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Himachal Budget 2025: किसानों को बड़ी राहत, दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 6 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी

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Himachal Budget 2025: किसानों को बड़ी राहत, दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 6 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी

Himachal Budget 2025: हिमाचल प्रदेश के किसानों को बड़ी राहत देते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) ने बजट 2025 (Himachal Budget 2025) में दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में 6 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की घोषणा की है। इस फैसले के बाद गाय के दूध का मूल्य ₹45 से बढ़कर ₹51 हो गया है, जबकि भैंस के दूध की कीमत ₹55 से बढ़कर ₹61 प्रति लीटर हो गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार गांवों की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके साथ ही कृषि क्षेत्र को मजबूती देने के लिए कई अहम घोषणाएं की गई हैं। प्राकृतिक मक्के (Natural Maize) का न्यूनतम समर्थन मूल्य ₹30 से बढ़ाकर ₹40 किया गया है। प्राकृतिक गेहूं (Natural Wheat) का न्यूनतम समर्थन मूल्य ₹40 से बढ़ाकर ₹60 कर दिया गया है। वहीं, कच्ची हल्दी (Raw Turmeric) का MSP ₹90 प्रति किलोग्राम तय किया गया है।

हमीरपुर में बनेगा स्पाइस पार्क (Spice Park in Hamirpur)

राज्य सरकार ने हमीरपुर जिले के बड़ा पंचायत (Bada Panchayat) में स्पाइस पार्क (Spice Park) के निर्माण का फैसला लिया है। इससे मसाला उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और किसानों को उचित मूल्य पर फसल बेचने का अवसर मिलेगा। यह प्रोजेक्ट पहले यूपीए सरकार के कार्यकाल में प्रस्तावित था, लेकिन अब इसे हिमाचल सरकार स्वयं बनाएगी।

मछुआरों के लिए राहत: 20,000 से अधिक मछुआरों को लाभ देते हुए सरकार ने रॉयल्टी 15% से घटाकर 7.5% कर दी है। इसके अलावा, नई नौकाएं (Boats) खरीदने पर सब्सिडी देने की भी घोषणा की गई है।

पर्यटन और बुनियादी ढांचे के लिए बड़े ऐलान

मुख्यमंत्री ने कांगड़ा जिले को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर लाने के लिए कांगड़ा हवाई अड्डे (Kangra Airport Expansion) के विस्तार की योजना का ऐलान किया है।

  • नई वित्तीय वर्ष में ₹3000 करोड़ का बजटीय प्रावधान किया गया है।
  • बाल्ह हवाई अड्डा (Balh Airport) को लेकर एयरपोर्ट अथॉरिटी से चर्चा होगी।
  • नादौन (Naidun) में वेलनेस और राफ्टिंग सेंटर खोले जाएंगे, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
  • मुख्यमंत्री स्टार्टअप योजना (Mukhyamantri Startup Yojana) के तहत युवाओं को स्वरोजगार के अवसर दिए जाएंगे।

पर्यावरण संरक्षण और परिवहन सुधार

राज्य सरकार ने पर्यावरण सुरक्षा और इलेक्ट्रिक वाहन (E-Vehicles) अपनाने को बढ़ावा देने के लिए बड़ी योजना बनाई है:

  • 3000 डीजल टैक्सियों को इलेक्ट्रिक टैक्सियों (E-Taxis) और ई-रिक्शा में बदला जाएगा।
  • 1000 नई बस रूट (New Bus Routes) तैयार किए जाएंगे, जिससे युवाओं को रोजगार मिलेगा।
  • हमीरपुर जिले के सभी सरकारी कार्यालयों में ई-वाहन उपलब्ध कराए जाएंगे।

महिला मंडलों और युवाओं को मिलेगा समर्थन

पर्यावरण संरक्षण के लिए राज्य सरकार ने एक नई योजना के तहत महिला मंडलों और युवक मंडलों को हर साल ₹2.40 लाख की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है।

इसके अलावा, बीडीसी अध्यक्षों (BDC Chairman) का मानदेय ₹12,000 प्रति माह और उपाध्यक्षों (Vice Chairman) का मानदेय ₹9,000 प्रति माह कर दिया गया है।

मनरेगा मजदूरों को मिला वेतन में बढ़ोतरी

सरकार ने मनरेगा (MNREGA) मजदूरों के दैनिक वेतन में ₹20 की वृद्धि की घोषणा की है। यह वृद्धि नए वित्तीय वर्ष में लागू होगी और इससे हजारों मजदूरों को फायदा होगा।

सामाजिक सुरक्षा पेंशन में बड़ा ऐलान

  • 37,000 नए लाभार्थियों (New Beneficiaries) को सामाजिक सुरक्षा पेंशन (Social Security Pension) में शामिल किया जाएगा।
  • इसके लिए ₹67 करोड़ का अतिरिक्त बजट आवंटित किया गया है।
  • 40% या उससे अधिक दिव्यांगता (Disability) वाले व्यक्तियों को पेंशन दी जाएगी।

इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना

मुख्यमंत्री ने महिलाओं को आर्थिक सहयोग देने के लिए ‘इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना’ (Indira Gandhi Pyari Behna Sukh Samman Nidhi Yojana) के तहत 01 जनवरी 2025 से 31 मार्च 2026 तक चरणबद्ध रूप से राशि प्रदान करने की घोषणा की है।

हिमाचल प्रदेश बजट 2025 (Himachal Budget 2025) में किसानों, मछुआरों, पर्यटन, पर्यावरण संरक्षण, युवा रोजगार, महिला कल्याण, सामाजिक सुरक्षा और बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर दिया गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) की यह बजटीय घोषणाएं हिमाचल प्रदेश के आर्थिक विकास को नई गति देंगी और राज्य को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेंगी।

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Tax Collection: कॉर्पोरेट टैक्स में इजाफा और रिफंड में गिरावट से बढ़ी सरकार की आमदनी, ₹5.02 लाख करोड़ हुई कलेक्शन

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Tax Collection: कॉर्पोरेट टैक्स में इजाफा और रिफंड में गिरावट से बढ़ी सरकार की आमदनी, ₹5.02 लाख करोड़ हुई कलेक्शन

Tax Collection: वित्त वर्ष 2025-26 में 12 अक्टूबर तक नेट डायरेक्ट टैक्स संग्रह 6.33 प्रतिशत बढ़कर ₹11.89 लाख करोड़ से अधिक हो गया है. इस वृद्धि का मुख्य कारण कॉरपोरेट टैक्स संग्रह में इजाफा और रिफंड में कमी रही. इस दौरान अप्रैल 1 से 12 अक्टूबर तक जारी रिफंड 16 प्रतिशत घटकर ₹2.03 लाख करोड़ रहे.

कॉरपोरेट टैक्स में मजबूती

कॉरपोरेट टैक्स संग्रह इस वित्त वर्ष में अप्रैल 1 से अक्टूबर 12 तक लगभग ₹5.02 लाख करोड़ रहा, जो पिछले साल इसी अवधि में ₹4.92 लाख करोड़ था. इससे स्पष्ट होता है कि बड़ी कंपनियों का कर भुगतान नियमित रूप से बढ़ रहा है और सरकार को राजस्व संग्रह में स्थिरता मिल रही है.

Tax Collection: कॉर्पोरेट टैक्स में इजाफा और रिफंड में गिरावट से बढ़ी सरकार की आमदनी, ₹5.02 लाख करोड़ हुई कलेक्शन

गैर-कॉरपोरेट टैक्स और STT में वृद्धि

सिर्फ कॉरपोरेट टैक्स ही नहीं, गैर-कॉरपोरेट टैक्स संग्रह और सिक्योरिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स (STT) संग्रह में भी वृद्धि दर्ज की गई. गैर-कॉरपोरेट टैक्स संग्रह इस दौरान लगभग ₹6.56 लाख करोड़ रहा, जबकि पिछले साल यह ₹5.94 लाख करोड़ था. वहीं, STT संग्रह भी बढ़कर ₹30,878 करोड़ हुआ, जो पिछले साल ₹30,630 करोड़ था.

सरकारी लक्ष्य: ₹25.20 लाख करोड़

वर्तमान वित्त वर्ष के लिए सरकार ने डायरेक्ट टैक्स संग्रह का लक्ष्य ₹25.20 लाख करोड़ रखा है, जो सालाना आधार पर 12.7 प्रतिशत अधिक है. 12 अक्टूबर तक सकल डायरेक्ट टैक्स संग्रह, रिफंड की कटौती से पहले, ₹13.92 लाख करोड़ से अधिक रहा, जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 2.36 प्रतिशत अधिक है. सरकार की यह रणनीति कर संग्रह बढ़ाकर वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने की दिशा में अहम कदम है.

आगे की राह और अनुमान

अब तक के आंकड़े यह संकेत देते हैं कि सरकार वित्त वर्ष के अंत तक डायरेक्ट टैक्स संग्रह के लक्ष्य के करीब पहुंच सकती है. कॉरपोरेट और व्यक्तिगत आयकर में लगातार वृद्धि और रिफंड में नियंत्रण सरकार की राजस्व नीतियों की सफलता को दर्शाता है. यदि यह प्रवृत्ति बनी रहती है, तो 2025-26 में कर संग्रह का लक्ष्य आसानी से हासिल हो सकता है.

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सोने-चांदी की कीमतों में तेज उछाल, दिल्ली-मुंबई-कॉलकाता में ग्रैमीमीटर पर रिकॉर्ड दाम, निवेशकों में हड़कंप

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सोने-चांदी की कीमतों में तेज उछाल, दिल्ली-मुंबई-कॉलकाता में ग्रैमीमीटर पर रिकॉर्ड दाम, निवेशकों में हड़कंप

सोने-चांदी के दामों में सोमवार, 13 अक्टूबर को अचानक तेजी देखी गई, जिसने बाजार में हलचल मचा दी। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर दोनों की कीमतें बढ़ीं। MCX की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, दिसंबर डिलीवरी के लिए सोने की कीमत 1.56 प्रतिशत बढ़कर ₹1,23,298 प्रति 10 ग्राम हो गई। इसी तरह, चाँदी की कीमत भी 3.67 प्रतिशत बढ़कर ₹1,51,839 प्रति किलोग्राम पहुंच गई। विशेषज्ञ इस तेजी पर नज़र बनाए हुए हैं और इसे आर्थिक अस्थिरता का संकेत भी मान रहे हैं।

मेट्रो शहरों में आज का सोना

दिल्ली में 24 कैरेट सोने की कीमत ₹12,555 प्रति ग्राम, 22 कैरेट सोना ₹11,510 और 18 कैरेट सोना ₹9,420 प्रति ग्राम रही। मुंबई में 24 कैरेट सोने की कीमत ₹12,540, 22 कैरेट ₹11,495 और 18 कैरेट ₹9,405 रही। कोलकाता और बेंगलुरु में भी 24 कैरेट सोने का भाव ₹12,540, 22 कैरेट ₹11,495 और 18 कैरेट ₹9,405 प्रति ग्राम था। चेन्नई में 24 कैरेट सोना ₹12,573, 22 कैरेट ₹11,525 और 18 कैरेट ₹9,525 प्रति ग्राम रहा।

सोने-चांदी की कीमतों में तेज उछाल, दिल्ली-मुंबई-कॉलकाता में ग्रैमीमीटर पर रिकॉर्ड दाम, निवेशकों में हड़कंप

चाँदी की कीमतों में भी उछाल

सोने के साथ-साथ चाँदी की कीमतों में भी जबरदस्त वृद्धि देखी गई। पिछले सत्र की तुलना में चाँदी की कीमत 3.67 प्रतिशत बढ़ी और यह ₹1,51,839 प्रति किलोग्राम तक पहुँच गई। निवेशक और व्यापारी इसे सुरक्षित निवेश के रूप में देख रहे हैं। वैश्विक बाजार में भी चाँदी और सोने की मांग में वृद्धि हुई है, जिससे कीमतों में यह तेजी आई है।

वैश्विक बाजार में सोने का रिकार्ड

ग्लोबल मार्केट में भी सोने ने रिकॉर्ड तोड़ते हुए $4,070 प्रति औंस का स्तर छू लिया। अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव तथा आर्थिक अनिश्चितता के कारण सुरक्षित निवेश की मांग बढ़ी। राष्ट्रपति ट्रंप ने शुक्रवार को चेतावनी दी कि वे चीन से आने वाले निर्यात पर 100 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क और महत्वपूर्ण सॉफ़्टवेयर पर नए नियंत्रण लगा सकते हैं, जिससे वैश्विक बाजार में सोने की कीमत बढ़ी।

निवेशकों के लिए संकेत

विशेषज्ञों का कहना है कि सोने और चाँदी की कीमतों में यह तेजी आर्थिक अस्थिरता और वैश्विक तनाव का संकेत है। निवेशकों को इस समय अपने निवेश पर ध्यान देना चाहिए। तेजी का यह दौर शायद निवेशकों को सुरक्षित विकल्प की ओर खींचे। मेट्रो शहरों और MCX दोनों जगह कीमतों में उछाल से यह स्पष्ट होता है कि सोने और चाँदी की मांग भविष्य में भी बनी रहेगी।

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चीन ने दिया सख्त संदेश, 100 प्रतिशत अमेरिकी टैरिफ की धमकी के बावजूद नहीं झुके, कड़ा रुख अपनाया

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चीन ने दिया सख्त संदेश, 100 प्रतिशत अमेरिकी टैरिफ की धमकी के बावजूद नहीं झुके, कड़ा रुख अपनाया

रविवार को चीन ने संकेत दिया कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 100 प्रतिशत टैरिफ की धमकी के बावजूद पीछे नहीं हटेगा। चीन ने अमेरिका से आग्रह किया कि वे मतभेदों को धमकियों के बजाय संवाद के जरिए सुलझाएं। चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने एक ऑनलाइन बयान में कहा, “चीन की स्थिति स्पष्ट है। हम टैरिफ युद्ध नहीं चाहते, लेकिन अगर ऐसा हुआ तो हम डरेंगे नहीं।” यह बयान ट्रंप के 1 नवंबर से अतिरिक्त 100 प्रतिशत टैरिफ की घोषणा के दो दिन बाद आया।

द्विपक्षीय संबंधों पर असर

इस विकास से ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच संभावित बैठक खतरे में पड़ सकती है और टैरिफ युद्ध पर पहले से तय समझौता भी प्रभावित हो सकता है। अप्रैल में दोनों पक्षों के नए टैरिफ ने अस्थायी रूप से 100 प्रतिशत की सीमा पार कर दी थी। ट्रंप ने इस साल कई व्यापारिक भागीदारों के आयात पर टैरिफ बढ़ाए ताकि टैरिफ में कमी के बदले में चीन से रियायतें प्राप्त कर सकें। चीन उन कुछ देशों में से एक है जिसने अपनी आर्थिक ताकत पर पीछे नहीं हटा।

चीन ने दिया सख्त संदेश, 100 प्रतिशत अमेरिकी टैरिफ की धमकी के बावजूद नहीं झुके, कड़ा रुख अपनाया

चीन की आर्थिक शक्ति के सामने अमेरिका

चीन ने अमेरिका के सामने अपनी आर्थिक शक्ति दिखाते हुए संकेत दिया कि वह दबाव में नहीं आएगा। चीन के नए नियमों ने दुर्लभ पृथ्वी तत्वों के निर्यात पर प्रतिबंध लगाए हैं, जो कई उपभोक्ता और सैन्य उत्पादों में अहम भूमिका निभाते हैं। अमेरिका ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए 100 प्रतिशत टैरिफ की धमकी दी थी। चीन की प्रतिक्रिया ने यह साफ कर दिया कि वह अपने हितों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने से नहीं हिचकेगा।

भारी टैरिफ की धमकी समाधान का रास्ता नहीं

चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा, “बार-बार भारी टैरिफ लगाने की धमकी देना चीन से संवाद करने का सही तरीका नहीं है।” यह बयान एक अनाम प्रवक्ता द्वारा मीडिया से सवालों के जवाब में जारी किया गया। चीन ने जोर देकर कहा कि किसी भी चिंता का समाधान संवाद के जरिए होना चाहिए। मंत्रालय ने स्पष्ट किया, “यदि अमेरिकी पक्ष अपनी जिद और नीति पर कायम रहता है, तो चीन अपने वैध अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए दृढ़ उपाय करेगा।”

वैश्विक अर्थव्यवस्था और निवेशकों के लिए संकेत

इस टैरिफ युद्ध की नवीनीकरण की संभावना वैश्विक अर्थव्यवस्था और निवेशकों के लिए चिंता का विषय है। चीन और अमेरिका दोनों के बीच बढ़ते तनाव से वैश्विक व्यापार, स्टॉक मार्केट और मुद्रा बाजार प्रभावित हो सकते हैं। निवेशक इस मुद्दे पर नजर रख रहे हैं कि दोनों देश संवाद के जरिए समाधान निकालते हैं या टैरिफ युद्ध और लंबा खिंचता है। यह स्थिति अंतरराष्ट्रीय व्यापार और आर्थिक संतुलन के लिए निर्णायक साबित हो सकती है।

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