIP निवेश लंबे समय में धन बढ़ाने का उत्तम तरीका है, लेकिन यह स्टॉक मार्केट पर निर्भर करता है। इसलिए, इसके रिटर्न में उतार-चढ़ाव हो सकता है। निवेशक को यह समझना जरूरी है कि SIP निवेश में बाजार जोखिम हमेशा मौजूद रहता है। सही समय, अनुशासन और नियमित निवेश के साथ SIP में निवेश करने से आप अपने वित्तीय लक्ष्यों को सफलतापूर्वक हासिल कर सकते हैं। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे निवेश से पहले बाजार की स्थिति और अपनी जोखिम क्षमता का मूल्यांकन अवश्य करें।
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