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Gold Rate Today: सोने-चांदी की कीमतों में बड़ी गिरावट, निवेशकों को झटका

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Gold Rate Today: सोने-चांदी की कीमतों में बड़ी गिरावट, निवेशकों को झटका

Gold Rate Today: 27 फरवरी 2025 को सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। घरेलू वायदा बाजार में सोना लाल निशान में कारोबार करता हुआ नजर आया। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी सोने और चांदी के दाम में कमी दर्ज की गई।

गुरुवार को दोपहर के समय, MCX (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) पर 4 अप्रैल 2025 की डिलीवरी वाले सोने का भाव 85,260 रुपये प्रति 10 ग्राम था। इसमें 0.72% यानी 614 रुपये की गिरावट देखी गई।

सोने के साथ चांदी भी हुई सस्ती

सोने के साथ-साथ चांदी की कीमतों में भी गिरावट दर्ज की गई। घरेलू वायदा बाजार में चांदी लाल निशान में कारोबार कर रही थी। 5 मई 2025 की डिलीवरी वाली चांदी का भाव 96,260 रुपये प्रति किलोग्राम रहा, जिसमें 0.29% यानी 283 रुपये की गिरावट आई।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी चांदी की कीमतों में नरमी देखने को मिली।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में गिरावट

गुरुवार शाम को वैश्विक बाजार में भी सोने की कीमतों में भारी गिरावट देखी गई।

  • कॉमेक्स (Comex) पर सोने का भाव 1.04% यानी $30.60 की गिरावट के साथ $2900 प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था।
  • स्पॉट गोल्ड की कीमत में भी 0.97% यानी $28.26 की गिरावट आई, जिससे यह $2888.13 प्रति औंस पर पहुंच गया।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी की कीमतों में गिरावट

सोने के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी की कीमतों में भी गिरावट दर्ज की गई।

  • कॉमेक्स (Comex) पर चांदी का भाव 0.54% यानी $0.17 की गिरावट के साथ $32.40 प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था।
  • स्पॉट सिल्वर की कीमत में भी 0.21% यानी $0.07 की गिरावट आई, जिससे यह $31.79 प्रति औंस पर पहुंच गया।

सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट के पीछे के कारण

सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट के पीछे कई कारण हो सकते हैं। इनमें मुख्य रूप से वैश्विक आर्थिक परिस्थितियां, डॉलर इंडेक्स, ब्याज दरों में बदलाव और केंद्रीय बैंकों की नीतियां शामिल हैं।

1. अमेरिकी डॉलर की मजबूती

  • जब डॉलर मजबूत होता है, तो सोने और चांदी की कीमतों पर दबाव बढ़ जाता है।
  • निवेशक सोने की बजाय डॉलर और बॉन्ड मार्केट की ओर रुख करते हैं।

2. फेडरल रिजर्व की ब्याज दर नीति

  • फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरें बढ़ाने का संकेत दिए जाने के बाद सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट आई।
  • ब्याज दरों में बढ़ोतरी होने से गोल्ड और सिल्वर में निवेश कम हो जाता है।

Gold Rate Today: सोने-चांदी की कीमतों में बड़ी गिरावट, निवेशकों को झटका

3. कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट

  • कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के कारण वैश्विक बाजार में महंगाई दर में कमी आई है।
  • इससे सोने की डिमांड कम हुई है, जिससे इसकी कीमतों में गिरावट आई।

4. स्टॉक मार्केट में तेजी

  • दुनियाभर के शेयर बाजारों में तेजी के कारण निवेशकों का ध्यान स्टॉक मार्केट की ओर गया है।
  • इससे सोने-चांदी की मांग में गिरावट देखी गई।

भारत में सोने-चांदी की कीमतों पर असर

भारत में सोने और चांदी की कीमतों पर अंतरराष्ट्रीय बाजार का सीधा असर पड़ता है।

  • जब वैश्विक बाजार में सोने और चांदी के दाम गिरते हैं, तो इसका प्रभाव भारतीय बाजारों में भी देखने को मिलता है।
  • वर्तमान में, भारत में गोल्ड और सिल्वर की कीमतें घटने से खरीदारों के लिए यह एक अच्छा अवसर बन सकता है।

सोने के दाम में गिरावट से खरीदारी का अच्छा मौका

  • शादी और त्योहारी सीजन के चलते सोने की मांग बढ़ सकती है।
  • गिरती कीमतों के कारण ज्वेलरी खरीदने वालों के लिए यह सही समय हो सकता है।

क्या आगे और गिरेगी सोने-चांदी की कीमतें?

विशेषज्ञों के अनुसार,

  • अगर डॉलर और अधिक मजबूत होता है, तो सोने-चांदी की कीमतों में और गिरावट आ सकती है।
  • फेडरल रिजर्व अगर ब्याज दरें और बढ़ाता है, तो सोने की कीमतों में और गिरावट संभव है।
  • लेकिन, अगर वैश्विक तनाव बढ़ता है या महंगाई में इजाफा होता है, तो सोने की कीमतें फिर से चढ़ सकती हैं।

निवेशकों को क्या करना चाहिए?

1. गिरावट में खरीदारी का मौका

  • अगर आप लॉन्ग टर्म निवेशक हैं, तो यह गिरावट खरीदारी का अच्छा अवसर हो सकता है।
  • निवेशक डॉलर और ग्लोबल मार्केट पर नजर बनाए रखें।

2. शॉर्ट टर्म में सतर्क रहें

  • अगर आप शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग कर रहे हैं, तो सतर्क रहने की जरूरत है।
  • सोने की कीमतों में अचानक उतार-चढ़ाव हो सकता है।

3. फिजिकल गोल्ड बनाम डिजिटल गोल्ड

  • अगर आप गोल्ड ज्वेलरी में निवेश करना चाहते हैं, तो यह सही समय हो सकता है।
  • डिजिटल गोल्ड, गोल्ड ETF या सोने की माइनिंग कंपनियों में निवेश भी बेहतर विकल्प हो सकता है।

गुरुवार को सोने और चांदी की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई।

  • MCX पर सोना 85,260 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी 96,260 रुपये प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रही थी।
  • वैश्विक बाजार में भी सोने और चांदी की कीमतें गिरी हुई नजर आईं।
  • डॉलर की मजबूती, फेडरल रिजर्व की नीतियां और स्टॉक मार्केट में तेजी गिरावट के प्रमुख कारण बने।

अगर आप सोने-चांदी में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो यह गिरावट एक अच्छा मौका हो सकता है। हालांकि, निवेश से पहले मार्केट ट्रेंड और एक्सपर्ट की राय जरूर लें।

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Stock Market Today: शेयर बाजार में भारी गिरावट, सेंसेक्स 700 अंक टूटा, निफ्टी में भी तेज़ झटका

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Stock Market Today: शेयर बाजार में भारी गिरावट, सेंसेक्स 700 अंक टूटा, निफ्टी में भी तेज़ झटका

Stock Market Today: शुक्रवार 11 जुलाई 2025 को सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शेयर बाजार में जोरदार गिरावट देखने को मिली। बाजार में लगभग एक प्रतिशत की गिरावट आई है। बीएसई का सेंसेक्स करीब 700 अंक गिरकर 82,509.59 पर पहुंच गया जबकि एनएसई का निफ्टी-50 भी 200 अंक लुढ़क कर 25,162.25 पर ट्रेड करता देखा गया। लगभग सभी सेक्टर्स में बिकवाली का माहौल बना रहा। हालांकि एफएमसीजी सेक्टर के कुछ शेयरों ने थोड़ी राहत दी लेकिन आईटी और ऑटो सेक्टर की गिरावट ने बाजार को नीचे खींच दिया।

आईटी और ऑटो सेक्टर में सबसे ज्यादा गिरावट

शुक्रवार को टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (TCS) के तिमाही नतीजे उम्मीद से कमजोर रहे जिसकी वजह से इसके शेयरों में 2.75 प्रतिशत की गिरावट आई। इसी के साथ निफ्टी का आईटी इंडेक्स भी दोपहर तक 1 प्रतिशत से ज्यादा टूट गया। आईटी सेक्टर के अलावा ऑटो सेक्टर में भी जबरदस्त बिकवाली हुई। महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयर 2.43 प्रतिशत तक गिर गए। इसके अलावा रिलायंस इंडस्ट्रीज, बजाज फिनसर्व और अन्य दिग्गज कंपनियों के शेयर भी लाल निशान में नजर आए।

Stock Market Today: शेयर बाजार में भारी गिरावट, सेंसेक्स 700 अंक टूटा, निफ्टी में भी तेज़ झटका

एफएमसीजी ने दिखाई मजबूती तो हुल के शेयर चमके

जहां बाकी सेक्टर्स में गिरावट देखने को मिली वहीं एफएमसीजी सेक्टर में मजबूती दर्ज की गई। हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) के शेयरों में करीब 5 प्रतिशत की उछाल देखी गई। दोपहर के सत्र में HUL के साथ-साथ एक्सिस बैंक और सन फार्मा के शेयरों में भी हल्की तेजी रही। एक्सिस बैंक में 0.48 प्रतिशत और सन फार्मास्युटिकल्स में 0.51 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली। इन तीन शेयरों को छोड़ दें तो बाकी लगभग सभी कंपनियों के स्टॉक्स लाल निशान में ट्रेड करते दिखे।

क्या रहा गिरावट का कारण?

मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक वैश्विक अनिश्चितताओं के चलते बड़े आईटी शेयरों पर दबाव बना हुआ है। इसके अलावा कमजोर तिमाही नतीजों ने निवेशकों का भरोसा भी डगमगा दिया है। टीसीएस की परफॉर्मेंस उम्मीद से नीचे रहने की वजह से पूरे आईटी सेक्टर पर असर पड़ा। वहीं, रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी दिग्गज कंपनी के शेयरों में गिरावट ने भी बाजार की चाल को बिगाड़ा। मिड कैप और स्मॉल कैप इंडेक्स भी कमजोर रहे। निफ्टी मिड कैप 100 में 0.86 प्रतिशत और निफ्टी स्मॉल कैप 10 में 1.00 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। हालांकि इंडिया VIX में 1.90 प्रतिशत की तेजी दिखी जो बाजार की अस्थिरता का संकेत है।

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JK Cement Share Dividend: शेयरधारकों के लिए खुशखबरी, JK Cement ने ₹15 प्रति शेयर का फाइनल डिविडेंड किया घोषित

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JK Cement Share Dividend: शेयरधारकों के लिए खुशखबरी, JK Cement ने ₹15 प्रति शेयर का फाइनल डिविडेंड किया घोषित

JK Cement Share Dividend: देश की जानी-मानी सीमेंट कंपनी जेके सीमेंट लिमिटेड ने अपने शेयरधारकों को बड़ी सौगात दी है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ₹15 प्रति इक्विटी शेयर के फाइनल डिविडेंड का ऐलान किया है। हर शेयर की फेस वैल्यू ₹10 है यानी निवेशकों को 150 प्रतिशत का डिविडेंड मिलेगा। यह उन सभी योग्य निवेशकों को मिलेगा जिनके पास रिकॉर्ड तिथि तक जेके सीमेंट के शेयर होंगे। बाजार में फिलहाल जेके सीमेंट के शेयर लगभग ₹6120 पर कारोबार कर रहे हैं और आज इनमें 0.50% की हल्की गिरावट भी देखी गई।

डिविडेंड की रिकॉर्ड डेट और बुक क्लोजर

कंपनी ने डिविडेंड के लिए रिकॉर्ड डेट 8 जुलाई 2025 तय की है। यानी अगर आपने 8 जुलाई तक जेके सीमेंट के शेयर खरीद रखे हैं तो आप इस डिविडेंड के पात्र होंगे। वहीं बुक क्लोजर की तारीख 9 जुलाई से 18 जुलाई 2025 तक रहेगी। इस दौरान शेयर ट्रांसफर आदि की प्रक्रिया बंद रहेगी। जेके सीमेंट लिमिटेड देश की पांचवीं सबसे बड़ी सीमेंट निर्माता कंपनी है और इसका मार्केट कैप लगभग ₹47,326 करोड़ है।

JK Cement Share Dividend: शेयरधारकों के लिए खुशखबरी, JK Cement ने ₹15 प्रति शेयर का फाइनल डिविडेंड किया घोषित

शानदार रिटर्न्स से बना निवेशकों का भरोसा

अगर निवेश की बात करें तो जेके सीमेंट ने अपने शेयरधारकों को लगातार मजबूत रिटर्न्स दिए हैं। इस साल अब तक कंपनी के शेयरों ने करीब 33% का रिटर्न दिया है। वहीं, अगर पिछले 5 सालों की बात करें तो निवेशकों को 333% का दमदार रिटर्न मिला है। सबसे बड़ी बात ये है कि जेके सीमेंट ने अपने शेयर की शुरुआती कीमत से अब तक करीब 3900% का रिटर्न दिया है यानी जिसने 2006 में इस शेयर में पैसा लगाया था उसका पैसा आज 40 गुना हो गया है।

2006 में ₹150 था शेयर, अब ₹6100 के पार

साल 2006 में जब जेके सीमेंट का शेयर ₹150 पर था, तब शायद ही किसी ने सोचा होगा कि ये एक दिन ₹6000 के पार चला जाएगा। लेकिन इस कंपनी ने अपने मजबूत बिजनेस और निवेशकों के भरोसे के दम पर यह मुकाम हासिल किया है। फिलहाल जेके सीमेंट का 52 हफ्ते का हाई ₹6513 और लो ₹3891 है। ऐसे में डिविडेंड के साथ-साथ शेयर के लॉन्ग टर्म रिटर्न्स को देखकर यह साफ है कि यह कंपनी निवेशकों के लिए फायदे का सौदा रही है और आने वाले समय में भी इसकी पोजीशन मजबूत बनी रहने की उम्मीद है।

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8th Pay Commission: क्या अब 12 साल में मिलेगी पूरी पेंशन? केंद्र सरकार पर है लाखों पेंशनर्स की उम्मीदें टिकी

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8th Pay Commission: क्या अब 12 साल में मिलेगी पूरी पेंशन? केंद्र सरकार पर है लाखों पेंशनर्स की उम्मीदें टिकी

8th Pay Commission: सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आ रही है। केंद्र सरकार के समक्ष एक नई मांग रखी गई है जिसमें कम्युटेड पेंशन की बहाली की अवधि को 15 साल से घटाकर 12 साल करने की बात की गई है। यह मांग नेशनल काउंसिल (JCM) द्वारा सरकार को सौंपे गए चार्टर ऑफ डिमांड का हिस्सा है। अगर सरकार इस मांग को मान लेती है तो लाखों सेवानिवृत्त कर्मचारियों को जल्द पूरी पेंशन मिलने लगेगी जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हो सकेगी।

क्या होता है कम्युटेड पेंशन और क्यों चाहिए 12 साल में बहाली

जब कोई सरकारी कर्मचारी रिटायर होता है तो उसे एक विकल्प मिलता है कि वह अपनी पेंशन का कुछ हिस्सा एकमुश्त ले सकता है। इस प्रक्रिया को कम्युटेशन कहा जाता है। इसके बदले हर महीने पेंशन से एक तय राशि कटती है ताकि सरकार ने जो एकमुश्त रकम दी है, उसकी भरपाई हो सके। अभी यह कटौती 15 साल तक होती है यानी रिटायरमेंट के 15 साल बाद ही पूरा पेंशन मिलना शुरू होता है। लेकिन कर्मचारी संगठनों का कहना है कि 15 साल का वक्त बहुत लंबा है और इससे पेंशनरों को भारी नुकसान होता है क्योंकि वर्तमान में ब्याज दरें काफी कम हो गई हैं और जो फॉर्मूला उपयोग हो रहा है वह पुराना हो चुका है।

8th Pay Commission: क्या अब 12 साल में मिलेगी पूरी पेंशन? केंद्र सरकार पर है लाखों पेंशनर्स की उम्मीदें टिकी

सरकारी स्तर पर हो रही है गंभीर चर्चा

नेशनल काउंसिल (JCM) ने हाल ही में कैबिनेट सचिव को कर्मचारियों की मुख्य मांगों की एक सूची सौंपी है। इसमें सबसे अहम मांग यही है कि पेंशन की बहाली की अवधि को घटाकर 12 साल किया जाए। सरकार की ओर से भी संकेत मिले हैं कि इसे 8वें वेतन आयोग की ToR (Terms of Reference) में शामिल किया जा सकता है। यही नहीं 11 मार्च 2025 को हुई 34वीं SCOVA बैठक में भी इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया गया था। इस बैठक में केंद्रीय मंत्री और वित्त मंत्रालय के अधिकारी भी मौजूद थे और उन्होंने माना कि मौजूदा प्रणाली को और ज्यादा न्यायसंगत और व्यावहारिक बनाए जाने की जरूरत है।

अगर नियम लागू हुआ तो क्या होंगे फायदे

अगर यह नियम लागू हो जाता है तो लाखों पेंशनरों को राहत मिलेगी। उन्हें रिटायरमेंट के 12 साल बाद ही पूरा पेंशन मिलना शुरू हो जाएगा। इससे उनकी वित्तीय स्थिति मजबूत होगी और वे स्वास्थ्य संबंधी खर्चों और पारिवारिक जिम्मेदारियों को बेहतर तरीके से निभा सकेंगे। खास बात ये भी है कि अगर यह नियम पहले से रिटायर हो चुके पेंशनरों पर भी लागू होता है तो उन्हें भी लाभ मिल सकता है। हालांकि अभी तक सरकार ने 8वें वेतन आयोग को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है लेकिन यह साफ है कि कम्युटेड पेंशन बहाली का मुद्दा अब सरकार की प्राथमिकता में आ गया है।

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