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Gold price: अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना $3,000 प्रति औंस के पार, निवेशकों का बढ़ता रुझान

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Gold price: अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना $3,000 प्रति औंस के पार, निवेशकों का बढ़ता रुझान

Gold price: घरेलू वायदा बाजार में बुधवार को सोने की कीमतों ने एक नया रिकॉर्ड स्तर छू लिया। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, अप्रैल 4 अनुबंधों के लिए सोने की कीमत 0.20 प्रतिशत बढ़कर ₹88,890 प्रति 10 ग्राम के सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों के आर्थिक प्रभाव को लेकर अनिश्चितता के कारण निवेशक सोने की ओर तेजी से आकर्षित हो रहे हैं।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने ने बनाया नया रिकॉर्ड

अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर बनी हुई हैं। बुधवार को सोना $3,000 प्रति औंस के विशेष स्तर से ऊपर रहा और पिछले सत्र के रिकॉर्ड उच्च स्तर के करीब कारोबार करता दिखा। मंगलवार को सोने ने $3,038.26 प्रति औंस का सर्वकालिक उच्चतम स्तर छुआ था। इसके बाद बुधवार को स्पॉट गोल्ड $3,029.70 प्रति औंस पर स्थिर रहा। हालांकि, अमेरिकी गोल्ड फ्यूचर्स में मामूली गिरावट देखी गई और यह 0.1% घटकर $3,037.50 प्रति औंस पर आ गया।

मध्य पूर्व में तनाव का असर

विशेषज्ञों का मानना है कि मध्य पूर्व में लगातार बढ़ रहे तनाव के कारण सोने की मांग में तेजी आई है। इजराइल-हमास संघर्ष, ईरान-इजराइल तनाव और यूक्रेन-रूस युद्ध के चलते निवेशक सुरक्षित संपत्ति (safe-haven asset) के रूप में सोने की ओर आकर्षित हो रहे हैं। बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के कारण बाजार में अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है, जिससे सोने की कीमतों को समर्थन मिल रहा है।

Gold price: अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना $3,000 प्रति औंस के पार, निवेशकों का बढ़ता रुझान

ट्रंप की टैरिफ नीतियों से निवेशकों में चिंता

विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अपनाई गई टैरिफ नीतियों के चलते निवेशक वैश्विक आर्थिक मंदी और महंगाई बढ़ने को लेकर चिंतित हैं। ट्रंप की नीतियां मुद्रास्फीति को बढ़ावा दे सकती हैं, जिससे सोने की मांग में और तेजी आ सकती है। महंगाई बढ़ने पर निवेशक अपनी पूंजी को सुरक्षित रखने के लिए सोने में निवेश को प्राथमिकता दे रहे हैं।

फेडरल रिजर्व का रुख

अब निवेशकों की निगाहें अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीति बैठक पर टिकी हैं। फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल की आर्थिक वृद्धि और मुद्रास्फीति पर भविष्यवाणियां बाजार की दिशा तय कर सकती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि फेड इस समय ब्याज दरों में कटौती नहीं करेगा, क्योंकि ट्रंप प्रशासन की नीतियों का प्रभाव आने वाले महीनों में ही स्पष्ट होगा।

विशेषज्ञों की राय: सोने में निवेश फायदेमंद

विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा परिस्थितियों में सोने में निवेश करना एक सुरक्षित विकल्प हो सकता है। बढ़ती महंगाई और वैश्विक अनिश्चितता के बीच सोने की कीमतें और बढ़ सकती हैं। निवेशक लॉन्ग टर्म के लिए सोने में निवेश कर सकते हैं, क्योंकि आने वाले समय में कीमतों में स्थिरता की संभावना कम है।

भारत में बढ़ती मांग

भारत में सोने की मांग त्योहारी सीजन और शादियों के दौरान बढ़ जाती है। अप्रैल-मई में शादी का सीजन होने के कारण घरेलू बाजार में सोने की मांग में और वृद्धि की उम्मीद है। जानकारों का कहना है कि यदि वैश्विक बाजार में सोने की कीमतें बढ़ती रहीं, तो भारतीय बाजार में भी ₹90,000 प्रति 10 ग्राम का स्तर जल्द देखने को मिल सकता है।

चांदी में भी तेजी

सोने के साथ-साथ चांदी की कीमतों में भी उछाल देखा गया। MCX पर चांदी का वायदा भाव ₹104,000 प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंच गया। यह चांदी का अब तक का उच्चतम स्तर है। निवेशक सोने और चांदी दोनों में पूंजी लगा रहे हैं, जिससे कीमतें लगातार नई ऊंचाई छू रही हैं।

निवेशकों के लिए सलाह

  1. लंबी अवधि का निवेश करें: मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए विशेषज्ञ लॉन्ग टर्म में सोने में निवेश की सलाह दे रहे हैं।
  2. बाजार की निगरानी करें: फेडरल रिजर्व की नीति और अमेरिका-चीन व्यापार विवाद पर नजर बनाए रखें, क्योंकि इनके फैसले से सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव हो सकता है।
  3. सतर्क रहें: कीमतों में अस्थिरता को ध्यान में रखते हुए सावधानी से निवेश करें और अपने पोर्टफोलियो को संतुलित रखें।

विश्लेषकों का मानना है कि भू-राजनीतिक संकट और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के बीच सोने की कीमतें आने वाले महीनों में नई ऊंचाई छू सकती हैं। फेडरल रिजर्व की नीति बैठक और अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़े सोने की दिशा तय करेंगे। यदि मुद्रास्फीति में तेजी आती है तो सोने की मांग और बढ़ सकती है।

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Stock Market: शेयर बाजार में मुनाफा चाहिए? जानिए 55:23:22 का चमत्कारी फॉर्मूला

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Stock Market: शेयर बाजार में मुनाफा चाहिए? जानिए 55:23:22 का चमत्कारी फॉर्मूला

Stock Market:  कोरोना महामारी के बाद से भारत में शेयर बाजार में निवेश करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है। बिहार जैसे राज्यों में भी रिकॉर्ड डिमैट खाते खुले हैं। लेकिन निवेशकों की संख्या भले ही बढ़ी हो, लाभ कमाने वाले निवेशकों की संख्या अभी भी कम है। कई लोग अभी भी नुकसान में बैठे हैं। ऐसे में यह जरूरी हो गया है कि निवेश रणनीति को समझदारी से अपनाया जाए।

क्या है 55:23:22 फॉर्मूला?

55:23:22 एक ऐसा फॉर्मूला है जो शेयरों में पैसा लगाने का संतुलित तरीका बताता है। इसका मतलब है कि अगर आपके पास 1000 रुपये निवेश के लिए हैं तो 555 रुपये लार्ज कैप कंपनियों में, 230 रुपये मिड कैप में और 220 रुपये स्मॉल कैप में लगाएं। इस तरीके से आपके पोर्टफोलियो में स्थिरता भी बनी रहेगी और अच्छे रिटर्न्स की संभावना भी बनी रहेगी। आनंद राठी के शेनॉय के अनुसार, यह फॉर्मूला लंबी अवधि में जोखिम को संतुलित करते हुए बेहतर रिटर्न्स देता है।

Stock Market: शेयर बाजार में मुनाफा चाहिए? जानिए 55:23:22 का चमत्कारी फॉर्मूला

सही कंपनियों का चुनाव ही असली रणनीति

हाल ही में मिड कैप और स्मॉल कैप शेयरों में काफी उतार-चढ़ाव देखा गया है। इनसे जुड़े कई निवेशकों को भारी नुकसान हुआ। व्हाइट ओक कैपिटल के वैभव चुग के अनुसार, जोखिम बाजार में नहीं बल्कि निवेश के लिए चुनी गई कंपनियों में होता है। अक्सर निवेशक हाल में अच्छा प्रदर्शन करने वाली कंपनियों में निवेश करके फंस जाते हैं। इसलिए सही कंपनी का चुनाव और उसके वैल्यूएशन को ध्यान में रखना बेहद जरूरी है।

बाजार में फिर से दिख रही रफ्तार

बीते वित्त वर्ष में बाजार में वैश्विक तनाव और कमजोर कॉर्पोरेट नतीजों की वजह से प्रदर्शन धीमा रहा। लेकिन अब स्थिति बेहतर हो रही है। इस साल अब तक लार्ज कैप इंडेक्स 10 फीसदी, मिड कैप 14 फीसदी और स्मॉल कैप 17.5 फीसदी तक ऊपर गया है। कॉर्पोरेट अर्निंग्स में सुधार बाजार को नई ऊर्जा दे रहा है।

जोखिम कम करें और रिटर्न बढ़ाएं

जो निवेशक घाटे में बैठे हैं, उन्हें घबराने की बजाय अपनी रणनीति पर ध्यान देने की जरूरत है। 55:23:22 फॉर्मूले को अपनाकर, सही कंपनियों का चुनाव करके और बाजार की चाल को समझते हुए निवेश करें। इससे पोर्टफोलियो में स्थिरता आएगी और जोखिम कम होगा। लंबे समय में यही तरीका आपको फायदे में ला सक

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8th pay commission से कर्मचारियों को मिल सकती है 34% तक की बढ़ोतरी

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8th pay commission से कर्मचारियों को मिल सकती है 34% तक की बढ़ोतरी

8th pay commission: देशभर के 1.2 करोड़ से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनधारक 8वें वेतन आयोग के लागू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। पहले ऐसा माना जा रहा था कि आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू होगा लेकिन अब तक आयोग के सदस्यों की नियुक्ति को लेकर कोई खास प्रगति नहीं हुई है जिससे इसकी संभावना कमजोर हो गई है।

अंबिट कैपिटल की रिपोर्ट से आई उम्मीद की किरण

ब्रोकरेज फर्म अंबिट कैपिटल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में 34% तक की बढ़ोतरी हो सकती है। यह बढ़ोतरी न केवल कर्मचारियों की आय को बढ़ाएगी बल्कि देश की उपभोक्ता मांग और खर्च को भी जबरदस्त बढ़ावा देगी।

8th pay commission से कर्मचारियों को मिल सकती है 34% तक की बढ़ोतरी

फिटमेंट फैक्टर से तय होती है सैलरी की गणना

सरकारी कर्मचारियों के वेतन, पेंशन और भत्तों में बदलाव फिटमेंट फैक्टर के आधार पर किया जाता है। यह एक प्रमुख गुणक होता है जो कर्मचारी की नई सैलरी तय करता है। 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था जबकि 8वें वेतन आयोग में यह 1.83 से 2.46 के बीच हो सकता है। यह फैक्टर जितना ज्यादा होगा, सैलरी में बढ़ोतरी उतनी ही ज्यादा होगी।

सैलरी स्ट्रक्चर में कैसे होता है बदलाव

7वें वेतन आयोग में बेशक फिटमेंट फैक्टर 2.57 रखा गया था लेकिन इससे वास्तविक सैलरी में केवल 14.3% की बढ़ोतरी हुई थी क्योंकि यह सिर्फ बेसिक सैलरी पर लागू होता है। बेसिक सैलरी के अलावा कर्मचारियों को महंगाई भत्ता (DA), मकान किराया भत्ता (HRA) और यात्रा भत्ता (TA) भी मिलता है। बेसिक सैलरी कुल वेतन का 51.5% हिस्सा होती है।

नई सैलरी से बढ़ेगा उपभोक्ता खर्च और अर्थव्यवस्था को मिलेगा बल

रिपोर्ट के अनुसार, यदि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होती हैं तो इससे करोड़ों कर्मचारियों की क्रय शक्ति बढ़ेगी। इससे बाजार में मांग बढ़ेगी और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। साथ ही पेंशनधारकों की आय में भी इजाफा होगा जिससे उनका जीवन स्तर सुधरेगा।

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Veg Biryani Price: रेलवे की वेज बिरयानी का असली दाम क्या है? जानिए सफर में ठगे जाने से कैसे बचें

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Veg Biryani Price: रेलवे की वेज बिरयानी का असली दाम क्या है? जानिए सफर में ठगे जाने से कैसे बचें

Veg Biryani Price: रेल यात्रा के दौरान खाने-पीने की चीजों के सही दाम न पता होने के कारण यात्रियों को अक्सर मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। कई बार वेंडर मनमाने दाम वसूलते हैं और यात्रियों को ठग लेते हैं। ऐसी ही बढ़ती शिकायतों को देखते हुए अब खुद रेलवे मंत्रालय ने सामने आकर वेज बिरयानी के सही दाम बताए हैं जिससे यात्री सही जानकारी लेकर सफर कर सकें।

प्लेटफॉर्म और ट्रेन में अलग-अलग कीमत

रेलवे मंत्रालय ने अपने आधिकारिक X (पूर्व में ट्विटर) हैंडल से जानकारी दी कि स्टेशन पर मिलने वाली 350 ग्राम की वेज बिरयानी का मूल्य 70 रुपये है। वहीं ट्रेन में यही बिरयानी यात्रियों को 80 रुपये में दी जाएगी। यह अंतर सेवा शुल्क और ऑनबोर्ड सर्विस के चलते है। बिरयानी में 70 ग्राम सब्जियां और कुल वजन 350 ग्राम होता है। साथ ही इसमें 80 ग्राम ब्रांडेड दही और 12 ग्राम अचार भी दिया जाता है जो इसी कीमत में शामिल है।

सुविधाएं भी तय मानकों के अनुसार मिलेंगी

रेलवे के अनुसार वेंडर को वेज बिरयानी के साथ दही और अचार के अलावा बायोडिग्रेडेबल चम्मच, टिशू पेपर और सैनिटाइजर भी देना जरूरी है। ये सभी चीजें ग्राहक को बिना अतिरिक्त शुल्क के मिलनी चाहिए। इससे न केवल सफाई बनी रहती है बल्कि यात्रियों को भी बेहतर अनुभव मिलता है।

मनमानी हो तो करें शिकायत

अगर कोई वेंडर अधिक पैसे मांगता है, कम मात्रा में खाना देता है या तय सुविधाएं नहीं देता तो यात्री तुरंत शिकायत दर्ज कर सकते हैं। इसके लिए 139 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल किया जा सकता है या रेल मदद पोर्टल और रेलवे के X अकाउंट पर शिकायत की जा सकती है। रेलवे ने साफ किया है कि खाने की गुणवत्ता और कीमत पर किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

जागरूक यात्री ही सुरक्षित यात्री

यह जरूरी है कि यात्री खुद भी जागरूक रहें और खाने के पैकेट पर लिखी कीमत जांचें। यदि कीमत नहीं लिखी है या बिल नहीं दिया जा रहा है तो सतर्क हो जाएं। रेलवे का यह कदम यात्रियों को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है जिससे यात्रा के दौरान ठगी से बचा जा सके।

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