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India-New Zealand Relations: न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सर ने दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर में की पूजा-अर्चना, भारत-न्यूजीलैंड संबंधों को मजबूत करने का संदेश

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India-New Zealand Relations: न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सर ने दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर में की पूजा-अर्चना, भारत-न्यूजीलैंड संबंधों को मजबूत करने का संदेश

India-New Zealand Relations: न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सर (Christopher Luxon) ने मंगलवार को दिल्ली स्थित बीएपीएस स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस दौरान उनके साथ 110 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भी मौजूद था, जिसमें न्यूजीलैंड सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, मंत्री और कारोबारी नेता शामिल थे। इस विशेष दौरे के बाद पीएम लक्सर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, “न्यूजीलैंड में हिंदू समुदाय का देश की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान है। आज दिल्ली में बीएपीएस स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर में दर्शन कर मैंने कीवी-हिंदुओं की आस्था को सम्मान दिया।”

रायसीना डायलॉग में थे मुख्य अतिथि

न्यूजीलैंड के पीएम क्रिस्टोफर लक्सर रविवार को भारत की पांच दिवसीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे थे। वह रायसीना डायलॉग (Raisina Dialogue) में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उनके साथ इस दौरे में मंत्री टॉड मैक्ले (Todd McClay), मार्क मिशेल (Mark Mitchell) और लुईस अप्सटन (Louise Upston) भी मौजूद थे।

इस प्रतिनिधिमंडल में न्यूजीलैंड की संसद के सदस्य एंडी फोस्टर (Andy Foster), कार्लोस चेउंग (Carlos Cheung), डॉ. परमजीत परमार (Paramjit Parmar) और प्रियंका राधाकृष्णन (Priyanca Radhakrishnan) शामिल थे। इसके अलावा न्यूजीलैंड के उच्चायुक्त पैट्रिक राटा (H.E. Patrick Rata) भी इस यात्रा में उपस्थित रहे।

बिजनेस प्रतिनिधिमंडल में न्यूजीलैंड की प्रमुख कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे, जिनका उद्देश्य दोनों देशों के बीच आर्थिक और व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करना था।

माओरी भाषा में सत्संग दीक्षा ग्रंथ का अनावरण

अक्षरधाम मंदिर में पीएम क्रिस्टोफर लक्सर को सत्संग दीक्षा ग्रंथ (Satsang Diksha Granth) की माओरी भाषा में अनुवादित प्रति भेंट की गई। यह ग्रंथ हिंदू धर्म के स्वामीनारायण संप्रदाय का एक पवित्र ग्रंथ है, जिसे महंत स्वामी महाराज ने लिखा है।

इस उपहार के जरिए भारत और न्यूजीलैंड के बीच साझा सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्यों को दर्शाया गया। सत्संग दीक्षा ग्रंथ मूल रूप से संस्कृत में रचित है और इसमें आत्मिक शांति, निःस्वार्थ सेवा और आध्यात्मिक अनुशासन का मार्गदर्शन दिया गया है।

महंत स्वामी महाराज का पत्र और विशेष प्रार्थना

पीएम लक्सर की अक्षरधाम यात्रा के दौरान महंत स्वामी महाराज ने उन्हें एक व्यक्तिगत पत्र भी लिखा। इसमें उन्होंने कहा, “अक्षरधाम में आपकी उपस्थिति और इस दौरे के लिए आपने जो समय निकाला, वह आपकी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक मूल्यों के प्रति सम्मान को दर्शाता है।”

महंत स्वामी महाराज ने न्यूजीलैंड में भारतीय समुदाय के प्रति पीएम लक्सर के सहयोग के लिए आभार जताया और शांतिपूर्ण समाज के निर्माण के लिए उनके प्रयासों की सराहना की।

उन्होंने पीएम लक्सर के नेतृत्व, उनके परिवार की सुख-समृद्धि और न्यूजीलैंड के शांतिपूर्ण भविष्य के लिए विशेष प्रार्थनाएं कीं।

भारत-न्यूजीलैंड के बीच मजबूत होती साझेदारी

पीएम लक्सर ने अपनी यात्रा के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की। इस बैठक में दोनों देशों के बीच रणनीतिक सहयोग बढ़ाने को लेकर चर्चा हुई।

लक्सर ने कहा, “पीएम मोदी और मैंने मिलकर दोनों देशों के भविष्य संबंधों को लेकर विस्तार से चर्चा की। हमने रक्षा बलों की संयुक्त तैनाती और प्रशिक्षण को बढ़ाने पर सहमति जताई, जिससे रणनीतिक विश्वास मजबूत होगा।”

बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने जलवायु परिवर्तन और अंतरिक्ष अनुसंधान जैसे वैश्विक मुद्दों पर वैज्ञानिक सहयोग को बढ़ावा देने का भी निर्णय लिया। इसके अलावा, हवाई संपर्क (Air Connectivity) को बेहतर बनाने और प्राथमिक क्षेत्र में व्यापारिक सहयोग को मजबूत करने पर सहमति बनी।

न्यूजीलैंड में भारतीय समुदाय का प्रभाव

पीएम लक्सर ने अपने संबोधन में न्यूजीलैंड में भारतीय प्रवासियों के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा, “न्यूजीलैंड के सबसे बड़े शहर ऑकलैंड में 11 प्रतिशत जनसंख्या भारतीय मूल की है।”

लक्सर ने यह भी कहा कि भारत और न्यूजीलैंड के संबंध 200 साल पुराने हैं। उन्होंने कहा, “जैसे 200 साल पहले भारतीय प्रवासी हमारे समाज का हिस्सा बने थे, वैसे ही आज भी ‘कीवी-इंडियन’ हमारे बहुसांस्कृतिक समाज में पूरी तरह घुले-मिले हैं।”

अक्षरधाम मंदिर में पारंपरिक स्वागत

अक्षरधाम मंदिर पहुंचने पर पीएम लक्सर और उनके प्रतिनिधिमंडल का पारंपरिक स्वागत किया गया। उन्होंने मंदिर परिसर में आध्यात्मिक और सांस्कृतिक भव्यता का अनुभव किया।

इस दौरान पीएम लक्सर ने मंदिर में श्रद्धा और सम्मान के प्रतीक स्वरूप फूलों की माला अर्पित की। उन्होंने अभिषेक समारोह में भी भाग लिया, जो एक प्राचीन हिंदू जलाभिषेक अनुष्ठान है। इसमें सभी के कल्याण, शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना की जाती है।

संस्कृति और कूटनीति का संगम

पीएम क्रिस्टोफर लक्सर की अक्षरधाम यात्रा भारत और न्यूजीलैंड के बीच सांस्कृतिक और कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करने का प्रतीक बनी। यात्रा के अंत में उन्होंने सांस्कृतिक उपहारों का आदान-प्रदान किया और दोनों देशों के बीच सहयोग को और मजबूत करने का संकल्प लिया।

पीएम क्रिस्टोफर लक्सर की यह यात्रा भारत और न्यूजीलैंड के बीच बढ़ते रणनीतिक और सांस्कृतिक संबंधों का प्रमाण है। अक्षरधाम मंदिर में उनकी उपस्थिति ने दोनों देशों के बीच आध्यात्मिक और सांस्कृतिक संबंधों को और प्रगाढ़ किया। न्यूजीलैंड में भारतीय समुदाय के प्रति लक्सर का सम्मान और उनके लिए विशेष प्रार्थनाएं दोनों देशों के बीच सद्भावना को और मजबूत करेंगी।

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उड़ाएंगी राफेल! अंबाला एयरबेस से होगा ऐतिहासिक मिशन

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उड़ाएंगी राफेल! अंबाला एयरबेस से होगा ऐतिहासिक मिशन

बुधवार का दिन भारतीय वायुसेना और देश के लिए ऐतिहासिक होने जा रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू हरियाणा के अंबाला एयरफोर्स बेस से राफेल लड़ाकू विमान उड़ाएंगी। यह वही अड्डा है जहां 2020 में राफेल को औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। राष्ट्रपति भवन की ओर से मंगलवार को जारी बयान में कहा गया कि राष्ट्रपति बुधवार को यह उड़ान भरेंगी।

ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ा गौरव

राफेल विमानों ने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अपनी ताकत दिखाकर भारत का सिर ऊंचा किया था। यह अभियान 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था। 7 मई को भारत ने पाकिस्तान नियंत्रित क्षेत्रों में आतंकियों के ठिकानों को तबाह किया। चार दिन चली इस कार्रवाई का अंत 10 मई को युद्धविराम समझौते के साथ हुआ। इस मिशन में राफेल ने अपनी सटीक मारक क्षमता और आधुनिक तकनीक से भारतीय वायुसेना की ताकत को साबित किया।

पूर्व राष्ट्रपतियों की गौरवशाली परंपरा

यह पहली बार नहीं है जब किसी भारतीय राष्ट्रपति ने लड़ाकू विमान उड़ाया हो। इससे पहले डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने 8 जून 2006 को पुणे के लोहेगांव एयरबेस से सुखोई-30 एमकेआई उड़ाया था। उनके बाद 25 नवंबर 2009 को राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने भी यही विमान उड़ाकर इतिहास रचा था। द्रौपदी मुर्मू ने 8 अप्रैल 2023 को असम के तेजपुर एयरबेस से सुखोई-30 एमकेआई उड़ाकर इस परंपरा को आगे बढ़ाया और अब राफेल उड़ान के साथ वे इस गौरवशाली सफर में नया अध्याय जोड़ने जा रही हैं।

राफेल की ताकत और स्वर्ण तीर दल

राफेल लड़ाकू विमान फ्रांस की कंपनी ‘डसॉल्ट एविएशन’ द्वारा बनाया गया है। इसे भारतीय वायुसेना में सितंबर 2020 में शामिल किया गया था। पहले पांच राफेल विमानों को ‘गोल्डन एरोज़ स्क्वाड्रन’ यानी 17वें स्क्वाड्रन में शामिल किया गया था। ये विमान 27 जुलाई 2020 को फ्रांस से भारत पहुंचे थे। राफेल की खासियत इसकी डुअल इंजन, लंबी रेंज, मिसाइल सिस्टम और मल्टीरोल क्षमता है जो इसे किसी भी मौसम में युद्ध के लिए तैयार रखती है।

भारतीय आसमान में महिला शक्ति की उड़ान

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की यह उड़ान केवल एक प्रतीकात्मक घटना नहीं बल्कि भारतीय महिला शक्ति की नई पहचान है। वे भारत की दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं और अब राफेल उड़ाने वाली पहली महिला राष्ट्रपति बनने जा रही हैं। यह कदम न केवल भारतीय वायुसेना के आत्मविश्वास को बढ़ाएगा बल्कि देशभर की महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा। इस उड़ान से यह संदेश भी जाएगा कि भारत की शक्ति अब धरती से लेकर आसमान तक मजबूत है।

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दिल्ली में छठ पूजा की धूम, सीएम रेखा गुप्ता और मनोज तिवारी ने यमुना घाट पर दिया अर्घ्य!

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दिल्ली में छठ पूजा की धूम, सीएम रेखा गुप्ता और मनोज तिवारी ने यमुना घाट पर दिया अर्घ्य!

बिहार के साथ-साथ राजधानी दिल्ली में भी छठ महापर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया। यमुना के घाटों पर लाखों श्रद्धालु सुबह-सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने पहुंचे। यह दृश्य न सिर्फ आस्था का प्रतीक था बल्कि पूर्वांचल संस्कृति की झलक भी दिखा रहा था। हर घाट पर भक्ति, संगीत और लोक परंपराओं की गूंज सुनाई दी।

 मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का विशेष दर्शन

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भी छठ के चौथे और अंतिम दिन यमुना घाट पहुंचकर सूर्य देव को अर्घ्य दिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने पूरी कोशिश की कि पूर्वांचल के लाखों लोगों को पूजा के दौरान किसी तरह की दिक्कत न हो। उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि लोगों के चेहरों पर संतोष और श्रद्धा साफ झलक रही है। मुख्यमंत्री ने वादा किया कि आने वाले सालों में छठ पूजा को और भव्य बनाया जाएगा।

 ‘छठी मइया सब पर कृपा करें’

रेखा गुप्ता ने कहा कि उन्हें भी माता छठी मइया की पूजा का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उन्होंने देश और दिल्ली के विकास की कामना की। जब उनसे आम आदमी पार्टी के आरोपों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि “छठी मइया उन पर भी कृपा करें और उन्हें सद्बुद्धि दें।” उनका यह बयान लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया।

मनोज तिवारी ने परिवार संग की पूजा

भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने भी सोमवार की सुबह अपने लोकसभा क्षेत्र सोनिया विहार के यमुना घाट पर पूजा की। उन्होंने अपनी पत्नी के साथ सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित किया। सोशल मीडिया पर उन्होंने पूजा की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा कि “यह पवित्र पर्व हमारी संस्कृति की गहराई और मातृशक्ति की भक्ति का प्रतीक है।” उन्होंने देशवासियों के सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना की।

दिल्ली में रोशनी और आस्था का संगम

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भी अपने सोशल मीडिया पर छठ पूजा की तस्वीरें साझा कीं और लिखा कि “सूर्य देव से प्रार्थना करती हूं कि हर परिवार में खुशियों, समृद्धि और स्वास्थ्य का प्रकाश फैले।” उन्होंने उम्मीद जताई कि छठी मइया की कृपा से दिल्ली का हर आंगन खुशियों से भर जाएगा। इस अवसर पर घाटों पर सुरक्षा, स्वच्छता और व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए थे।

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ISRO का बड़ा मिशन! LVM3 से लॉन्च होगा 4400 किलो का CMS-03 सैटेलाइट. नौसेना की ताकत बढ़ेगी

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ISRO का बड़ा मिशन! LVM3 से लॉन्च होगा 4400 किलो का CMS-03 सैटेलाइट. नौसेना की ताकत बढ़ेगी

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) एक और ऐतिहासिक लॉन्च की तैयारी में है। इस बार मिशन का लक्ष्य है भारतीय नौसेना के लिए एक अत्याधुनिक संचार उपग्रह को अंतरिक्ष में भेजना। CMS-03 या GSAT-7R नाम का यह सैटेलाइट 2 नवंबर को श्रीहरिकोटा से LVM-3 रॉकेट के जरिए लॉन्च किया जाएगा। यह लॉन्च भारत की समुद्री रक्षा प्रणाली को नई मजबूती देगा और भारतीय नौसेना की निगरानी क्षमता को कई गुना बढ़ा देगा।

सबसे भारी संचार उपग्रह का लॉन्च

ISRO के अनुसार CMS-03 का वजन लगभग 4400 किलोग्राम है, जो अब तक का सबसे भारी संचार उपग्रह है जिसे भारतीय धरती से जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) में भेजा जाएगा। यह उपग्रह भारत के समुद्री इलाकों के साथ-साथ देश के विशाल भूभाग में भी संचार सेवाएं प्रदान करेगा। इस मिशन से भारत की आत्मनिर्भर अंतरिक्ष शक्ति और भी सुदृढ़ होगी।

ISRO का बड़ा मिशन! LVM3 से लॉन्च होगा 4400 किलो का CMS-03 सैटेलाइट. नौसेना की ताकत बढ़ेगी

खास डिजाइन और तकनीकी क्षमता

CMS-03 को विशेष रूप से मल्टी-बैंड कम्युनिकेशन के लिए डिजाइन किया गया है ताकि यह भारतीय नौसेना को सुरक्षित और स्थिर नेटवर्क कनेक्शन प्रदान कर सके। इस सैटेलाइट के जरिए समुद्र में चल रहे युद्धपोतों और नौसैनिक ठिकानों के बीच रीयल टाइम कम्युनिकेशन संभव होगा। इससे भारत की समुद्री सीमाओं की निगरानी और रणनीतिक नियंत्रण में बड़ा सुधार आएगा।

चंद्रयान-3 के बाद LVM-3 की अगली उड़ान

यह वही LVM-3 रॉकेट है जिसने जुलाई 2023 में ऐतिहासिक चंद्रयान-3 मिशन को चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास सफलतापूर्वक उतारा था। अब वही रॉकेट CMS-03 को अंतरिक्ष में ले जाएगा। ISRO ने बताया कि लॉन्च व्हीकल को पूरी तरह असेंबल कर दिया गया है और सैटेलाइट के साथ उसका इंटीग्रेशन भी पूरा हो गया है। इस मिशन से ISRO के तकनीकी आत्मविश्वास को और मजबूती मिलेगी।

भारत की समुद्री शक्ति को नया आयाम

CMS-03 मिशन के सफल होने पर भारत की नौसैनिक क्षमता में बड़ा उछाल देखने को मिलेगा। यह सैटेलाइट न केवल रक्षा संचार में क्रांति लाएगा बल्कि भारतीय महासागरीय क्षेत्र में सामरिक दृष्टि से देश की पकड़ को भी मजबूत करेगा। इस मिशन से भारत उन चुनिंदा देशों की कतार में खड़ा होगा जिनके पास अपनी स्वतंत्र सैन्य संचार सैटेलाइट प्रणाली है।

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