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India in close consultation with Arab countries as West Asian conflict drags on

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India in close consultation with Arab countries as West Asian conflict drags on
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार (14 नवंबर, 2024) को अबू धाबी में संयुक्त अरब अमीरात के उप प्रधान मंत्री अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान से मुलाकात की।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार (14 नवंबर, 2024) को अबू धाबी में संयुक्त अरब अमीरात के उप प्रधान मंत्री अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान से मुलाकात की। | फोटो क्रेडिट: एएनआई

हाल के सप्ताहों में भारतीय और पश्चिम एशियाई अधिकारियों के बीच आदान-प्रदान की सुगबुगाहट के बीच, दो वरिष्ठ अरब राजनयिकों ने नई दिल्ली में जॉर्डन और मिस्र के दूतावासों में राजदूत पदों का कार्यभार संभाला है, जो भारत के बीच तेजी से हो रहे राजनयिक परामर्श का संकेत देता है। और संघर्षग्रस्त पश्चिम एशियाई क्षेत्र में अग्रणी शक्तियाँ।

जॉर्डन के नए राजदूत यूसुफ मुस्तफा अली अब्देलघानी और मिस्र के नए राजदूत कामेल गलाल के आगमन को राजनयिक दायरे में महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि जॉर्डन और मिस्र दोनों ‘अग्रिम पंक्ति के राज्य’ हैं जिनका बहुत कुछ दांव पर लगा है। गाजा में चल रहा संघर्षवेस्ट बैंक और लेबनान।

यह भी पढ़ें | भारत-मध्य पूर्व-यूरोप गलियारे में लुप्त कड़ियाँ, जैसा कि गाजा युद्ध से पता चला

राजदूत अली अब्देलघानी और राजदूत गलाल अपने साथ लाए गए अनुभव के लिए जाने जाते हैं जो अरब दुनिया के साथ भारत के संबंधों को बनाए रखने के लिए आवश्यक है। जबकि श्री गलाल को काहिरा में विदेश मंत्रालय में फिलिस्तीन डेस्क के प्रभारी होने के अपने अनुभव के लिए जाना जाता है, श्री अब्देलघानी कथित तौर पर अम्मान में विदेश मंत्रालय में आर्थिक विभाग के पूर्व प्रमुख हैं और पहले तुर्की में सेवा कर चुके हैं।

ये नियुक्तियाँ इज़राइल से जुड़े चल रहे संघर्ष और भारत द्वारा संघर्ष की शुरुआत के बाद से क्षेत्रीय हितधारकों के साथ किए गए घनिष्ठ परामर्श के संदर्भ में महत्वपूर्ण हैं। राजनयिक सूत्रों ने जानकारी दी है कि भारत को जल्द ही काहिरा से एक महत्वपूर्ण मंत्री की मेजबानी की उम्मीद है।

सऊदी, यूएई से बातचीत

क्षेत्रीय संवाद को जारी रखते हुए विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने सऊदी अरब के विदेश मंत्री की मेजबानी की13 नवंबर, 2024 को प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद। दोनों पक्षों ने तेल समृद्ध राज्य में रहने वाले 2.65 मिलियन मजबूत भारतीय समुदाय की उपस्थिति पर चर्चा की। दोनों ने भारत-सऊदी अरब रणनीतिक साझेदारी परिषद (एसपीसी) की राजनीतिक, सुरक्षा, सामाजिक और सांस्कृतिक समिति (पीएसएससी) की दूसरी मंत्रिस्तरीय बैठक की भी अध्यक्षता की। श्री जयशंकर की मंत्री अल फरहान के साथ बैठक के बाद 14 नवंबर, 2024 को संयुक्त अरब अमीरात में उनके समकक्ष अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान के साथ उनकी बैठक हुई।

श्री जयशंकर की अपने सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के समकक्षों के साथ बातचीत सऊदी अरब द्वारा अरब और इस्लामी देशों के नेताओं की मेजबानी के ठीक बाद हुई, जहां सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस ने गाजा और लेबनान में इजरायली अभियान को “तत्काल समाप्त” करने की मांग की और निर्माण का आह्वान किया। 1967 की सीमा पर एक फ़िलिस्तीनी राज्य का।

दौरान जी20 शिखर सम्मेलन नई दिल्ली में पिछले साल, सऊदी क्राउन प्रिंस ने आईएमईसी (भारत मध्य पूर्व यूरोप आर्थिक गलियारा) के शुभारंभ में भाग लिया था जिसमें हाइफ़ा का इज़राइली बंदरगाह शामिल होने वाला था। अधिकारी आईएमईसी के भाग्य के बारे में चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन यह स्पष्ट है कि गाजा पट्टी में लंबे समय तक इजरायली अभियान और लेबनान में इजरायली हमलों ने इस पहल पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है।

फिलिस्तीन में भारतीय दूत के रूप में काम कर चुके पूर्व राजनयिक डॉ. ज़िक्रुर रहमान ने बताया कि सऊदी अरब ने कभी भी औपचारिक रूप से इज़राइल के साथ जुड़ाव नहीं किया है और दी गई परिस्थितियों में ऐसा करने की संभावना नहीं है।

“जब तक फ़िलिस्तीनी मुद्दा हल नहीं हो जाता, तब तक सऊदी अरब द्वारा इज़राइल के साथ कोई राजनयिक संबंध खोलने का कोई सवाल ही नहीं है क्योंकि सऊदी अरब के लिए यह देखना बहुत महत्वपूर्ण है कि वह दो-राज्य समाधान पर अपना सैद्धांतिक रुख अपनाए, जिसका राजा अब्दुल्ला ने समर्थन किया था। , लागू किया गया है, जिससे फिलिस्तीनी राज्य का निर्माण होगा, और फिलिस्तीनी शरणार्थियों की वापसी पर एक सूत्र पर सहमति बनी है, ”डॉ रहमान ने कहा।

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Iran and Israel War: OIC की बैठक सिर्फ दिखावा Mehbooba Mufti बोलीं- ट्रंप को नोबेल देने वाला पाकिस्तान अब पछता रहा होगा

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Iran and Israel War: OIC की बैठक सिर्फ दिखावा Mehbooba Mufti बोलीं- ट्रंप को नोबेल देने वाला पाकिस्तान अब पछता रहा होगा

Iran and Israel War: ईरान और इज़राइल के बीच लगातार बढ़ते तनाव पर शनिवार को इस्लामिक सहयोग संगठन यानी OIC की बैठक इस्तांबुल में हुई। इस बैठक में दोनों देशों के बीच हो रहे हमलों और बढ़ती हिंसा पर चर्चा हुई। लेकिन जैसे हर बार होता है इस बार भी OIC ने सिर्फ बयानबाज़ी की और कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इसी पर जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने OIC की आलोचना करते हुए कहा कि यह सिर्फ जुबानी जमा-खर्च तक ही सीमित रही।

महबूबा मुफ़्ती ने साधा पाकिस्तान पर निशाना

महबूबा मुफ़्ती ने पाकिस्तान को लेकर भी तंज कसते हुए कहा कि जो देश डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए सिफारिश करने में सबसे आगे था उसे अब जरूर पछताना पड़ रहा होगा। उन्होंने कहा कि ईरान पर हमले के बाद OIC की भूमिका शर्मनाक रही और इस्लामी देशों को मिलकर कोई ठोस कदम उठाना चाहिए था। लेकिन हर बार की तरह इस बार भी सिर्फ प्रेस रिलीज़ और बयानबाज़ी तक ही मामला सीमित रह गया।

ट्रंप की वजह से और बिगड़ा मामला

महबूबा मुफ़्ती ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर भी हमला बोला और कहा कि उन्होंने ईरान पर हमला करके हालात और बिगाड़ दिए। उन्होंने कहा कि इस हमले से पूरे क्षेत्र में एक बार फिर हिंसा की लहर चल पड़ी है और यह स्थिति एक वैश्विक युद्ध की ओर इशारा कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत जैसे देश को इस समय एक ऐतिहासिक और सैद्धांतिक भूमिका निभानी चाहिए थी लेकिन दुर्भाग्यवश भारत इस पूरे मामले में न सिर्फ चुप है बल्कि कहीं ना कहीं हमलावर के पक्ष में खड़ा भी दिखाई दे रहा है।

पाकिस्तानी जनरल ने ट्रंप को नोबेल के लिए कहा था

महबूबा मुफ़्ती ने हाल ही में हुई एक मुलाकात का जिक्र भी किया जिसमें अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल मुनीर की बैठक हुई थी। इस बैठक में मुनीर ने ट्रंप से कहा था कि वे उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करेंगे। लेकिन कुछ ही दिनों बाद अमेरिका ने ईरान पर हमला कर दिया। महबूबा ने कहा कि अब पाकिस्तान को भी यह महसूस हो रहा होगा कि उसने ट्रंप को लेकर जो समर्थन दिया था वह एक भूल थी।

ईरान पर अमेरिका का बड़ा हमला और चेतावनी

ईरान-इज़राइल के बीच की लड़ाई में अब अमेरिका भी खुलकर कूद चुका है। डोनाल्ड ट्रंप ने खुद कहा कि अमेरिका ने ईरान के तीन न्यूक्लियर ठिकानों पर हमला किया है। ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी है कि वह शांति का रास्ता अपनाए वरना उसके लिए गंभीर परिणाम होंगे। इस बीच पाकिस्तान की भूमिका भी संदिग्ध बनी हुई है क्योंकि वो अब खुले तौर पर इस लड़ाई का हिस्सा बनता दिख रहा है।

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International Yoga Day: भयानक एक्सीडेंट से उबरने की कहानी, शिवराज ने बताया योग से कैसे मिली नई जिंदगी

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International Yoga Day: भयानक एक्सीडेंट से उबरने की कहानी, शिवराज ने बताया योग से कैसे मिली नई जिंदगी

International Yoga Day: 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर दिल्ली के पूसा कैंपस में भव्य योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी भाग लिया और खुद योग करते नजर आए। कार्यक्रम में कृषि विभाग के अधिकारी, कर्मचारी और ‘लखपति दीदी’ योजना से जुड़ी महिलाएं भी बड़ी संख्या में शामिल हुईं और सबने मिलकर योग किया।

शिवराज ने दी देशवासियों को शुभकामनाएं

योग कार्यक्रम के दौरान शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैं सभी देशवासियों और पूरे विश्व को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि मैं उन सभी योग गुरुओं को नमन करता हूं जिन्होंने इस विद्या को पूरी दुनिया तक पहुंचाया, खासकर महर्षि पतंजलि को। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी आभार जताया और कहा कि उनके प्रयासों की वजह से आज योग को वैश्विक पहचान मिली है।

हादसे के बाद योग ने दी नई जिंदगी

शिवराज सिंह चौहान ने अपनी निजी जिंदगी का एक अहम अनुभव भी साझा किया। उन्होंने बताया कि एक भयानक एक्सीडेंट के बाद जब वह अस्पताल में थे, तो सोचते थे कि क्या वे कभी फिर से ठीक से चल पाएंगे। लेकिन योग ने उन्हें इतना सक्षम बना दिया कि आज वे आराम से चल सकते हैं, काम कर सकते हैं और खुद को पूरी तरह स्वस्थ महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि यह योग की चमत्कारी ताकत है।

योग से शरीर, मन और आत्मा का मेल

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि योग केवल शरीर की एक्सरसाइज नहीं है, बल्कि ये शरीर, मन और आत्मा का संतुलन है। योग से जीवन में शांति और स्थिरता आती है। उन्होंने कहा कि हमें स्वस्थ और खुश रहने के लिए योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि हम अपने सारे काम शरीर से करते हैं और अगर शरीर स्वस्थ नहीं होगा तो कुछ भी ठीक से नहीं हो सकता।

ईश्वर से जुड़ने का माध्यम है योग

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि योग से न केवल शरीर स्वस्थ होता है बल्कि बुद्धि भी तेज होती है और मन भी शांत रहता है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर हम इससे भी आगे सोचें, तो योग आत्मा को परमात्मा से जोड़ने का एक माध्यम है। इसीलिए हर किसी को योग को अपनाना चाहिए और इसे अपने जीवन का हिस्सा बना लेना चाहिए।

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Draupadi Murmu 67th Birthday: 67 की उम्र में राष्ट्रपति मुर्मू का बड़ा फैसला! उत्तराखंड को मिलेगा यादगार तोहफा, जन्मदिन के मौके पर देश को मिला एक बड़ा संदेश

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Draupadi Murmu 67th Birthday: 67 की उम्र में राष्ट्रपति मुर्मू का बड़ा फैसला! उत्तराखंड को मिलेगा यादगार तोहफा, जन्मदिन के मौके पर देश को मिला एक बड़ा संदेश

Draupadi Murmu 67th Birthday: भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज 67 साल की हो गई हैं। उनका जन्म 20 जून 1958 को हुआ था। इस खास मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सहित कई बड़े नेताओं ने उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दी हैं। राष्ट्रपति इस बार अपना जन्मदिन उत्तराखंड में मना रही हैं। वे देहरादून के राजपुर रोड स्थित राष्ट्रपति निकेतन में जन्मदिन का जश्न मनाएंगी। खास बात यह है कि वे इस दिन उत्तराखंड के लोगों को एक अनोखा तोहफा भी देने जा रही हैं।

132 एकड़ में बनेगा आधुनिक पब्लिक पार्क, राष्ट्रपति रखेंगी नींव

जन्मदिन के दिन राष्ट्रपति मुर्मू एक बड़े सार्वजनिक पार्क की नींव रखने जा रही हैं जो कि 132 एकड़ में फैला होगा। ये पार्क देहरादून के लोगों के लिए आधुनिक सुविधाओं से लैस एक मनोरंजक स्थल बनकर उभरेगा। इससे पहले भी राष्ट्रपति मुर्मू ने जनकल्याण से जुड़े कई कामों में अपनी भूमिका निभाई है और यह एक और उदाहरण है उनकी सेवा भावना का। वे हमेशा से पर्यावरण और प्रकृति से जुड़े मुद्दों पर संवेदनशील रही हैं और यह पार्क उसी सोच का हिस्सा है।

पीएम मोदी और खड़गे ने दी शुभकामनाएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति को बधाई देते हुए लिखा, “राष्ट्रपति को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। उनका जीवन और नेतृत्व देश के करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। समाज सेवा, सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के लिए उनका समर्पण हम सभी के लिए एक आशा की किरण है।” वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से माननीय राष्ट्रपति को जन्मदिन की शुभकामनाएं। उनका अनुभव और समर्पण देश को सच्चाई और न्याय के मार्ग पर अग्रसर करता रहे।”

योग दिवस पर भी होंगी शामिल, देवभूमि में तीन दिन का प्रवास

राष्ट्रपति मुर्मू 21 जून तक उत्तराखंड में रहेंगी। इस दौरान वे कई विकास योजनाओं की नींव रखेंगी और कुछ का उद्घाटन भी करेंगी। 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर वे देहरादून के पुलिस लाइन मैदान में योग कार्यक्रम में भाग लेंगी। अपने जन्मदिन की शुरुआत वे राजपुर रोड पर स्थित शिव मंदिर में पूजा करके करेंगी। पिछले साल उन्होंने जगन्नाथ मंदिर में दर्शन से अपने जन्मदिन की शुरुआत की थी।

देहरादून में सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम, धारा 163 लागू

राष्ट्रपति के देहरादून आगमन को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था बेहद सख्त कर दी गई है। शहर में धारा 163 लागू की गई है। पिछली बार जब वे यहां आई थीं तो चोरी की एक घटना के चलते काफी हंगामा हुआ था। इस बार पुलिस प्रशासन ने ऐसे किसी भी हालात से निपटने के लिए पहले से पूरी तैयारी कर ली है। राष्ट्रपति के तीन दिवसीय प्रवास को लेकर देहरादून पूरी तरह तैयार है और लोग भी इस ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बनने को उत्साहित हैं।

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