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India Manufacturing Industry: भारत की मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने तोड़ा 17 साल का रिकॉर्ड, जानिए कैसे बना यह नया इतिहास

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India Manufacturing Industry: भारत की मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने तोड़ा 17 साल का रिकॉर्ड, जानिए कैसे बना यह नया इतिहास

India Manufacturing Industry: अगस्त का महीना भारत की मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ। इस सेक्टर ने पिछले साढ़े 17 साल का सबसे तेज़ विकास दर्ज किया। एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स यानी पीएमआई जुलाई में 59.1 से बढ़कर अगस्त में 59.3 पर पहुंच गया। पीएमआई में 50 से ऊपर का आंकड़ा उत्पादन गतिविधियों में विस्तार को दर्शाता है जबकि 50 से नीचे का मतलब गिरावट होता है। यह रिपोर्ट देश की मजबूत मांग और बढ़ी हुई उत्पादन क्षमता का नतीजा है।

रोजगार में लगातार 18वां महीना इज़ाफा

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के इस तेज़ विकास का असर रोजगार पर भी साफ दिखा। अगस्त में लगातार 18वें महीने रोजगार के अवसर बढ़े। हालांकि रिपोर्ट के मुताबिक यह वृद्धि नवंबर 2024 के बाद सबसे धीमी रही। एचएसबीसी की मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजल भंडारी ने कहा कि अगस्त का यह रिकॉर्ड उत्पादन में तेजी और मजबूत मांग की वजह से संभव हुआ। नए ऑर्डर्स भी जुलाई की तरह ही तेज़ी से बढ़े और यह वृद्धि पिछले 57 महीनों में सबसे ज्यादा रही।

भारतीय अर्थव्यवस्था की तेज़ रफ्तार

सिर्फ मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ही नहीं बल्कि पूरी भारतीय अर्थव्यवस्था भी शानदार प्रदर्शन कर रही है। अप्रैल से जून की तिमाही में भारत की जीडीपी 7.8 प्रतिशत की दर से बढ़ी। यह पिछले पांच तिमाहियों में सबसे तेज़ विकास दर है। इससे यह साफ होता है कि वैश्विक चुनौतियों और व्यापारिक तनावों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बुनियाद पर खड़ी है और घरेलू मांग इसका सबसे बड़ा सहारा बन रही है।

अमेरिका से व्यापारिक गतिरोध और चुनौतियां

हालांकि इस बीच चुनौतियां भी सामने आई हैं। मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंथा नागेश्वरन ने कहा कि अमेरिका के साथ चल रहे व्यापारिक गतिरोध का असर दूसरे क्वार्टर में साफ दिखेगा। अमेरिका ने भारतीय निर्यात पर कुल 50 प्रतिशत तक का टैरिफ लगा दिया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर पहले 25 प्रतिशत शुल्क लगाया गया और बाद में रूस से कच्चा तेल खरीदने की वजह से अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ बढ़ा दिया गया। इसका असर भारत की निर्यात क्षमता पर पड़ सकता है।

भविष्य की संभावनाएं और उम्मीदें

एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई रिपोर्ट एसएंडपी ग्लोबल द्वारा तैयार की जाती है। इसके लिए करीब 400 मैन्युफैक्चरर्स से पूछताछ की जाती है। रिपोर्ट से साफ है कि घरेलू मांग और उत्पादन क्षमता के चलते भारत की मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में मजबूती बनी रहेगी। हालांकि अमेरिकी टैरिफ जैसी चुनौतियां जरूर मुश्किल खड़ी कर सकती हैं। लेकिन भारत की अर्थव्यवस्था की गति और स्थानीय मांग इस सेक्टर को आगे भी मजबूती देती रहेगी।

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Apple AI Search Engine: Apple का नया AI सर्च टूल तैयार, ChatGPT और Perplexity को देगा सीधी टक्कर

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Apple AI Search Engine: Apple का नया AI सर्च टूल तैयार, ChatGPT और Perplexity को देगा सीधी टक्कर

Apple AI Search Engine: हर कंपनी अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दौड़ में आगे रहने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। लंबे समय से चर्चा थी कि एप्पल AI स्टार्टअप Perplexity को खरीद सकता है। हालांकि यह डील अभी तक फाइनल नहीं हुई है। लेकिन अब खबर आई है कि एप्पल अपनी खुद की AI सर्च टूल के जरिए ChatGPT और Perplexity जैसे लोकप्रिय AI टूल्स को कड़ी टक्कर दे सकता है।

“World Knowledge Answers” के साथ नई खोज

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, एप्पल अगले साल अपना AI सर्च टूल लॉन्च कर सकता है। इस नए टूल का नाम “World Knowledge Answers” हो सकता है। इसका उद्देश्य यूजर्स को हर विषय पर जानकारी प्रदान करना है। यह एडवांस्ड AI टूल रिजल्ट्स को संक्षेप में समझाने में भी सक्षम होगा। ध्यान देने वाली बात यह है कि यह टूल यूजर्स के पर्सनल डेटा का इस्तेमाल करेगा ताकि व्यक्तिगत और कस्टमाइज्ड असिस्टेंस दी जा सके।

Apple AI Search Engine: Apple का नया AI सर्च टूल तैयार, ChatGPT और Perplexity को देगा सीधी टक्कर

Siri में एप्पल का AI टूल

रिपोर्ट्स के अनुसार, एप्पल इस एडवांस्ड AI टूल को Siri वॉइस असिस्टेंट में भी शामिल कर सकता है। इसके अलावा यह Safari ब्राउज़र और Spotlight में भी जोड़ा जा सकता है। कंपनी के कुछ अधिकारियों का कहना है कि इसे एक “Answer Engine” के रूप में देखा जा रहा है। इसका मकसद Siri और एप्पल के ऑपरेटिंग सिस्टम को ऐसा प्लेटफॉर्म बनाना है जहां यूजर्स आसानी से अपने सभी सवालों के जवाब पा सकें, बिल्कुल वैसे जैसे ChatGPT, Perplexity और Google AI Mode लोगों की मदद कर रहे हैं।

Siri के लिए एप्पल की नई योजना

एप्पल तीन मुख्य फीचर्स पर काम कर रहा है ताकि Siri को और भी स्मार्ट बनाया जा सके। पहला फीचर Planner है, जो यूजर के वॉइस और टेक्स्ट इनपुट को समझ कर यह तय करेगा कि कैसे प्रतिक्रिया दें। दूसरा फीचर Search System है, जो वेब और यूजर के पर्सनल डेटा को स्कैन करेगा। तीसरा फीचर Summarize है, जो यूजर के पूछे गए सवालों के जवाब में सभी जानकारी को संक्षेप में प्रस्तुत करेगा।

AI सर्च टूल से भविष्य की उम्मीदें

एप्पल का यह नया AI सर्च टूल न केवल ChatGPT और Perplexity के लिए चुनौती साबित होगा, बल्कि यूजर्स के लिए इंटरनेट पर जानकारी प्राप्त करने के तरीके को भी बदल सकता है। व्यक्तिगत डेटा का इस्तेमाल करके यह टूल कस्टमाइज्ड और अधिक सटीक जानकारी देगा। आने वाले समय में यह देखा जाएगा कि एप्पल की यह पहल AI तकनीक की दुनिया में कितनी क्रांति ला पाती है और Siri को नए स्तर पर पहुंचाती है।

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Stock Market में जोरदार उछाल, सेंसेक्स 250 अंक बढ़ा, निफ्टी और ये स्टॉक्स भी चमके

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Stock Market में जोरदार उछाल, सेंसेक्स 250 अंक बढ़ा, निफ्टी और ये स्टॉक्स भी चमके

शुक्रवार को घरेलू Stock Market मजबूत शुरुआत के साथ खुले। बीएसई सेंसेक्स सुबह 9:23 बजे 80,968.45 अंकों पर ट्रेड कर रहा था, जिसमें 250.44 अंकों का उछाल देखा गया। इसी तरह एनएसई निफ्टी भी 24,804.10 अंकों पर ट्रेड कर रहा था, जिसमें 69.8 अंकों की तेजी दर्ज की गई। शुरुआती कारोबार में निफ्टी के सबसे लाभकारी शेयरों में ट्रेंट, एशियन पेंट्स, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, टाटा मोटर्स और जियो फाइनेंशियल शामिल रहे, जबकि टाटा कंज्यूमर, अपोलो हॉस्पिटल्स, एचयूएल, एनटीपीसी और टाइटन कंपनी के शेयर घाटे में रहे।

सेंसेक्स कंपनियों की स्थिति

सेंसेक्स कंपनियों में महिंद्रा एंड महिंद्रा, ट्रेंट, टाटा मोटर्स, एशियन पेंट्स, पावर ग्रिड और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में तेजी रही। वहीं आईटीसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एनटीपीसी और सन फार्मा के शेयर पीछे रहे। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स फ्लैट ट्रेड कर रहे हैं। बाजार में तेजी का एक कारण जीएसटी काउंसिल द्वारा 22 सितंबर से कर स्लैब में कटौती को भी माना जा रहा है। इस कदम से बाजार में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

Stock Market में जोरदार उछाल,  सेंसेक्स 250 अंक बढ़ा, निफ्टी और ये स्टॉक्स भी चमके

एशियाई बाजार की स्थिति

एशियाई बाजारों में भी आज सकारात्मक रुझान देखा गया। दक्षिण कोरिया का कोस्पी, जापान का निक्केई 225, शंघाई का SSE कंपोजिट इंडेक्स और हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स सभी सकारात्मक क्षेत्र में ट्रेड कर रहे थे। अमेरिका के बाजार गुरुवार को लाभ के साथ बंद हुए। वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड में 0.18 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई और यह $66.87 प्रति बैरल पर था।

रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले मजबूत

विदेशी मुद्रा बाजार में शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 1 पैसा मजबूत होकर 88.11 पर पहुंच गया। डॉलर की कमजोरी और वैश्विक स्तर पर क्रूड तेल की कीमतों में गिरावट के कारण रुपया मजबूती दिखा। हालांकि, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) के लगातार निकासी के कारण स्थानीय मुद्रा में और अधिक तेजी सीमित रही। घरेलू शेयर बाजार में सकारात्मक भावना ने भी रुपया सपोर्ट किया।

बाजार और मुद्रा का समग्र प्रभाव

इंटरबैंक फॉरेक्स मार्केट में रुपया 88.11 पर खुला और फिर 88.15 तक गिरा, लेकिन बाद में वापस 88.11 पर आ गया, जिससे पिछले बंद की तुलना में 1 पैसे की तेजी दर्ज हुई। बाजार में सेंसेक्स और निफ्टी की तेजी से निवेशकों का आत्मविश्वास बढ़ा है। जीएसटी स्लैब में कटौती और एशियाई बाजारों में सुधार से घरेलू निवेशकों को लाभ होने की संभावना है। साथ ही रुपया भी स्थिर होकर डॉलर के मुकाबले मजबूती दिखा रहा है, जो आर्थिक गतिविधियों और विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करेगा।

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GST कटौती का बड़ा असर, शेयर बाजार में छलांग, Sensex 81,000 पार

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GST कटौती का बड़ा असर, शेयर बाजार में छलांग, Sensex 81,000 पार

बुधवार को GST दरों में कटौती की घोषणा का असर गुरुवार को घरेलू शेयर बाजार में साफ देखा गया। बाजार ने जबरदस्त तेजी के साथ कारोबार की शुरुआत की। सुबह 9:27 बजे बीएसई सेंसेक्स 81,141.67 के स्तर पर 573.96 अंकों की मजबूती के साथ ट्रेड कर रहा था। इसी तरह, एनएसई निफ्टी भी 24,877.10 के स्तर पर 162.05 अंकों की बढ़त के साथ ट्रेड कर रहा था। बुधवार को जीएसटी काउंसिल ने घोषणा की थी कि अब केवल दो स्लैब होंगे, 5% और 18%, जबकि लक्जरी वस्तुओं पर 40% कर लागू किया गया। इस कटौती की घोषणा से बाजार में निवेशकों का मनोबल बढ़ा।

निफ्टी में प्रमुख लाभार्थी और हानिकारक स्टॉक्स

4 सितंबर की शुरुआती ट्रेडिंग में निफ्टी में बाजाज फाइनेंस, एचयूएल, ग्रासिम इंडस्ट्रीज, बजाज फिनसर्व और ट्रेंट जैसे शेयर प्रमुख लाभार्थियों के रूप में उभरे। वहीं, एनटीपीसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, एचसीएल टेक्नोलॉजीज और ओएनजीसी के शेयरों में गिरावट देखी गई। इसके अलावा बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स स्थिर नजर आए। सेक्टोरल लेवल पर ऑटो और एफएमसीजी इंडेक्स लगभग 2-2% बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे, जबकि मेटल और ऑयल व गैस सेक्टर दबाव में थे।

GST कटौती का बड़ा असर, शेयर बाजार में छलांग, Sensex 81,000 पार

एफएमसीजी और लाइफ इंश्योरेंस स्टॉक्स में तेजी

जीएसटी कटौती के बाद आज सबसे अधिक लाभ एफएमसीजी स्टॉक्स में देखा गया। ब्रिटानिया, कोलगेट और एमामी जैसे शेयरों में मजबूत तेजी रही। इसी तरह, लाइफ इंश्योरेंस सेक्टर के शेयरों में भी मजबूती देखी गई। एलआईसी, एचडीएफसी लाइफ और एसबीआई लाइफ समेत अन्य कंपनियों के शेयरों में 10% तक की बढ़त दर्ज की गई। यह तेजी निवेशकों के भरोसे और बाजार में सुधार के संकेत के रूप में देखी जा रही है।

रुपया कमजोर, डॉलर के मुकाबले 1 पैसा गिरा

गुरुवार को सुबह के कारोबार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 1 पैसे गिरकर 88.03 पर आ गया। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) के लगातार निकासी और डॉलर की मजबूती के चलते रुपए में कमजोरी देखी गई। विदेशी मुद्रा व्यापारियों के अनुसार, जीएसटी दरों में कटौती से बाजार में निवेशकों का मनोबल बढ़ा और साथ ही वैश्विक तेल की कीमतों में गिरावट ने स्थानीय मुद्रा में गिरावट को सीमित किया। इंटरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में घरेलू मुद्रा ने 88.09 के स्तर से कमजोर होकर खुला और 87.85 तक मजबूत हुई, लेकिन फिर 88.03 पर वापस आ गई।

बाजार के लिए भविष्य की संभावनाएं

विशेषज्ञों का मानना है कि जीएसटी दरों में कटौती के बाद शेयर बाजार में सकारात्मक रुझान बढ़ेगा। निवेशकों का मनोबल मजबूत हुआ है और कई सेक्टर में तेजी जारी रह सकती है। हालांकि, वैश्विक आर्थिक कारक और डॉलर की मजबूती बाजार पर असर डाल सकती है। रुपया और विदेशी निवेशकों की गतिविधियों पर भी नजर रखी जाएगी। निवेशक सतर्क रहते हुए बाजार की चाल को ध्यान में रखकर निवेश करने की सलाह दे रहे हैं। इससे भारतीय बाजार में स्थिरता और निवेशकों की भागीदारी बढ़ सकती है।

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