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Himachal Budget 2025: किसानों को बड़ी राहत, दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 6 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी

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Himachal Budget 2025: किसानों को बड़ी राहत, दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 6 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी

Himachal Budget 2025: हिमाचल प्रदेश के किसानों को बड़ी राहत देते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) ने बजट 2025 (Himachal Budget 2025) में दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में 6 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की घोषणा की है। इस फैसले के बाद गाय के दूध का मूल्य ₹45 से बढ़कर ₹51 हो गया है, जबकि भैंस के दूध की कीमत ₹55 से बढ़कर ₹61 प्रति लीटर हो गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार गांवों की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके साथ ही कृषि क्षेत्र को मजबूती देने के लिए कई अहम घोषणाएं की गई हैं। प्राकृतिक मक्के (Natural Maize) का न्यूनतम समर्थन मूल्य ₹30 से बढ़ाकर ₹40 किया गया है। प्राकृतिक गेहूं (Natural Wheat) का न्यूनतम समर्थन मूल्य ₹40 से बढ़ाकर ₹60 कर दिया गया है। वहीं, कच्ची हल्दी (Raw Turmeric) का MSP ₹90 प्रति किलोग्राम तय किया गया है।

हमीरपुर में बनेगा स्पाइस पार्क (Spice Park in Hamirpur)

राज्य सरकार ने हमीरपुर जिले के बड़ा पंचायत (Bada Panchayat) में स्पाइस पार्क (Spice Park) के निर्माण का फैसला लिया है। इससे मसाला उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और किसानों को उचित मूल्य पर फसल बेचने का अवसर मिलेगा। यह प्रोजेक्ट पहले यूपीए सरकार के कार्यकाल में प्रस्तावित था, लेकिन अब इसे हिमाचल सरकार स्वयं बनाएगी।

मछुआरों के लिए राहत: 20,000 से अधिक मछुआरों को लाभ देते हुए सरकार ने रॉयल्टी 15% से घटाकर 7.5% कर दी है। इसके अलावा, नई नौकाएं (Boats) खरीदने पर सब्सिडी देने की भी घोषणा की गई है।

पर्यटन और बुनियादी ढांचे के लिए बड़े ऐलान

मुख्यमंत्री ने कांगड़ा जिले को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर लाने के लिए कांगड़ा हवाई अड्डे (Kangra Airport Expansion) के विस्तार की योजना का ऐलान किया है।

  • नई वित्तीय वर्ष में ₹3000 करोड़ का बजटीय प्रावधान किया गया है।
  • बाल्ह हवाई अड्डा (Balh Airport) को लेकर एयरपोर्ट अथॉरिटी से चर्चा होगी।
  • नादौन (Naidun) में वेलनेस और राफ्टिंग सेंटर खोले जाएंगे, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
  • मुख्यमंत्री स्टार्टअप योजना (Mukhyamantri Startup Yojana) के तहत युवाओं को स्वरोजगार के अवसर दिए जाएंगे।

पर्यावरण संरक्षण और परिवहन सुधार

राज्य सरकार ने पर्यावरण सुरक्षा और इलेक्ट्रिक वाहन (E-Vehicles) अपनाने को बढ़ावा देने के लिए बड़ी योजना बनाई है:

  • 3000 डीजल टैक्सियों को इलेक्ट्रिक टैक्सियों (E-Taxis) और ई-रिक्शा में बदला जाएगा।
  • 1000 नई बस रूट (New Bus Routes) तैयार किए जाएंगे, जिससे युवाओं को रोजगार मिलेगा।
  • हमीरपुर जिले के सभी सरकारी कार्यालयों में ई-वाहन उपलब्ध कराए जाएंगे।

महिला मंडलों और युवाओं को मिलेगा समर्थन

पर्यावरण संरक्षण के लिए राज्य सरकार ने एक नई योजना के तहत महिला मंडलों और युवक मंडलों को हर साल ₹2.40 लाख की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है।

इसके अलावा, बीडीसी अध्यक्षों (BDC Chairman) का मानदेय ₹12,000 प्रति माह और उपाध्यक्षों (Vice Chairman) का मानदेय ₹9,000 प्रति माह कर दिया गया है।

मनरेगा मजदूरों को मिला वेतन में बढ़ोतरी

सरकार ने मनरेगा (MNREGA) मजदूरों के दैनिक वेतन में ₹20 की वृद्धि की घोषणा की है। यह वृद्धि नए वित्तीय वर्ष में लागू होगी और इससे हजारों मजदूरों को फायदा होगा।

सामाजिक सुरक्षा पेंशन में बड़ा ऐलान

  • 37,000 नए लाभार्थियों (New Beneficiaries) को सामाजिक सुरक्षा पेंशन (Social Security Pension) में शामिल किया जाएगा।
  • इसके लिए ₹67 करोड़ का अतिरिक्त बजट आवंटित किया गया है।
  • 40% या उससे अधिक दिव्यांगता (Disability) वाले व्यक्तियों को पेंशन दी जाएगी।

इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना

मुख्यमंत्री ने महिलाओं को आर्थिक सहयोग देने के लिए ‘इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना’ (Indira Gandhi Pyari Behna Sukh Samman Nidhi Yojana) के तहत 01 जनवरी 2025 से 31 मार्च 2026 तक चरणबद्ध रूप से राशि प्रदान करने की घोषणा की है।

हिमाचल प्रदेश बजट 2025 (Himachal Budget 2025) में किसानों, मछुआरों, पर्यटन, पर्यावरण संरक्षण, युवा रोजगार, महिला कल्याण, सामाजिक सुरक्षा और बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर दिया गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) की यह बजटीय घोषणाएं हिमाचल प्रदेश के आर्थिक विकास को नई गति देंगी और राज्य को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेंगी।

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Tata Technologies का अमेरिका में निवेश टल सकता है, CEO Warren Harris ने बताई वजह

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Tata Technologies का अमेरिका में निवेश टल सकता है, CEO Warren Harris ने बताई वजह

टाटा टेक्नोलॉजीज (Tata Technologies) के अमेरिका में निवेश करने के फैसले में देरी हो सकती है। कंपनी के सीईओ और एमडी वॉरेन हैरिस (Warren Harris) ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की टैरिफ नीति (Tariff Policies) को लेकर अब भी अनिश्चितता बनी हुई है, जिससे निवेश का निर्णय प्रभावित हो सकता है। हालांकि, इस प्रमुख वैश्विक उत्पाद इंजीनियरिंग और डिजिटल सेवाओं की कंपनी को उम्मीद है कि अगले एक से दो महीनों में नीति को लेकर स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।

हैरिस ने समाचार एजेंसी PTI-भाषा से बातचीत में कहा,
“हम मध्यम और दीर्घकालिक दृष्टि से उत्तरी अमेरिका (North America) को लेकर काफी आशावादी हैं। लेकिन टैरिफ जैसी चीजों को लेकर स्पष्टता की कमी हमारे ग्राहकों के लिए मददगार नहीं है। और जब हमारे ग्राहकों के लिए यह अनुकूल नहीं होता, तो हमारे निवेश के निर्णय में भी देरी होने की संभावना होती है।”

ट्रम्प प्रशासन की नीति पर टिकी है निवेश की योजना

वॉरेन हैरिस से जब अमेरिका में ट्रंप प्रशासन द्वारा विभिन्न देशों पर लगाए गए टैरिफ के प्रभावों पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा,
“ट्रम्प प्रशासन को सत्ता में आए अभी दो महीने भी पूरे नहीं हुए हैं, इसलिए मुझे लगता है कि अगले एक या दो महीने में नीति को लेकर स्पष्टता आ जाएगी। चाहे हमें टैरिफ पसंद आए या नहीं, सबसे महत्वपूर्ण चीज स्पष्टता है। जब हमारे ग्राहकों को चीजों की स्पष्टता मिल जाएगी, तो वे उसी के अनुसार उचित समायोजन कर पाएंगे।”

Tata Technologies का अमेरिका में निवेश टल सकता है, CEO Warren Harris ने बताई वजह

बदलते बाजार को लेकर सतर्क है टाटा टेक्नोलॉजीज

क्या टाटा टेक्नोलॉजीज किसी भी स्थिति के लिए तैयार है? इस सवाल पर वॉरेन हैरिस ने जवाब दिया,
“बिल्कुल, हम हमेशा बाजार की परिस्थितियों पर नजर रखते हैं। पिछले 12 महीनों ने हमें सिखाया है कि हमें सतर्क और लचीला रहना होगा।”

उन्होंने जोर देकर कहा कि टाटा टेक्नोलॉजीज टैरिफ जैसी नीतियों का समर्थन नहीं करती है।
“हम एक वैश्विक कंपनी हैं और इसलिए जो भी चीजें मुक्त व्यापार (Free Trade) को बढ़ावा देती हैं, हम पूरी तरह से उसके साथ हैं।”

यूरोप, अमेरिका और चीन की अलग-अलग चुनौतियां

हैरिस ने आगे कहा,
“हमने सीखा है कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग बाजार परिस्थितियों से कैसे निपटा जाए। यूरोप (Europe) की स्थितियां उत्तरी अमेरिका (North America) से बहुत अलग हैं। चीन (China) में जो हो रहा है, वह भारत (India) की परिस्थितियों से पूरी तरह भिन्न है।”

टाटा टेक्नोलॉजीज एक ग्लोबल कंपनी के रूप में विभिन्न बाज़ारों की अलग-अलग चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार है। हैरिस ने कहा कि कंपनी अपनी रणनीतियों को लचीला (Agile & Flexible) रखकर दुनिया भर के बाजारों में मजबूती से आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध है।

क्या होगा अमेरिका में टाटा टेक्नोलॉजीज के निवेश का भविष्य?

फिलहाल, टाटा टेक्नोलॉजीज की अमेरिकी निवेश योजना डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की नीतियों पर निर्भर है। अगर आने वाले महीनों में टैरिफ नीति को लेकर स्पष्टता मिलती है, तो कंपनी अमेरिका में अपने निवेश संबंधी निर्णय को आगे बढ़ा सकती है।

अब देखना होगा कि आने वाले समय में अमेरिका की व्यापार नीतियां किस दिशा में जाती हैं और इसका टाटा टेक्नोलॉजीज सहित अन्य वैश्विक कंपनियों पर क्या असर पड़ता है।

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Gold Price Today: वैश्विक व्यापार में अस्थिरता के कारण सोने की कीमत में बेतहाशा वृद्धि

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Gold Price Today: वैश्विक व्यापार में अस्थिरता के कारण सोने की कीमत में बेतहाशा वृद्धि

Gold Price Today: सोने की कीमतें आज वैश्विक स्तर पर नए रिकॉर्ड पर पहुंच गई हैं। डोनाल्ड ट्रंप द्वारा शुरू किया गया टैरिफ युद्ध अब व्यापक रूप से फैल चुका है, जिससे वैश्विक व्यापार में अस्थिरता बढ़ी है। इस अस्थिरता ने सोने को एक सुरक्षित निवेश के रूप में मजबूत किया है। ब्लूमबर्ग के अनुसार, शुक्रवार को कमोडिटी मार्केट (Comex) पर सोने की कीमत 3001 डॉलर प्रति औंस के ऐतिहासिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। शुक्रवार को सोने की वैश्विक कीमत 0.33 प्रतिशत या 9.80 डॉलर बढ़कर 3001.10 डॉलर प्रति डॉलर पर बंद हुई। वहीं, गोल्ड स्पॉट (Gold Spot) की कीमत 2984.16 डॉलर प्रति औंस रही, जिसमें 0.17 प्रतिशत या 5.02 डॉलर की गिरावट आई।

वैश्विक व्यापार में अस्थिरता और सोने की बढ़ती कीमतें

सोने की इस तेजी से बढ़ती कीमत का कारण वैश्विक व्यापार में अस्थिरता और यूएस के विशिष्ट दृष्टिकोण से निवेशकों की चिंता को माना जा रहा है। जब भी वैश्विक प्रगति में कोई रुकावट आती है, आर्थिक अस्थिरता पैदा होती है, भू-राजनीतिक तनाव बढ़ते हैं, या स्टॉक मार्केट में गिरावट आती है, तब सोना एक सुरक्षित निवेश के रूप में मजबूत होता है। इन परिस्थितियों में, केंद्रीय बैंकों और व्यापारी सोने के बैंकों द्वारा सोने की खरीदारी में बढ़ोतरी की जाती है, जिससे सोने की कीमतों में और भी वृद्धि होती है।

सोने की कीमत का रिकॉर्ड हाई होना

गोल्ड की कीमतों में यह अचानक वृद्धि, दुनिया भर में व्यापार और आर्थिक अस्थिरता के प्रति बढ़ती चिंता का संकेत है। व्यापारिक संघर्ष, विशेष रूप से यूएस और अन्य देशों के बीच व्यापार युद्ध की स्थिति, निवेशकों को अपनी संपत्ति को सुरक्षित रखने के लिए सोने में निवेश करने के लिए प्रेरित कर रही है। इससे सोने की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। विशेष रूप से, 3001 डॉलर प्रति औंस पर पहुंचकर सोने ने एक ऐतिहासिक कीर्तिमान स्थापित किया है। यह वृद्धि एक बड़े वित्तीय संकट की ओर इशारा कर सकती है, जहां सोना हमेशा सबसे सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता है।

Gold Price Today: वैश्विक व्यापार में अस्थिरता के कारण सोने की कीमत में बेतहाशा वृद्धि

सोने के मूल्य में अंतर्राष्ट्रीय बाजार की भूमिका

सोने की कीमतों में बदलाव केवल वैश्विक व्यापार अस्थिरता या आर्थिक घटनाओं के कारण ही नहीं होता, बल्कि केंद्रीय बैंकों की सोने की खरीदारी और व्यापारी गोल्ड बैंकों द्वारा की गई खरीदारी भी इसका कारण है। जब भी किसी देश की आर्थिक स्थिति खराब होती है या वैश्विक संकट की स्थिति बनती है, तो निवेशक सोने को अपनी संपत्ति की सुरक्षा के रूप में देखने लगते हैं। यही कारण है कि सोने की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है, क्योंकि यह एक स्थिर और सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता है।

घरेलू बाजार में सोने की कीमत में गिरावट

हालांकि वैश्विक बाजार में सोने की कीमतों में तेजी आई है, घरेलू बाजार में सोने की कीमतों में हल्की गिरावट आई है। शुक्रवार को भारतीय बाजार में सोने का भाव 0.03 प्रतिशत यानी 28 रुपये घटकर 87,963 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। इसके बावजूद, घरेलू बाजार में भी सोने की मांग बनी हुई है, और निवेशक इसे एक सुरक्षित विकल्प के रूप में देख रहे हैं।

भारतीय बाजार में सोने की स्थिति और आगामी ट्रेंड

भारत में सोने का एक लंबा इतिहास रहा है और यह हमेशा निवेशकों के लिए एक सुरक्षित विकल्प के रूप में देखा जाता है। घरेलू बाजार में सोने की मांग में हल्की गिरावट आई है, लेकिन यह अस्थायी है। जैसे-जैसे वैश्विक अस्थिरता बढ़ेगी, सोने की कीमतों में फिर से उछाल आ सकता है। 4 अप्रैल 2025 को भारतीय बाजार में सोने की कीमत 87,963 रुपये प्रति 10 ग्राम थी। हालांकि इसमें गिरावट आई, लेकिन यह उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले समय में सोने की कीमत में वृद्धि हो सकती है, खासकर जब वैश्विक व्यापार में और अस्थिरता आएगी।

सोने की बढ़ती कीमतों के पीछे प्रमुख कारण

  1. आर्थिक अस्थिरता – वैश्विक व्यापार युद्ध, विशेष रूप से अमेरिका द्वारा शुरू किए गए टैरिफ युद्ध ने वैश्विक व्यापार अस्थिरता को बढ़ा दिया है। इस अस्थिरता के कारण निवेशक अपनी संपत्ति को सुरक्षित रखने के लिए सोने का रुख कर रहे हैं।

  2. भू-राजनीतिक तनाव – जब भी किसी देश के बीच संघर्ष या तनाव होता है, तब निवेशक सोने में अपनी पूंजी निवेश करते हैं, क्योंकि यह एक सुरक्षित निवेश विकल्प है।

  3. स्टॉक मार्केट में गिरावट – स्टॉक मार्केट में गिरावट से भी सोने की कीमतों में वृद्धि होती है। जब निवेशक स्टॉक मार्केट से बाहर निकलते हैं, तो वे अपना पैसा सोने में निवेश करते हैं।

  4. सेंट्रल बैंक द्वारा सोने की खरीदारी – कई केंद्रीय बैंक सोने की खरीदारी बढ़ा रहे हैं, जिससे सोने की कीमतों में वृद्धि हो रही है। केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने का भंडार बढ़ाना इसका प्रमुख कारण है।

आने वाले दिनों में सोने की कीमतें

आने वाले दिनों में सोने की कीमतों में और वृद्धि हो सकती है, खासकर जब वैश्विक आर्थिक स्थिति और अस्थिर होगी। साथ ही, स्टॉक मार्केट में गिरावट और भू-राजनीतिक संकटों की स्थिति में भी सोने की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। भारतीय बाजार में भी यह उम्मीद जताई जा रही है कि सोने की कीमतें 90,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती हैं।

निवेशकों के लिए सिफारिशें

  1. सोने में निवेश करें – यदि आप सुरक्षित निवेश की तलाश में हैं, तो सोने में निवेश एक अच्छा विकल्प हो सकता है। हालांकि, कीमतों में उतार-चढ़ाव हो सकते हैं, लेकिन लंबे समय तक सोना एक सुरक्षित विकल्प है।

  2. स्वर्ण बचत योजना – यदि आप नियमित रूप से सोने में निवेश करना चाहते हैं, तो आप स्वर्ण बचत योजनाओं का विकल्प भी चुन सकते हैं, जहां आप छोटे हिस्से में सोने का निवेश कर सकते हैं।

  3. सोने की कीमतों पर नजर रखें – चूंकि सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव हो सकता है, इसलिए निवेश करने से पहले बाजार की स्थिति का विश्लेषण करें।

वैश्विक व्यापार अस्थिरता, भू-राजनीतिक तनाव, और स्टॉक मार्केट में गिरावट के कारण सोने की कीमतें बढ़ रही हैं। निवेशकों के लिए यह एक सुरक्षित निवेश विकल्प बन चुका है। सोने की कीमतों में और वृद्धि की संभावना है, खासकर जब वैश्विक संकटों के चलते निवेशकों की सोने में रुचि बढ़ेगी।

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भारतीय Stock Market में गुरुवार को तेजी, सेंसेक्स और निफ्टी में बढ़त

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भारतीय Stock Market में गुरुवार को तेजी, सेंसेक्स और निफ्टी में बढ़त

आज यानी 13 मार्च 2025 को भारतीय Stock Market ने सकारात्मक शुरुआत की। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 363 अंकों की बढ़त के साथ 74,392 पर खुला। इसके साथ ही बाजार में शुरुआती व्यापार में भी तेजी देखी गई। शुरुआती व्यापार के दौरान, 30 सेंसेक्स स्टॉक्स में से 15 स्टॉक्स हरे निशान (Green) में और 15 लाल निशान (Red) में दिखाई दिए।

वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का प्रमुख इंडेक्स निफ्टी 0.32 प्रतिशत यानी 71 अंकों की बढ़त के साथ 22,541 पर ट्रेड करता हुआ नजर आया। इस दौरान, निफ्टी के 50 स्टॉक्स में से 38 स्टॉक्स हरे निशान में, 7 लाल निशान में और 5 स्टॉक्स बिना किसी बदलाव के ट्रेड कर रहे थे।

निफ्टी में आई सबसे बड़ी गिरावट: इंफोसिस

इस दिन की सबसे बड़ी गिरावट निफ्टी के प्रमुख स्टॉक्स में से एक इंफोसिस में देखी गई, जो 4.31 प्रतिशत गिरकर नीचे चला गया। इसके अलावा, विप्रो 3.44 प्रतिशत, टेक महिंद्रा 2.84 प्रतिशत, नेस्ले इंडिया 2.42 प्रतिशत और HCL टेक 1.93 प्रतिशत गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे।

वहीं दूसरी ओर, कई प्रमुख स्टॉक्स में बढ़त भी देखने को मिली। इस सूची में इंडसइंड बैंक 4.43 प्रतिशत, टाटा मोटर्स 3.10 प्रतिशत, कोटक बैंक 2.31 प्रतिशत, बजाज फाइनेंस 2.10 प्रतिशत और ITC 1.56 प्रतिशत की बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे।

भारतीय Stock Market में गुरुवार को तेजी, सेंसेक्स और निफ्टी में बढ़त

सेंटरल और सेक्टोरल इंडेक्स में बदलाव

अगर हम सेक्टोरल इंडेक्स की बात करें, तो निफ्टी मिडस्मॉल फाइनेंशियल सर्विसेस में 1.06 प्रतिशत की सबसे बड़ी गिरावट देखी गई। इसके अलावा, निफ्टी ऑटो 0.77 प्रतिशत, निफ्टी मीडिया 0.68 प्रतिशत, निफ्टी फार्मा 0.12 प्रतिशत, निफ्टी रियल्टी 0.51 प्रतिशत, निफ्टी हेल्थकेयर इंडेक्स 0.13 प्रतिशत, निफ्टी कंज्यूमर ड्युरेबल्स 0.38 प्रतिशत और निफ्टी मिडस्मॉल हेल्थकेयर में 0.30 प्रतिशत की गिरावट आई।

वहीं, कुछ सेक्टोरल इंडेक्स में बढ़त भी देखी गई। इनमें निफ्टी बैंक 0.31 प्रतिशत, निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेस 0.28 प्रतिशत, निफ्टी मेटल 0.23 प्रतिशत, निफ्टी PSU बैंक 0.11 प्रतिशत, निफ्टी प्राइवेट बैंक 0.19 प्रतिशत, निफ्टी ऑयल एंड गैस 0.09 प्रतिशत और निफ्टी मिडस्मॉल IT & Telecom 0.15 प्रतिशत की बढ़त के साथ व्यापार कर रहे थे।

भारतीय शेयर बाजार का प्रदर्शन: मुख्य बातें

  1. सेंसेक्स और निफ्टी में तेजी: भारतीय शेयर बाजार ने आज बढ़त के साथ कारोबार की शुरुआत की है। सेंसेक्स में 363 अंकों की बढ़त आई, जबकि निफ्टी में 71 अंकों का उछाल देखने को मिला।

  2. सेंसेक्स और निफ्टी के प्रमुख स्टॉक्स में असमान प्रदर्शन: सेंसेक्स और निफ्टी के अधिकांश प्रमुख स्टॉक्स में विविध प्रदर्शन देखने को मिला। जहां कुछ स्टॉक्स में वृद्धि हुई, वहीं कुछ में गिरावट भी आई।

  3. इंफोसिस और विप्रो में गिरावट: इंफोसिस और विप्रो में बड़ी गिरावट देखी गई, जबकि टाटा मोटर्स, इंडसइंड बैंक और बजाज फाइनेंस में बढ़त दर्ज की गई।

  4. सेक्टोरल इंडेक्स में मिली-जुली प्रतिक्रिया: निफ्टी मिडस्मॉल फाइनेंशियल सर्विसेस और निफ्टी ऑटो जैसे सेक्टर्स में गिरावट आई, जबकि निफ्टी बैंक और निफ्टी मेटल जैसे सेक्टर्स में बढ़त देखी गई।

आज के बाजार में मिश्रित संकेत मिले हैं, जहां कुछ प्रमुख कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखी गई, वहीं दूसरी ओर कई कंपनियों के शेयरों में उछाल भी आया। भारतीय शेयर बाजार का प्रदर्शन इस बात को दर्शाता है कि निवेशक सतर्कता के साथ बाजार में ट्रेड कर रहे हैं और संभावित रूप से कुछ स्टॉक्स को फायदा हो सकता है, जबकि कुछ में नुकसान भी हो सकता है।

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