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IPL: रविचंद्रन अश्विन ने IPL से रिटायरमेंट और एमएस धोनी को लेकर खोले राज

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IPL: रविचंद्रन अश्विन ने IPL से रिटायरमेंट और एमएस धोनी को लेकर खोले राज

IPL: भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) से अचानक संन्यास लेने का ऐलान कर सभी को हैरान कर दिया है। 17 साल के लंबे और सफल IPL सफर के बाद अश्विन ने सोशल मीडिया के जरिए अपनी विदाई की घोषणा की। उन्होंने कहा कि अब उनका ध्यान विदेशी लीगों में खेलने की तरफ है। अश्विन का कहना है कि IPL का तीन महीने का शेड्यूल अब उनके लिए शारीरिक और मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण हो गया है।

संन्यास का मुख्य कारण: थकान और फिटनेस

अश्विन ने स्पष्ट किया कि IPL का लगातार तीन महीने का शेड्यूल अब उनके लिए भारी पड़ने लगा है। उन्होंने कहा कि लगातार यात्रा, मैच खेलना और फिर रिकवरी करना अब आसान नहीं है। अश्विन ने बताया, “मैंने सोचा कि क्या मुझे अगला IPL खेलना चाहिए या नहीं। तीन महीने का IPL अब मेरे लिए थोड़ा ज्यादा लगता है। मेरी जिंदगी के इस दौर में तीन महीने खेलना बहुत थकाने वाला हो गया है।”

उन्होंने इस दौरान एमएस धोनी की जमकर तारीफ की और कहा कि उनकी फिटनेस और समर्पण प्रेरणादायक हैं। अश्विन ने कहा कि धोनी केवल तीन महीने खेलते हैं, लेकिन उम्र बढ़ने के बावजूद इस शेड्यूल को निभाना आसान नहीं होता। उन्होंने बताया कि उम्र बढ़ने के साथ रिकवरी की क्षमता कम हो जाती है और जैसे ही आप ठीक होते हैं, फिर से मैच खेलना पड़ता है।

IPL: रविचंद्रन अश्विन ने IPL से रिटायरमेंट और एमएस धोनी को लेकर खोले राज

IPL: रविचंद्रन अश्विन ने IPL से रिटायरमेंट और एमएस धोनी को लेकर खोले राज

स्वास्थ्य और जीवनशैली पर असर

अश्विन ने अपने निर्णय का कारण स्वास्थ्य और जीवनशैली से भी जोड़ा। उन्होंने कहा कि लगातार लंबे समय तक IPL खेलना न केवल शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी थकावट पैदा करता है। अश्विन ने बताया कि उन्होंने काफी सोच-विचार के बाद यह फैसला लिया है। उनका कहना है कि अब वे अपने शरीर की देखभाल और फिटनेस को प्राथमिकता देंगे।

विदेशी लीगों में खेलने की तैयारी

अश्विन ने यह भी बताया कि उन्होंने पहले ही एक विदेशी लीग में रजिस्ट्रेशन करा लिया है। हालांकि उन्होंने लीग का नाम अभी सार्वजनिक नहीं किया। उन्होंने कहा कि विदेशी लीग का अनुभव अलग और रोमांचक होता है। वहां खेलते समय खिलाड़ी ज्यादा पहचान में नहीं आते, जिससे आराम से खेल का आनंद लिया जा सकता है।

अश्विन ने कहा, “मैं हर लीग में नहीं खेल सकता। मैं साल के दस महीने लगातार नहीं खेल सकता। मैं मौके का इंतजार करूंगा और देखूंगा कि अलग-अलग टीमों की योजनाओं में मैं कैसे फिट बैठता हूं। मैंने पहले ही एक लीग के लिए रजिस्ट्रेशन कर दिया है और अब देखते हैं आगे क्या होता है।”

IPL में 17 साल का शानदार सफर

रविचंद्रन अश्विन ने IPL में 17 सालों तक शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने न केवल अपने स्पिन गेंदबाजी कौशल से बल्कि बल्लेबाजी और फील्डिंग में भी टीम को मजबूती दी। उनके नाम कई यादगार पारी और मैच विजयी प्रदर्शन दर्ज हैं। अश्विन का योगदान IPL इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा।

भविष्य की योजना

अश्विन ने स्पष्ट किया कि अब उनका ध्यान विदेशी लीगों और सीमित समय में खेलने की तरफ है। वे यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि खेल के दौरान उनका शरीर और मानसिक स्वास्थ्य भी बना रहे। अश्विन ने यह भी संकेत दिया कि आने वाले समय में वे नए क्रिकेटिंग अनुभवों और अंतरराष्ट्रीय लीगों में भाग लेकर अपने खेल को और समृद्ध करेंगे।

रविचंद्रन अश्विन का IPL से संन्यास उनके लिए नई यात्रा की शुरुआत है। 17 सालों के IPL सफर के बाद अब उनका ध्यान विदेशी लीगों, स्वास्थ्य और क्रिकेटिंग अनुभव को बढ़ाने पर रहेगा। उन्होंने एमएस धोनी की फिटनेस की तारीफ की और अपने फैसले को स्वास्थ्य और थकान से जोड़कर समझाया। अश्विन के इस कदम से क्रिकेट जगत में हलचल मची है और उनके फैंस विदेशी लीगों में उनके प्रदर्शन के लिए उत्साहित हैं।

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Dhruv Jurel century: ध्रुव जुरेल ने 101 गेंदों में 160 रन ठोककर इंडिया टीम में डेब्यू की उम्मीद बढ़ाई

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Dhruv Jurel century: ध्रुव जुरेल ने 101 गेंदों में 160 रन ठोककर इंडिया टीम में डेब्यू की उम्मीद बढ़ाई

Dhruv Jurel century: हालांकि भारतीय टीम इस समय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूर है, लेकिन घरेलू टूर्नामेंट में भारतीय खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन उन्हें टीम इंडिया में जगह बनाने का अवसर दे रहे हैं। विजय हज़ारे ट्रॉफी इस समय अपने जोश और रोमांच के साथ खेली जा रही है, जिसमें खिलाड़ी पूरी मेहनत के साथ हिस्सा ले रहे हैं। सोमवार को उत्तर प्रदेश के विकेटकीपर-बल्लेबाज ध्रुव जुरेल ने अपनी शानदार बल्लेबाजी से सबका ध्यान खींचा।

उत्तर प्रदेश के लिए ध्रुव जुरेल का धमाकेदार शतक

विजय हज़ारे ट्रॉफी में उत्तर प्रदेश की ओर से खेलते हुए ध्रुव जुरेल ने बारोडा के खिलाफ शानदार शतक लगाया। नंबर तीन पर बल्लेबाजी के लिए आए जुरेल ने 101 गेंदों में नाबाद 160 रन की तूफानी पारी खेली। इस पारी में उन्होंने 15 चौके और 8 छक्के जड़े। यह उनका लिस्ट A क्रिकेट में पहला शतक है। जुरेल की इस पारी की बदौलत यूपी ने 50 ओवरों में 369 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया। इसके अलावा, अभिषेक गोस्वामी ने 51 रन और रिंकू सिंह ने 63 रन का योगदान देकर टीम को मजबूत स्थिति में रखा।

अभी तक ध्रुव जुरेल ने नहीं खेला कोई ODI

ध्रुव जुरेल ने अब तक भारतीय टीम के लिए वनडे अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेले हैं। उन्होंने भारत की ओर से केवल टेस्ट और टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेला है। टेस्ट क्रिकेट में 9 मैचों में जुरेल ने 459 रन बनाए हैं, जिसमें एक शतक और एक अर्धशतक शामिल हैं। वहीं, उन्होंने चार टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 12 रन बनाए हैं। यदि जुरेल इस फॉर्म को जारी रखते हैं, तो उन्हें भारत के लिए वनडे में पदार्पण का अवसर मिलने की पूरी संभावना है।

भारत बनाम न्यूज़ीलैंड वनडे सीरीज में चयन पर नजर

अगले महीने 11 तारीख से भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच तीन मैचों की वनडे सीरीज खेली जाएगी। इस सीरीज के लिए भारतीय टीम का स्क्वॉड अभी तक घोषित नहीं हुआ है। माना जा रहा है कि बीसीसीआई की चयन समिति विजय हज़ारे ट्रॉफी में खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर बारीकी से नजर रख रही है। जबकि ईशान किशन को विकेटकीपर-बल्लेबाज के रूप में सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है, यह देखना रोचक होगा कि ध्रुव जुरेल की इस शानदार पारी से चयनकर्ताओं पर कितना प्रभाव पड़ा है और क्या उन्हें वनडे टीम में जगह मिलती है।

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Women’s Super Smash 2025: वुमेन्स सुपर स्मैश में ओटागो का धमाका, लॉरा हैरिस की तूफानी पारी ने जीता मुकाबला

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Women's Super Smash 2025: वुमेन्स सुपर स्मैश में ओटागो का धमाका, लॉरा हैरिस की तूफानी पारी ने जीता मुकाबला

Women’s Super Smash 2025 में कैन्टर्बरी और ओटागो की महिला टीमों के बीच खेले गए मैच में ओटागो ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कैन्टर्बरी को 6 विकेट से हराया। कैन्टर्बरी ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 145 रन बनाए, लेकिन ओटागो की टीम ने यह लक्ष्य आसानी से हासिल कर लिया। मैच में ओटागो की बल्लेबाज लॉरा हैरिस ने धमाकेदार पारी खेली, जिसने विपक्षी गेंदबाजों को पूरी तरह बेबस कर दिया। उनकी आक्रामक और तेज़ बल्लेबाजी की बदौलत ओटागो को आसान जीत मिली। इस प्रदर्शन के लिए लॉरा हैरिस को प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार भी मिला।

लौरा हैरिस ने सिर्फ 15 गेंदों में बनाई हाफ-सेंचुरी

लौरा हैरिस ने अपनी पारी की शुरुआत से ही आक्रामक बल्लेबाजी का परिचय दिया। उन्होंने मात्र 17 गेंदों में 52 रन बनाए, जिसमें 6 चौके और 4 छक्के शामिल थे। खास बात यह है कि उन्होंने अपनी हाफ-सेंचुरी सिर्फ 15 गेंदों में पूरी की, जिससे वह विमेंस T20 क्रिकेट में सबसे तेज़ अर्धशतक बनाने वाली जॉइंट-प्लेयर बन गईं। इससे पहले, मैरी केली ने 2022 में वार्विकशायर के लिए ग्लूस्टरशायर के खिलाफ 15 गेंदों में हाफ-सेंचुरी बनाई थी। अब लौरा ने इस रिकॉर्ड को बराबरी कर लिया है। उनकी इस पारी ने मैच का रुख पूरी तरह बदल दिया और ओटागो की जीत सुनिश्चित की।

लौरा हैरिस का फॉर्म में लौटना

लौरा हैरिस ने इससे पहले WBBL में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था। उन्होंने सिडनी थंडर के लिए कुल 10 मैच खेले, जिनमें 8 में बल्लेबाजी करते हुए केवल 69 रन बनाए। लेकिन अब लौरा ने फॉर्म में वापसी की है और रन लगातार बन रहे हैं। उनके इस शानदार प्रदर्शन ने ओटागो टीम को मजबूती दी और टीम को जीत की राह पर ले गया। उनके अद्भुत आक्रमण और तेज़ बल्लेबाजी के कारण ही ओटागो ने 6 विकेट की आसान जीत हासिल की।

ओटागो की टीम और अन्य खिलाड़ियों का योगदान

ओटागो के लिए फेलिसिटी लेडन-डेविस और कैटलीन ब्लेकली ने 22-22 रन बनाए, जबकि पॉली इंग्लिश ने 20 रन जोड़े। हालांकि, टीम की जीत में सबसे बड़ा योगदान लौरा हैरिस का रहा। कैन्टर्बरी की तरफ से मेलिसा बैंक्स और सारा असमुसेन ने एक-एक विकेट लिया। इज़ी शार्प ने कैन्टर्बरी के लिए सबसे अच्छी पारी खेली और 65 रन बनाए, लेकिन बाकी बल्लेबाजों का प्रदर्शन कमजोर रहा, जिसके कारण टीम केवल 145 रन ही बना पाई। ओटागो की टीम ने मजबूत बल्लेबाजी और संतुलित प्रदर्शन से मैच पर कब्ज़ा जमाया और शानदार जीत हासिल की।

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AUS vs ENG: क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने जताई चिंता, दो दिन में समाप्त Melbourne Test के असर पर चर्चा

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AUS vs ENG: क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने जताई चिंता, दो दिन में समाप्त Melbourne Test के असर पर चर्चा

AUS vs ENG: बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच के लिए क्रिकेट फैंस को काफी उत्साह था। ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच यह मुकाबला मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) में 26 दिसंबर से शुरू हुआ था, और दर्शक उम्मीद कर रहे थे कि पांच दिनों तक रोमांचक टेस्ट क्रिकेट का आनंद लिया जाएगा। लेकिन यह मैच केवल दो दिनों में ही समाप्त हो गया, और इंग्लैंड ने चार विकेट से जीत दर्ज की। मैच का इतनी जल्दी खत्म होना दर्शकों और पूर्व क्रिकेटरों के लिए चौंकाने वाला था। इसके साथ ही, पिच की गुणवत्ता को लेकर भी कई सवाल खड़े हो गए हैं।

टेस्ट क्रिकेट के भविष्य के लिए खतरा

क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के सीईओ, टॉड ग्रीनबर्ग ने मैच के बाद कहा कि ऐसे मैच टेस्ट क्रिकेट के भविष्य के लिए अच्छे नहीं हैं। उन्होंने कहा, “हम भविष्य में बेहतर पिच तैयार कराने के लिए सक्रिय भूमिका निभाने पर विचार कर रहे हैं। फैंस के लिए ऐसे मैच देखना रोमांचक होता है, लेकिन हम चाहते हैं कि टेस्ट मैच लंबा चले। पहले दिन का खेल देखने के बाद मुझे रात को नींद नहीं आई। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने कभी पिच तैयारी में हस्तक्षेप नहीं किया, लेकिन व्यावसायिक दृष्टिकोण से पिच तैयारी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।”

इस बयान से यह साफ है कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया अब पिच की गुणवत्ता और टेस्ट मैच की लंबाई को लेकर गंभीर हो गया है। लंबे और संतुलित टेस्ट मैच न केवल खिलाड़ियों के लिए चुनौतीपूर्ण होते हैं बल्कि दर्शकों को भी सही टेस्ट क्रिकेट का अनुभव देते हैं।

भारत में पिच पर अक्सर आलोचना होती है

मेलबर्न टेस्ट के दो दिन में खत्म होने के बाद, पूर्व इंग्लैंड खिलाड़ी केविन पीटरसन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि भारत में जब किसी टेस्ट मैच के पहले दिन कई विकेट गिरते हैं, तो पिच की काफी आलोचना होती है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि ऑस्ट्रेलिया को भी समान आलोचना का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि न्याय सबके लिए समान होना चाहिए।

पूर्व भारतीय विकेटकीपर दिनेश कार्तिक ने भी पिच की आलोचना की। उन्होंने कहा कि MCG की पिच काफी सामान्य लग रही थी। उन्हें यह विश्वास नहीं हो रहा था कि चार में से दो एशेज टेस्ट केवल दो दिन में खत्म हो गए, और चारों मैच मिलाकर कुल केवल 13 दिनों तक चले। यह दर्शाता है कि पिच की गुणवत्ता और मैच की लंबाई के मुद्दे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अब गंभीर रूप से उठ रहे हैं।

सुधार की आवश्यकता और भविष्य की रणनीति

विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मैच टेस्ट क्रिकेट के लिए हानिकारक हैं। खेल को संतुलित और प्रतिस्पर्धात्मक बनाए रखने के लिए पिच तैयार करने में सुधार की जरूरत है। लंबी टेस्ट मैचों से खिलाड़ियों का कौशल, टीम की रणनीति और फैंस की समझ बेहतर होती है। इसके अलावा, बोर्डों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पिचें न केवल चुनौतीपूर्ण हों, बल्कि लंबी अवधि के मैच के लिए टिकाऊ भी हों।

क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने संकेत दिया है कि वह भविष्य में पिच तैयार करने की प्रक्रिया में सुधार लाने के लिए कदम उठाएगा। यह कदम न केवल ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के लिए बल्कि पूरे अंतरराष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है। फैंस और खिलाड़ियों की उम्मीद है कि आने वाले टेस्ट मैचों में ऐसा न हो और टेस्ट क्रिकेट की प्रतिष्ठा बनाए रखी जाए।

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