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IFFI 2024: A star-studded 55th International Film Festival of India kicks off in Goa

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IFFI 2024: A star-studded 55th International Film Festival of India kicks off in Goa
55वें भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में भारतीय सिनेमा में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए तपन सिन्हा, मोहम्मद रफी, अक्किनेनी नागेश्वर राव और राज कपूर को सम्मानित करने वाले स्मारक टिकटों के अनावरण के दौरान गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत तेलुगु फिल्म अभिनेता नागार्जुन और फिल्म निर्माता शेखर कपूर के साथ। गोवा 20 नवंबर, 2024)।

55वें भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में भारतीय सिनेमा में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए तपन सिन्हा, मोहम्मद रफी, अक्किनेनी नागेश्वर राव और राज कपूर को सम्मानित करने वाले स्मारक टिकटों के अनावरण के दौरान गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत तेलुगु फिल्म अभिनेता नागार्जुन और फिल्म निर्माता शेखर कपूर के साथ। गोवा 20 नवंबर, 2024)। | फोटो साभार: पीटीआई

भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) का 55वां संस्करण बुधवार को गोवा के पणजी में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी इंडोर स्टेडियम में सितारों से सजे उद्घाटन समारोह के साथ शुरू हुआ।

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और सूचना एवं प्रसारण सचिव संजय जाजू ने आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर, महोत्सव निदेशक शेखर कपूर और अन्य की उपस्थिति में नौ दिवसीय उत्सव का उद्घाटन किया।

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव और राज्य मंत्री एल मुरुगन ने वीडियो संदेश भेजा.

उत्सव की शुरुआत एक नृत्य से हुई, जिसमें भारत की आध्यात्मिकता में उत्कृष्टता की खोज और दुनिया का आध्यात्मिक नेता होने के लिए श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

कई प्रमुख अभिनेता, निर्माता और फिल्म निर्माता, जिनमें नागार्जुन अक्किनेनी, अमला अक्किनेनी, जयदीप अहलावत, बोमन ईरानी, ​​राजकुमार राव, आर. सरथकुमार, सुभाष घई, निथ्या मेनन, अमर कौशिक, जयम रवि, रणदीप हुडा, आरके सेल्वमनी, चिदानंद एस शामिल हैं। नाइक, इशारी के. गणेश और प्रणिता सुभाष को सम्मानित किया गया।

‘कहानियों की शक्ति’

श्री कपूर ने ध्रुवीकृत दुनिया में एकता की भाषा के रूप में कहानियों की शक्ति के बारे में बात की।

“राष्ट्रों और समुदायों के भीतर, हम कहानियों के माध्यम से एक-दूसरे से बात करते हैं। कहानियाँ वह हैं जिनसे हम एक-दूसरे से संवाद करते हैं और एक-दूसरे को समझते हैं, ”उन्होंने कहा।

इस कार्यक्रम में श्री ईरानी ने भारत के कुछ महानतम सिनेमा दिग्गजों – मोहम्मद रफ़ी, तपन सिन्हा, अक्किनेनी नागेश्वर राव और राज कपूर को श्रद्धांजलि देने के लिए मंच संभाला।

इन किंवदंतियों का जश्न मनाने के लिए भारत सरकार द्वारा पेश किए गए विशेष स्मारक टिकटों का अनावरण किया गया।

डॉ. सावंत ने कहा, “जब से पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर गोवा में आईएफएफआई लाए, तब से आईएफएफआई और गोवा दोनों पर्याय बन गए हैं। मैं तब से गोवा में हुए सभी विकासों के लिए आभारी हूं।

एक वीडियो संदेश के माध्यम से, श्री वैष्णव ने कहा कि आईएफएफआई भारतीय फिल्म उद्योग में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बन गया है।

उन्होंने कहा, “हमारे पास एक जीवंत सामग्री अर्थव्यवस्था है, जहां लोग भारत की समृद्ध परंपराओं, संस्कृति, विरासत, भाषा, साहित्य और व्यंजनों को प्रदर्शित करने वाली कुछ बहुत ही नवीन सामग्री लेकर आ रहे हैं।”

चार स्थानों पर होने वाला आईएफएफआई का 55वां संस्करण 28 नवंबर तक चलेगा।

इस वर्ष महोत्सव को 101 देशों से 1,676 प्रविष्टियाँ प्राप्त हुई हैं। नौ दिवसीय महोत्सव में 81 देशों के 180 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय शीर्षक प्रस्तुत किए जाएंगे, जिनमें विश्व में 16 प्रीमियर, अंतर्राष्ट्रीय में तीन, एशियाई में 43 और भारतीय श्रेणियों में 109 प्रीमियर शामिल हैं।

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विशेष रूप से, आयोजकों ने इस वर्ष गोवा की फिल्मों का जश्न मनाने के लिए एक खंड शामिल किया है, जिसके तहत 14 फिल्में दिखाई जाएंगी।

स्क्रीन ऑस्ट्रेलिया और एनएफडीसी के बीच एक समझौता ज्ञापन के माध्यम से भारत के साथ अपने सहयोग को बढ़ावा देने के लिए महोत्सव ने इस वर्ष ऑस्ट्रेलिया को फोकस देश के रूप में चुना है।

यह भी पढ़ें: फिल्म निर्माता शेखर कपूर को IFFI महोत्सव का निदेशक नियुक्त किया गया

पैट्रियट गेम्स, क्लियर एंड प्रेजेंट डेंजर, साल्ट और द बोन कलेक्टर जैसी प्रतिष्ठित फिल्में बनाने के लिए जाने जाने वाले प्रसिद्ध ऑस्ट्रेलियाई निर्देशक फिलिप नॉयस को सत्यजीत रे लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया जाने वाला है।

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Nushrat Bharucha: योगा डे पर नहीं किया आसन, लेकिन जूते उतरवाने पर हुआ भारी हंगामा – वीडियो देख लोग बोले- शर्म करो!

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Nushrat Bharucha: योगा डे पर नहीं किया आसन, लेकिन जूते उतरवाने पर हुआ भारी हंगामा – वीडियो देख लोग बोले- शर्म करो!

Nushrat Bharucha: 21 जून को पूरी दुनिया में 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया और सोशल मीडिया योगा पोज़ और इवेंट्स की तस्वीरों से भर गया। बॉलीवुड सितारे भी इस दिन को खास बनाने में पीछे नहीं रहे। कहीं शिल्पा शेट्टी योगा करती दिखीं तो कहीं अनुपम खेर ने न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वेयर में हज़ारों लोगों के साथ योग किया। इसी बीच अभिनेत्री नुसरत भरूचा भी एक योगा इवेंट में शामिल हुईं लेकिन वहां उन्होंने एक ऐसा काम कर दिया जिसकी वजह से वो सोशल मीडिया पर बुरी तरह ट्रोल हो गईं।

जूते उतारने में दो लोगों की मदद ने मचाया बवाल

दरअसल नुसरत सफेद रंग की ड्रेस और मैचिंग शूज़ पहनकर इवेंट में पहुंचीं। जब बाकी लोग अपनी योगा मैट पर जगह लेने लगे तो नुसरत भी वहां पहुंचीं। लेकिन जैसे ही उन्होंने अपने शूज़ उतारने की कोशिश की वैसे ही वहां मौजूद दो लड़कियां उनकी मदद करने लगीं। एक लड़की घुटनों पर बैठकर उनके जूते के फीते खोलती दिखी और दूसरी उनके हाथों को पकड़कर उन्हें संतुलन देने लगी। नुसरत खुद भी थोड़ी झुकीं लेकिन जूते उतारने का पूरा काम उन दो लड़कियों ने किया।

 

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वीडियो वायरल होते ही मचा सोशल मीडिया पर हंगामा

इस पूरे वाकये का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। जैसे ही यह वीडियो सामने आया लोगों ने नुसरत की क्लास लगानी शुरू कर दी। किसी ने कहा कि ‘अगर आप खुद झुककर जूते नहीं उतार सकतीं तो योग कैसे करेंगी।’ वहीं कुछ लोगों ने इसे दिखावा और स्टारडम का घमंड बता दिया। कुछ ने ये भी कहा कि योग का मतलब ही है खुद को साधना और अनुशासन में लाना लेकिन नुसरत का यह अंदाज तो उल्टा संदेश दे रहा है।

सच क्या है ये अभी तक साफ नहीं

हालांकि अभी तक इस वायरल वीडियो की पूरी सच्चाई सामने नहीं आई है। ये भी हो सकता है कि नुसरत को उनके शूज़ में झुकने में तकलीफ हो रही हो या उनके जूते इतने टाइट रहे हों कि खुद से खोलना मुश्किल हो गया हो। इन तमाम अटकलों के बीच नुसरत ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। अब देखना यह है कि क्या नुसरत इस मामले पर कुछ सफाई देती हैं या ट्रोलिंग को नजरअंदाज करती हैं।

स्टार्स से होती है उम्मीद पर इस बार नाखुश हुए फैंस

योग दिवस एक ऐसा दिन है जब लोग सेल्फ डिसिप्लिन और हेल्थ को सेलिब्रेट करते हैं। ऐसे में जब कोई सेलेब्रिटी इस तरह की हरकत करता है तो लोग उसे गंभीरता से लेते हैं। आमतौर पर फिटनेस और योग के लिए चर्चित नुसरत से लोगों को बेहतर व्यवहार की उम्मीद थी। शायद इस छोटी सी चूक ने उनकी छवि पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उम्मीद है कि वह इस मामले से कुछ सीखेंगी और आगे बेहतर उदाहरण पेश करेंगी।

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Sanvika: आउटसाइडर होने का दर्द! रिंकी की सच्चाई ने खोल दी इंडस्ट्री की परतें

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Sanvika: आउटसाइडर होने का दर्द! रिंकी की सच्चाई ने खोल दी इंडस्ट्री की परतें

Sanvika: पंचायत सीरीज की रिंकी यानी अभिनेत्री संविका ने हाल ही में एक भावुक इंस्टाग्राम पोस्ट शेयर की है जिसने सबका ध्यान खींचा है। इस पोस्ट में उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में एक बाहरी व्यक्ति होने के दर्द को बयां किया है। उन्होंने लिखा कि काश उनका भी कोई फिल्मी बैकग्राउंड होता या वो किसी पावरफुल परिवार से होती तो शायद उनका सफर थोड़ा आसान होता। उन्होंने यह भी कहा कि बाहरी लोगों को सम्मान और बराबरी के हक के लिए भी लड़ाई लड़नी पड़ती है।

इंस्टाग्राम स्टोरी में छिपा दर्द

संविका ने अपनी इंस्टा स्टोरी में लिखा कि कभी-कभी लगता है काश मैं कोई इनसाइडर होती या बहुत पावरफुल बैकग्राउंड से आती तो शायद चीजें आसान होतीं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बाहरी होने के नाते उन्हें बहुत सारी बेसिक लड़ाइयाँ लड़नी पड़ीं जैसे कि सिर्फ बराबरी का सम्मान मिलना। उन्होंने अंत में लिखा “Stay Strong” यानी मजबूत रहो जिससे साफ पता चलता है कि वो फिलहाल किसी इमोशनल दौर से गुजर रही हैं।

संविका की असली पहचान

संविका का असली नाम बहुत लोगों को नहीं पता लेकिन पंचायत में रिंकी के रोल ने उन्हें एकदम लोकप्रिय बना दिया। वे सीरीज में प्रधान जी और मंजू देवी की बेटी के किरदार में नजर आती हैं। असल जिंदगी में संविका मध्यप्रदेश के जबलपुर की रहने वाली हैं और उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। लेकिन उन्हें कभी भी ऑफिस में बैठकर नौकरी करना पसंद नहीं था।

मुंबई का संघर्ष और पहला ब्रेक

संविका ने एक यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू में बताया था कि जब उन्होंने एक्टिंग करने का फैसला किया तो उन्होंने अपने पेरेंट्स से कहा कि वे बेंगलुरु में जॉब के लिए जा रही हैं जबकि असल में वे मुंबई आ गई थीं। मुंबई में उन्हें कई रिजेक्शन झेलने पड़े लेकिन फिर उन्हें एक आउटफिट असिस्टेंट डायरेक्टर की नौकरी मिली। इसके साथ-साथ वे ऑडिशन भी देती रहीं और कुछ हफ्तों बाद उन्हें एक ऐड में काम मिला।

‘रिंकी’ ने बदली जिंदगी

संविका को असली पहचान मिली पंचायत में रिंकी का रोल मिलने से। इस किरदार के बाद उन्हें सोशल मीडिया पर काफी सराहा गया। इसके बाद उन्होंने कई वेब शो किए जिनमें ‘लखन लीला भार्गव’ और ‘हजामत’ जैसे शो शामिल हैं जिनमें रवि दुबे भी नजर आए। अब वो पंचायत सीजन 4 के लिए तैयार हैं जो 24 जून को अमेज़न प्राइम वीडियो पर रिलीज़ होगा। संविका ने भले ही एक लंबा सफर तय किया हो लेकिन उनका ये जज्बा हर उस लड़की को हिम्मत देता है जो अपने सपनों को सच करना चाहती है।

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Taare Zameen Par: 8 साल की खामोशी के बाद पर्दे पर फिर गूंजा आमिर का नाम! जानिए कैसी रही उनकी फिल्म की शुरुआत

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Taare Zameen Par: 8 साल की खामोशी के बाद पर्दे पर फिर गूंजा आमिर का नाम! जानिए कैसी रही उनकी फिल्म की शुरुआत

आमिर खान की नई फिल्म ‘Taare Zameen Par’ आज सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है और पहले ही दिन लोगों की जबरदस्त प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी हैं। जो लोग सुबह के पहले शो में फिल्म देखने पहुंचे थे उन्होंने इसकी कहानी की खूब तारीफ की है। दर्शकों का कहना है कि आमिर खान एक बार फिर वही पुराने अंदाज़ में लौटे हैं जिनके अभिनय में आदर्श, संदेश और गहरी भावनाएं होती हैं। खुद आमिर ने हाल ही में ‘आप की अदालत’ में बताया था कि उन्होंने यह फिल्म बहुत ईमानदारी से बनाई है और अब वही ईमानदारी पर्दे पर भी साफ नजर आ रही है। सोशल मीडिया पर भी लोग जमकर फिल्म की तारीफ कर रहे हैं।

ईमानदारी से बनी फिल्म को मिला दर्शकों का प्यार

‘सितारे ज़मीन पर’ भले ही एक विदेशी फिल्म ‘चैम्पियन’ की रीमेक है लेकिन लोगों ने इसे अलग और सच्चे अनुभव के तौर पर लिया है। एक एक्स यूज़र ने लिखा कि ‘यह फिल्म देखने के बाद अच्छा महसूस हुआ। आमिर खान ने इसे बहुत ईमानदारी से बनाया है और 10 नए कलाकारों ने भी कमाल कर दिया।’ एक महिला दर्शक ने कहा कि ‘यह फिल्म हर किसी को देखनी चाहिए। एक महिला के नज़रिए से ये बहुत भावुक कहानी है।’ वहीं एक अन्य फैन ने कहा कि ‘फिल्म में सच्चाई है, भावना है और एक मजबूत संदेश है। ऐसा लग रहा है जैसे पुराना आमिर खान लौट आया हो।’

8 साल बाद आमिर की दमदार वापसी

आमिर खान लंबे वक्त तक बॉक्स ऑफिस के बादशाह रहे हैं और उनकी फिल्म ‘दंगल’ आज भी सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली फिल्म मानी जाती है। लेकिन 2017 के बाद आमिर की फिल्मों का सफर कुछ खास नहीं रहा। ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ और ‘लाल सिंह चड्ढा’ जैसी बड़ी फिल्में फ्लॉप रहीं। इसके बाद आमिर डिप्रेशन जैसी समस्याओं से भी जूझते रहे और उन्होंने खुद को समय देने के लिए ब्रेक लिया। परिवार के साथ वक्त बिताया और खुद को ठीक किया। अब 8 साल बाद आमिर खान ने ज़बरदस्त वापसी की है और दर्शकों का दिल एक बार फिर जीत लिया है।

हिट होगी या नहीं इसका फैसला दर्शकों पर

फिल्म को लेकर लोगों की प्रतिक्रियाएं ज़्यादातर सकारात्मक हैं। कुछ लोगों ने इसे औसत से थोड़ी बेहतर बताया है लेकिन तारीफें अब भी भारी पड़ रही हैं। आज का दिन फिल्म के रिव्यू और पब्लिक रिएक्शन का होगा और शाम तक इसकी कमाई का अंदाज़ा लग जाएगा। फिल्म के डायरेक्टर आर एस प्रसन्ना पहले भी इमोशनल कहानियों को दिल तक पहुंचाने में माहिर रहे हैं। ऐसे में ये उम्मीद की जा सकती है कि ‘सितारे ज़मीन पर’ भी बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन करेगी।

एक अभिनेता से बढ़कर कहानीकार बने आमिर

आमिर खान इस फिल्म में सिर्फ एक अभिनेता नहीं बल्कि एक गहरे सोच वाले कहानीकार के रूप में नज़र आ रहे हैं। डायरेक्टर आशुतोष गोवारिकर ने भी आमिर की तारीफ करते हुए कहा है कि वे उम्र, अनुभव और आदर्शों से कहीं आगे की सोच रखते हैं। फिल्म देखकर ऐसा महसूस होता है कि आमिर खान अब अभिनय को एक सामाजिक ज़िम्मेदारी के रूप में ले रहे हैं। एक दर्शक ने तो कैमरे पर कहा कि ‘आमिर खान अब सिर्फ स्टार नहीं रहे, अब वो समाज का आइना बन गए हैं।’

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